QNET कंपनी का टाईम्स ऑफ इंडिया में दो दिन पहले ही पूरे मुख्य पेज का एक विज्ञापन आया था, मैं तो उस विज्ञापन को देखकर ही हतप्रभ था, कि फिर एक बड़ी पैसे घुमाने वाली कंपनी, उत्पादों के सहारे कैसे भारत में एक बड़ी एन्ट्री कर रही है। यह सब पौंजी स्कीम कहलाती है, जिसमें कि आपको कुछ लोगों को अपने नीचे लोगों को जोड़ना होता है, जिसके बदले आपको उन पैसों से कमीशन दिया जाता है जिन पैसों से वे लोग आपके नीचे उस कंपनी के लिये आपसे जुड़ते हैं। अगर उस कंपनी के उत्पाद भी देखेंगे तो आपको पता चल जायेगा कि यह कंपनी उत्पाद के लिये नहीं बल्कि सीधे सीधे मनी रोटेटिंग का काम मल्टी लेवल मार्केटिंग के सहारे कर रही है।
QNET के पहले आप स्पीक एशिया पर लिखी गईं पोस्ट पढ़ सकते हैं, जिनके बारे में हमने पहले ही अनुमान में बताया था कि ये भाग लेंगे –
स्पीक एशिया ऑनलाईन संभावित बड़ा घोटाला तो नहीं (Probable Scam SpeakAsiaOnline.com !!)
अब स्पीक एशिया ऑनलाईन SpeakAsiaOnline.com का क्या होगा ? लालच की पराकाष्ठा कर दी ।
इस कंपनी के बारे में मुझे आज सितंबर 2015 में पता चला था जब मैं बैंगलोर आया ही था और मेरे एक परिचित जो भारत के बाहर रहते हैं, उन्होंने मुझे कहा कि उनके पास एक बिजनेस स्कीम है और आप सॉफ्टवेयर फील्ड में ही हूँ तो इसलिये यह और भी अच्छा है, क्योंकि यह बिजनेस आईडिया भी ऑनलाईन ही है, वो बोला कि अपने नीचे वो भारत में कुछ 3-4 मेम्बर बना रहा हूँ तो सोचा कि सबसे पहले आपको मेम्बर बनाऊँ, क्योंकि वरिष्ठ सदस्य ऐसे होने चाहिये जो कि दूसरों को अपने प्रभाव से प्रभावित कर सकें और लोगों को आसानी से सदस्य बना सकें। मुझे समझाने की बहुत कोशिश की तो मैंने सोचा कि चलो क्या आईडिया है देखने में हर्ज नहीं है, पर मैंने अपने परिचित से पूछा कि क्या आईडिया है तो वे बताने की जगह मुझे कहने लगे कि वह आईडिया ऐसे फोन पर नहीं समझा जा सकता है, उसके लिये मीटिंग्स होती हैं और वहाँ अच्छे से समझा जा सकता है.
मेरे परिचित ने कहा कि मीटिंग बारिस्ता कैफे में है और उन्होंने मुझे पता बता दिया, मैं भी मिलने निकल गया, परंतु मेरे अभी तक के अनुभव से मुझे यह तो समझ में आ गया था कि हो न हो यह जो भी बिजनेस आईडिया में समझने जा रहा हूँ इसके पीछे कहीं न कहीं पौंजी स्कीम और मल्टी लेवल मार्केटिंग ही होगा, नहीं तो कोई भी बिना मेहनत का बिजनेस इतनी जल्दी सफल नहीं होता और लोग आपके पीछे अपना बिजनेस आईडिया के लिये नहीं पड़ते, क्योंकि जो भी बिजनेस करता है, उनके अपने सीक्रेट होते हैं और वे किसे से भी शेयर नहीं करते हैं। खैर मैं यही सोचता हुआ बारिस्त कैफे पहुँच गया और वहाँ देखा तो बहुत से लोग बिल्कुल उसी तरह के माहौल में थे जिसके मुझे अनुभव था।
मुझे जिनसे मिलना था मैंने वहाँ उपस्थित सज्जनों से पूछा तो वे एकदम सतर्कता से किसी एक व्यक्ति के पास ले गये और उन्होंने मेरा लगभग एक घंटा लिया, और मेरे बारे में बहुत से प्रश्न पूछने लगे जिससे मैं उनसे प्रभावित हो जाऊँ, पर ये सब ट्रिक्स मुझे पहले से ही पता थीं तो मुझे पता था कि क्या जबाब देना है, वे मेरे जबाबों से थोड़ा विचलित हो रहे थे, क्योंकि उन्हें समझ में आ गया था कि मैं उनके जाल में फँसने वाला नहीं हूँ, और जिस तरह से वह लड़का और लड़की बात कर रहे थे, उससे यह तो समझ में आ गया कि ये लोग भी जल्दी पैसे कमाने के चक्कर में इस कंपनी के जाल में फँस गये हैं और नये लोगों को फँसाने की मजबूरी उनकी बात करने के तरीके से समझ में आ रही थी, ऐसा लग रहा था कि वे लोग मानसिक रूप से गिड़गिड़ा रहे हों कि आप भी सदस्य बन जायें तो हमें भी कुछ पैसा मिल जायेगा। उन लोगों के बात करने से ही पता चल रहा था कि उन लोगों में अपने बिजनेस में ही विश्वास नहीं है।
हर कोई चाहता है कि बिना काम किये बस जल्दी से जल्दी पैसा कमा ले और फिर कुछ ऐसा हो जाये कि पर माह कुछ न कुछ आमदनी होती रहे। पर यह सब भ्रम है, सपना है, हकीकत नहीं, इसलिये आँखें खोलकर इस तरह की कंपनियों के बारे में जानना चाहिये और अगर आपको न समझ में आये तो अपने किसी परिचित से जिसे इसके बारे में पता हो, पूछना चाहिये, नहीं तो गूगल कर ढ़ूँढ़ना चाहिये, तब भी न समझ में आये तो अपने फेसबुक पर इस बाबद स्टेटस लिखें, ट्विटर पर ट्विट करें, आपको सच्चाई एकदम पता चल जायेगी।
इसी बारे में कुछ सालो पहले एक पोस्ट लिखी थी, तो उससे भी बहुत से लोग स्पीकएशिया के बारे में लिखा था और अगले ही महीने भारत सरकार ने उस कंपनी पर कार्यवाही कर दी थी। सावधान रहें, याद रखें कि आपने पैसा बहुत मेहनत करके कमाया है, और लोग उसी पैसे को लूटने के लिये बाजार में बैठे हैं।
अभी मैंने जब http://www.qnetindia.in/ को खोलने की कोशिश की तो यह मैसेज आया –
“Your requested URL has been blocked as per the directions received from Department of Telecommunications, Government of India. Please contact administrator for more information.”
जयपुर में मोदी केयर वालो के प्रचारकों की मीटिंग में मुझे जबरन आमंत्रित कर लिया। मैं समझ गया था, कयोंकि कह रहे थे अभी जो भाषण देने आने वाले हैंवे इसकी वजह से फारच्युनर कार के मालिक बन गए, खूब पैसा हो गया। लेकिन वे मीटिंग खत्म होने तक नहीं आए और यह कहा गया जरुरी काम से वे गुडगांव गए अभी अभी। दूसरी बार भी यही हुआ। उसके बाद मैं कभी गया नहीं। हां, उधर जो लोग मिले थे वे अब मिलते हैं तो पूछता हूं मारुति अलटो तो आ ही गई हेागी आपके पास..;तो रोते हुए मिलते हैं। जय सियाराम हो गया सबका
जी जहाँ आसान पैसा होता है, मतलब दाल में काला नहीं, दाल ही काली होती है।