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दिल और मन का विश्लेषण, आपके ऊपर क्या हावी रहता है, दिल या मन। दिल तो पागल है दिल दीवाना है / मन तो पागल है मन दीवाना है… (An Analysis of your Internal thoughts..)

    दिल जो केवल वही बात मानने को तैयार होता है जो कि व्यक्ति आत्मिक रुप से ग्रहण कर सकता हो, और उससे किसी को दुख नहीं पहुंचता हो, जो दिल चाहता है वह अगर उसे नहीं मिलता हो तो भी वह संतुष्ट रहता है कि चलो शायद अपना नहीं था।

     मन जो केवल वही बात मानता है जिसे मन चाहता है, जो कि व्यक्ति बाहरी रुप से ग्रहण करता है, फ़िर उससे किसी को कितनी भी चोट लगती हो उससे मन को कोई फ़र्क नहीं पड़ता है, अगर चाही वस्तु मन को नहीं मिली तो हमें बहुत बुरा लगता है और असंतुष्ट असहज रहता है। मन जो चाहता है हासिल करना चाहता है, फ़िर चाहे वह बुरा हो या भला, इससे मन को कोई फ़र्क नहीं पड़ता है।

    जब हम कहते हैं कि अपने दिल के बात बताऊँ तो वह एक सच्ची बात होती है, परंतु जब हम मन की बात करते हैं तो वह हमारे ऊपरी आवरण के अहम को संतुष्ट को करने वाली बात करते हैं।

    अगर दिल की बात पूरी नहीं होती है तो हमें बुरा नहीं लगता है, कि चलो कोई बात नहीं कहकर अपना दिल बहला लेते हैं। परंतु अगर मन की बात पूरी नहीं होती है तो गहरी टीस हमेशा मन के किसी कोने में पलती रहती है और धीरे धीरे अहम के रुप में परिवर्तित होती जाती है।

    दिल और मन कहने को हम एक रुप में ही कहते हैं, परंतु दोनों के कर्म और सोच बिल्कुल अलग हैं, दिल अगर साधु प्रकृति का है तो मन दुष्ट प्रकृति का है।

    दिल और मन का विश्लेषण कैसा लगा, आपके ऊपर क्या हावी रहता है, दिल से बताईयेगा मन से नहीं।

    तभी तो मैं कहता हूँ कि दिल तो पागल है दिल दीवाना है / मन तो पागल है मन दीवाना है…

कल सूर्यग्रहण था और ग्रहण का पहला प्रकोप हमारी शर्ट पर निकला, तो शायद हम बच लिये… “बांके बिहारी लाल की जय”

   कल सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण था, शायद वैसे जैसा कि महाभारत में हुआ था क्योंकि दोपहर को ही सन्ध्याकाल जैसी स्थिती निर्मित हो गई थी।

   हम ग्रहण काल में घर से निकले ऑफ़िस जाने के लिये और बड़े इत्मिनान से ऑटो को हाथ देकर रोकने लगे। कई ऑटो रुके पर कोई उस तरफ़ जाने को तैयार ही नहीं था (ये तो रोज की बात है ), एक ऑटोवाले ने सहमति दी तो हम जैसे ही उसमें बैठने लगे पता नहीं कैसे हमारी शर्ट की ऊपरी जेब ऑटो के मीटर में उलझ कर फ़ट गयी, और हम हतप्रभ से अपनी शर्ट को देखने लगे।

   वैसे भी मन तो शंकालू ही होता है सोचा कि चलो ग्रहण की शुरुआत हो चुकी है अपने ऊपर अब बेटा दिनभर के लिये तैयार हो जाओ, पता नहीं दिन कैसा जाने वाला है। फ़िर क्या था ऑटो से उतरे वापिस घर आये और शर्ट बदल कर वापस चल दिये। क्योंकि अपनी तो पहले की हिस्ट्री भी खराब है ग्रहण के दिनों की, हाँ यह पहला सूर्य ग्रहण था और अभी तक जितने भी बड़े बदलाव या नुक्सान हुए थे वो चंद्र ग्रहण से हुए थे। हो सकता है कि हम खुद ही उस समय लापरवाह हो गये हों और हमारी शर्ट फ़ट गयी हो।

   पर हाँ दिनभर काफ़ी अच्छा गया, और तो और जिन कार्यों के न होने की उम्मीद थी वे कार्य भी हो गये। लगता है कि शनि शर्ट पर ही था। 🙂

   यह तो सब जीवन में चलता ही रहता है, और जीवन इन्हीं उतार-चढ़ाव का नाम है, इनके बिना जीवन अधूरा है।

   पर फ़िर भी मन में यह तसल्ली रही कि चलो इस बार ग्रहण से अपन बच लिये, कोई नई समस्या या जिंदगी में नई पेचिदगियाँ नहीं आईं और सब मस्त रहा। सब मुरलीवाले की माया है। इसलिये हम तो हमेशा “बांके बिहारी लाल की जय” कह लेते हैं।

मन का ब्लागर होना बहुत जरुरी है ब्लाग लिखने के लिये, ब्लागर मन आखिर क्या चाहता है कुछ विश्लेषण

अब तो मेरा मन भी ब्लागर हो चला है, क्योंकि मन का ब्लागर होना बहुत जरुरी है ब्लाग लिखने के लिये, ब्लागर मन आखिर क्या चाहता है कुछ विश्लेषण –

१.आज कौन से नए विषय पर लिखा जाये कि पाठकों का असीम स्नेह मिले और ब्लागर मन की तड़पन को शांति मिल सके।
२.आसपास और अपनी जिंदगी में झांककर, घटी हुई घटनाओं को शब्दों के जादू से बुनकर अपनी जिंदगी के रंग सब को दिखा
दूँ।
३.साहित्यिक भाषा का उपयोग करुँ, जिससे ब्लागर मन के किसी कोने में बैठे साहित्यकार को दुनिया को दिखा सकूँ। (पहले
मैं कविताएँ लिखता था परंतु कार्य की व्यस्तता में सब खत्म हो गया।)
४.तंत्रजाल पर बहुत कुछ नया उपलब्ध है उसके बारे में खोजबीन कर अपने ब्लाग पर जानकारी प्रकाशित करुँ।
५.हिन्दी में अपने प्रोफ़ेशन के बारे में कुछ लिखूँ । ( लिखा था पर न ज्यादा हिट्स आये और न ही प्रतिक्रिया)
६.घरवाली ब्लाग लिखने पर काश झगड़ा न करे और यह भी सुनने को न मिले कि तुम मेरा समय चिठ्ठाकारी को दे देते हो।
(कई बार तो बड़े और तगड़े झगड़े हो चुके हैं। अब घरवाली को भी चिठ्ठाकारी के लिये राजी कर लिया है। अब वह भी जल्दी
ही चिठ्ठाजगत में प्रवेश करने वाली है।)
७.रिटायरमेंट के बाद फ़ुल टाईम ब्लागिंग करुँ।