पिछले १५-२० दिनों से बालाजी जाने का कार्यक्रम बना रहे थे, परंतु बना ही नहीं पा रहे थे, काम का जोर इतना है कि कार्यक्रम बनाने का मौका ही नहीं मिल पा रहा था, फ़िर इस शुक्रवार को तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के सभी संभावनाओं की खोज की। वैसे हमारी आदत है कि हम जब कभी कहीं घूमने का कार्यक्रम बनाते हैं, तो सारी जानकारी पहले से ही एकत्रित कर लेते हैं, कब कौन सी जानकारी काम आ जाये, पता नहीं होता पर हाँ जब घूमने जाते हैं, तब लगता है कि अच्छा किया जो सारी जानकारी जुटा ली थी।
गूगल महाराज को याद किया तो बहुत सारी जानकारी मिल गई, चैन्नई से बहुत सारे पैकेज टूर उपलब्ध हैं। जिसमें वोल्वो एसीबस, एसीबस, साधारण बस और आईआरसीटीसी व टैक्सी के विकल्प मिले।
हम अपने कार्य में फ़िर व्यस्त हो गये और फ़िर शनिवार को इस बारे में चिंता हो गई कि कार्यक्रम तय करना पड़ेगा, हमने सभी विकल्पों को देखा और फ़ोन लगाना शुरु कर दिया।
सबसे अच्छा पैकेज टूर आंध्रप्रदेश टूरिज्म का है, जिसमें वे शाम ६.३० बजे चैन्नई से चलते हैं और तकरीबन रात ११ बजे तिरुपति पहुँज जाते हैं, फ़िर एक शेयरिंग रुम दे देते हैं, जिसमें २-३ लोग रुक सकते हैं, अगर आप समूह में हैं तो कोई समस्या ही नहीं है, आपको अपने समूह के लोगों के साथ ही कमरा मिल जायेगा। सुबह जल्दी उठना होगा क्योंकि तड़के ४ बजे बस से तिरुमाला की ओर रवाना होना होता है, तकरीबन सुबह ५.१५ बजे तक आप तिरुमाला पहुँच जायेंगे और फ़िर अगर आपको बाल देना है तो बाल देकर आप नहाकर तैयार हो जायें, और फ़िर ३०० रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट जो कि इस पैकेज में ही शामिल है, से बालाजी के दर्शन जल्दी से मतलब १-२ घंटे में कर पायेंगे। बालाजी के दर्शन के पश्चात इस टूर में तिरुपति में पद्मावती मंदिर और शिवजी के प्रसिद्ध मंदिर श्रीकालाहस्ती भी दर्शन करवाते हैं। और शाम ६ बजे के तकरीबन वापिस चैन्नई पहुँच जाते हैं। इस टूर की कीमत १३०० रुपये है। इसमें रात का खाना, सुबह का नाश्ता, ३०० रुपये का शीघ्रदर्शनम टिकट और रात को ठहरने की व्यवस्था शामिल है। यहाँ २-३ दिन पहले तक टिकट आरक्षण आसानी से मिल जाता है, उसके बाद मिलना मुश्किल होता है। यहाँ चैन्नई में इनका ऑफ़िस है, टी.नगर में कैनरा बैंक के पास, फ़ोन नंबर है – o44-65439987, यह पैकेज ऑनलाईन आरक्षण में उपलब्ध नहीं है। आपको यहाँ जाकर ही आरक्षण करवाना होगा।
एक और टूर पैकेज आंध्रप्रदेश टूरिज्म का है जिसमॆं वे सुबह ५ बजे निकलते हैं और ५० रुपये का स्पेशल दर्शन का टिकट से दर्शन करवाते हैं, लौटते समय पद्मावती मंदिर के दर्शन करवाते हुए रात ११ बजे तक चैन्नई वापिस आते हैं। इस टूर की कीमत १०५० रुपये है। इसमें सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और ५० रुपये का विशेष दर्शन टिकट शामिल है।
और भी बहुत सारे निजी ट्रेवल कंपनियाँ पैकेज टूर उपलब्ध करवाती हैं, जिसमें अधिकतर का पैकेज १२०० रुपये का है जो कि टेम्पो ट्रेवलर में लेकर जाते हैं और सुबह ५ बजे निकलते हैं रात ११ बजे तक वापिस आते हैं, इसमें सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और ३०० रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट शामिल होता है। पर ये केवल तिरुपति बालाजी और पद्मावती मंदिर ले जाते हैं।
परंतु आंध्रप्रदेश टूरिज्म का पैकेज सबसे अच्छा है और सुविधाएँ भी। अगर आप इतनी दूर आ रहे हैं तो श्रीकालाहस्ती मंदिर जरुर जायें, मेरा यह दावा है कि आपने ऐसा मंदिर शायद ही कभी देखा होगा, विशाल, भव्य और प्राचीन।
साधारण बस से भी जा सकते हैं जिससे ४-५ घंटे लगते हैं और अपने आप यह सब व्यवस्था कर सकते हैं, जिसमें अच्छी खासी बचत की संभावना है, क्योंकि बस का टिकिट भी ज्यादा नहीं है और सब कुछ बहुत ही कम दामों पर उपलब्ध है।
ट्रेन से भी जा सकते हैं, आईआरसीटीसी का पैकेज टूर भी उपलब्ध है १ दिन का जिसमें वे सप्तगिरी एक्सप्रेस से सुबह ले जाते हैं और तिरुपति बालाजी और पद्मावती मंदिर के दर्शन करवाकर रात ९ बजे तक चैन्नई पहुँच जाते हैं। यह पैकेज रेल टूरिज्म की साईट पर उपलब्ध है, पर अगर सप्ताहांत पर जाने का कार्यक्रम है तो पहले से ही आरक्षण करवाना होगा, क्योंकि बहुत ही जल्दी इसका आरक्षण खत्म हो जाता है। इसमें इसमें सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और ५० रुपये का विशेष दर्शन टिकट शामिल है। और इसकी कीमत है ९०० रुपये।
पर हम बहुत देर कर चुके थे हमें किसी भी पैकेज टूर में टिकट नहीं मिला तो हमने कार्यक्रम बनाया कि हम टैक्सी करके जाते हैं, और हम टैक्सी करके तड़के ३ बजे चैन्नई से निकल गये, तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिये। हमने इतनी जानकारी जुटा ली थी कि हमें कोई तकलीफ़ न हो। हमारा कार्यक्रम था, तिरुपति बालाजी, पद्मावती मंदिर और श्रीकालाहस्ती के दर्शन और रात तक वापसी।
तिरूपति जी के साथ
कल्पतरू की भी जय हो
विवेक भाई ने अपने साथ
हमको भी पहुंचा दिया
है कहीं से कहीं।
आप तो दिल्ली वाले ब्लॉगर मिलन में फोन से उपस्थित हुए थे।
प्रसाद के लड्डू लिए कि नहीं -वैसा लड्डू दुनिया जहाँ में कहीं नहीं मिलता
विवेक भाई सालों पहले भगवान बालाजी का दर्शन लाभ मिला था।उस समय पद्मावती और श्रीकालहस्ती के भी दर्शन हुये थे।सच मे भव्य और प्राचीन है श्रीकालहस्ती का मंदिर।वंहा मैने देखा था कि मंदिर मे चांदी का नाग चढाया जाता है और बताते है कि काल सर्प योग की शांति भी वंहा होती है।आपने पुरानी याद ताज़ा कर दी।उस बार लौटते समय हम लोगों ने श्रीशैलम या शैलमल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के भी दर्शन किये थे।भगवान बालाजी आपकी हर इच्छा पूरी करे,गोविंदा गोविंदा।
बहुत अच्छी जानकारी .. द भारत की यात्रा के वक्त इस जानकारी का हम लाभ उठा पाएंगे !!
अच्छी रिसर्च की है आपने । सबके काम आएगी।
अगले भाग का इंतज़ार रहेगा।
जय तिरुपति बालाजी
बहुत उपयोगी जानकारी, तिरुपति यात्रा में जरुर काम आयेगी
धन्यावाद विवेक जी
इसी बहाने हम सब की भी यात्रा हो रही है..
baba ki jai ho
aap ke blog se meri feb 2013 me south tour me bahut help milegi@@@@ JAI BALAJI @@@@