निवेश कब और कहाँ करना चाहिये ? निवेश के लिये सबसे अच्छी क्या है ?
इस तरह के बहुत सारे प्रश्न मन में घुमड़ते रहते हैं और हम यही चीज हमेशा ढूँढ़ते रहते हैं।
निवेश सभी जगह करना चाहिये और कहाँ और कैसे करना चाहिये यह पूर्णतया: व्यक्तिगत होता है, यह निर्भर करता है कि निवेशक की उम्र क्या है, उसकी क्या वित्तीय और पारिवारिक जिम्मेदारियाँ हैं और निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता ।
जैसे हमें भोजन में रोज अलग अलग व्यंजन चाहिये कोई एक व्यंजन जो हमें अच्छा लगता है उसे हम लगातार नहीं खा सकते, अगर खा भी लिया तो एक समय के बाद उसी प्रिय व्यंजन से चिढ़ हो जाती है, इसलिये सभी व्यंजन का उपभोग करते हैं, वैसे ही निवेश है, अगर कोई एक निवेश की जगह पसंद है तो ये हो सकता है कि आपका जोखिम ज्यादा हो और फ़ायदे की जगह नुक्सान ज्यादा हो जाये या फ़िर साधारण फ़ायदा भी न हो। एक अंग्रेजी की कहावत है कि अपनी फ़लों की डलिया में सभी प्रकार के फ़ल रखें।
उम्र के अनुसार निवेशक को निवेश करना चाहिये, उम्र निवेश के लिये एक बहुत बड़ा कारक है। साधारण सिद्धांत यह है कि जितनी उम्र है उतना प्रतिशत निवेश हमेशा सुरक्षित जमा में करें, जैसे कि पी.पी.एफ़. (PPF), एफ़.डी. (FD), किसान विकास पत्र और इसी प्रकार के अन्य निवेश, इसमॆं अपना पी.एफ़. (PF) भी जोड़ें क्योंकि यह भी एक सुरक्षित निवेश ही है। अपनी उम्र को १०० में से घटा लें, अब जितनी उम्र है उतना निवेश तो सुरक्षित निवेश में ही करना है और बाकी का बचा हुआ अपने जोखिम और जानकारी के अनुसार निवेश करना है, जैसे कि शेयर (Equity), म्य़ूचयल फ़ंड (Mutual Fund), कमोडिटी (Commodity), Metal (सोना, चांदी), जमीन इत्यादि।
अगर एक २२ वर्षीय युवक / युवती कहे निवेश के लिये तो उसे सलाह होगी कि वे अपनी बचत का २२ % निवेश सुरक्षित जमा में करे । और बाकी का ८८ % बाजार में निवेश करे।
परंतु ध्यान रखें व्यक्ति खासकर नौकरी पेशा व्यक्ति को जोखिम ४५ वर्ष तक की आयु तक ही लेना चाहिये उसके बाद उसे अपना निवेश सुरक्षित जगह में ही करना चाहिये, क्योंकि जो जोखिम वाले निवेश हैं उनकी समय सीमा कम से कम १० वर्ष माननी चाहिये तभी ये निवेश अच्छे रिटर्न दे सकते हैं।