البيستو. التكنولوجيا जो 15 लाख से 60 लाख तक सैलेरी दिलवाने में मदद कर रहे हैं ।

pesto.tech एक भारतीय स्टार्टअप है जो कि भारत के युवाओं को 15 लाख से 60 लाख रूपयों तक सैलेरी दिलवाने में मदद कर रहे हैं, अमेरिका को हमेशा ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की भारी जरूरत है, परंतु वहाँ जाकर काम करने में वीजा एक बड़ी समस्या है। इसका एक हल यह भी था कि अमेरिका की कंपनियों में भारतीय इंजीनियर भारत से ही काम करें और तकनीकी रूप से समस्या को हल करें। मेरे दिमाग में भी यही बात थी क्योंकि एक पड़ौसी हैं जो कि यहीं बैंगलोर से अमेरिका की सॉफ्टवेयर कंपनी में रिमोट एम्पलायी हैं और लगभग उनकी सैलेरी $5000 या $6000 है, जो कि भारतीय रूपयों में लगभग हर माह 3 लाख से 4.5 लाख रूपयों के बीच होती है , सालाना लगभग 36 से 51 लाख रूपये होती है । वे पहले अमेरिका में उसी कंपनी में काम करती थीं और कंपनी को उनके ऊपर भरोसा था, इसलिये उस कंपनी की वे एकमात्र रिमोट एम्पलॉयी हैं, परंतु उनको भी पता है कि उनको भारत में आधी से भी कम सैलेरी मिल रही है, पर वे खुश हैं , क्योंकि उनको घर से ही काम करना है, उनके लिये कोई भी ऑफिस बैंगलोर में नहीं है। हो सकता है कि इस तरह के और भी कर्मचारी बैंगलोर में हों जो कि रिमोटली काम करते हों।

पर यह सॉल्यूशन नहीं है, यह केवल उन लोगों के लिये ही सुविधा है जो कि पहले से ही अमेरीकी कंपनियों में काम कर चुके हैं और कंपनियों को उन कर्मचारियों पर भरोसा है। भारत में बहुत से इंजीनियर ऐसे हैं जो बहुत अच्छा काम तो कर सकते हैं, और अगर उनके पास अमेरीकी वीजा हो तो उनको एकदम अमेरिका में जॉब भी मिल जाये, परंतु वीजा ही सबसे बड़ी समस्या है, अमेरिका में अभी 50 लाख सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की कमी है और 2020 तक यह नंबर 1.4 करोड़ हो जायेगा । अमेरिका में इंजीनियर की सैलेरी लगभग $80,000 से $1, 00000 होती है ال।

इस समस्या का हल निकाला आयुष और एन्ड्रू ने उन्होंने देखा कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास अच्छे कोडिंग स्किल्स हों वो रिमोटली ही लगभग $150 हर घंटे के कमा सकता है, परंतु इस तरह के काम मिलना रोज संभव नहीं होता है, तो उन्होंने कंपनियों से बात की कि हम आपको भारत से स्किल्ड रिसोर्स देंगे आप उसे सीधे काम दे देना और अमेरिकी मॉडल के हिसाब से सैलेरी दे देना, कई अमेरिकी कंपनियों को यह बात जँची और उन्होंने हाँ कर दी। तो बस एक नया स्टार्टअप البيستو. التكنولوجيا अस्तित्व में आ गया ।

अब आयुष और एन्ड्रू के सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री वाले बहुत से इंजीनियर तो उपलब्ध हैं, परंतु उनको कोडिंग करना ही नहीं आती थी, वे केवल डिग्रीधारी इंजीनियर थे, तो उन्होंने पेस्टो कंपनी बनाई, जहाँ 3 महीने का कोर्स डिजाईन किया ، जिसमें جافا سكريبت ، ES6 ، HTML5 ، CSS3 ، JSON ، الشبكة ، البروتوكولات ، المتصفحات ، العقدة ، اكسبرس ، Mongo ، واجات برمجه التطبيقات ، اختبار ، خدمات النشر ، الإنتاج ، المخاوف الاخلاقيه من إنتاج البرمجيات والهندسة ، التكنولوجيا المهارات الناعمة की ट्रेनिंग देते हैं । इस कोर्स के दौरान इंजीनियर को दिल्ली में ही रहना होता है और 24 घंटे में कभी भी काम करना पड़ता है, क्योंकि आप अमेरीकी कंपनी के लिये काम कर रहे होते हैं तो उनके समय के हिसाब से भी आपको अपना काम करने का समय निकालना होता है। इस दौरान वे अमेरिकी कल्चर भी सिखाते हैं, जिससे आपको अपने अमेरिकी एम्पलॉयर के साथ काम करने में ज्यादा परेशानी न हो।

यह भी इतना आसान नहीं है, पहले आपको उनका المصدر المفتوح مناهج करना होता है और علوم الحاسب الआपको سبيل बेसिक फंडामेंटल पता होने चाहिये । आपकी इंगलिश अच्छी होनी चाहिये । एक बार 3 महीने की ट्रेनिंग हो गई तो उसके बाद pesto.tech आपको अपने Hiring Partners के साथ सीधे काम करने का मौका देते हैं, सीधे कंपनी आपको रिमोट एम्पलॉयी ले लेती है।

यहाँ तक सब फ्री है, जब आप जॉब करने लगते हैं तो आपको 5 वर्ष के लिये कॉन्ट्रेक्ट साईन करना होता है और 36 महीने की सैलेरी में से हर महीने pesto.tech 17% हिस्सा फीस के रूप में लेते हैं। यह फीस भी वे तभी लेते हैं अगर कमाई 15 लाख रूपयों से ज्यादा हो और उनकी फीस की अधिकतम सीमा है 20 लाख रूपये, याने कि किसी भी इंजीनियर से वे 20 लाख रूपयों से ज्याादा फीस के रूप में नहीं लेंगे। अभी तक उनके यहाँ की औसत सैलेरी 31 लाख रूपये है और अधिकतम 60 लाख रूपये सैलेरी है।

जरूरी नहीं है कि आपके पास Computer Science में इंजीनियरिंग डिग्री ही हो, आपके पास कोई भी डिग्री हो या न हो, अगर आपके कोडिंग स्किल्स अच्छे हैं तो भी आप इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *