मंगोलिया में चंगेज खान की मूर्ति केवल एक पर्यटक आकर्षण नहीं है, बल्कि यह उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि है जिसने इतिहास की दिशा बदल दी। और मंगोलिया में जिसे हीरो माना जाता है। जिसने अपना साम्राज्य ईरान से लेकर यूरोप तक फैला रखा था।
मंगोलिया की जनजातियों को एकजुट करके अपने जीवनकाल में चीन, मध्य एशिया और फारस के अधिकांश हिस्सों पर विजय प्राप्त की। खानों की बाद की पीढ़ियों ने हमारी दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा साम्राज्य बनाया, जिसमें पूरा चीन, दक्षिण में बर्मा और वियतनाम, तिब्बत, भारत का ऊपरी आधा हिस्सा, पूरा साइबेरिया और मध्य एशिया, फारस, काकेशस, रूस, बाल्कन का बड़ा हिस्सा, पूर्वी और मध्य यूरोप शामिल थे।
मंगोल साम्राज्य की स्थापना की 800वीं वर्षगांठ के अवसर पर, मंगोलिया ने दुनिया की सबसे बड़ी घुड़सवार मूर्ति का निर्माण किया। अपने घोड़े पर चंगेज खान की 40 मीटर (120 फीट) ऊंची, चमचमाती, स्टेनलेस स्टील का स्मारक बनवाया।
मंगोलिया की आधी आबादी उलान बटार में रहती है, जहाँ चंगेज खान का स्टेचू बनाया गया है।
चंगेजखान जब किसी नए शहर या राज्य के पास जाते थे, तो वे मंगोलों के वैश्विक विजय अभियान के बारे में बताते हुए दूत भेजते थे। यदि शहर आत्मसमर्पण कर देता था, तो उसे कर देना पड़ता था और बढ़ती मंगोल सेना में योगदान देना पड़ता था, और उसे छोड़ दिया जाता था। यदि राज्य विरोध करते थे, तो शहर को नष्ट कर दिया जाता था और धन-संपत्ति छीन ली जाती थी। अभिजात वर्ग को मार दिया जाता था, और नागरिकों को गुलाम बना लिया जाता था। कई शहरों ने दूतों को मारकर इस विकल्प का जवाब दिया। कभी-कभी मंगोलों ने धैर्यपूर्वक यह समझाने के लिए दो या तीन दल भेजे कि क्या हो सकता है, फिर लूटपाट का दौर वहशी तरीके से शुरू करते थे।
मंगोलों को यूरोप पर कब्ज़ा करने से किसने रोका? इसकी वजह एक पारिवारिक झगड़ा बना। उत्तराधिकार की लड़ाई में चंगेज के बेटे यूरोप से वापस मंगोलिया आ गए। काफ़ी विवाद हुआ। यूरोपियों ने इस शांति का फ़ायदा उठाते हुए अपने झगड़े बंद कर दिए, बेहतर महल बनाए और खुद की रक्षा के लिए तैयारी की। नतीजतन, यूक्रेन और रूस को छोड़कर, यूरोप ने मंगोल शासन को रोक दिया।
चीन का बीजिंग शहर भी चंगेज खान ने बसाया था। प्लेग ने चंगेज खान का पूरा साम्राज्य खत्म कर दिया, यह भी कहना उचित होगा कि चीन से फैली यह प्लेग की बीमारी मंगोलों के कारण पूरी दुनिया में फैल गई।
भारत वे भी चंगेज खान ने बहुत लूटपाट की थी ज़ पर लूटपाट का धन किधर गया, यह आजतक कोई जान नहीं पाया।