ऐसे ही कुछ भी, कहीं से भी यात्रा वृत्तांत भाग – ७ [कुछ चित्र मेरी यात्रा के, धौलपुर, उज्जैन रामघाट, महाकाल नंदीगृह और विजयपथ उपन्यास]

धौलपुर के कुछ फ़ोटो, जो कि हमने रिक्शे पर से अपने नये मोबाईल से खींचे।
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धौलपुर स्टेशन के कुछ और फ़ोटो जिसमें हमारे “लाल” लाल रंग के कपड़ों में नजर आ रहे हैं, इन्हें श्टाईल में फ़ोटो खिंचाने का बहुत शौक है।

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स्टेशन के कुछ फ़ोटो और ट्रेन में बैठने के बाद के कुछ फ़ोटो…

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उज्जैन रामघाट के कुछ फ़ोटो, मतलब नदी किनारे, जहाँ सिंहस्थ पर पैर रखने की जगह नहीं होती है।

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महाकाल मंदिर उज्जैन के नंदीगृह में खींचा गया फ़ोटो

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विजयपथ उपन्यास जो कि इस बात उज्जैन प्रवास पर हमने पढ़ा। ओमप्रकाश कश्यप जी इसके लेखक हैं और आपका ब्लॉग भी है।

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जारी ….

9 thoughts on “ऐसे ही कुछ भी, कहीं से भी यात्रा वृत्तांत भाग – ७ [कुछ चित्र मेरी यात्रा के, धौलपुर, उज्जैन रामघाट, महाकाल नंदीगृह और विजयपथ उपन्यास]

  1. पहुंच गये धौलपुर,
    कैसी ट्रेन थी, इतने दिन लगा दिये, किसी पैसेंजर ट्रेन में बैठते तो वो भी अब तक तो पहुंचा देती।

  2. @प्रवीण जी – धौलपुर में दोपहर दो बजे निकले थे मिलने के लिये तो वहाँ लू चलने लग गयी है और लगभग ४७ तापमान था, और चारों तरफ़ से आग की लपटें आ रही हों ऐसा लग रहा था।

  3. @नीरज जी – ट्रेन तो अच्छी थी पर लिखने वाली ट्रेन थोड़ी पैसेन्जर थी 🙂

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