गाजर का हलवा बचपन से ही बहुत पसंद है। गाजर के हलवे के लिये हम हमेशा ही सर्दियों का इंतजार करते थे, सर्दियों में गरमा गरम गाजर का हलवा स्वादिष्ट लगता है, कहते हैं कि गाजर खाने से खून भी बढ़ता है और आँखों की रोशनी भी बढ़ती है। हलवा तो वैसे भी कोई भी हो, हमेशा ही मुँह में पानी ले आता है। यह अलग बात है कि हलवे को बनाने में बहुत समय लगता है और इसमें जबरदस्त कैलोरी भी होती हैं।
.
गाजर के हलवे के लिये बढ़िया सी लाल मोटी वाली गाजरें लाई जाती हैं और फिर उन्हें छीलकर बारीक कस लिया जाता है, बारीक कसने के बाद, हम उन्हें शुद्ध देसी घी में कसी हुई गाजर को हल्का सा भून लेते हैं, इससे स्वाद अच्छा आता है, सुना है कि हलवाई लोग ऐसे ही बनाते हैं। फिर जितने किलो गाजर ली जाती है लगभग उतना ही फुल क्रीम गाय का दूध लिया जाता है, अगर 2 किलो गाजर ली गई है तो 2 लीटर दूध लिया जायेगा।
.
दूध को उबाल लगाने के बाद, इसमें धीरे धीरे भुनी हुई गाजर डाल दी जाती है, और फिर गैस को मीडियम या हाई फ्लैम पर रखकर लगातार चलाते रहना होता है, जिससे गाजर बर्तन के तले से न लग जाये, और ऊपर दूध बर्तन की दीवार पर न जल जाये। इस प्रक्रिया को लगभग 2 घंटे लगते हैं। जब दूध पूरा जल जाये तब अपने हिसाब से शक्कर डाल दीजिये, हम 1 किलो गाजर में 100 ग्राम शक्कर डालते हैं, जो कि बिल्कुल सही लगती है।
.
शक्कर डालने के बाद फिर से हलवे को चलाना होता है, जब तक कि पूरा पानी जल न जाये। एक अलग बर्तन में शुद्ध देसी घी में कटे हुए काजू, बादाम को रोस्ट कर लीजिये, केवल हल्के से, जिससे ये मेवे जल न जायें। इसके बाद इस काजू बादाम के तड़के को गाजर के हलवे में मिला दीजिये। गाजर के हलवे को गार्निश करने के लिये खोपरे के बूरे का इस्तेमाल किया जा सकता है। फ्रिज में रखने पर यह हलवा आराम से कई दिन चल जाता है। तो बनाते रहिये खाते रहिये।