धौलपुर के कुछ फ़ोटो, जो कि हमने रिक्शे पर से अपने नये मोबाईल से खींचे।
धौलपुर स्टेशन के कुछ और फ़ोटो जिसमें हमारे “लाल” लाल रंग के कपड़ों में नजर आ रहे हैं, इन्हें श्टाईल में फ़ोटो खिंचाने का बहुत शौक है।
स्टेशन के कुछ फ़ोटो और ट्रेन में बैठने के बाद के कुछ फ़ोटो…
उज्जैन रामघाट के कुछ फ़ोटो, मतलब नदी किनारे, जहाँ सिंहस्थ पर पैर रखने की जगह नहीं होती है।
महाकाल मंदिर उज्जैन के नंदीगृह में खींचा गया फ़ोटो
विजयपथ उपन्यास जो कि इस बात उज्जैन प्रवास पर हमने पढ़ा। ओमप्रकाश कश्यप जी इसके लेखक हैं और आपका ब्लॉग भी है।
वाह जी, बढिया..
ये भी बढ़िया रहे चित्र
वाह वाह सुंदर चित्रण. शब्दों की आवश्यकता ही समाप्त हुई
बहुत बढिया चित्र जी
बहुत सुन्दर चित्र.
इस समय तो धौलपुर की गर्मी असहनीय होगी ?
पहुंच गये धौलपुर,
कैसी ट्रेन थी, इतने दिन लगा दिये, किसी पैसेंजर ट्रेन में बैठते तो वो भी अब तक तो पहुंचा देती।
@प्रवीण जी – धौलपुर में दोपहर दो बजे निकले थे मिलने के लिये तो वहाँ लू चलने लग गयी है और लगभग ४७ तापमान था, और चारों तरफ़ से आग की लपटें आ रही हों ऐसा लग रहा था।
@नीरज जी – ट्रेन तो अच्छी थी पर लिखने वाली ट्रेन थोड़ी पैसेन्जर थी 🙂