क्या आपने कभी सोचा है कि बीमा दावा राशि का कानूनी रुप से लाभार्थी कौन है ? या उस राशि पर कौन कौन दावा कर सकता है ?
बीमा पॉलिसी के लिये केवल नामांकन ही नहीं वसीयत भी जरूरी है
अधिकांश लोगों को लगता है कि बीमा दावा का पैसा उनके पति/पत्नी या बच्चे को मिल जायेगा और वे जीवन में आने वाली काठिनाईयों से बच पायेंगे । बहरहाल, यह थोड़ा सा सच है, या कहें आंशिक रुप से सही है । कानून के अनुसार हर संबंधित व्यक्ति जो कि आर्थिक रुप से बीमित व्यक्ति पर आश्रित है, बीमा दावा से मिलने वाले धन पर पर दावा कर सकता है।
लगभग सभी लोग बीमा लेते समय पति/पत्नि को बीमा दावा के लिये नामित करते हैं, और यही समझते हैं कि अगर दुर्भाग्य से मृत्यु हो भी गई तो बीमाधन उनके पति/पत्नि को मिल जायेगा। यह भी आंशिक रुप से सही है, नामांकन का मतलब होता है कि वह नामित व्यक्ति बीमा धन का दावा कर सकता है, पर उसका उपयोग नहीं कर सकता । वह बीमा धन कानूनीतौर पर सभी आश्रितों में बांटी जानी चाहिये।
तो अगर आप चाहते हैं कि बीमा धन किसी एक व्यक्ति विशेष के पास ही जाना चाहिये तो बीमा कागजातों पर नामांकन काफ़ी नहीं है। आपको एक वसीयत तैयार करवाना चाहिये जिस पर साफ़ शब्दों में लिखा हो कि बीमा धन से प्राप्त होने वाला धन नामित व्यक्ति/विशिष्ट व्यक्ति को ही दिया जाये, और कोई इस धन का अधिकारी नहीं है। कानूनी रुप से मान्य होने के लिये यह वसीयत पंजीकृत होनी चाहिये।
इसलिये अगर आप ने अभी तक यह नहीं किया है, तो जल्दी से पहले अपने वकील के पास जाईये और सलाह लीजिये और वसीयत तैयार कीजिये।
क्योंकि इसका सबसे बड़ा एक कारण तो ये है कि आप जिंदगी की परेशानियों से अपने परिवार को बचाने के लिये जैसे तैसे अपनी बीमा किश्त का भुगतान कर रहे हैं, कि जब अगर आप न हों उनके साथ, तो वे आर्थिक रुप से सक्षम हों, दुखी न हों। वसीयत करिये यह बहुत जरुरी है।
सामयिक सलाह ।
अच्छी जानकारी दी है । लेकिन यह समझ नहीं आ रहा कि फिर नामांकन का फायदा क्या है । कृपया यह भी बताएं ।
बढ़िया जानकारी
बढ़िया और सटीक जानकारी !
यह तो बड़ी भंयंकर जानकारी दी आपने..! मेरे इतने मित्र बीमा एजेंट हैं किसी ने यह नहीं बताया…! अभी चल कर सबको डांटता हूँ..
आपको धन्यवाद.
@डॉ दराल साहब – नामांकन से केवल नामित व्यक्ति को पारित बीमा दावा रकम मिलेगी, जिससे केवल यह पता चलता है कि बीमा की रकम का दावेदार नामित व्यक्ति है।
@ बैचेन आत्मा – ये जानकारी तो शायद बहुत सारे बीमा एजेंटों को भी नहीं पता है, तो वो आपको क्या बतायेंगे। उनको केवल बीमा उत्पाद बेचना आता है परंतु उसके पीछे क्या है और कौन सा उत्पाद अच्छा है वह तो उन्हें भी नहीं पता होता है।
अजी हमारे यहां तो जब फ़ार्म भरा जाता है तो पुछते की कि आप के वाद यह धन किसे मिले, ओर अगर उसे भी कुछ हो जाये तो फ़िर किसे मिले, इस तर से कई अलग अलग नाम लिखवाने पढते है, ओर अगर कुछ ऎसा होता है तो धन उसे ही मिलता है जिस के बारे हम ने पहले से लिखवा रखा हो, लेकिन यह वसीयत का कुछ समझ नही आया, एक नोकरई पेशा के पास कहां से इतना धन आयेगा जो वो वसीयत कर के जाये???
बहुत अच्छी जानकारी !!