प्राकृतिक संसाधन क्या होते हैं, जो हमें प्रकृति से मिलते हैं, प्रकृति प्रदत्त होते हैं। हमें इसका उपयोग बहुत ही सावधानीपूर्वक करना चाहिये, परंतु ऐसा होता नहीं है।
इस विषय के संबंध में कल अपने केन्टीन में एक पोस्टर देखा था जिसमें दिखाया गया था कि एक गाजर को तैयार होने में लगभग ६ माह लगते हैं और उसको जमीन से निकालकर पकाने तक मात्र कुछ ही मिनिट लगते हैं, और हम कई बार सलाद या सब्जी फ़ेंक देते हैं, जिसमें केवल कुछ सेकण्ड ही लगते हैं, यह प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग ही तो है जिसे केवल जिम्मेदारी से आम व्यक्ति ही रोक सकता है। गाजर तो केवल एक उदाहरण है ऐसी कई वस्तुएँ हैं जिनका हम धड़ल्ले से दुरुपयोग कर रहे हैं।
इसके बाद एक ट्रेनिंग में जाना हुआ जो कि बैंकिंग की थी, उसमें भी बताया गया कि कैसे वित्तीय संस्थाएँ प्राकृतिक संसाधनों को बचाने में अहम योगदान कर रही हैं, जो कि हर राष्ट्र के लिये बहुत ही अहम है, वित्तीय संस्थाएँ एवं नियामक देश की विदेशी मुद्रा को जाने से रोकते हैं, जो कि राष्ट्र के लिये संसाधन है।
आज सुबह अखबार में एक कहानी पढ़ रहे थे जो कि इस प्रकार थी – एक गुरूजी अपने शिष्यों को शिक्षा दिया करते थे और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिये प्रेरित करते थे परंतु शिष्य केवल सुनते थे उस पर अमल नहीं करते थे, एक दिन गुरू जी ने व्रत रखा और शाम को अपने एक शिष्य को कहा व्रत तोड़ने के लिये मुझे नीम की दो पत्तियों की जरूरत है जाओ ले आओ। थोड़ी देर बाद शिष्य आया और उसके हाथ में नीम की पूरी टहनी देखकर गुरूजी रुआंसे हो गये और उन्होंने कहा कि मुझे केवल दो पत्तियों की जरूरत थी पूरी टहनी की नहीं, यह आदेश मैंने तुम्हें दिया था तो इस प्राकृतिक संसाधन के दुरुपयोग का जिम्मेदार में हुआ इसलिये अब इसका प्रायश्चित स्वरूप आज मैं व्रत नहीं तोड़ूँगा। शिष्यों को बहुत दुख हुआ।
काश कि सब प्राकृतिक संसाधनों के प्रति अपनी जवाबदेही समझें। जैसे सब्जी लेने जायें या बाजार कुछ भी समान लेने जायें तो अपने थैले साथ ले जायें जिससे पोलिथीन का कम से कम उपयोग करके हम प्रकृति को नुकसान से बचा सकें।
प्राकृतिक संसाधनों के लिये जवाबदेही का यह आलेख सजगता का प्रतीक है।
'निरामिष' ब्लॉग पर उपभोग संयम की हमारी बात को बल प्रदान करता है। इस आलेख के लिए आभार
Very Niceeeeee Post our team Like this
Thanks
Team Loan NCR
प्रकृति कितना यत्न कर फलादि देती है, हमें उसी भाव से खाना चाहिये..
पालीथिन से भी अधिक खतरनाक वह पदार्थ है जिसमें बिस्किट, चिप्स वगैरा पैक किये जाते हैं. पालीथीन के साथ इसके लिए भी उचित ढंग से निपटाया जाना चाहिये.
Prerak post. Abhaar.
प्रकृति के साथ अनुचित व्यवहार हमारी प्रकृति भी है और पहचान भी।