Tag Archives: जापान

ट्रेडर जिसने केवल इंट्राडे ट्रेड में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा कमाया

BNF aka Takashi Kotegawa की कहानी बताते हैं, यह जापानी ट्रेडर हैं। जिसने केवल इंट्राडे ट्रेड में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा कमाया।

इस बंदे को 18 साल की उम्र से ही शेयर बाजार में ट्रेडिंग का चस्का लग गया था जिसके लिए इसने बहुत मेहनत कर करके $16000 जोड़े और इन $16000 से वह बाजार में ट्रेडिंग करने उतरा और उसने अपनी पिछले 5-6 साल की चार्ट देखने की प्रेक्टिस को आजमाया।

लेकिन इसका एक भी स्ट्रेटेजी सही तरीके से काम नहीं कर रही थी, फिर उसने अपनी स्ट्रेटेजी बदली और लगातार फाइन ट्यून करते गया उसके बाद उसने 2 साल में एक मिलियन डॉलर बनाया फिर उसके अगले 2 साल में उसने दो मिलियन डॉलर बनाया।

इनकी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी मूलत बियर मार्केट की थी लेकिन जब बियर मार्केट से विश्व के सारे बाजार बुल मार्केट में तब्दील हो गए तो इन्हें घाटा होने लगा। तब उन्होंने अपनी बियर मार्केट की स्ट्रैटेजी छोड़कर बुल मार्केट में नई स्ट्रेटजी बनाई इन्होंने पैसा बनाया लेकिन को मजा नहीं आ रहा था क्योंकि वह स्वभाव के बियर थे।

फिर आया 2005 जिसके कारण यह विश्व प्रसिद्ध है उसे समय जापान की जीकॉम कंपनी लिस्ट हुई थी। जिसमें mizuho कारपोरेशन के एक डीलर ने एक गलत आर्डर लगा दिया उसे एक शेयर 6 लाख 10 हजार येन में लगाने को कहा गया था, लेकिन डीलर ने गलती से 6 लाख 10 हजार शेयर एक येन में बेचने में डाल दिए, इस बहती गंगा में बहुत सारे लोगों ने हाथ धोए और भर भर के शेयर खरीदे bnf ने भी 7100 शेयर खरीदे।

Bnf ने 1100 शेयर उसी दिन कुछ प्रॉफिट बुक करने के लिए बेच दिए और बाकी 6000 शेयर अपने पास रख लिए। mizuho ने उन सब शेयर ट्रेडर्स को अपने ऑफिस में बुलाया और उनको कन्वींस करके अपने शेयर वापस से उस भाव में खरीद लिए जिस भाव में बेचे गए थे। परंतु bnf ने ऐसा करने से मना कर दिया। तब mizuho ने bnf के साथ एक सेटलमेंट किया कि अगले दिन जिस भी भाव में जीकॉम का शेर खुलेगा उसे भाव में mizuho bnf से सारे शेयर खरीद लेगा अगले दिन सुबह एक शेयर का भाव 9 लाख 75 हजार येन खुला, और इस तरह bnf ने एक ट्रेड में लगभग दो बिलियन डॉलर कमाए।

कहानी लंबी है बाकी की कहानी कभी और।

भारत और जापान के हवाईअड्डों पर सुरक्षा

अपने भारत में हवाईअड्डों पर सुरक्षा जबरदस्त रहती है और रहनी भी चाहिये। अब टर्मिनल 1 2 पर जाने के पहले बकायदा बड़े बड़े स्पीडब्रेकर बनाकर चेकपोस्ट पर ऑटोमेटिक गन्स के साथ सिक्योरिटी रहती है, अगर कोई भी उनको संदिग्ध दिखता है, तो गाड़ी से सवारियाँ उतारकर पूरी गाड़ी की तलाशी ली जाती है, पिछली बार जाते समय 1 परिवार को खड़ा कर रखा था, वे टैक्सी में थे, परिवार परेशान सा लग रहा था।

हम जब जापान जा रहे थे, तो अपने लेपटॉप बैग में इलोक्ट्रानिक आइटम का एक का पाउच अलग से रखते हैं। जब सिक्योरिटी से निकले तो हमारा लेपटॉप बैग को कन्वेयर बेल्ट के दूसरे ट्रेक पर डाल दिया, तो हमें लगा कि अपनी स्टील की बोतल में पानी है, इसलिये खाली करवायेंगे।

जब सिक्योरिटी के पास गए, तो पानी की बोतल का तो पूछा नहीं, केवल इलेक्ट्रॉनिक आइटम वाले पाउच को खाली करके दिखाने को कहा, हमने 8 AA बैटरी रखी हुई थीं, जिसमें 4 खुली हुई थीं और 4 पैक थीं, पूछने लगे कि ये 8 बैटरी क्यों, allow नहीं हैं, हमने कहा कि bp मशीन में 4 बैटरी एक बार में लगती हैं, तो कहने लगे bp मशीन दिखाओ, हमने कहा वो तो चैकइन में है, तो कहने लगे कि bp मशीन भी इसी के साथ लाना चाहिये। फिर 6 बैटरी हाथ में लेकर कहा कि बस 2 बैटरी ही ले जा सकते हैं, हमने कहा बची हुई 2 बैटरी उनके हाथ में रखते हुए कि आप ये भी रख लो, 2 बैटरी मेरे किस काम की, एक बार में 4 लगती हैं, कई बार बैटरी जल्द खत्म हो जाती है तो स्पेयर बैटरी रखकर ले जा रहे हैं, कि नये देश में कहाँ ढूँढते फिरेंगे।

तो उन्होंने कहा ये लो जी आप आठों बैटरी ले जाओ, फिर वे यूनिवर्सल ट्रेवल अडॉप्टर को घुमा घुमाकर देखने लगे, मुझे एक बार लगा कि मैं तो शक्ल से ही पढा लिखा दंगेबाज दिख रहा हूँ इन सिक्योरिटी वालों को, जबकि अच्छी ड्रेसिंग करके ट्रेवल कर रहा था। खैर हमने सारा सामान फिर से पैक किया और चल दिये।

जब जापान से वापिस आ रहे थे, तो वहाँ स्कैनिंग की कुछ अलग ही मशीन थीं, अपने यहाँ जैसे हाथ से स्कैनर से प्लेटफार्म पर खड़े होकर, हाथ साइड में करके स्कैन करते हैं, वहाँ ऐसा नहीं था , वहाँ ऑटोमैटिक स्कैनर लगा हुआ था, जिसमें जैसे हाथ पैर को करने के पॉइंट बने थे, बस वैसे करना था, प्रक्रिया वही थी, बस हैंड हैल्ड स्कैनर की जगह सब कुछ ऑटोमैटिक था।

जब कन्वेयर बेल्ट पर अपना समान रखा तो वहाँ फिर से अपना लेपटॉप बैग कन्वेयर बेल्ट से अलग करके लिया, हमें लगा फिर बैटरी का ही पंगा होगा, इस बार तो साथ में 6 AAA बैटरी भी थीं। पर उन्होंने पानी की बोतल निकाली और कहा पानी नहीं ले जा सकते, औऱ एक केन में कुप्पी लगी हुई थी, उसमें पूरा पानी खाली कर दिया, पलास्टिक की पानी बोतल पहले ही डस्टबीन में फिकवा दी थी। बस फिर हमें जाने दिया।

हमने सोचा बताओ दोनों जगह सुरक्षा की चिंता ही अलग अलग थीं, भारत में बैटरी असुरक्षित लगी, जबकि पानी से उन्हें कोई समस्या नहीं थी, पर जापान में पानी असुरक्षित लगा और बैटरी से उन्हें कोई समस्या नहीं थी।

बैंगलोर से टोक्यो यात्रा


18 मार्च की रात 9 बजे घर से बैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 के लिये निकले और ट्रैफिक होने के बावजूद 10.20 पर पहुँच गये। हवाई अड्डे पर सुरक्षा अधिकारियों ने पासपोर्ट और टिकट देखा, फिर बोले कि फ्लाईट 2.40 की है, हमने कहा हाँ जी, पहले सोचा कि अभी बोलेंगे कि 20 मिनिट बाद आना, पर 4 घन्टे के पहले भी जाने दिया।

फिर अंदर पहुँचकर हवाईअड्डा निहारने लगे। जबरदस्त कलाकारी की गई है। सारी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें यहीं से जाती हैं, और कुछ अंतर्देशीय उड़ानें भी यहाँ आती जाती हैं। बड़े दिनों बाद उड़ रहे थे, घर से अब 35 दिन बाहर भी रहना मन को थोड़ा अजीब कर रहा था।

फिर सहायता कर्मियों से पूछा कि जापान एयरलाइन्स का कौन सा काउंटर है, तो हमें बताया गया कि F काउंटर है, जहाँ के सारे बोर्डिंग पास काउंटर बंद थे, हम भी वहीं सामने पड़ी कुर्सी पर धरना देकर बैठ गये।

सोने की कोशिश करी, पर नींद उस समय आ ही नहीं रही थी। जब हम पहुँचे थे तब तीसरे यात्री थे, पर धीरे धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी, हमने aisle सीट ली थी, कि हमें किसी को परेशान न करना पड़े। विस्तारा के साथ जापान एयरलाइन्स वालों का गठबंधन है, तो जब काउंटर वाले आ गये, उसके बाद उन्होंने जापानी भाषा में कुछ कहा और सबने 90 डिग्री झुककर सभी यात्रियों का अभिवादन किया।

फिर चेकइन बैगेज लिया,हम 2 बैगेज 23 kg के ले जा सकते थे, पर एक बैग ही भरने में पसीने आ गए, खैर वजन हुआ 23.1 kg, हम घर से ही तोलकर ले गये थे। बोर्डिंग पास दिया, खाने में हमने इंडियन वेज मील लिया था, उसका एक पर्चा दिया कि, क्या क्या मिलेगा। कलर प्रिंट दिया, सोचा ये देखो बर्बादी।

हम चल दिये अंतरराष्ट्रीय प्रस्थान के लिये, वहाँ पहले बोर्डिंग पास स्कैन करवाया, और उसके बाद इमिग्रेशन, आश्चर्य हुआ कि अब इमिग्रेशन फॉर्म नहीं भरना पड़ता, इमिग्रेशन पर हमारा पासपोर्ट और बोर्डिंग पास लाया, हमसे पूछा कि कितने दिन के लिये और क्यों जा रहे हो, क्या काम करते हो, बस हो गया, पासपोर्ट पर सील लगाकर हमें छोड़ दिया।

अब सिक्योरिटी करनी थी, यह भी आसान थी, हमारे पास AA 8 बैटरी थीं, वे बोले इतनी बैटरी नहीं ले जा सकते, हमने कहा bp मशीन की है, तो बोले bp मशीब दिखाओ, हमने कहा वो तो चेकइन कर दी, तो बोले साथ में रखना चाहिये, वे बोले कि बस 2 बैटरी ले जा सकते हैं, हमने कहा एक बार में 4 लगती हैं, और बैटरी जल्दी खत्म हो जाती हैं, अगर allow नहीं है तो 2 भी क्या ही ले जाना है, सारी रख लो, फिर उसके मन में जाने क्या आया कि बोला, जाइये आप सारी ले जाइये।

फिर पहुँचे ड्यूटी फ्री, दारू की बोतलों को निहारा, रिटर्न के लिये बुक करने लगे तो बोले कि केवल 30 दिन आगे तो की ही बुक कर सकते हैं, आप ऑनलाइन बुक कर लेना। क्योंकि पहले बुक करने पर 10% का डिस्काउंट मिलता है।

टर्मिनल 2 बढ़िया बनाया हुआ है, कुछ फोटो भी लिये, फिर अपने C2 गेट पर आकर लंबी चेयर पर पैर पसारकर 2 घन्टे फ्लाइट उड़ने तक आराम किया। बैंगलोर से टोक्यो के लिये सुबह 3 बजे फ्लाइट उड़ी।