आज की सैर के लिये हम निकले तो थोड़ा समय ज्यादा हो गया था और हम सुन रहे थे द्वारकाधीश प्रभू का लेक्चर “Sanyas Means Krishna Centered Love”। रोज सुबह एक लेक्चर सुन लेते हैं जिससे कृष्णजी के प्रति अनुराग और गहरा होता जाता है और श्रीमद्भागवदम और गीता जी से कुछ सीखने को मिल जाता है। अब वेद तो हम पढ़ने से रहे, क्योंकि वेद संस्कृत में लिखे हैं और संस्कृत संपूर्ण व्याकरण के साथ सीखने के लिये पूरे १२ वर्ष लगते हैं और फ़िर वैदिक खगोल और ज्योतिष का भी ज्ञान होना चाहिये इसलिये निर्मल भाषा में हम संदर्भ सुनकर इस तुच्छ जीवन का उद्धार करना चाहते हैं। और हर समय मन में महामंत्र रहता है..
“हरे कृष्णा हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे”
आज सुबह की सैर करने हम यहाँ के पॉश इलाके में गये जहाँ जयललिता, रजनीकांत, मुख्यमंत्री करुणानिधी रहते हैं, अच्छी खासी धूप निकल आने के बाद भी यहाँ सड़कों पर घनी छांव थी, फ़िर मुख्य सड़क पर अमेरिका का वीजा केन्द्र भी पड़ा क्या बड़ा और क्या छोटा सब लाईन में दीवार के किनारे खड़े थे अपने वीजा आवेदन के साथ, और सुरक्षाकर्मी मुस्तैद थे अपनी बंदूकों के साथ।
सुबह घूमने जाने का एक नुकसान भी है, कि लगने लगता है जब व्यक्ति मोटा होता है या उसे वजन घटाना होता है तभी वह मजबूरी में घूमता है, जगह जगह वजन की मशीन और फ़्री फ़ेट चैक अप के पोस्टर लिये लोग अपना व्यापार करने के लिये खड़े रहते हैं, और घूमने वालों को देखो तो ९८% केवल मोटे लोग ही दीखते हैं और केवल २% तंदरुस्त लोग घूमने वाले दीखते हैं।
कुछ और फ़ोटो चैन्नई के –
दीवारों पर सांस्कृतिक लोकनृत्यों के उकेरे हुए चित्र –
बढ़िया है..बिना विचार घूमते रहिये!!
Wah sir ji
Sameer bhai ke saath sahamat hoon..
चलिये इसी बहाने सुबह की दुनिया देकने को मिलती है ।
घूमने वालों को देखो तो ९८% केवल मोटे लोग ही दीखते हैं और केवल २% तंदरुस्त लोग घूमने वाले दीखते हैं।
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वास्तव में?
मॆ मानता हू कि ज्यादातर मोटे लोग ही सुबह घूमने निकलते हॆ पर ये भी तो सत्य हे कि वे स्वस्थ होने के लिये ही सुबह घूमते के लिये निकलते हॆ…कुछ तो देखा-देखी मे निकलते हॆ..कि इसी बहाने थोडा समय ब्यतीत हो जायेगा..
Vivek Babu,
Subah ki ghumakaddi ka alag hi maza hai! Chennai ke chathak rang achhe lage!
अब सही है..