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About Vivek Rastogi

मैं २००६ से हिन्दी ब्लॉगिंग कर रहा हूँ, और वित्त प्रबंधन मेरा प्रिय विषय है। मेरा एक यूट्यूब चैनल भी है जिसे आप https://youtube.com/financialbakwas देख सकते हैं।

यातायात नियमों को तोड़ने पर वाहन का बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है

चौंकिये मत कि यातायात नियमों को तोड़ने पर बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है, इसकी शुरूआत दिल्ली से होने जा रही है, अगर आप दिल्ली में रहते हैं और यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपके वाहन का बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है। हालांकि अभी इसे लागू होने में समय है, पर यह निश्चित हो गया है कि थर्ड पार्टी बीमा पर प्रीमियम बढ़ जायेगा।इसमें यातायात नियम तोड़ने पर नेगेटिव प्वॉइंट्स दिये जायेंगे और यही प्वाईंट्स बीमा कंपनियों को बढ़ी हुई प्रीमियम के लिये बुनियादी होगा।

अभी तक बीमा प्रीमियम वाहन के इंजिन केपेसिटी व वाहन के प्रकार पर निर्भर करती है, वहीं अगर आपने कोई भी क्लेम नहीं किया है तो आपको अपने वाहन के बीमा प्रीमियम पर आकर्षक छूट भी मिलेगी। यह पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली से शुरू हो रहे है, फिर सभी राज्यों में लागू किया जायेगा। बीमा कंपनियाँ लंबे समय से वाहन के ड्राईवरों को बीमा प्रीमियम से जोड़ने के लिये लंबे समय से लड़ाई कर रही हैं।

अगर आपने यातायात नियमों को तोड़ा तो यह मत सोचियेगा कि केवल बढ़ी हुई बीमा प्रीमियम ही देना होगी, बीमा प्रीमियम तो बढ़ी हुई देनी ही होगी साथ ही यातायात पुलिस आपका चालान भी बनायेगी व वह चालान की राशि भी भरना होगी। तो यातायात नियमों को तोड़ना अब बहुत ही महँगा होने वाला है, गाड़ी धीरे धीरे आराम से चलाईये, सारे यातायात नियमों का पालन करिये, किसी एक यातायात की लाल बत्ती पर रुकना आपके बहुत से पैसे बचा सकता है, और उससे भी अधिक कीमती किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है।

यह सब आम जनता को परेशान करने के लिये नहीं किया जा रहा है, बल्कि बढ़ती हुई दुर्घटनाओं को कम करने के लिये किया जा रहा है। आपके 5-10 मिनिट से कीमती किसी की जिंदगी है, वहीं अगर आप पैदल यात्री हैं तो आपको भी तेज आते वाहन के सामने केवल हाथ देकर सड़क पार नहीं करनी चाहिये, नहीं तो आप अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और अपने परिवार को बहुत बड़ी विपत्ती में डाल रहे हैं, अगर आपका जीवन बीमा है तो आपका परिवार फिर भी किसी प्रकार आपके बिना जी लेगा, परंतु अगर आपने जीवन बीमा भी नहीं ले रखा है तब सोचिये कि अगर कमाने वाले आप अकेले हैं तो आपके परिवार का क्या होगा। आपकी क्षति कितनी भी बड़ी रकम पूरी नहीं कर सकती।

नियमों को तोड़ने के पहले केवल एक बार अपने परिवार को अपनी आँखों के सामने रखियेगा, आप कभी भी नियम नहीं तोड़ पायेंगे। ध्यान रखें चार पहिये के वाहन चलाते समय हमेशा ही सीट बैल्ट बाँधें और दो पहिया वाहनों को चलाते समय हमेशा ही हेलमेट लगायें।

एसिडिटी के इलाज के लिये

परसों दक्षिण भारतीय खाना खा लिया था, तो कल तक पेट ने जवाब दे रखा था, ऐसी भयंकर एसिडिटी हो रही थी, कि वह गैस तो हमें भी समझ नहीं आ रही थी, पर हमने एसिडिटी की कोई दवाई नहीं ली, रात में पंचसकार चूरण ले लिया और सो गये, हालांकि रात में भी तीन चार बार हाजत के लिये जाना पड़ा, पर फिर भी एसिडिटी ज्यादा कम नहीं हुई, और इस चक्कर में नींद पूरी नहीं हुई।

एसिडिटी के इलाज के लिये हमने फिर कल पूरे दिन कुछ खाया नहीं, केवल पानी पर रहे, जिससे पेट बिल्कुल ठीक हो गया, यह तो समझ आ गया कि अगर कहीं तकलीफ है तो शरीर को खाना नहीं चाहिये, बल्कि थोड़ा आराम चाहिये जिससे शरीर सिस्टम के लिये काम कर सके, और हम लोग दवाई लेकर सिस्टम को प्राकृतिक उपचार करने से रोक देते हैं, हम लोग दवाई इसलिये ले लेते हैं कि हमें ज्याादा तकलीफ का सामना न करना पड़े। पर हम अपने अंदरूनी सिस्टम के बारे में तनिक भी नहीं सोचते हैं व सिस्टम को दवाई पर दवाई देकर पेले रहते हैं। कायदे से हमें बुखार में भी पहले तीन दिन कोई दवाई नहीं लेना चाहिये व निर्जला उपवास करना चाहिये, वहीं आजकल डॉक्टर लोग कहते हैं कि खाओ नहीं तो कमजोरी आ जायेगी, सब सिस्टम डॉक्टरों ने उल्टा बना रखा है।

आयुर्वेद और रामचरित मानस को पढ़िये व समझिये अभी ये सब लोग उल्टा पुल्टा कर रहे हैं, जब दस बीस साल के बाद अमेरिका से यही चीज आयेगी, तो ये सब लोग यही फॉलो करने लगेंगे, नहीं तो डॉक्टरों की दुकान नहीं बंद हो जायेगी। हमें कम से कम एक बार पंद्रह दिन में निर्जला उपवास करना चाहिये, जिससे हमारा शरीर अपनी टूटफूट की मरम्मत खुद ही कर लेता है। पर इसे आजकल कोई समझना ही नहीं चाहता।

कल शाम तक पेट बिल्कुल चकाचक हो गया, हमने शाम को घर आकर खाना खा लिया, बस उसके बाद हमारी हालत खराब, हमें आने लगी बेहतरीन नींद, ऐसा नशा कि जैसे एकाध लीटर शराब पी ली हो, कुछ समझ ही न आये, शाम को आठ बजे सोने के बाद सीधे सुबह छ: बजे नींद खुली। सारी थकान और बीमारी खत्म, तो शरीर को बहत्तर घंटे तो बीमारी ठीक करने के लिये देने ही पड़ेंगे, जल्दीबाजी में दवाई न लें, नहीं तो शरीर अंदर से काम करना बंद कर देगा।

सोचा है कि रोज ही एक ब्लॉग लिखना है, और अब यह निरंतरता बनी रहनी चाहिये, अब देखते हैं कि यह निरंतरता कितने दिन बनी रहती है।

TATA Nexcon EV नयी कार के बारे में जानिये

आज टाटा मोटर्स TATA Motors ने अपनी नयी इलेट्रिक कार निक्सॉन ईवी Nexcon EV की कीमत बताई है, इसकी शुरूआत 13.99 लाख रूपये से होती है। एक बार की चार्जिंग में 30KWH (Units) लगती है, जिसमें यह 300 किमी चलेगी, मतलब कि लगभग 10 किमी प्रति यूनिट, अगर प्रति यूनिट की कीमत 7 रूपये होती है तो एक किमी की कीमत मात्र 70 पैसे आती है। एक बात और इलेकट्रिक कार पेट्रोल या डीजल कार से क्षमता में 5 गुना ज्यादा होती है। बैटरी की वारंटी 8 वर्ष की है या 1,60,000 किमी की है।

गुजरात में व्यापारियों के लिये 3 लाख रूपये की सब्सीडी है। 1.5 लाख रूपये की आयकर की छूट व्यक्तिगत खरीददारों के लिये है। यही नहीं अगर आप महाराष्ट्र में हैं तो आपको 1 लाख रूपये का फायदा सब्सीडी के रूप में होगा, व रोड टैक्स, आरटीओ भी महाराष्ट्र में नहीं भरनी होगी।

अगर 6KW का सोलर चार्जिंग स्टेशन आप लगा लेते हैं तो जिस जिस दिन सूर्य रहेगा, उस दिन आपकी कार मुफ्त में चार्जिंग होगी। मतलब कि लगभग 300 किमी मुफ्त में और पर्यावरण को कोई नुक्सान भी आप नहीं पहुँचायेंगे।

कोई गियर नहीं है, कोई धुआँ नहीं, न के बराबर आवाज और बहुत कम मैंटेनेन्स, इलेकट्रिक कार की सबसे बड़ी खासियत होती है कि परफॉर्मेंस में ये पेट्रोल व डीजल कारों से ज्यादा बेहतरीन होती हैं।

कोई भी जो नयी कार खरीदने की सोच रहे हैं, उन्हें निक्सॉन ईवी Nexcon EV को एक बार जरूर देखना चाहिये, अगर आप अपनी कार हर महीने 3,000 किमी चलाते हैं, तो इंधन की बचत से ही आपकी कार केवल 4-5 साल में मुफ्त हो जायेगी।

सबसे बड़ी बात कि आप पर्यावरण के लिये अपना अमूल्य सहयोग भी कर रहे हैं।

हाँ यह बात अलग है कि हर जगह भारत में अभी चार्जिंग स्टेशन नहीं मिलेंगे, परंतु निकट भविष्य में उम्मीद करनी चाहिये कि चार्जिंग स्टेशन जल्दी ही होंगे, और पेट्रोल पंपों से ज्यादा संख्या में होंगे।

चलते चलते एक बात और बताता चलूँ कि सरकार ने पिछले साल 2019 में जब इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिये घोषणा करी थी (यह अलग बात है कि बाद में वापिस ले ली थी), तो उस समय भारत में कई शहरों के लिये चार्जिंग स्टेशन के लिये निविदा निकाली थी, कई लोगों ने निविदा की टेक्निकल स्पेसिफिकेशन पढ़ी और कई टाइअप किये, जब वे लोग चीन और कोरिया पहुंचे तो मैनुफैक्चरिंग कम्पनी वाले टेक्निकल स्पेसिफिकेशन देखकर हँस रहे थे, कि हम 40 वोल्ट पर 10 साल पहले चार्ज करते थे, जिसकी वायर मोटी थी और मेंटेनेंस भी ज्यादा था, अब तो 220 वोल्ट वाले चार्जिंग पॉइंट बनाते हैं, परफॉर्मेंस बहुत अच्छा है, और ये भी बोले कि 21 वीं सदी में क्यों 19 वीं सदी का समान लगाना है? उन लोगों ने काम करने से साफ मना कर दिया कि जिस सरकार का विजन ही साफ नहीं है, वे कुछ नहीं के सकते, और वाकई कुछ दिनों के बाद सरकार ने वह निविदा निरस्त कर दी। अब हालत यह है कि कोई भी मैन्युफैक्चरिंग कम्पनी भारत में अपना काम नहीं फैलाना चाहती, क्योंकि उन्हें सरकार के विजन पर भरोसा नहीं है।

आपको चार्जिंग प्वाईँट अपने घर पर ही फिक्स करवाने होंगे, और हाँ लंबी दूरी की यात्रा में यह इलेकट्रिक कार बहुत ज्यादा मदद नहीं करने वाली है।

 

इंडियाबुल्स शुभ एप्प (Indiabulls Shubh App)

इंडियाबुल्स शुभ एप्प (Indiabulls Shubh App)

 

शेयर बाजार में ट्रेडिंग और ब्रोकरेज

जब हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करते हैं तो हम सब नये रंगरूट रहते हैं और आगे बढ़ने के लिये हमें हमेशा ही किसी न किसी को गुरू बनाना पड़ता हैव शेयर बाजार की बारीकियों को सीखना पड़ता है। इस सीखने के शुरूआती दौर की बात करें या अनुभवी ट्रेडर की बात करें, ब्रोकरेज देना सभी को बहुत महँगा लगता है। एक समय था जब ब्रोकरेज डिलिवरी और ट्रेडिंग के लिये अलग अलग होता था, पर आज ऑनलाईन डिस्काऊँटेड ब्रोकरेज आने से सब कुछ बदल गया है। अब समय यह आ गया है कि हमें ऑनलाईन डिस्काऊँटेड ब्रोकरेज के 20रूपये एक कॉन्ट्रेक्ट पर देना महँगा लगने लगा है। तकनीकी की बात करें तो सभी ब्रोकरेज हाऊसेस के पास एक से बढ़कर एक तकनीक है। यहाँ ऑनलाईन डिस्काऊँटेड ब्रोकरेज के साथ समस्या यह है कि हमें वहाँ से फंडामेंटल और टेक्नीकल कोई जानकारी नहीं मिल पाती है और न ही हमें वे गाईड करते हैं। यह एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। इसके लिये आज हम इंडियाबुल्स शुभ के बारे में बात करेंगे।

 

ट्रेडर और मार्जिन

ट्रेडर की बात करें तो उनके साथ समस्या मार्जिन की आती है, हमेशा ही हर ट्रेडर के लिये पूरा मार्जिन ब्रोकरेज हाऊस के साथ रखना संभव नहीं हो पाता है, तो कई बार हम सोचते हैं कि काश कोई ऐसा ब्रोकर होता जो हमारे से थोड़ा बहुत चार्ज लेकर हमें मार्जिन दे देता तो हम बड़े ट्रेड कर पाते। ट्रेडर के लिये ब्रोकरेज भी बड़ी रकम होती है, साथ ही अगर आप इंटराडे में इक्विटी ट्रेडिंग करते हैं तब भी ब्रोकरेज बहुत मायने रखती है।

 

कैसे करें अपने ब्रोकरेज में बचत

मैंने इस पर बहुत रिसर्च किया और यह रिसर्च मैं आपको यहाँ बताने जा रहा हूँ, मैंने शुरू में ट्रेडिशनल ब्रोकरेज के जरिये काम करना शुरू किया था तब फ्यूचर और ऑप्शन में 120 रूपये ब्रोकरेज एक कॉन्ट्रेक्ट के लिये लगता था, फिर मैंने ऑनलाईन डिस्काऊँटेड ब्रोकरेज के जरिये काम करना शुरू किया तो मेरे ट्रेड ही एक दिन के इतने हो जाते हैं कि मेरा रोज का ही ब्रोकरेज 1000 रूपये के ऊपर हो जाता है।अब जिस ब्रोकर की बात मैं यहाँ करने जा रहा हूँ वे महीने के मात्र 1000 रूपये लेते हैं और आप अनलिमिटेड फ्यूचर और ऑप्शन या इक्विटी में ट्रेड कर सकते हैं।

 

इंडियाबुल्स शुभ (इंडियाबुल्स वेंचर्स)

 

ब्रोकरेज हाऊस का नाम है इंडियाबुल्स वेंचर्स जो कि बाजार में लीडिंग ब्रोकर हैं और इक्विटी, डेरिवेटिव, कमोडिटी और करंसी ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। 7 लाख से ज्यादा लोग इंडियाबुल्स के साथ शेयर कारोबार में ट्रेडिंग करते हैं।

 

इंडियाबुल्स शुभ एप्प(Indiabulls Shubh App)और ब्रोकरेज की गणना

इंडियाबुल्स शुभ

अभी हाल ही में इंडियाबुल्स ने शुभ एप्प लाँच किया है, और उसके साथ ही बहुत ही आकर्षक ब्रोकरेज प्लॉन भी बाजार में पहली बार दिये हैं, जैसा कि हमने अभी ब्रोकरेज की बात की तो आप अगर रोज के 5 ट्रेड करते हैं तो आपका ब्रोकरेज रोज का ही लगभग 300 रूपया हो जाता है, और महीने के 20 दिन का हिसाब लगायें तो लगभग 6000 रूपये हो जाता है। जबकि अगर आप इंडियाबुल्स शुभ एप्प से ट्रेड करते हैं तो आपको केवल महीने के 1000 रूपये ब्रोकरेज और जीएसटी के 180 रूपये मिलाकर 1180 रूपये ही देने हैं। तो आप केवल ब्रोकरेज में ही महीने के लगभग 5000 रूपये बचा सकते हैं। अगर आप ज्यादा ट्रेड करते हैं तो आप खुद ही अपने ब्रोकरेज की गणना कर लीजिये आपको अपनी ब्रोकरेज की बचत पता चल जायेगी। आप नीचे दी गये चित्र से ही ब्रोकरेज का अंदाजा लगा सकते हैं।

Brokerage Calculation

वैसे ही अगर आप ट्रेडिशनल ब्रोकर के जरिये अपने निवेश शेयर बाजार में करते हैं तो भी आप नीचे दिये गये चित्र से अपने लाभ को देख सकते हैं –

Traditional Brokerage

मार्जिन फंडिंग

वहीं अगर आप इक्विटी में अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लॉन  देखें तो मार्जिन फंडिंग की सुविधा शून्य ब्याज के साथ आपको मिल जाती है, इंडियाबुल्स शुभ के विभिन्न मार्जिन फंडिंग प्लॉन आप नीचे देख सकते हैं –

IndiaBulls Equity Unlimited Trading Plans

एक महीने का प्लॉन फ्री याने कि बिल्कुल मुफ्त

सबसे अच्छी बात यह है कि जब भी आप इंडियाबुल्स शुभ में रजिस्टर करते हैं तो आपको पहले एक महीने का प्लॉन फ्री है, याने कि आपको प्लॉन की फीस एक महीने के बाद ही देनी है। रजिस्टर करने के लिये 500 रूपये की फीस है, जो कि लगभग सभी ब्रोकरेज हाऊस लेते हैं।

Free for First 30 Days

इंडियाबुल्स शुभ के साथ रजिस्टर होने का सबसे बड़ा फायदा है कि ऑनलाईन डिस्काऊँटेड ब्रोकरेज आपको रिसर्च प्रदान नहीं करते हैं, और ट्रेडिशनल ब्रोकर आपसे बहुत ज्यादा ब्रोकरेज लेते हैं, पर यहाँ आपको रिसर्च भी इंडियाबुल्स शुभ के द्वारा आपको दी जायेगी। अगर आप ट्रेडिंग या इक्विटी में नये हैं तो आप वेबसाईट पर जाकर शुभ एकेडमी पर सीख भी सकते हैं।

इंडियाबुल्स शुभ एप्प तकनीकी रूप से भी तेज

सबसे बड़ी समस्या ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर स्टेबिलिटी की होती है, कई बार एप्प क्रेश हो जाती है परंतु इंडियाबुल्स शुभ एप्प में आपको यह समस्या नहीं आयेगी और इंडियाबुल्स शुभ एप्प बहुत तेज चलती है जिससे आपको कभी भी ट्रेड करने में कोई असुविधा नहीं होगी।

इंडियाबुल्स शुभ एप्प डाऊनलोड कर लिजिये और आप केवल एप्प के जरिये ही केवल 10 मिनिट में अपने सारे दस्तावेज अपलोड करके अपना एकाऊँट खोल सकते हैं। गूगल एप्प स्टोर पर सर्च करिये IndiaBulls Shubh App और डाऊनलोड कर लीजिये।

 

एप्प पर कैसे अपना एकाऊँट खोलेंगे उसके लिये आप नीचे दिये गये वीडियो को देख सकते हैं –

https://youtu.be/bJgwzGFUFL8

ट्रेडिंग का अनुभव लेने के लिये आप नीचे दिये गये वीडियो को देख सकते हैं –

https://youtu.be/bJgwzGFUFL8

अगर आपको कोई प्रश्न है तो आप टिप्पणी करके पूछ सकते हैं।

 

प्यार की बातें और नारी शक्ति

अभी कुछ दिन पहले मैं मुम्बई से बैगलोर फ्लाईट से वापिस आ रहा था, तो सिक्योरिटी के बाद अपने गेट पर फ्लाईट एनाऊँसमेंट का बैठकर इंतजार कर रहा था, तभी एक दिखने में वृद्ध परंतु चुस्त जोड़ा मेरे सामने आकर बैठा, उम्र लगभग 70 वर्ष के आसपास होगी। पति पत्नी दोनों के हाथ में एक एक बैग था, पत्नी को बैठाकर, अपने बैंग पत्नी के पास ही रखकर पति महोदय कहीं चले गये, और थोड़ी देर बाद एक अखबार लेकर वापिस आये।

जैसे ही पति महोदय वापिस पहुँचे, वैसे ही पत्नी उखड़ गईं, पिछले 50 वर्षों से देख रही हूँ, कि कहीं भी जाओ, मुझे समान के पास बैठाकर चौकीदार बनाकर टहलने निकल लेते हैं और पता नहीं कहाँ कहाँ क्या देखते रहते हैं, अरे हमको भी घूमने की इच्छा होती है, हम कौन से रोज रोज एयरपोर्ट पर आते हैं, आप अपना बैग साथ में लेकर जाया करो, देखो यहाँ कोई भी कहीं भी उठकर जाता है तो अपना बैग साथ में लेकर जाता है, मैं अपना बैग सँभाल रही हूँ, और अाप अपना बैग सँभालें, कोई बात हो तो मोबाईल तो है ही, फोन भी किया जा सकता है।

पत्नी महोदया अपना बैग उठाकर निकल लीं, और बेचार पति महोदय जो अखबार लेकर आये थे, वहीं अखबार पूरा खोलकर सबसे नजरें बचाने की कोशिश कर रहे थे, क्योंकि पत्नी महोदया न पति महोदय को इतनी तेज आवाज में यह सब बोला था, कि गेट के पास के कम से कम १०० लोग इस वाकये के गवाह बन चुके थे।

ऐसे ही हम लोग भी शायद कई बार जाने अनजाने में यही आदतें दोहराते हैं, तो हमें भी सुधर जाना चाहिये, नारी शक्ति की आवाज को कहीं भी नहीं दबाया जा सकता है, और बुलंद आवाज बुलंद दीवारों को भी गिरा सकती है। प्यार अपनी जगह और आजादी अपनी जगह।

#प्यार_की_बातें
#नारी_शक्ति

 

फेसबुक से कुछ स्टेटस –

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अध्यापाक – घर में नहीं हैं दाने और अम्मा चली भुनाने, इसको उदाहरण सहित समझाओ 

छात्र – प्रधानमंत्री जी भूटान की अर्थव्यवस्था सुधारेंगे।

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वैसे जी टीवी, रिपब्लिक टीवी, टाईम्स नाऊ, इंडिया टीवी और सुदर्शन टीवी को भी मर्ज कर देना चाहिये, जिससे कुछ कम बकवास होगी।

#RBI कहता है कि अपना पिन नंबर और ओटीपी किसी की को न बताएं। मैं तो कहता हूँ अपना सरप्लस और इमरजेंसी डिपॉज़िट भी किसी को नहीं बताना चाहिए

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सावधान, अगर आपके पास RBLबैंक के शेयर हैं तो अब भी बेच दें, वरना जब 2 अंकों में यस बैंक जैसा हाल हो, तब मत रोना, जिनका पैसा लगा था, वे अब इसमें से लगभग निकल ही लिये हैं, IPO ₹270 में आया था, अभी ₹327का भाव चल रहा है।
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डिस्क्लेमर- मैं सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार नहीं हूँ, इसलिये इस पर अमल लाने के पहले खुद विश्लेषण करें और अपने निवेश सलाहकार से सलाह जरूर कर लें।

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कुछ दिन पहले एक *बन्दी* आई थी जिसका नाम *नोटबन्दी* था

अब उसकी *बहन* आई है जिसका नाम *मंदी* है |

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हेज फंड्स ने सोने में $580 मिलियन की अभी खरीददारी की है, तो बस अब समझ लो कि बुरा समय आ ही गया है।

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अब अक्षय कुमार अपनी आने वाली फिल्म में 8%GDP के बारे में बतायेंगे।

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Jho Low पर लिखी गई किताब Billion dollar whaleपढ़नी शुरू की है, बन्दे के कारनामे शुरू के कुछ पन्नों पर पढ़कर ही उसके कौशल और बुद्धि की तारीफ ही निकल रही है, भले मलेशिया के प्रधानमंत्री का खास रहते उसने सारे स्कैम किये, किताब लगभग 12घन्टे में खत्म होगी, जल्दी ही पूरी खत्म करने का प्लॉन है, शातिर दिमाग कैसे चलाया गया, वह देखा जाये।

 

ब्लॉग में php का अपडेट, निवेश क्यों करना चाहिये वीडियो, पंजीर लड्डू और सरकारी बैंकें

जिन चीजों के बारे में जानकारी न हों वे बहुत सारा समय खा जाती हैं, पिछले सप्ताह से परेशान था कि php का नया वर्शन कैसे ब्लॉग के लिये अपडेट करना है, आज भी सुबह से ३ घंटे परेशान हो लिया, क्योंकि वर्डप्रेस का नया वर्शन php के अपडेट के बाद ही अपडेट होता, होस्टगेटर ने नया सॉफ्टवेयर बहुत ही साधारण वाला बना दिया, पर कहीं कोई जानकारी नहीं, खैर cpanel और blog में backup लेकर अपडेट कर ही दिया। अब अपनी वेबसाईट php 7.3 पर हैं।

इसी कारण से पिछले सप्ताह से कोई ब्लॉग भी पोस्ट नहीं कर पा रहे थे, अब कर पायेंगे। Continue reading ब्लॉग में php का अपडेट, निवेश क्यों करना चाहिये वीडियो, पंजीर लड्डू और सरकारी बैंकें

वित्तमंत्री का यू टर्न U Turn of Finance Minister

वित्तमंत्री के कल बजट के गड़बड़ी वाले फैसलों में U टर्न के बाद शेयर बाजार के विश्लेषक सोच रहे थे कि अब सोमवार से बाजार फिर तेजी में आयेगा, पर कल रात में ही ट्रम्प बाबा ने गेम कर दिया और अमेरिकी शेयर बाजार 3% नीचे आ गये, ट्रम्प ने अमेरिकी कंपनियों को कहा है कि अपना धंधा चीन से समेटो और किसी और देश में धंधा लगाओ।

वैसे भी ट्रम्प बाबा बहुत बड़े वाले हैं, अगर उनको चीन की वाट लगानी है तो अपनी खुद याने कि अमेरिका की इकॉनॉमी की वाट लगानी पड़ेगी, क्योंकि चीन ही डॉलर बांड का बहुत बड़ा निवेशक है, और तभी चीन की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।

तो अब विश्व में जबरदस्त मंदी आने में बहुत देर नहीं है, क्योंकि अगर किसी को परेशान करना हो, वजूद मिटाना हो तो डॉलर हिलेगा, और डॉलर हिला तो सारे देश डांस करेंगे।

यहाँ बताता चलूँ कि कल डॉलर 72 रूपये को पार कर गया है, और बस अब जल्दी ही 75 भी पार कर जायेगा। आप सबको जबरदस्त विकास की बधाई

कुछ फेसबुक स्टेटस

ऐसा लग रहा है कि चिदम्बरम के अंदर जाते ही सरकार को अर्थव्यवस्था सही करने के आइडिया आने लगे हैं, चिदम्बरम को अंदर ही रखो जब तक अर्थव्यवस्था ठीक न हो जाये, अब बेचारे को डंडे के दम पर ही सही सरकार को बताना पड़ रहा है।

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तो अभी तो चौपहिया वाहन बनाने वाली सभी कंपनियों की वाट लगी पड़ी है, पर दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों की बिक्री में गिरावट नहीं है, और हाँ ध्यान रखिये बजाज ऑटो अब आने वाली तेजी में मुख्य भूमिका निभायेगा, हीरो मोटर्स भी है, पर बजाज ऑटो मार्केट लीडर है।

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हम रहते हैं स्वच्छ भारत में जहाँ गोबर या कुत्ते की टट्टी यहाँ वहाँ सर्वत्र मिल ही जाती है, कल MG Road पर घूम रहे थे, हम हमारी दोस्त मंडली के साथ थे, सामने से दो भद्र महिलायें आधुनिक वस्त्र धारण किये हुए थीं, और बातें करते हुए चल रही थीं, तथा साथ ही एक महिला फोन पर चलते हुए कुछ टाईप भी कर रही थीं, तभी बीच में गोबर मिल गया, साथ चल रही महिला मित्र ने रोका अरे संभल कर, तो फोन वाली महिला, जोर से हिन्दी में बोली, बाय गॉड केक कटने से बच गया।

हम सोच रहे थे कि हम ताली बजाकर जन्मदिन मुबारक थोड़े ही गाने वाले थे 😂😂😂😂

#MG_रोड_के_किस्से

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लो जी अब पता चला है कि लार्ड माउंटबेटन होमो था, तब भी नेहरू जी से बहुत पटती थी, आश्चर्य है। यह भी हो सकता है कि इसी ब्लैकमेल के चलते वो प्रधानमंत्री बने हों, FBI फाइल्स खोलो मोटा भाई, जबरदस्त मसाला मिला है।

अब जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख में रोजगार पैदा करने की जरूरत

अनुच्छेद 370 खत्म और 35Aस्वत: खत्म, आजाद हुई हमारी ‘जन्नत’ इस हेडलाईन के साथ आज का समाचार पत्र आज सुबह मिला। वैसे तो कल ही सुगबुगाहट चल ही रही थी और जब सदन से यह ऐलान हो गया तो, बस दिल बागबाग हो गया, अच्छी खबर यह भी थी कि जम्मू कश्मीर से लद्दाख अलग कर दिया गया है व उन्हें अब अलग अलग केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया है। पूरी घाटी में पिछले 2-3 दिनों से भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात हैं और पूरी दुनिया से अलग थलग कर दिया गया है, जिससे कोई भी अलगाववादी ताकतें घाटी में आतंक न फैला सकें।

इस खबर के साथ ही सोशल मीडिया में बहुत से स्टेटस आने लगे कोई कहता कि अब तो जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख में जमीन खरीदेंगे, घर खरीदेंगे, अब घाटी की सुँदर लड़कियों से शादी भी कर सकते हैं इत्यादि। अभी तक जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा था और करोड़ों रूपया भारत सरकार द्वारा बहाया जाता रहा है, जिसका कोई हिसाब किताब भी नहीं था, बस वह दो नंबर के जरिये कुछ राजनैतिक दलों और राजनैतिज्ञों की जेब में पहुँच जाता था। अब तक कोई भी विकास का कार्य नहीं हुआ और न ही कोई रोजगार पैदा हुए।

अब इस बात के आसार लग रहे हैं कि जम्मू कश्मीर में नये व्यवसाय लगेंगे, जिससे वहाँ रोजगार पैदा होंगे। जम्मू, श्रीनगर, लेह, लद्दाख इतनी प्यारी जगहें हैं, ये भारत के अपने खुद के स्विट्जरलेंड हैं, जहाँ हम चाहते हुए भी जाकर रह नहीं सकते हैं, जैसे यूरोप में कई बेहतरीन जगहों पर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर हैं, वैसे ही कुछ नये सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर खुलने चाहिये, जिससे IT वालों को भी भारत के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने का मौका मिले, साथ ही जब एक अच्छी नौकरी वहाँ शुरू होगी तो एक नौकरी से कम से कम 10रोजगार पैदा होते हैं, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर के लिये विशेष तरह के स्किल की जरूरत होती है, जो कि हो सकता है कि वहाँ के रहवासियों में अभी न हों, परंतु दैनिक जीवन के जरूरत वाले कई कार्यों के कारण वहाँ अन्य रोजगार पैदा होंगे।

जब जम्मू कश्मीर में रोजगार पैदा होंगे तो वहाँ के रहवासी, अलगाववादियों की बातों में नहीं आयेंगे और वे खुद ही अच्छे बुरे में फर्क पैदा कर पायेंगे, व 100 रूपये में पत्थर फेंकने को तैयार नहीं होंगे, साथ ही आतंकवादियों को समर्थन अपने आप ही कमी आ जायेगी। इस सबसे सबसे बड़ा अंतर भारत के खजाने पर पड़ने वाला बड़ा बोझ कम हो जायेगा। विश्व के पर्यटन मानचित्र पर जम्मू कश्मीर हीरे की तरह चमकेगा। रोजगार पैदा होने से सबसे बड़ा फायदा होगा कि पाकिस्तान पर जबरदस्त दबाब होगा, साथ ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों द्वारा भी पाकिस्तानी सरकार पर इसी तरह के व्यवसाय को स्थापित करने का दबाब होगा, अगर पाकिस्तानी सरकार द्वारा यह नहीं किया जाता है तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग भारत में विलय होने के लिये दबाब बनायेंगे और जन आंदेलन की शुरूआत होगी।

अब केवल जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख में एक अच्छी बेहतर नीति की जरूरत है, जिससे हम वैश्विक पटल पर भारत की छवि को अच्छे से दिखा सकें व गर्व से कह सकें कि अखण्डता पुनप्रतिष्ठित हुई।

शेयर बाजार का यूँ गिरना और सरकार का कोई कदम न उठाना

शेयर बाजार का यूँ गिरना, सब बजट का कमाल है, बस यह अलग बात है कि कुछ लोग जो सरकार के सहयोग में खड़े रहते हैं, वे इसे मानने को तैयार नहीं हैं, जिनके ऊपर ज्यादा टैक्स थोपा गया है, वे लोग ज्यादा कमाई करते हैं और उनके पास निवेश करने के लिये बहुत से देशों में जाने के ऑप्शन हैं, मेरे कुछ जानकार तो बजट के पहले ही सिंगापुर जाने की तैयारी कर चुके थे और बजट के बाद उन्होंने कहा भी कि देखा यह सरकार केवल अपनी कमाई का सोच रही है, पर जनता की कमाई का और उनकी सुविधओं का नहीं सोच रही है, तो हम अपना पैसा भारत से ले जायेंगे और बहुत से ऐसे देश हैं जहाँ कम कर लगता है, वहाँ निवेश करेंगे।

खैर उनकी बात तो सही है, और बाजार बजट के बाद से लगातार ही गिरते जा रहा है, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अभी हाल ही में ही पिछले 3दिनों में 10,000 करोड़ रूपयों की बिकवाली की है, और खरीददारी के लिये भारतीय संस्थागत निवेशकों में से कोई भी खड़ा नहीं दिखाई दिया, पहले LIC बाजार से खरीददारी करके शेयर बाजार को सँभाल लेती थी।बजट के बाद से रोज ही विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बिकवाली की है और निवेशकों को बजट के बाद से 10 लाख करोड़ का नुक्सान उठाना पड़ा है, यह राशि उस राशि से बहुत ज्यादा है जो कि सरकार कर के रूप में वसूलना चाहती है।

कुछ लोग कह रहे हैं कि ये नये बदलाव हैं और इस तरह के झटके तो लगने ही हैं, वहीं कई लोगों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में गति कहाँ से आ रही है, कोई कुछ समझाने की कोशिश करेगा। वहीं सरकार सारे सरकारी उपक्रमों को बेचने पर तुली हुई है, हो सकता है कि यह समय की माँग है जैसे कभी सरकार उपक्रमों को सरकारी बनाने के लिये जद्दोजहद कर, भारत की अर्थव्यवस्था को ऊँचाई पर ले जाना चाहते थे, पर सरकारी कर्मचारियों की अकर्मण्यता और सरकारी तंत्र की जटिलता के कारण यह तरीका भी नाकाम साबित हुआ।

शेयर बाजार अभी भी अपने उच्च स्तरों पर टिका हुआ है, जिसका मुख्य कारण है कि कुछ कंपनियाँ, जो बहुत अच्छा कर रही हैं, यह जो दिन हम देख रहे हैं यह स्थिति 2008 के वैश्विक मंदी से भी ज्यादा खराब है, क्योंकि 2008 में जो मंदी आई थी, वह वैश्विक मंदी का कारण थी, और पूरा विश्व उस समय मंदी से गुजर रहा था, व जैसे ही मंदी से विश्व उबरा, भारत भी मंदी के संकट से बाहर आ गया था। इस बार यह वैश्विक मंदी नहीं है, यह भारत सरकार के बजट के कारण स्थिति उपजी है, और भारत सरकार इस बारे में कुछ भी करने के लिये प्रतिबद्ध नहीं दिख रही, जो कि खुदरा निवेशकों के लिये और भारत की अर्थव्यवस्था के लिये खराब बात है, क्योंकि यह जो मंदी है, यह कब खत्म होगी इसका कोई भी अंत समझ नहीं आ रहा है।

समस्या को तभी खत्म किया जा सकता है, जब आप समस्या को समझ पायें, अगर आप समझ रहे हैं कि कोई समस्या ही नहीं है तो समस्या का कोई भी समाधान निकालने की कोशिश ही नहीं करेगा। देखते हैं कि सरकार को शेयर बाजार की समस्य़ा गंभीर लगती है या वे इसे मंदी में ही चलने देंगे।

किताबें पढ़ना छोड़ो ऑडियोबुक सुनना शुरू करें

मेरी आदत बचपन से ही किताबें पढ़ने की थी, पापाजी शासकीय वाचनालय से हर सप्ताह ही दो तीन किताबें लाते थे और उनको पढ़ने के बाद फिर दूसरे सप्ताह वापिस से दे तीन किताबें घर में होती थीं, इस तरह से घर में हर महीने ही लगभग बारह से पंद्रह किताबें पढ़ी जाती थीं, और यही मुख्य कारण रहा मुझे किताबें पढ़ने का चस्का लगना का। लगभग सभी की आदत किताब पढ़ने की होती है किताबों में कहानियां लेख उपन्यास सब कुछ आता है जो कि मनोरंजन के लिए पढ़ी जाती हैं। 

किताब पढ़ने के लिए बहुत सारा समय हमें निकालना पड़ता है और कई बार हम किताब पढ़ते पढ़ते कुछ और सोचने लगते हैं कई बार शब्द बड़े बड़े होकर दिखने लगते हैं, तो कई बार शब्द दिखने ही बंद हो जाते हैं। पहले मैं बहुत किताबें पढ़ता था, अमेजॉन से फ्लिपकार्ट से बहुत सारी किताबें खरीदी और पढ़ीं,फिर किताबों के अंबार से परेशान हो गया और किंडल खरीद लिया। फिर किंडल पर किताबें पढ़ने लगा। किंडल एक आधुनिक यंत्र है, जिस पर किताबें पढ़ी जा सकती हैं और बहुत सारी किताबें एक साथ रखी जा सकती हैं तो उससे मेरी किताबें रखने की समस्या का समाधान तो हो गया, लेकिन कुछ सुविधायें भी मिलने लगीं जैसे कि अगर किसी शब्द का मतलब मुझे समझ में नहीं आ रहा है तो मैं उस पर क्लिक करके रखूँगा, तो उसका मतलब किंडल मुझे बता देगा तो इससे यह मुझे और ज्यादा सुविधाजनक लगने लगा। 

लेकिन सारी समस्या समय की थी कि इतना समय कहाँ से निकाला जाए कि रोज ही किताबों को पढ़ पाऊँ, फिर मैंने अमेजॉन ऑडिबल का सब्सक्रिप्शन लिया लेकिन वहाँ समस्या यह थी कि वहां पर हिंदी की किताबें कम हैं और अंग्रेजी की ज्यादा और हम ठहरे हिंदी मातृभाषा वाले। फिर हमने स्टोरी टेल एप्प का नाम सुना तो स्टोरी टेल में बहुत सी किताबें हिंदी ऑडियो बुक के रूप में उपलब्ध हैं। हमने पहले1 महीने का ट्रायल लिया और फिर उसके बाद में 1 महीने के लिए अब ₹299 का भुगतान कर रहे हैं और किताबों को सुन रहे हैं। तो किताबों को सुनने के लिए समय बहुत सारा निकल आता है। मैं लगभग रोज ही एक घंटा घूमने जाता हूँ, तो एक घंटा आराम से साथ में किताबें भी सुनता रहता हूँ। ऑफिस आने-जाने के समय में भी किताबें सुन लेता हूँ, तो इससे मुझे लगभग रोज 3 से 4 घंटे का समय किताबों को सुनने का मिल जाता है कई किताबें और कहानियां मुफ्त में भी उपलब्ध हैं, जिन्हें की पॉडकास्ट में सुना जा सकता है तो उसके लिए आपको गूगल पॉडकास्ट एप्प फोन में इंस्टॉल करना होगा और हिंदी कहानियों का पॉडकास्ट ढूँढना होगा इसके ऊपर मैं एक अलग से ब्लॉग लिखूँगा, जिसमें मैं पॉडकास्ट की खूबियों के बारे में बात करूँगा।

बस किताबों को सुनते वक्त आपको यह ध्यान रखना है कि अगर आप कहीं और व्यस्त हैं तो किताबों को सुनना रोक दें, नहीं तो कुछ हिस्सा कहानी को छूट जाता है, अगर किताब सुनते सुनते ही कुछ सोचने के लिये, ठहरने के लिये समय चाहिये तो अपनी किताब को थोड़ा रोक दें, क्योंकि यह स्वाभाविक प्रक्रिया है, जब भी हम किताब पढ़ते हैं तब भी हम उसे अपने से संबद्ध करके कुछ न कुछ सोचते ही हैं, या कोई नया प्लान बनाने लगते हैं। केवल किताब ग्रहण करने का माध्यम बदला है, पर प्रक्रिया तो वही चलेगी।आप भी देखिये कि अगर आपको किताबें सुनना अच्छा लगे। बस असुविधा यह है कि अभी ऑडियोबुक के तौर पर बहुत बड़ी संख्या में किताबें उपलब्ध नहीं हैं, पर उम्मीद है कि जल्दी ही बहुत सी किताबें ऑडियोबुक के तौर पर भी बाजार में आने लगेंगी, जैसे की अभी नई किताब आई थी ‘ओघड़’, लेखक ने ही इस किताब की ऑडियोबुक में आवाज दी है, तो यह किताब और भी जबरदस्त बन गई है।