एक पाकिस्तानी चिठ्ठाकार का सौन्दर्य प्रेम |
इस चिठ्ठाकार ने बहुत सी पाकिस्तानी लडकियों के चित्र लगाये हुए हैं, वाकई में खूबसूरत |
चटका लगायें पाकिस्तान के सौंदर्य
एक पाकिस्तानी चिठ्ठाकार का सौन्दर्य प्रेम |
इस चिठ्ठाकार ने बहुत सी पाकिस्तानी लडकियों के चित्र लगाये हुए हैं, वाकई में खूबसूरत |
चटका लगायें पाकिस्तान के सौंदर्य
अभी हाल ही में नई तकनीक आई है, अब आप कम्प्यूटर पर (लेपटाप पर भी) टीवी देख पायेंगें। इस के कुछ फायदे इस प्रकार हैं –
1) महीने की फीस नहीं चुकानी पड़ेगी, यानि के बिल्कुल मुफ्त वो भी जिंदगी भर उपग्रह टीवी पीसी पर ।
2) इतने सारे चैनल – 3000 चैनल देख सकते हैं आप अपने पीसी या लेपटाप पर।
3) टीवी आपके साथ हमेशा – आप विश्व के किसी भी हिस्से में हों पर आप अपने लेपटाप पर टीवी देख सकते हैं।
4) अपने मनपसंदीदा कार्यक्रम डाउनलोड करके बाद में भी देख सकते हैं।
5) दुनियाभर के सभी प्रसिद्ध चैनल जैसे – फोक्स, बीबीसी, इएसपीएन, सीएनएन और भी बहुत सारे।
6) 78 देशों के चैनल उपलब्ध।
7) सभी प्रकार के श्रेणियों के चैनल उपलब्ध।
8) सभी लाईव कार्यक्रम संपूर्ण विश्व से।
9) प्राकृतिक आपदाओं से सेवा प्रभावित नहीं होती है इसलिए यह बहुत विश्वसनीय सेवा है।
10) कोई अलग से हार्डवेयर लगाने की जरूरत नहीं है . केवल एक छोटे से सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता है और ब्राडबेंड की।
इस सॉफ्टवेयर को कहा जाता है उपग्रह टीवी पीसी के लिये (Satellite TV for PC). उपग्रह टीवी पीसी के लिये सॉफ्टवेयर 7 वर्षों से अधिक समर्पित अनुसंधान और विकास का नतीजा है जो कि कानूनी तौर पर हजारों की संख्या में टेलीविजन चैनलों को पूरे विश्व में भेजता है आपके कंप्यूटर के लिये, इंटरनेट के माध्यम से।
आप इस सॉफ़्टवेयर को संस्थापित करने के बाद 3000 से ज्यादा चैनल देख सकते हैं वो भी डीवीडी फिल्म गुणवत्ता के साथ ।
केवल एक बार भुगतान करना हैं| वह भी मात्र 2500/- रुपये / 45.95$.
ज्यादा जानकारी के लिये कि टीवी पीसी के लिए कैसे काम करता है व आप किधर से सॉफ़्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं चटका लगायें उपग्रह टीवी पीसी के लिये।
लेख :
PC TV – How To Watch Free Online TV In Your Computer
Satellite TV For PC – Watch TV Online In Your PC
आज बहुत दिनों के बाद हिन्दी टाईप करने के लिये सिस्टम मिला है नहीं तो क्लाइंट साईट पर या तो टाईम नहीं होता या फिर सिस्टम में नया साफ्टवेयर संस्थापित करने के लिये पर्याप्त राइट्स नहीं होते हैं।
हमें यह दिल्ली में पडे़ हुए पूरे 4 महीने होने आये हैं ओर अगले दो महीने और बाकी हैं मुंबई जाने के लिये। अच्छा यह रहा कि दिल्ली में ज्यादा गरमी नहीं पड़ रही है थोड़ा मौसम ठीक है, क्योंकि पहले ही बेमौसम बरसात हो चुकी है। पर वह् मुंबई में बरसात अपना रंग दिखा रही है और हम वह लुत्फ़ नहीं ले पा रहे हैं।
यह् तो दिनभर काम करने के बाद बस बिस्तर ही नजर आता है और ताजा समाचार या तो फोन पर घ़रवाली बताती है या फिर सुबह समाचार पत्र ।
रोज सुबह होटल में या तो बटर टोस्ट खा लो या फिर आलू परांठा, दोपहर में कनाट प्लेस में बनाना लीफ में साउथ इंडियन, पंजाबी ढाबे का प्योर तेल वाला पंजाबी खाना या फिर राजमा चावल। अब तो हालत यह हो गयी है कि घर का खाना खाने से हाजमा खराब हो जाता है। पर हां शाम को करोलबाग या चांदनीचौक चले जाओ तो दिल्ली की चाट का आनंद ले लो नहीं तो दिन मे छोले कुल्चे, दही भल्ले भी बुरे नहीं हैं।
दुनिया में बड़ी बड़ी खबरें हो गयीं पर हम उन पर चिंतन नहीं कर पाये वैसे भी चिंतन करके हम कर क्या लेते। जैसे कि कच्चे तेल का भाव 145 $ हो गया, शेयर मार्केट अपने निम्नतम स्तर पर, सोने का दाम आसमान पर, महंगाई और न्यूक्लियर मुद्दे पर लेफ्ट का बबाल, सरकार पर खतरा, अमरनाथ श्राईन बोर्ड भूमि विवाद इत्यादि । किंतु हां हम दुनिया से थोडे बहुत जुडे हुए हैं।
बहुत दिनों बाद लिखा है आज ही कैफे हिन्दी से डाउनलोड किया है, पहली बार लिख रहा हूं मात्राओं की गल्ती के लिये क्षमा चाहता हूं।
बाजार १८,००० की तरफ़ बढ गया है और अगर एक बार यह १८,००० को पार कर जाता है तो शायद यह २२,००० पर जाकर रुकेगी, पर इन सब गतिविधियों पर सरकार एवं सेबी को नजर रखना चाहिये कि कहीं छोटे निवेशक इसमें डूब न जायें। केवल वित्तमंत्री द्वारा चेतावनी जारी करने से काम नहीं चलेगा कि आम निवेशक ध्यान से निवेश करें, अरे निवेशक को पता है कि बाजार में जोखिम है पर उसके हितों की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है जिससे आम निवेशक जोखिम का सही आंकलन कर निवेश करने की हिम्मत करे ।
क्या हिन्दी दिवस मनाना उचित है। कि हमें हमारी मात्रभाषा की रक्षा करना पड रही है और इस लिये हमें सरकारी रुप से यह दिन याद करना पड रहा है। लेकिन हम भी तो बडे बिगडेल हैं व हमारी सरकार भी कि आज हिन्दी दिवस मनाने के बाद फ़िर एक साल के लिये भूल जायेंगे ।
आजकल मुंबई की लोकल के धक्के खा रहे हैं, व वेस्टर्न लाइन में भगवान क्या क्या नहीं देखना पड्ता शायद लोगों को घर पर समय नहीं मिलता या फिर घर नहीं मिलता ये सब करने के लिये जो सार्वजनिक करते हैं, चुम्मा चुम्मी तो आम है कोई देखता ही नहीं है ओर हमारे शहर में हो तो क्या हल्ला मचे ! जूहू बीच जाइये समुन्दर का नजारा तो अहा ! व पीछे बीच का नजारा आह! आह! अहा! क्या करुँ शब्द नहीं मिल रहे हैं| देखिये भैया यहाँ क्या क्या होता है नहीं हम देखते हैं ओर आप सबको बतायेंगे |
भारत के चुनावी इतिहास में बसपा इकलौती ऐसी पार्टी है, तो बिना घोषणापत्र के चुनाव लड़ रही है ।