अपने भारत में हवाईअड्डों पर सुरक्षा जबरदस्त रहती है और रहनी भी चाहिये। अब टर्मिनल 1 2 पर जाने के पहले बकायदा बड़े बड़े स्पीडब्रेकर बनाकर चेकपोस्ट पर ऑटोमेटिक गन्स के साथ सिक्योरिटी रहती है, अगर कोई भी उनको संदिग्ध दिखता है, तो गाड़ी से सवारियाँ उतारकर पूरी गाड़ी की तलाशी ली जाती है, पिछली बार जाते समय 1 परिवार को खड़ा कर रखा था, वे टैक्सी में थे, परिवार परेशान सा लग रहा था।
हम जब जापान जा रहे थे, तो अपने लेपटॉप बैग में इलोक्ट्रानिक आइटम का एक का पाउच अलग से रखते हैं। जब सिक्योरिटी से निकले तो हमारा लेपटॉप बैग को कन्वेयर बेल्ट के दूसरे ट्रेक पर डाल दिया, तो हमें लगा कि अपनी स्टील की बोतल में पानी है, इसलिये खाली करवायेंगे।
जब सिक्योरिटी के पास गए, तो पानी की बोतल का तो पूछा नहीं, केवल इलेक्ट्रॉनिक आइटम वाले पाउच को खाली करके दिखाने को कहा, हमने 8 AA बैटरी रखी हुई थीं, जिसमें 4 खुली हुई थीं और 4 पैक थीं, पूछने लगे कि ये 8 बैटरी क्यों, allow नहीं हैं, हमने कहा कि bp मशीन में 4 बैटरी एक बार में लगती हैं, तो कहने लगे bp मशीन दिखाओ, हमने कहा वो तो चैकइन में है, तो कहने लगे कि bp मशीन भी इसी के साथ लाना चाहिये। फिर 6 बैटरी हाथ में लेकर कहा कि बस 2 बैटरी ही ले जा सकते हैं, हमने कहा बची हुई 2 बैटरी उनके हाथ में रखते हुए कि आप ये भी रख लो, 2 बैटरी मेरे किस काम की, एक बार में 4 लगती हैं, कई बार बैटरी जल्द खत्म हो जाती है तो स्पेयर बैटरी रखकर ले जा रहे हैं, कि नये देश में कहाँ ढूँढते फिरेंगे।
तो उन्होंने कहा ये लो जी आप आठों बैटरी ले जाओ, फिर वे यूनिवर्सल ट्रेवल अडॉप्टर को घुमा घुमाकर देखने लगे, मुझे एक बार लगा कि मैं तो शक्ल से ही पढा लिखा दंगेबाज दिख रहा हूँ इन सिक्योरिटी वालों को, जबकि अच्छी ड्रेसिंग करके ट्रेवल कर रहा था। खैर हमने सारा सामान फिर से पैक किया और चल दिये।
जब जापान से वापिस आ रहे थे, तो वहाँ स्कैनिंग की कुछ अलग ही मशीन थीं, अपने यहाँ जैसे हाथ से स्कैनर से प्लेटफार्म पर खड़े होकर, हाथ साइड में करके स्कैन करते हैं, वहाँ ऐसा नहीं था , वहाँ ऑटोमैटिक स्कैनर लगा हुआ था, जिसमें जैसे हाथ पैर को करने के पॉइंट बने थे, बस वैसे करना था, प्रक्रिया वही थी, बस हैंड हैल्ड स्कैनर की जगह सब कुछ ऑटोमैटिक था।
जब कन्वेयर बेल्ट पर अपना समान रखा तो वहाँ फिर से अपना लेपटॉप बैग कन्वेयर बेल्ट से अलग करके लिया, हमें लगा फिर बैटरी का ही पंगा होगा, इस बार तो साथ में 6 AAA बैटरी भी थीं। पर उन्होंने पानी की बोतल निकाली और कहा पानी नहीं ले जा सकते, औऱ एक केन में कुप्पी लगी हुई थी, उसमें पूरा पानी खाली कर दिया, पलास्टिक की पानी बोतल पहले ही डस्टबीन में फिकवा दी थी। बस फिर हमें जाने दिया।
हमने सोचा बताओ दोनों जगह सुरक्षा की चिंता ही अलग अलग थीं, भारत में बैटरी असुरक्षित लगी, जबकि पानी से उन्हें कोई समस्या नहीं थी, पर जापान में पानी असुरक्षित लगा और बैटरी से उन्हें कोई समस्या नहीं थी।