आज दोपहर २.२२ समय को हमें ब्लॉग लिखते हुए ८ वर्ष पूर्ण हो जायेंगे और सफ़लता पूर्वक ९ वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। इन ८ वर्षों में बहुत से अच्छे दोस्त ब्लॉगिंग के कारण मिले हैं, केवल ब्लॉगिंग के कारण ही लगभग हर शहर में कहने के लिये अपनी पहचान है।
४-५ वर्ष पहले जब मुंबई में थे तब बहुत से ब्लॉगरों से मिलना हुआ फ़िर बैंगलोर के ब्लॉगरों से भी मिलना हुआ ।
बीते वर्षों में हमने कविताएँ, संस्मरण, आलोचनाएँ, जीवन के अनुभव, विचार, वित्त विषय पर लेखन ऐसी बहुत सारे विविध विषयों पर लेखन सतत जारी रहा। कभी लेखन में विराम लग जाता तो कभी लेखन क्रम में चलता रहता।
आज लगता है वाकई क्या हम अच्छा लिखते हैं, जो इतने सारे लोग पढ़ रहे हैं या केवल मजबूरी में पढ़ रहे हैं। सोचते हैं कि अब कुछ जरूरी चीजें जो छूट गई हैं, उन पर ध्यान दिया जाये, ब्लॉगिंग और फ़ेसबुक से थोड़ा किनारा किया जाये।
ब्लोगिंग के दिए सम्बन्ध बेहद सुखद हैं ..
आपको बधाई !!
अगले साल दस भी होंगे ….बधाई।
बधाई। लिखते चलिये।
यह क्रम तो अनवरत चलता रहेगा ….!!
वाह, बहुत बहुत बधाई। आगे के लिये शुभकामनायें।
बिल्कुल सही मैंने भी ब्लॉगिंग पर लगा दिया है ताला
फेसबुक से भी जाऊंगा जरूर हुजूर के द्वारा निकाला
ढेरों शुभकामनायें, समय का रिक्त भरने के लिये लेखन ही काम आयेगा। लेखन जारी रखें।
शुभकामनायें-
आप लिखते ही अच्छा हैं कि हम आपको पढ रहे हैं। ब्लॉग जरुर लिखते रहें।
हार्दिक शुभकामनायें और प्रणाम स्वीकार करें
बहुत बहुत बधाई …
बहुत बहुत बधाई …….
शुभकामनाएँ !!
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन काश हर घर मे एक सैनिक हो – ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें ! ऐसे ही लगे रहिए … आप लिखते है तो हम जैसों की दुकान चलती रहती है … वैसे भी आज कल लिखने पढ़ने वाले कम हो गए है !
badhai 🙂
aur ham aapko feed reader mein padhte jaroor hain. comment karein na karein 🙂
विवेक भाई,
थोड़ी देर के लिए आयोडेक्स मल आइए, फिर इसी मकाम पर चले आइए…
इस 9 के आगे 0 भी लगेगा…
जय हिंद…
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ विवेक जी। 🙂
बधाइयॉं और शुभ-कामनाऍं।
पुस्तकों से बढिया कोई दोस्त नहीं और लेखन से बढिया कोई व्यसन नहीं।