जब से मेरा बेटा पढ़ना सीख रहा है, मुझे भी वापस पूरी हिन्दी वर्णमाला याद हो गई है।अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अ:
क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड़ ढ ण
त थ द ध न
प फ़ ब भ म
य र ल व स श ष ह
क्ष त्र ज्ञ
क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड़ ढ ण
त थ द ध न
प फ़ ब भ म
य र ल व स श ष ह
क्ष त्र ज्ञ
हमने याद किया कि हमें आखिरी बार वर्णमाला कब याद थी, तो याद आया कि स्नातकोत्तर संस्कृत में हमने यह पढ़ा था, पर किसी कारणवश हम उपाधि नहीं ले पाये थे। फ़िर अपने मोबाईल पर वर्णमाला मिली, पर उस समय हमें वर्ग याद रहता था, फ़िर बाद में वर्ग भी भूल जाते थे।
और सुधिजन विद्वान बतायें कि क्या यह हिन्दी वर्णमाला पूर्ण है, क्योंकि आजकल कुछ नये शब्द इसमें जोड़े जा रहे हैं, जो कि मुझे पच नहीं रहे हैं।
जैसे कि – ड़, ढ़, श्र
आप बताईये क्या आपको हिन्दी वर्णमाला आती है ?
अब पढ़ लिया और फिर याद हो गई..कोई पूछेगा तो साभार आपके बता देंगे. 🙂
ठीक ही लग रही है.. बिंदियों का कभी ध्यान नहीं दिया… मैंने भी बच्चों को पढ़ाते हुए ही सिखी थी…
विवेक जी,
असल में क्ष, त्र और ज्ञ तो वर्णमाला में होने ही नहीं चाहिये। श्र तो अब आया है। इनकी कोई जरुरत नहीं है।
अगर इन्हे रखा जाता है तो क्र, ख्र, ग्र, प्र आदि भी होने चाहिये।
हमने भी दोहरा लिया ।
अब बुढापे में काहे को परीक्षा ले रहे हो? समीरजी ने कहा कि आर्ट ऑफ डाइंग सीखो तो सीखना शुरू किया और आप कहते हैं कि फिर से बच्चे बनो। अब बताओ ये बूढी हडिडयां क्या-क्या करे?
सच कहे तो याद नहीं पर अब याद करने में लगे हुए है ………भाई बेटा स्कूल जाने लगा है !! कभी पूछ बैठा तो क्या जवाब देंगे ??
आपने रिविसन करवा दिया. आभार.
विवेकजी
काफी कमाल का लिखा है आपने
आपको बधाई
जी हमने भी बच्चों को पढाते हुए ही याद की थी अब याद है 🙂
बहुत सारी बातें बच्चों के चल्ते रिवाइज़ हो जाती हैं, अच्छा ही है न. और हां वर्ण माला पूरी है. ड़,ढ,और
श्र, नये नहीं जुड़े हैं, बल्कि पहले से हैं. इन्हें मिश्रित व्यंजन माना जाता है.
नवीं कक्षा में हमारे हिन्दी के अध्यापक जी ने हमें फिर से वर्णमाला याद कराई थी, आज तक नहीं भूल पाये हैं।
केवल 'श्र' नया जोडा जा रहा है जी, यह पहले हमारे कायदे में नहीं होता था।
प्रणाम
nice post .
कुछ साल पहल्रे बच्चो को सिखाई थी,यहां हिन्ही के स्कुल नही, इस लिये घर पर ही यह काम हम दोनो ने किया, इस कारण हमे तो आती है जी
स्वर विशेष के ऎसे वर्णचिन्ह अनोखे नहीं हैं ।
मैंनें तो ळ, ॠ, ञ भी पढ़ा है ।
@ नीरज जाट जी,
तब वर्णमाला की अभ्यास पुस्तिका में क्र, क्रा, क्रि, क्री, क्रु ,क्रू, क्रो, क्रौ, क्रँ भी होता था..
कमाल है मुझे तो याद थी.. 🙂 पर जाने क्यों मुझे ऐसा याद है कि ऋ अं और अ: के बाद आता है???
बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!
आपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं
अजी हमें तो इतना भी याद नहीं था, आप ने याद दिला दिया, आभार
वैसे मुझे तो आतीहै, पर बडे बडे इसमें फेल हो जाते हैं।
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पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।