28 thoughts on “जॉनी जॉनी यस पापा “नये रुप में” Johny Johny Reloaded”
नमस्ते,
आपका बलोग पढकर अच्चा लगा । आपके चिट्ठों को इंडलि में शामिल करने से अन्य कयी चिट्ठाकारों के सम्पर्क में आने की सम्भावना ज़्यादा हैं । एक बार इंडलि देखने से आपको भी यकीन हो जायेगा ।
जोनी जोनी यस पापा ब्लोगिन्ग करते हो यस पापा ब्लोग पढते हो नो पापा टान्ग खिचाई यस पापा चटका लगाया नो पापा ना पसन्दगी की यस पापा पोस्ट पढके की नो पापा फिर क्यू की हा हा हा हा
@ indli – आपके यहाँ भी रजिस्टर कर लिया है। @ अविनाश जी – हिन्दी में लिखने पर इसका मजा चला जायेगा, इसलिये ऐसे ही प्रकाशित कर दी। @ माधव – धन्यवाद । @ दीपक जी – वाकई आजकल के जॉनी यही गा रहे हैं। @पंकज जी – धन्यवाद।
@ हरि भाई – ब्लॉगिंग पर जॉनी जॉनी वाह वाह । @ शरद भाई, वन्दना जी, महावीर जी, आचार्य जी, अदा जी, समीर जी, प्रवीण जी – धन्यवाद। @ महफ़ूज भाई – प्रिंट आउट निकालकर ऑफ़िस में 🙁 हमारी भावनाएँ समझें 🙂 @ भारतीय नागरिक – निजी नौकरियों में यही हाल है, लगभग सभी में। @ अर्चना जी – सिखा देंगे तो जिनकी निजी कंपनियाँ हैं वे नाखुश हो जायेंगे। 🙂 @ दराल साहब – धन्यवाद, शर्मा जी का वर्शन वाकई बहुत बड़िया है।
नमस्ते,
आपका बलोग पढकर अच्चा लगा । आपके चिट्ठों को इंडलि में शामिल करने से अन्य कयी चिट्ठाकारों के सम्पर्क में आने की सम्भावना ज़्यादा हैं । एक बार इंडलि देखने से आपको भी यकीन हो जायेगा ।
इसे हिन्दी में लिखें तो खूब आनंद आए। वैसे अंग्रेजी में भी बहुत अच्छा लगा।
क्या बात है ? बहुत अच्छा
आजकल के जॉनी सच में यही ज्यादा गा रहे होंगे..
बहुत शानदार। इन्क्रीमेंट हा हा हा। वाह क्या कहने।
http://udbhavna.blogspot.com/
जोनी जोनी
यस पापा
ब्लोगिन्ग करते हो
यस पापा
ब्लोग पढते हो
नो पापा
टान्ग खिचाई
यस पापा
चटका लगाया
नो पापा
ना पसन्दगी की
यस पापा
पोस्ट पढके की
नो पापा
फिर क्यू की
हा हा हा हा
हा हा हा ।
हाहाहाहोहोहो….मज़ा आ गया इस रूप में पढ के.
ग़ज़ब..मज़ा आ गया…. प्रिंट आउट निकाल कर ऑफिस में लगाने लायक है यह तो….
nice…bhaai….nice
अधिकतर निजी नौकरियों में यही हाल है..
बहुत बढिया।
bahut ghazab ka hai ye to…
bahut hi badhiya,,,
dhnywaad…
१ जुलाई से स्कूल शुरू हो रहे है ……कहे तो शुरू कर दे सिखाना ……..हा हा हा …….(पेरेन्ट्स भी खुश हो जायेंगे ….कुछ नया सिखाया बच्चे को स्कूल वालों ने )
हा हा!! बहुत सही!!
हा हा हा ।
याद हो गयी ।
हा हा हा ! मजेदार ।
शर्मा जी का भी अच्छा है ।
@ indli – आपके यहाँ भी रजिस्टर कर लिया है।
@ अविनाश जी – हिन्दी में लिखने पर इसका मजा चला जायेगा, इसलिये ऐसे ही प्रकाशित कर दी।
@ माधव – धन्यवाद ।
@ दीपक जी – वाकई आजकल के जॉनी यही गा रहे हैं।
@पंकज जी – धन्यवाद।
@ हरि भाई – ब्लॉगिंग पर जॉनी जॉनी वाह वाह ।
@ शरद भाई, वन्दना जी, महावीर जी, आचार्य जी, अदा जी, समीर जी, प्रवीण जी – धन्यवाद।
@ महफ़ूज भाई – प्रिंट आउट निकालकर ऑफ़िस में 🙁 हमारी भावनाएँ समझें 🙂
@ भारतीय नागरिक – निजी नौकरियों में यही हाल है, लगभग सभी में।
@ अर्चना जी – सिखा देंगे तो जिनकी निजी कंपनियाँ हैं वे नाखुश हो जायेंगे। 🙂
@ दराल साहब – धन्यवाद, शर्मा जी का वर्शन वाकई बहुत बड़िया है।
विवेक रस्तोगी सब का सच आज के दौर का और शर्मा साहेब के हा हा हा पढ़ के मज़ा आ गया.
विवेक रस्तोगी सब का सच आज के दौर का और शर्मा साहेब के हा हा हा पढ़ के मज़ा आ गया.
Ha-ha-ha,बहुत खूब रस्तोगी साहब !
हाहाहा, मजा आ गया…
इन्क्रीमेंट… हा हा हा!
सेलरी वह चीज़ होती है ना जिसमे जिया ना जाए और जिसके बिना भी जिया ना जाए 🙂
और फ़िर इन्क्रीमेंट तो फ़िर एक सपना जईसा लगता है कभी 🙂
मैंने पहले सुने है दो वर्जन… राजस्थानी में…
एक
कालू कालू
के बापू..
खांड खाई
न बापू
कुड (झूठ) बोल्यो.
न बापू
मुंडो खोल
हा हा हा
दो
कालू कालू
के बापू..
जर्दो खायो
न बापू
कुड (झूठ) बोल्यो.
न बापू
मुंडो खोल
आ थू…
बढ़िया है!
ha ha ha हा हा हा
पोस्ट भी अच्छी और टिप्पणियां भी।
ha..ha..ha..ha..ha……….