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मैं कहाँ कौन से, चक्रव्यूह में हूँ .. हे गिरधारी… मेरी कविता … विवेक रस्तोगी

मैं एक छोटा सा अदना सा इंसान,

मुझसे कितनी उम्मीदें हैं,

इस दुनिया को,

खुद को,

अपनों को,

जिनका संबल हूँ मैं,

और जो मेरे संबल हैं,

रेत के महल खड़े करने की,

रोज कोशिश करता हूँ,

पर पूरा होने के पहले ही,

भरभरा कर गिर जाता है,

कब यह मेरा महल पूरा होगा,

और कब मैं आजाद होऊँगा,

मुझे आजादी चाहिये,

अपने विचारों की,

आहत मन को,

सँवारने की,

आहत दिल को,

दिलासे की,

आओ समय देखो,

हे गिरधारी देखो,

मैं कहाँ कौन से,

चक्रव्यूह में हूँ,

मुझे भी देखो…

सरदार के किस्से हमारी जबानी (कृप्या कोई और सरदार बुरा न माने)

अगर सरदार को ९४४९४९४४९४ डायल करना है ..
..

तो वो क्या करेगा …..?

पहले वो डायल करेगा ९४४९४ और फिर रिडायल करेगा ……
……………………
एक सरदार के पिता का देहांत हो गया और वो जोर जोर से रो रहा था

थोड़ी देर बाद वो और जोर जोर से रोने लगा

दोस्त ने उससे पूछा कि "अब क्या हुआ ?"

सरदार बोला : अभी मेरी बहन का फोन आया था किस उसके भी पिताजी नहीं रहे ….
……………………
सरदार – मुझे फ़ोन पर धमकियाँ मिल रही हैं

पुलिस – कौन दे रहा है …?

सरदार – बी एस एन एल वाले, बोलते हैं कि अगर बिल नहीं भरा तो काट देंगे….
…………………….

नासा ने तीन  सरदारों को चाँद पर भेजा, रॉकेट उड़ा मगर आधे रास्ते से वापिस आया …

उनको पुछा गया तो बोले … : आज अमावस है चांद तो होगा ही नहीं ..
……………………
एक बार सरदार जंगल में घूम रहा था तभी उसे एक सांप पेड़ पर लटका हुआ दिखाई दिया ..

..

सरदार उस पेड़ के थोड़ा पास गया और सांप के पास गया और बोला : "ऐसे लटकने से लम्बाई नहीं बढती है, मम्मी को बोलो कि कोम्प्लेंन पिलाए"
……………………..

वैदिक स्टाईल ऑफ़ मैनेजमेन्ट

आज सायंकालीन सैर के साथ हम सुन रहे थे गोविंद प्रभू का लेक्चर वैदिक स्टाईल ऑफ़ मैनेजमेन्ट। जिसमें उन्होंने क्षत्रिय और ब्राह्मण के गुण बताये हैं।

आज फ़िर सायंकालीन सैर के लिये हम निकल पड़े मरीना बीच की ओर, फ़िर वहाँ समुद्र के किनारे लहरों को देखते हुए घूम रहे थे और जहाँ जनता थोड़ी भी कम होती थी वहीं युगलों की जुगत जमी रहती थी और युगल समुन्दर के किनारे एक दूसरे के आगोश में, एक दूसरे की बाँहों में, और भी न जाने कैसे कैसे बैठे थे जिससे बस वह अपने साथी के ज्यादा से ज्यादा समीप आ सके। खैर यह तो सभी जगह होता है कोई नई बात नहीं है।

फ़िर जब वापिस आने को हुए तो लेक्चर खत्म हो चुका था और एफ़.एम. पर गाने सारे तमिल भाषा में आ रहे थे, जो कि अपनी समझ से बाहर थे तो अपनी एम.पी.३ लिस्ट पर नजर डाली तो गुलाल के गाने नजर आये, बस मन चहक उठा, “मन बोले चकमक ओये चकमक, चकमक चकमक”, “रानाजी मोरे गुस्से में आये ऐसे बलखाये आय हाय जैसे दूर देश के टॉवर में घुस जाये रे ऐरोप्लेन” ।

सुबह की सैर, श्रीमद्भागवदम और गीता जी का ज्ञान …

    आज की सैर के लिये हम निकले तो थोड़ा समय ज्यादा हो गया था और हम सुन रहे थे द्वारकाधीश प्रभू का लेक्चर “Sanyas Means Krishna Centered Love”। रोज सुबह एक लेक्चर सुन लेते हैं जिससे कृष्णजी के प्रति अनुराग और गहरा होता जाता है और श्रीमद्भागवदम और गीता जी से कुछ सीखने को मिल जाता है। अब वेद तो हम पढ़ने से रहे, क्योंकि वेद संस्कृत में लिखे हैं और संस्कृत संपूर्ण व्याकरण के साथ सीखने के लिये पूरे १२ वर्ष लगते हैं और फ़िर वैदिक खगोल और ज्योतिष का भी ज्ञान होना चाहिये इसलिये निर्मल भाषा में हम संदर्भ सुनकर इस तुच्छ जीवन का उद्धार करना चाहते हैं। और हर समय मन में महामंत्र रहता है..

“हरे कृष्णा हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे”
    आज सुबह की सैर करने हम यहाँ के पॉश इलाके में गये जहाँ जयललिता, रजनीकांत, मुख्यमंत्री करुणानिधी रहते हैं, अच्छी खासी धूप निकल आने के बाद भी यहाँ सड़कों पर घनी छांव थी, फ़िर मुख्य सड़क पर अमेरिका का वीजा केन्द्र भी पड़ा क्या बड़ा और क्या छोटा सब लाईन में दीवार के किनारे खड़े थे अपने वीजा आवेदन के साथ, और सुरक्षाकर्मी मुस्तैद थे अपनी बंदूकों के साथ।
    सुबह घूमने जाने का एक नुकसान  भी है, कि लगने लगता है जब व्यक्ति मोटा होता है या उसे वजन घटाना होता है तभी वह मजबूरी में घूमता है, जगह जगह वजन की मशीन और फ़्री फ़ेट चैक अप के पोस्टर लिये लोग अपना व्यापार करने के लिये खड़े रहते हैं, और घूमने वालों को देखो तो ९८% केवल मोटे लोग ही दीखते हैं और केवल २% तंदरुस्त लोग घूमने वाले दीखते हैं।
कुछ और फ़ोटो चैन्नई के –
दीवारों पर सांस्कृतिक लोकनृत्यों के उकेरे हुए चित्र –
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चैन्नई मरीना बीच पर सुबह की तफ़री और समुद्र के कुछ फ़ोटो..

वैसे तो आजकल सुबह शाम घूमना बहुत जरुरी हो गया है, क्योंकि अब घूमना भी मजबूरी है, पसीना बहाओ, जितना हो सके और अपना वजन कम करो, अब चैन्नई में हैं तो आज सुबह का घूमना हमने मरीना बीच जाना तय किया और कुछ फ़ोटो भी निकाले। सुबह लोग समुद्र के पानी में लहरों के साथ मस्ती कर रहे थे, तो अनायास ही मुझे अपने बेटे की याद आ गयी, उसे भी ये अठखेलियाँ करना बहुत पसंद है, किनारे पर नावों का जमावाड़ा लगा था, वे नावें अपने नाविकों का इंतजार कर रहीं थीं।

देखिये और बाकी सुबह घूमने का आनंद और सुख केवल वही जान सकते हैं जो सुबह घूमने जाते हैं, सार्वजनिक करना ठीक नहीं है 🙂

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पहला दिन था अंदाजा ही नहीं लगा कि कितनी दूर आ गये हैं वहीं से पता लगाकर बस पकड़कर वापिस आ गये, तो उस बस के टिकट का भी फ़ोटो चस्पा दिये हैं, और साथ ही आजकल छावा पढ़ रहे हैं, जब भी जैसे भी समय मिल जाता है तो पढ़ते रहते हैं।

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“बाल टाक रे” बेवकूफ़ी है, पर फ़िर भी अच्छा है !!

आस्ट्रेलिया और भारत के बीच वानखेड़े स्टेडियम में क्रिकेट मैच चल रहा था, और वहीं बालकनी में बाल ठाकरे बैठ कर मैच का आनंद ले रहे थे और बहुत खुश थे कि यहाँ पर पाकिस्तानी खिलाड़ी नहीं खेल रहे हैं।
अचानक सचिन तेंदुलकर ने मैक्ग्राथ की गेंद पर छक्का मर दिया, और गेंद सीधी बाल ठ्करे के पास वाली सीट पर गिरी…
मैक्ग्राथ जोर से चिल्लाकर बोला हे ! गिव मी बोल
ठाकरे भी चिल्लाया ऐ… मराठी में बोल
मैक्ग्राथ को समझ में नहीं आया कि वह क्या बोला, फ़िर मैक्ग्राथ ने वापिस से वही बोला और ठाकरे की ओर से वही जबाब मिला।
तभी, बाऊँड्री के पास से एक सुरक्षा अधिकारी मैक्ग्राथ के पास गया और बोला,सर, यह बाल ठाकरे है
फ़िर मैक्ग्राथ विस्मित हो गया (क्योंकि उसने ठाकरे के बारे में सुन रखा था) और चिल्लाया ओ… बाल टाक रे
बाल ठाकरे खुश होकर गेंद मैक्ग्राथ की ओर फ़ेंक देता है।
जय महाराष्ट्र !!

पैंटिंग्स अमिताभ बच्चन की और अमिताभ बच्चन की टिप्पणियाँ

ये फ़ोटो नहीं हैं, ये पैंटिंग्स की फ़ोटो हैं । पैंटिंग्स वर्ल्ड आर्ट वर्क्स इंडिया के डॉ.  अनिल  कुमार ने बनाये हैं।

“These above are NOT pictures, they are pictures of paintings. Paintings done by Dr T Anil Kumar of World Art Works India Pvt Ltd, who has visited me this morning with this incredible piece of artwork. Quite quite overwhelming !! 68 characters over a period of 41 years and their distinct looks being put up asa a school classroom concept or on mugs. Absolutely amazing !! They shall be autographed by me and auctioned and the funds collected will be given in charity to the Siddhivinayak Temple at Prabha Devi in Mumbai.”  – Amitabh Bachchan


फ़ोटो देखने के लिये क्लिक करके देखिए ।

मैं सभी सेवाओं से तत्काल प्रभाव से “त्याग पत्र” दे चुका हूँ…

मैं तत्काल प्रभाव से मेरे सारे कार्यों से त्यागपत्र दे रहा हूँ —

मेरे इस्तीफे के लिए कारण है कि मैं आज सुबह मेरे गैरेज में काम पर जाने से पहले मुझे कुछ मिला.
 

अपने आप देख लीजिये ……
   

मेरा नया हिन्दी ब्लॉग “भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित”

आज मैंने नया ब्लॉग बनाया है कृष्ण हिन्दी । जो कि भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।

आज की पहली पोस्ट देखिये –

“पूतना वध” भागवतम – दशम स्कन्ध, भाग छ: 

बहुत सारा लिखना है, पर अभी समय नहीं मिल पा रहा है…

बहुत सारा लिखना है, बहुत कुछ चल रहा है जो आप सबको बताना है बाँटना है, पर समय की कमी के कारण कुछ भी लिख नहीं पा रहा हूँ। जल्दी ही अब लिखूँगा, थोड़ा सा ओर इंतजार करना पड़ेगा।