तुम कहाँ कहाँ से आती हो …. मेरी कविता …… विवेक रस्तोगी

तुम कहाँ कहाँ से आती हो

कभी मेरे लेपटॉप के कीबोर्ड से

कभी मेरे उदात्त्त मन से

कभी दुखभरे दिल से

कभी उमंग भरे मन से

कभी मेरी अलमारी के अंदर से

कभी मेरे तकिये के नीचे से

कभी मेरे बेटे के जबां से

कभी बारिश की बूँदों से

कभी ठंडे पानी से नहाते हुए

कभी सोते समय कभी उठते समय

कभी डोर से उतरती हुई

कभी डोर से चढ़ती हुई

पर जब तुम आती हो

तो ऐ “कविता”

सबके होश उड़ाती आती हो।

8 thoughts on “तुम कहाँ कहाँ से आती हो …. मेरी कविता …… विवेक रस्तोगी

Leave a Reply to अजय कुमार Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *