आज बहुत दिनों बाद आटा मैगी खाई, आज शाम को ऑफ़िस से घर पहुँचे तो खाना तैयार था, और खाने में थी गिल्की की सब्जी और रोटी, गिल्की हमें बहुत अच्छी लगती है, बस उसमें मसाला अच्छा होना चाहिये। पहले घर में अच्छी मसाले वाली सब्जियाँ ही बनती थीं पर जब से स्वास्थ्य की समस्या हुई तब से कम मसाले वाली सब्जियाँ बनना शुरु हो गईं और गिल्की, लौकी सादी बनने लग गईं, कुछ दिन तो सादी सी गिल्की और लौकी अच्छी लगी परंतु फ़िर अपना दिमाग फ़िर गया। और गिल्की और लौकी से नाता तोड़ दिया। वैसे एक बात बता दें कि हमें सारी सब्जियाँ और दालें बेहद पसंद है, कोई सब्जी ऐसी नहीं कि हम नहीं खाते।
पिछले ३-४ वर्ष में शायद ३-४ बार ही गिल्की और लौकी खाई होगी, उसके पहले जब मसाले वाली सब्जी बनती थी तो उसमें थोड़ी सी दही मिलाकर खाने का स्वाद ही अलग होता था। और साथ में अपने उज्जैन के प्रसिद्ध सेव खाने का आनन्द ही कुछ ओर होता था। अब तो उज्जैन के सेव कभी कभार ही नसीब होते हैं।
आज शाम को गिल्की की सब्जी खाने में देखकर तो अहा ! आत्मा ही खुश हो गई, और भूख से ज्यादा खाना खा गये। फ़िर अभी १० बजे भूख लगने लगी तो समझ ही नहीं आया कि अब क्या करना चाहिये, तो याद आया कि चलो थोड़ा मैगियाटिक हो जाया जाये। भले ही मैगी वाले दावा करते हैं कि २ मिनिट में मैगी बन जाती है, परंतु हमें तो इतने साल हो गये बनाते हुए, आज तक दो मिनिट में बना नहीं पाये हैं। बस फ़िर क्या था झट से ४ वाला आटा मैगी पैकिट रखा था वह हमारी घरवाली द्वारा बनाकर पेश कर दिया गया।
चैन्नई हवाईअड्डे पर भी मैगी कंपनी का काऊँटर है, जहाँ ६० रुपये की मैगी मिलती है वह भी केवल एक और यहाँ उतने से कम में ४, वाह हवाई अड्डे पर क्या लूट मची है, और लोग लुट भी रहे हैं। पर लोग भी क्या करें स्वाद और भूख के चक्कर में मैगियाटिक हो जाते हैं।
इंजीनियरिंग के दिनों में मैगी का जबरदस्त सहारा था 🙂 अभी भी कितने दिन रात के डिनर में मैगी खा लेते हैं हम….
एकदम मैगियाटिक पोस्ट है ये
ये गिल्की बोले तो ….फोटू लगाईये अगली पोस्ट में
बच्चों को तो मैगी से नशावत प्रेम है।
गिल्की बोले तो नैनुआ या तौरई.. फ़ोटू ढूँढ़ कर लगाते हैं..
आब तो मुझे भी भूख लग आई
ब्लाग4वार्ता :83 लिंक्स
मिसफ़िट पर बेडरूमम
थोडी सी हमें भी मिलेगी क्या।
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गायब होने का सूत्र।
क्या आप सच्चे देशभक्त हैं?
इस मैगी को प्राणरक्षक नाम दे देना चाहिए .बेचारी ने बहुतों के प्राण भूख से जाने से बचाए हैं.