पानी को बनाया नहीं जा सकता, न पैदा किया जा सकता है क्योंकि पानी प्राकृतिक स्रोत है और हमें यह प्रकृति का वरदान है। जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है, धरती पर पीने के पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। पीने का पानी आने वाले कल में सोने से भी महँगा होगा, यह आने वाला कल का सोना है। यह भी हो सकता है कि आने वाले कल में इसकी ट्रेडिंग शुरू हो जाये, आने वाले कल में ज्यादा पानी पीना भी प्रतिष्ठा का प्रतीक बन जाये। हर इंसान को अपनी रोजमर्रा के कामों के लिये रोज कम से कम 20 लीटर पानी चाहिये।
पानी बचाना है (Save Water) तो पहल भी हमें ही करनी होगी, हमें अपनी आदतें बदलनी होंगी, सब से पहले पीने के पानी को बचाना होगा। हम हमेशा ही पानी पीने के पहले पूरा गिलास पानी भरते हैं, और आधे से भी ज्यादा बार पूरा पानी नहीं पिया जाता है, वह बचा हुआ पीने का पानी बहा दिया जाता है। हमें सबसे पहले तो अपनी आदत में यह शुमार करना होगा कि हम पूरा गिलास पानी की जगह, आधा गिलास या उससे कम पानी लें, और पानी की जरूरत है तो वापिस लिया जा सकता है, परंतु एक बार पानी पीने के बाद यानि के झूठा होने के बाद बचा हुआ पानी बर्बाद ही होना है।
वैसे ही जब हम बाहर किसी भी रेस्टोरेंट या होटल में खाना खाने जाते हैं तो भी होटल को पानी का पूरा गिलास भर कर देने की जगह आधा या आधे से कम गिलास भरकर देना चाहिये, जिससे पानी की बहुत बचत हो सकती है, जैसे मैं कभी भी खाना खाते समय पानी नहीं पीता और अगर होटल फिर भी मेरे गिलास में पानी भर देता है तो मेरे खाना खाने के जाने के बाद वह पानी कोई और नहीं पियेगा, वह पानी बर्बाद हो जायेगा, होटल का वेटर उस पानी को फेंक देगा, बहा देगा। वैसे ही अगर आधा गिलास पानी दिया जायेगा ओर प्यास लगेगी या पानी की जरूरत होगी तो प्यासा कह ही देगा।
पानी बचाना यानि #CuttingPani आज हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिये, और हमें इसका जोरशोर से प्रचार भी करना है, और व्यक्तिगत स्तर पर भी भरपूर कोशिश करना है। अगर आप किसी को ऐसा करते हुए देखते हैं, तो टोकने से न चूकें, आपको टोकने से हम प्रकृति की धरोहर आने वाली पीढ़ी के लिये बचा सकते हैं, नहीं तो जितनी आसानी से हमें पीने का पानी उपलब्ध है, उन्हें नहीं होगा।
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याचिका के लिये लिंक – https://www.change.org/p/cuttingpaani