नवभारत टाइम्स मुंबई ने हिन्दी के अपमान करने का जैसे फ़ैसला ले लिया है ?

आज सुबह जैसे ही हिन्दी का अखबार संडे नवभारत टाइम्स ( जो कि रविवारीय नवभारत टाइम्स  होना चाहिये) आया तो पहले पेज के मुख्य समाचारों को देखकर ही हमारा दिमाग खराब हो गया।
आप भी कुछ बानगी देखिये –

१. बातचीत में पॉजिटिव रुख (२६/११ के आरोपियों के वॉइस सैंपल देने की पाक ने भरी हामी)
२. २६/११ का वॉन्टेड जिंबाब्वे से गिरफ़्तार
३. धारावी ने कलप ने की खुदकशी
४. यूएस सक्सेस में इलाहाबादी हाथ

अब बताइये इनका क्या किया जाये, जैसे हिन्दी का अपमान करने की ही ठान रखी है, इस अखबार ने।
क्या हिन्दी को समर्पित लोगों की कमी है, भारत में, या फ़िर नवभारत टाइम्स हिन्दी अखबार को लेकर पाठकों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। ये तो पाठकों के साथ सरासर धोखा है। ऐसी हिन्दी का मैं सरासर विरोध करता हूँ।
अगर कोई मेरी बात को उनके प्रबंधन तक पहुँचाये तो शायद प्रबंधन भी नींद से उठे।

11 thoughts on “नवभारत टाइम्स मुंबई ने हिन्दी के अपमान करने का जैसे फ़ैसला ले लिया है ?

  1. उनकी भी मजबूरी हो शायद..आजकल की नयी पैदावार को यही हिंदी समझ में आती है शायद …
    लेकिन कुछ भी हो ..अफसोसजनक बात है ये ..

  2. अखबार बंद कर दोगे क्या? फिर कौनसा लोगे.. सब तो ऐसे ही आने वाले है.. ये घालमेल तो चलेगा ही.. और ये तो हमारी बोली में भी है.. जब हम हिंदी बोलते है… तो कितने शब्द अंग्रेजी के यूज करते है….. जब शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी है तो बातचीत में अंग्रजी के शब्द आते ही है..

    जब व्यवसाय की भाषा अंग्रेजी है.. तो बातचीत में अंग्रेजी आएगी न….

    और वो अखबार ने लिख दिया तो क्या गलत.. .. वो भी तो नए प्रयोगों से अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचना चाहता है…

  3. ye aaj se nahin hai bhaaiji !

    ye tab se dekh raha hoon jab mumbai se aur bhi ek bada dainik nikalta tha

    apko achraj hoga ye jaankar ki ye apmaan hindi ka hindi bhaashi hi kar rahge hain kyonki navbhaarat me zyadatar log hindi bhaashi hi hain ha ha ha

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