आज टाटा मोटर्स TATA Motors ने अपनी नयी इलेट्रिक कार निक्सॉन ईवी Nexcon EV की कीमत बताई है, इसकी शुरूआत 13.99 लाख रूपये से होती है। एक बार की चार्जिंग में 30KWH (Units) लगती है, जिसमें यह 300 किमी चलेगी, मतलब कि लगभग 10 किमी प्रति यूनिट, अगर प्रति यूनिट की कीमत 7 रूपये होती है तो एक किमी की कीमत मात्र 70 पैसे आती है। एक बात और इलेकट्रिक कार पेट्रोल या डीजल कार से क्षमता में 5 गुना ज्यादा होती है। बैटरी की वारंटी 8 वर्ष की है या 1,60,000 किमी की है।
गुजरात में व्यापारियों के लिये 3 लाख रूपये की सब्सीडी है। 1.5 लाख रूपये की आयकर की छूट व्यक्तिगत खरीददारों के लिये है। यही नहीं अगर आप महाराष्ट्र में हैं तो आपको 1 लाख रूपये का फायदा सब्सीडी के रूप में होगा, व रोड टैक्स, आरटीओ भी महाराष्ट्र में नहीं भरनी होगी।
अगर 6KW का सोलर चार्जिंग स्टेशन आप लगा लेते हैं तो जिस जिस दिन सूर्य रहेगा, उस दिन आपकी कार मुफ्त में चार्जिंग होगी। मतलब कि लगभग 300 किमी मुफ्त में और पर्यावरण को कोई नुक्सान भी आप नहीं पहुँचायेंगे।
कोई गियर नहीं है, कोई धुआँ नहीं, न के बराबर आवाज और बहुत कम मैंटेनेन्स, इलेकट्रिक कार की सबसे बड़ी खासियत होती है कि परफॉर्मेंस में ये पेट्रोल व डीजल कारों से ज्यादा बेहतरीन होती हैं।
कोई भी जो नयी कार खरीदने की सोच रहे हैं, उन्हें निक्सॉन ईवी Nexcon EV को एक बार जरूर देखना चाहिये, अगर आप अपनी कार हर महीने 3,000 किमी चलाते हैं, तो इंधन की बचत से ही आपकी कार केवल 4-5 साल में मुफ्त हो जायेगी।
सबसे बड़ी बात कि आप पर्यावरण के लिये अपना अमूल्य सहयोग भी कर रहे हैं।
हाँ यह बात अलग है कि हर जगह भारत में अभी चार्जिंग स्टेशन नहीं मिलेंगे, परंतु निकट भविष्य में उम्मीद करनी चाहिये कि चार्जिंग स्टेशन जल्दी ही होंगे, और पेट्रोल पंपों से ज्यादा संख्या में होंगे।
चलते चलते एक बात और बताता चलूँ कि सरकार ने पिछले साल 2019 में जब इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिये घोषणा करी थी (यह अलग बात है कि बाद में वापिस ले ली थी), तो उस समय भारत में कई शहरों के लिये चार्जिंग स्टेशन के लिये निविदा निकाली थी, कई लोगों ने निविदा की टेक्निकल स्पेसिफिकेशन पढ़ी और कई टाइअप किये, जब वे लोग चीन और कोरिया पहुंचे तो मैनुफैक्चरिंग कम्पनी वाले टेक्निकल स्पेसिफिकेशन देखकर हँस रहे थे, कि हम 40 वोल्ट पर 10 साल पहले चार्ज करते थे, जिसकी वायर मोटी थी और मेंटेनेंस भी ज्यादा था, अब तो 220 वोल्ट वाले चार्जिंग पॉइंट बनाते हैं, परफॉर्मेंस बहुत अच्छा है, और ये भी बोले कि 21 वीं सदी में क्यों 19 वीं सदी का समान लगाना है? उन लोगों ने काम करने से साफ मना कर दिया कि जिस सरकार का विजन ही साफ नहीं है, वे कुछ नहीं के सकते, और वाकई कुछ दिनों के बाद सरकार ने वह निविदा निरस्त कर दी। अब हालत यह है कि कोई भी मैन्युफैक्चरिंग कम्पनी भारत में अपना काम नहीं फैलाना चाहती, क्योंकि उन्हें सरकार के विजन पर भरोसा नहीं है।
आपको चार्जिंग प्वाईँट अपने घर पर ही फिक्स करवाने होंगे, और हाँ लंबी दूरी की यात्रा में यह इलेकट्रिक कार बहुत ज्यादा मदद नहीं करने वाली है।