मनीष हाड़ा उवाच
भारत के विभिन्न भागों में कार ड्राइविंग :-
* एक हाथ स्टियरिंग व्हील पर,दूसरा हार्न पर.
यू.पी.
* एक हाथ स्टियरिंग व्हील पर, दूसरा खिड़की से बाहर.
पंजाब
* एक हाथ स्टियरिंग व्हील पर, दूसरा अखबार पर,पाँव एक्सीलेटर पर.
तमिलनाडु
* दोनों हाथ स्टियरिंग व्हील पर,आँखें बंद, दोनों पाँव ब्रेक पर.
बिहार
* दोनों हाथ इशारे करते हवा में, दोनों पाँव एक्सीलेटर पर, सिर पिछली सीट के सवार से बात करने के लिए एक सौ अस्सी के अंश पर घूमा हुआ.
हरियाणा
* एक घुटना स्टियरिंग व्हील पर,एक हाथ पेसेंजर सीट पर बैठी गर्ल फ्रेंड की पीठ पर, दूसरा उसके गिरहबान में, दूसरा पाँव दक्षता से बारी-बारी एक्सीलेटर, क्लच,ब्रेक पर.
इंदौर.
* एक हाथ हार्न पर-वहां नहीं तो खिड़की से बाहर -दूसरा गियर स्टिक पर,एक कान स्टीरियो सुनता,दूसरा मोबाइल सुनता,एक पाँव एक्सीलेटर पर,एक क्लच पर,ब्रेक पर कोई नहीं,दोनों आँखें बाजू में स्कूटी चलाती लड़की पर.
धार में आपका स्वागत है
इन दिनों अप बड़ी माकूल तजुर्बे की बाते कर रहे हैं बता रहे हैं !
मस्त..
हा हा!! हम धार जा रहे हैं तुरंत बसने!! 🙂
हा हा हा
भाई इन राज्यो मै तो मै कभी भी ना जाऊ, आप का धन्यवाद आप ने मेरी जान बचा ली, बहुत सुंदर
विवेक भाई ,
सेन्स ऑफ़ ह्यूमर और ज्ञान ,किस अंदाज़ में परोसा है . क्या बात है !
सोचता हूँ की कभी तर्ज़ आपकी ,जुबाँ मेरी में यहाँ अलग अलग अमरीकियों की ड्राइविंग भी बताऊँ .( बशर्ते वल्गर न लगे ) 🙂 .
मुझे खुशी है की ब्लोगर्स मीट के आपके चित्रों में मैं नहीं हूँ .बासूती घुघूती जी तो चाहती ही नहीं थीं और मेरा चेहरा फोटोजेनिक नहीं है .विस्तृत रिपोर्ट में भी यही ध्यान रखियेगा .
फ़िलहाल फिर न्यू योर्क पहुँच गया हूँ . बीच में आने तक कोई मीट न रखवा दीजियेगा .
क्या बात है, मजा आ गया भाई… इंदौर जाना पडेगा ऐसा लग रहा है अब…
वाह! वा! क्या कारें हैं! क्या ड्राइवर हैं! क्या अंदाज है!