इस चिठ्ठे को किसी शीर्षक की जरुरत नहीं July 7, 2009UncategorizedVivek Rastogi Share this... Facebook Pinterest Twitter Linkedin Whatsapp
चिट्ठा तो नामी हैपोस्ट ही बेनामी हैपधारा/पधारी क्यों नहींयहां अनामिका/बेनामी हैकुछ नहीं करना हैनाम भी नहीं लिखना है Reply
अजी किस ने कहा था आफ़त को गले मै डालने के लिये… चलिये भुगत कर अकल आ गई.लेकिन यह आफ़त आप को ब्लांग जगत मै ढुढ रही है बस आती ही होगी………राम राम Reply
ab sheershak ki jaroorat kyaa rah jaati he…jeevan ke ek sabse mahtvapoorna adhdhyay ko kahate hue he aapke cartoon. Reply
अभी कुछ ही दिन पहले इसे देखा..मजेदार है.
हा हा
एक चित्र हजार पैराग्राफ 🙂
ha ha
विवेक जी, अब इस पर क्या टिप्पडी करें ?
मजेदार।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
http://www.manoramsuman.blogspot.com
[email protected]
चिट्ठा तो नामी है
पोस्ट ही बेनामी है
पधारा/पधारी क्यों नहीं
यहां अनामिका/बेनामी है
कुछ नहीं करना है
नाम भी नहीं लिखना है
ये नतीजा होता है।अच्छा हुआ भगवान अपन अभी तक़ बचे हुये हैं। हा हा हा हा हा।
सुंदर कटाक्ष..बहुत लाजवाब.
रामराम.
🙂
सच कहा है कि एक चित्र हजार शब्दों के बराबर होता है।
.:)
अजी किस ने कहा था आफ़त को गले मै डालने के लिये… चलिये भुगत कर अकल आ गई.लेकिन यह आफ़त आप को ब्लांग जगत मै ढुढ रही है बस आती ही होगी………
राम राम
अब आयी अक्ल ठिकाने पर ।
ha ha ha ab pata chalaa
ही ही ही ही मजा आ गया ! लाजवाब चित्र .
लाजवाब चित्र
ab sheershak ki jaroorat kyaa rah jaati he…
jeevan ke ek sabse mahtvapoorna adhdhyay ko kahate hue he aapke cartoon.
vakai…..
लौट के बुद्धू घर को आये.. 🙂