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सावधि जीवन बीमा योजना – जीवन बीमा के बारे में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले तथ्य (Some Amazing Truths about Term Insurance..)

    यह बात बिल्कुल सही कही गई है कि आज कल की दुनिया में सामान्यबोध, बिल्कुल असामान्य हो चुका है। जी हाँ आज की दुनिया का यह एक कड़वा सच है। खैर इस पोस्ट में जीवन बीमा सावधि योजनाओं को मैं अच्छा साबित करने की कोशिश कर रहा हूँ।

    यहाँ दस बुनियादी सवालों की एक सूची में दे रहा हूँ, जो कि आपको जीवन बीमा में निवेश करते समय या खरीदते समय आपको इसके ऊपर सोचना चाहिये –

१. जीवन बीमा का सबसे सरल तरीका क्या है ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना

२. जीवन बीमा लेने का सबसे सस्ता तरीका क्या है?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना 

३. जीवन बीमा का सबसे बुनियादी और विशुद्ध रुप क्या है ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना 

४. जीवन बीमा का सबसे अच्छा तरीका क्या है ?

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५. कौन से जीवन बीमा योजना तुलना करने के लिये सबसे सरल हैं ?

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६. जीवन बीमा योजना लेने का सबसे अच्छा तरीका क्या है जिसे आप आर्थिक रुप से वहन कर सकें ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना

७. जीवन बीमा की कौन सी योजनाओं के बारे में आपका बीमा एजेन्ट या बीमा सलाहकार चर्चा करने को ही तैयार नहीं होता है, या आपको खरीदने के लिये हतोत्साहित करता है?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना

८. कौन सी बीमा योजना की बिक्री सबसे कम होती है ?

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९. कौन सा बीमा योजना है जो आप आसानी से समाप्त कर सकते हैं?

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१०. कौन सा सबसे अच्छा उपहार है जो आप अपने परिवार को दे सकते हैं ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना 

    क्या यह आश्चर्यजनक नहीं है? जीवन बीमा  का सबसे अच्छा तईका होने के बाबजूद, सावधि जीवन बीमा  की बिक्री बहुत कम है। जबकि सावधि जीवन बीमा योजनाएँ, जीवन बीमा  करवाने का सबसे असरकारी, प्रभावी तरीका है, पर केवल कुछ ही लोग इसके बारे में जानते हैं।

    खैर, आपको कौन सा जीवन बीमा चुनना चाहिये ? आपको खुद ही तय करना है !

    अरे भाई !! अब किसका इंतजार करे रहे हो ? अभी फ़ोन उठाओ और अपने बीमा सलाहकार को बुलाओ और सावधि जीवन बीमा योजना खरीदने के लिये पूछो, कि कितने का है और कम से कम ४-५ विभिन्न बीमा कंपनियों के सावधि बीमा योजनाओं में तुलना कर लें इसके लिये आपको थोड़ी ओर मेहनत करनी होगी कि इन ४-५ बीमा कंपनियों के बीमा कितने के हैं, वो भी पता करना होगा तुलना करकर सबसे अच्छी और सस्ती योजना खरीद लीजिये। देर मत कीजिये, मैं सही कह रहा हूँ आप कभी भी अपने इस निर्णय के लिये नहीं पछताओगे।

    लेकिन इसे खरीदने के पहले, मैं आपको इस सावधि जीवन बीमा योजना  के बारे में यह बात बता दूँ कि जब यह बीमा खत्म होगा तो आपको कुछ भी मिलने वाला नहीं है। यह तथ्य ज्यादातर लोगों को पचने वाला नहीं है क्योंकि सबको अपने पैसे से बहुत ज्यादा प्यार होता है और इसी का फ़ायदा ये बीमा एजेन्ट उठाते हैं, इसी के फ़लस्वरुप जीवन बीमा के सही उद्देश्य से लोग भटक जाते हैं, और ये बीमा एजेन्ट लोगों को जीवन बीमा के सबसे मुख्य उद्देश्य से भटकाते हैं।

    अच्छा एक बात मुझे बताईये, जब आप अपने वाहन का बीमा करवाते हैं तो क्या उस रकम की वापसी की कोई उम्मीद करते हैं ? नहीं, इसी तरह यह विशुद्ध तरीका है जीवन बीमा का। अब तो इस तथ्य को समझिये कि जीवन बीमा का विशुद्ध रुप सावधि जीवन बीमा योजना (Term Life Insurance) है, और यह सुरक्षा देने के लिये सबसे महत्वपूर्ण उत्पाद है। परिवार को सुरक्षित रखने के लिये, अपने परिवार को विजेता बनाने के लिये, दुख से बचाने के लिये यह सावधि जीवन बीमा योजना  आपके पास होना ही चाहिये। मुझे उम्मीद है कि मैं सही तरीके से अपनी बात रख पा रहा हूँ, अगर समझ गये हैं तब भी और नहीं समझे हैं और भी कुछ प्रश्न हैं तो टिप्पणी करें।

सावधि (टर्म) जीवन बीमा योजनाओं के बारे में : कुछ तथ्य जिनके बारे में कम लोग जानते हैं.. (Something about Term Insurance…)

    मैंने अपनी पहली की पोस्टों में टर्म इंश्योरेन्स के बारे में बताया है, और उसमें सावधि जीवन बीमा योजना लेने की ही सलाह दी है ।

   उसी को जारे रखते हुए, इस पोस्ट में कुछ और चीजों को बता रहा हूँ जिसके बारे में निवेशकों और बीमाधारकों को कम जानकारी है, जिससे आप अपने जीवन में बीमा कौन सा लेना चाहिये और वह कितना महत्वपूर्ण है, इसका निर्णय अच्छे से ले पायेंगे।

सावधि (टर्म) जीवन बीमा योजनाओं के बारे में : कुछ तथ्य जिनके बारे में कम लोग जानते हैं

१. सावधि (टर्म) जीवन बीमा योजनाओं को जीवन बीमित करने का सबसे अच्छा साधन क्यों माना जाता है ?

    सावधि बीमा योजना को आपके परिवार की सुरक्षा के लिये बनाया गया है। यह जीवन बीमा का सबसे अच्छा तरीका है, क्योंकि इस जीवन बीमा का केवल और केवल एक ही उद्देश्य है आपके परिवार की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना, अगर दुर्भाग्य से कुछ हो जाता है तो। मौत के साथ ही परिवार का एक कमाने वाला सदस्य चला जाता है, जो कि घर चलाने के लिये आय करता था, अब घर चलाने के लिये आय तो नहीं आने वाली है, इस योजना से प्राप्त धन से आपका परिवार आपकी अनुपस्थिती में सम्मान के साथ अपना जीवन उसी रहन सहन के स्तर पर व्यतीत कर सकता है।

    जैसा कि मैं पहले भी बता चुका हूँ, कि टर्म बीमा योजनाओं से उच्च बीमा कवरेज ले सकते हैं वो भी बहुत ही कम कीमतों पर। यह एक बहुत ही आश्चर्यजनक तथ्य है, परंतु इस पर कोई ध्यान नहीं देता है।

२. शुद्ध जोखिम बीमा योजनाओं को टर्म बीमा क्यों कहा जाता है ?

    बहुत ही दिलचस्प सवाल है, इस तरह की योजनाओं को सावधि बीमा योजना कहा जाता है क्योंकि ये एक “निश्चित / निर्धारित अवधि” के लिये होता है। परंतु यह योजनाएँ पूरी जिंदगी के लिये क्यों नहीं होती हैं ? क्योंकि बीमा का उद्देश्य है कि बीमाधारक की मृत्यु की स्थिति में परिवार को सुरक्षा देना। लेकिन जैसा कि आप सब जानते हैं कि इस दुनिया में दो ही चीजें निश्चित हैं, “मृत्यु और टैक्स”। तो सावधि जीवन बीमा शुद्ध जीवन बीमा है जो कि पूरी जिंदगी के लिये उपलब्ध है। जब तक कि आपको इसकी जरुरत है। एक निश्चित समय के बाद तो आपके पास इतना धन हो ही जाता है कि दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में भी आपका परिवार अपना जीवन व्यतीत कर सकता है।

३. बीमा कंपनियों के एजेंट सावधि बीमा योजनाओं को बेचने में संकोच क्यों करते हैं ?

    एक और अच्छा सवाल, नहीं! जीवन बीमा कंपनियाँ दूसरे व्यापारों की तरह तेजी से पैसा बनाना चाहती हैं। उनका स्वार्थ (जो कि पैसा बनाना है) ग्राहकों के हित के पहले आता है। अब जैसे कि यूलिप योजनाएँ जो कि एक ऐसा उत्पाद है जिसमें निवेश ज्यादा और जोखिम कम कवर किया जाता है, जिससे बीमा कंपनियों को ज्यादा मुनाफ़ा होता है, सावधि (टर्म) बीमा के बनिस्बत, ये उत्पाद (यूलिप) सामने दिखाते हैं कि निवेश से पैसा भी बनाओ और बीमित भी हो जाओ, और जोर शोर से विज्ञापनबाजी करते हैं। दूसरी ओर, सावधि बीमा योजना को निवेशक से छिपाकर रखते हैं, कि कहीं निवेशक की नजर इन शुद्ध बीमा योजनाओं पर न पड़ जाये, जिसमें आम आदमी का हित भी है।

    इसी प्रकार, बीमा एजेंट का आदर्श होता है पैसा बनाना (ग्राहक जाये भाड़ में, उसे क्या फ़र्क पड़ता है)। उसे तो ज्यादा कमीशन मिलता है ऐसे उत्पादों से जो कि निवेश ज्यादा बीमा कम (यूलिप) प्रकृति के होते हैं, जबकि सावधि बीमा योजना में उसे बहुत कम कमीशन मिलता है।

४.  लेकिन क्या वाकई लोग समझदार नहीं हैं, जानते नहीं हैं, कि उनके लिये कौन सी बीमा योजना सबसे उपयुक्त है ?

    असल में, यह युग है हाई फ़ाई विज्ञापनबाजी का, जीवन बीमा कंपनियाँ अपने उच्च बिक्री विज्ञापनों में दिखाकर लोगों को आसानी से विचलित कर देती हैं, और अपने नरक तुल्य उत्पादों को आसानी से बेच लेते हैं।

    इसके अलावा, ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि जीवन बीमा उत्पाद केवल कर बचत और निवेश के लिये होते हैं, जो कि बीमा कंपनियों का काम बहुत ही आसान कर देता है। मुझे समझ में नहीं आता कि सरकार लोगों को जीवन बीमा में पैसे निवेश करने की छूट आयकर में देकर प्रोत्साहित क्यों करती है, इसकी संभावित वजह केवल एक ही हो सकती है, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के हितों की रक्षा, जो कि भारत सरकार का बनाया गया संस्थान है।

    एक और कारण यह भी है कि हम भारतियों की गहरी धारणा है कि हमें परिपक्वता पर कुछ न कुछ वापस प्राप्त होना चाहिये। और इससे ऊपर, कोई भी आसामयिक मौत के बारे में सोचना ही नहीं चाहता है, और उसके लिये कोई योजना भी नहीं बनाना चाहता है। साधारणतया बोलकर निकल जाते हैं “मौत आये मेरे दुश्मनों को” ।

    यद्यपि जीवन बीमा वास्तव में “मृत्युपर्यन्त लाभ” के लिये होता है परंतु लोग इसे खरीदते हैं “जीवनपर्यन्त लाभ” के लिये।

    मैंने यह पोस्ट जीवन बीमा उद्योग द्वारा अपने वित्तीय स्वास्थ्य को बेहतर करने के प्रयासों के विरुद्ध लिखी है, ये कंपनियाँ बिल्कुल उसी तरह से लोगों को नुक्सान पहुँचा रही हैं जैसे कि पैकेजिंग फ़ूड उद्योग हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को पहुँचा रहे हैं।

    मुझे उम्मीद है कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप में से कुछ लोग बुद्धिमानी से शुद्ध जीवन बीमा खरीदेंगे, निवेश वाले उत्पाद नहीं। पोस्ट पढ़ने के बाद शायद लोगों को जीवन बीमा का उद्देश्य समझ में आ जायेगा और शुद्ध जीवन बीमा खरीदेंगे।

    आगे आने वाली पोस्टों में आप और सावधि बीमा योजनाओं के बारे में और जानेंगे। तब भी अगर आप सावधि जीवन बीमा योजना के महत्व को नहीं समझ रहे हैं और इसे अपनी व्यक्तिगत वित्तीय योजना के भाग के रुप में शामिल नहीं कर रहे हैं, और अगर करने वाले हैं तब भी टिप्पणी कर बतायें।

आयकर की धारा ८० सी के तहत मिलने वाली छूट कौन से वित्तीय उत्पादों से मिलती है – एक सम्पूर्ण जानकारी (A Complete guide for Income Tax instruments covered under section 80 C)

    धारा ८० सी, एक आम आदमी जिसे आयकर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है वह भी इसके बारे में जानता है| आयकर अधिनियम ८० सी के तहत सरकार कुछ वित्तीय उत्पादों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है| इन वित्तीय उत्पादों में निवेश करने पर १ लाख रुपये तक की छूट ८० सी के अंतर्गत ले सकते हैं, यदि आपकी वार्षिक आय ५ लाख से अधिक है तो आप १ लाख रुपये का निवेश ८० सी में करने के बाद ३३ हजार रुपये का टेक्स बचा सकते हैं| चिंता का विषय यह है की कितने लोग यह जानते हैं कि ८० सी धारा के अंतर्गत कौन से वित्तीय उत्पाद आते हैं | लोग केवल यूलिप के बारे में जानते हैं; वह इसलिए क्योंकि बीमा कंपनियाँ अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक रूप से अभियान चला रही हैं जिससे उनकी बिक्री में वृद्धि हो| लेकिन केवल यूलिप ही एक वित्तीय उत्पाद नहीं है जो कि ८० सी के अंतर्गत छूट दिलवाता है|  इस आलेख में सभी वित्तीय उत्पादों के बारे में जानकारी आप पायेंगे जो धारा ८० सी के अंतर्गत आते हैं –
    आमतौर पर लोग ८० सी के अंतर्गत निवेश के लिए फरवरी या मार्च में ही सोचते हैं क्योंकि उन्हें केवल टेक्स बचाने की चिंता होती है, वे कभी भी उस निवेश की उत्पादकता के बारे में नहीं सोचते हैं | इस स्थिती में आप अपने देय टेक्स से ज्यादा धन को गँवा सकते हैं|


    उदाहरण के लिए : कुमार की वार्षिक आय ३,००,००० रुपये है और कुल कर देयता आयकर के लिए १४,००० रुपये है | १ लाख रुपये का निवेश जो कि ८० सी के अंतर्गत वित्तीय उत्पाद में किया जिससे कुमार का १०,००० रुपये आयकर बचता है | लेकिन गलत वित्तीय उत्पाद में निवेश करने पर उसे २०,००० रुपये तक का नुक्सान भी हो सकता है| 
जब आप किसी वित्तीय उत्पाद को निवेश के लिए चुनते हैं, उसके लिए आपको बहुत सावधानी बरतना चाहिये, आप प्रभावी निवेश केवल तभी कर सकते हैं जब आपको पता हो कि निवेश कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि उसका उद्देश्य क्या है, उम्र कितनी है, कितना जोखिम ले सकते हैं, आर्थिक स्थिति कैसी है इत्यादि |
    निवेश जो धारा ८० सी के अंतर्गत आते हैं उनकी सूची नीचे दी जा रही है, ये वित्तीय उत्पाद आपकी आवश्यकता अनुसार आपको उत्पाद चुनने में आपकी मदद करेगा –
  • जीवन बीमा योजनाएँ
  • यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाएँ (यूलिप)
  • इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाएँ (इएल एस एस)
  • सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ)
  • भविष्य निधि (कर्मचारी का अंशदान) 
  • राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एन एस सी)
  • पंचवर्षीय जमा खाता (फिक्स्ड डिपोजिट)
  • गृह ऋण वापसी (मूलधन)
  • स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क
  • शिक्षण शुल्क भुगतान
  • डाकघर सावधि जमा खाता
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड
  • वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
जीवन बीमा योजनाएँ – 
    जीवन बीमा जीवन में बहुत महत्त्व रखता है और यह जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू भी है, यह जीवन की अनिश्चितताओं को कवर करता है | हरेक व्यक्ति जो की कमाता है और उसके ऊपर परिवार आश्रित हो तो आश्रितों के लिए पर्याप्त जीवन बीमा होना चाहिये | किसी भी जीवन बीमा योजना प्रीमियम के निवेश को आयकर की धारा ८० सी के तहत छुट मिलती है | यदि बीमा आप अपने लिए या अपनी पत्नी के लिए या अपने बच्चे के लिए करवाते हैं तब भी आयकर की धारा ८० सी के तहत आपको उस प्रीमियम की छूट मिलती है| अगर पति पत्नी दोनों ही नौकरीपेशा हैं और अगर पत्नी की आय आयकर योग्य नहीं है तो पति दोनों बीमा प्रीमियम पर छूट ले सकता है, ऐसा उल्टा भी हो सकता है | 
यूलिप – 
    यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाओं (यूलिप) में जीवन बीमा और म्यूचुअल फंड में निवेश संयोजित होता है| यूलिप में निवेशित रकम धारा ८० सी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं| यूलिप आपको जीवन के जोखिम का कवर देता साथ ही शेयर बाजार में आपकी रकम निवेश करता है| 

ईएलएसएस – 
    इक्विटी लिंक्ड बचत योजना (ईएलएसएस), खास तौर पर ऐसे म्युचुअल फंड तैयार किये गए हैं जो कर बचत की पेशकश करते हैं | ईएलएसएस में किया गया निवेश धारा ८० सी के तहत छूट के हकदार हैं| याद रखे है कि सभी म्युचुअल फंड निवेश ८० सी के तहत छूट के हकदार नहीं होते हैं| सभी ईएलएसएस निवेश 3 वर्ष की अवधि में आप निकाल नहीं सकते हैं |  ईएलएसएस कर बचाने वाले  म्युचुअल फंड रूप में जाना जाता है| 
भविष्य निधि (पीएफ) – 
    भविष्य निधि नियोक्ता द्वारा काटी गयी वह राशि है जो कि आपके भविष्य निधि कोष में जमा होती है और उतना ही योगदान नियोक्ता द्वारा किया जाता है | पीएफ वेतन के प्रतिशत के रूप में गणना करके काटा जाता है,  जैसे कि 12% और ब्याज के साथ सेवानिवृत्ति पर उसे लौटा दिया जाता है| 
सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ)– 
    आप सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खाता खोल सकते हैं और  आप पीपीएफ खाते में ७०,००० रुपये तक की राशि का निवेश धारा ८० सी के तहत कर सकते हैं| ५०० रुपये के न्यूनतम निवेश के साथ पीपीएफ खाते आप बैंकों में या पोस्ट ऑफिस में खोल सकते हैं| 
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) – 
    जितनी भी राशि आप नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) में निवेश करते हैं उस राशि पर  धारा ८० सी के तहत छूट मिलेगी| नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में किए गए निवेश 6 वर्ष की अवधि के लिए निकाल नहीं सकते हैं|  इस योजना के प्रारंभिक निवेशों से कुल अर्जित ब्याज पर भी छूट ले सकते हैं| 
सावधि जमा –
    सावधि जमा में जमा की गई  राशि अगर ५ वर्ष के लिए आयकर स्कीम में बैंक में रखी जाती है तो वह राशि धारा ८० सी के तहत कर में छूट के लिए पात्र है| यह एक ताजा संशोधन है जिसमे आपकी राशि सुरक्षित भी रहती है और आपको धारा ८० सी के तहत लाभ भी मिलता है | 
गृह ऋण चुकौती (मूलधन) – 
    गृह ऋण की मूलधन चुकौती धारा ८० सी के तहत छूट के लिए पात्र है| यदि आपने एक नया घर खरीदा है और उस के लिए आवास ऋण लिया है, तो आप धारा ८० सी में उसका लाभ ले सकते हैं | यहाँ पर ध्यान देने वाली बात है कि आवास ऋण की सामान मासिक किश्त (EMI) में दो घटक होते हैं – “मूलधन” और “ब्याज”| आपको केवल मूलधन वाले हिस्से की राशि की ही धारा ८० सी के तहत छूट मिलेगी| ब्याज वाला हिस्सा भी आयकर की छूट के लिए पात्र है पर ८० सी के तहत नहीं, वह है धारा २४ के तहत| 
स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क – 
    स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क जब नया घर खरीदते समय देते हैं उस राशि का धारा ८० सी के तहत लाभ मिलता है | 
शिक्षण शुल्क – 
    एक या दो बच्चों की शिक्षा के लिए शिक्षण फीस के रूप में भुगतान राशि आयकर से मुक्त होती है और आप धारा ८० सी के तहत इसका लाभ ले सकते हैं | 
डाकघर सावधि जमा खाता – 
   डाकघर सावधि जमा खाता विभाग द्वारा बैंकिंग की पेशकश है जो की बैंक सावधि जमा के समान सेवा है|  आप किसी भी पोस्ट ऑफिस में अपना खाता खुलवा सकते हैं| डाकघर सावधि जमा खाते पर मिलने वाला ब्याज कर से मुक्त होता है| 
इंफ़्रास्ट्रक्चर बांड – 
   इंफ़्रास्ट्रक्चर बांड इन्फ्रा बांड के नाम से लोकप्रिय हैं | यह इंफ़्रास्ट्रक्चर कम्पनियों द्वारा जारी किये जाते हैं, इसे सरकार जारी नहीं करती है | जितनी भी राशि है आप इन बांडों में निवेश करते हैं, उतनी राशि पर धारा ८० सी के तहत कर से छूट ले सकते हैं | 
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना – 
    वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) भारत सरकार का उत्पाद है|  यह सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक है|  60 वर्ष से ज्यादा आयु वाले व्यक्ति इस खाते खोल सकते हैं| इस योजना के तहत 5 वर्ष के लिए निवेश निकला नहीं जा सकता है| जमाकर्ता यह जमा और 3 साल के लिए बढ़ा सकता है| इस योजना में जमाकर्ताओं को 9% ब्याज मिलता है| निवेश से अर्जित ब्याज कर से मुक्त नहीं है|

निवेश के लिये सोने के सिक्के या गहने की जगह गोल्ड ईटीएफ़ खरीदें।

       निवेश के लिये सोने के सिक्के  खरीदने से अच्छा है कि इसका ईटीएफ़ खरीदें जो कि सोने के बाजार भाव में ही मिलता है जैसे कि कोटक गोल्ड, रिलायंस गोल्ड और जब भी निवेश का रिटर्न चाहिये उसे बेच सकते हैं, और यह आपके डीमैट अकाऊँट में रहता है, इससे आपके मेकिंग चार्जेस बचते हैं जो कि १५० रुपये प्रति ग्राम रहते हैं।

       जैसे कि २ ग्राम सोने का सिक्का निवेश के लिये खरीदते हैं तो वह ३५०० रुपये का मिलता है और कोटक गोल्ड खरीदते हैं तो वह ३१५० रुपये का मिलेगा और जो भी ब्रोकरेज होगा जो कि लगभग ५० रुपये होगा। अब जब आपको सोने का रिटर्न चाहिये तो जब आप वह सिक्का बेचेंगे तो लगभग १५० रुपये प्रति ग्राम या इससे ज्यादा भी वापसी के समय ज्वैलर काटा लेगा परंतु अगर कोटक गोल्ड बेचेंगे तो केवल ब्रोकरेज ही देना होगा। फ़िर आप चाहें तो वह धन अपने उपयोग में लें या फ़िर उससे सोना खरीदकर गहने बनवा लें।

      गोल्ड ईटीएफ़ आप हर महीने एक शेयर भी खरीद सकते हैं जो कि सोने के एक ग्राम मूल्य के बराबर होता है। और चाहे तो बाद में बेच दें जब गहने बनवाने लायक सोना आपके पास हो जाये।