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ट्रेडर जिसने केवल इंट्राडे ट्रेड में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा कमाया

BNF aka Takashi Kotegawa की कहानी बताते हैं, यह जापानी ट्रेडर हैं। जिसने केवल इंट्राडे ट्रेड में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा कमाया।

इस बंदे को 18 साल की उम्र से ही शेयर बाजार में ट्रेडिंग का चस्का लग गया था जिसके लिए इसने बहुत मेहनत कर करके $16000 जोड़े और इन $16000 से वह बाजार में ट्रेडिंग करने उतरा और उसने अपनी पिछले 5-6 साल की चार्ट देखने की प्रेक्टिस को आजमाया।

लेकिन इसका एक भी स्ट्रेटेजी सही तरीके से काम नहीं कर रही थी, फिर उसने अपनी स्ट्रेटेजी बदली और लगातार फाइन ट्यून करते गया उसके बाद उसने 2 साल में एक मिलियन डॉलर बनाया फिर उसके अगले 2 साल में उसने दो मिलियन डॉलर बनाया।

इनकी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी मूलत बियर मार्केट की थी लेकिन जब बियर मार्केट से विश्व के सारे बाजार बुल मार्केट में तब्दील हो गए तो इन्हें घाटा होने लगा। तब उन्होंने अपनी बियर मार्केट की स्ट्रैटेजी छोड़कर बुल मार्केट में नई स्ट्रेटजी बनाई इन्होंने पैसा बनाया लेकिन को मजा नहीं आ रहा था क्योंकि वह स्वभाव के बियर थे।

फिर आया 2005 जिसके कारण यह विश्व प्रसिद्ध है उसे समय जापान की जीकॉम कंपनी लिस्ट हुई थी। जिसमें mizuho कारपोरेशन के एक डीलर ने एक गलत आर्डर लगा दिया उसे एक शेयर 6 लाख 10 हजार येन में लगाने को कहा गया था, लेकिन डीलर ने गलती से 6 लाख 10 हजार शेयर एक येन में बेचने में डाल दिए, इस बहती गंगा में बहुत सारे लोगों ने हाथ धोए और भर भर के शेयर खरीदे bnf ने भी 7100 शेयर खरीदे।

Bnf ने 1100 शेयर उसी दिन कुछ प्रॉफिट बुक करने के लिए बेच दिए और बाकी 6000 शेयर अपने पास रख लिए। mizuho ने उन सब शेयर ट्रेडर्स को अपने ऑफिस में बुलाया और उनको कन्वींस करके अपने शेयर वापस से उस भाव में खरीद लिए जिस भाव में बेचे गए थे। परंतु bnf ने ऐसा करने से मना कर दिया। तब mizuho ने bnf के साथ एक सेटलमेंट किया कि अगले दिन जिस भी भाव में जीकॉम का शेर खुलेगा उसे भाव में mizuho bnf से सारे शेयर खरीद लेगा अगले दिन सुबह एक शेयर का भाव 9 लाख 75 हजार येन खुला, और इस तरह bnf ने एक ट्रेड में लगभग दो बिलियन डॉलर कमाए।

कहानी लंबी है बाकी की कहानी कभी और।

दिल्ली होती है दिलवालों की।

जब दिल्ली में कनॉट प्लेस में अपना एक क्लाइंट के यहाँ काम कर रहे थे, तो जहाँ तक याद है मिडिल सर्कल में F ब्लॉक में उनका ऑफिस था, वहीं ग्राउंड फ्लोर पर किसी कार की डीलरशिप थी।

पास ही एक खोपचे में पुरानी दुकान सा छोटा सा रेस्टोरेंट था। खाना खाने का भी टाइम नहीं रहता था। कई बार रात रात भर काम करने के बाद सुबह या फिर देर रात को पास के ही इस खोपचे में जाते थे, कुछ न कुछ चाय के साथ खाने को मिल जाता था, एक बार गये तो ब्रेड भी खत्म थी, वो बोले कि आपको भूखा नहीं जाने दूँगा, अंडा खाते हैं तो आमलेट बना देता हूँ, हमने हाँ कही। बस अंकल तैयार करने लगे।

ऐसा मैंने केवल दिल्ली में ही देखा कि आपको भूखा नहीं जाने देंगे, वरना कितने ही शहरों में तो कह देते हैं कि दुकान बंद हो गई, समान खत्म हो गया।

इसलिये वो अंकल हमेशा याद रहते हैं, उनके कारण ही लगा कि दिल्ली होती है दिलवालों की।

टाटा और तमिलनाडु सरकार का उपक्रम टाइटन

Titan का नाम सबने सुना है, पर एक बात जो कम लोग ही जानते हैं कि टाइटन टाटा और तमिलनाडु सरकार का संयुक्त उपक्रम है। तमिलनाडु सरकार टाइटन में 28% शेयर होल्डिंग है, जो कि टाइटन की आज की वेल्युएशन की हिसाब से ₹87,000 करोड़ रुपये होती है। Titan शब्द भी टाटा इंडस्ट्री और तमिलनाडु से बना है।

टाइटन 1984 में शुरू हुई थी, जब एमजीआर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे। उस समय के निवेश ने तमिलनाडु को क्या गजब रिटर्न दिया है। आज टाइटन या तनिष्क की दुकान से बिकने वाला हर समान तमिलनाडु सरकार की अर्थव्यवस्था को बढ़ाता है।

टाइटन का चैयरमेन एक आईएएस ऑफिसर होता है जो कि तमिलनाडु सरकार द्वारा नामांकित होता है। अभी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिमान दास जो कि तमिलनाडु के आईएएस कैडर से हैं, वे भी टाइटन के चैयरमेन रह चुके हैं।

डॉलर येन के खेल में सब कुछ लालम लाल

आज जो शेयर बाजार में लाली छाई हुई है, इसका सबसे बड़ा कारण है करंसी, इसलिये इसे ट्रेजरी की भाषा में करंसी रिस्क कहते हैं।

तो हुआ यह कि USDJPY 165 चल रहा था, और जापान से 0% ब्याज पर लोन मिल जा रहा था। सनद रहे कि fd और loan दोनों पर जापान में पिछले 30 वर्षों से 0% ब्याज दर थी। इस कारण us के कई संगठनों, फंड हाउसों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने जापान से बड़ी मात्रा में लोन लिया और अमेरिका में निवेश कर दिया।इससे us के लोन लेने वालों को दोहरा लाभ हुआ। अब निवेश अधिक है तो अधिकतर हैज़ फंड्स येन को शार्ट करके रखते हैं।

30 सालों से सब ठीक चल रहा था, अमेरिका में ये लोग जापान के पैसों पर ऐश काट रहे थे, जमकर प्रॉफिट काट रहे थे। और इसी कारण जापान अमेरिका में सबसे बड़ा निवेशक भी है।

पर अभी हुआ क्या कि जापान सेंट्रल बैंक ने 25 बीपीएस से ब्याजदर बढ़ा दीं, और बस यही से सारा खेल पलट गया।

क्योंकि आप यह शून्य ब्याज वाला पैसा बिना ब्याज का नहीं रहा अब इस पर ब्याज लगेगा और अमेरिका का बाजार ऑलरेडी ओवरबॉट है, तो ज्यादातर फंड्स ने अमेरिका में अपनी चीजों को बेचना शुरू किया जिससे वह यह लोन बंद कर पायें।

ब्याज बढ़ाने के कारण यह डॉलर के मुकाबले तेजी से बढ़ने लगा और आज डॉलर के मुकाबले येन 141 हो गया तो अब अमेरिका के फंड्स और संगठनों पर यह दोहरी मार हो गई। क्योंकि एक तो उन्हें ब्याज भी देना है और दूसरा जो उन्होंने पैसा लिया था उसका एक्सचेंज रेट 166 था जो कि अब 141 है मतलब यह मान लीजिए की $100 उधार लिया था लेकिन येन वोलेटाइल होने के कारण अब उन्हें लगभग 113 डॉलर चुकाने पड़ेंगे साथ ही ब्याज अलग से चुकाना पड़ेगा।

अब इसका समाधान यह है कि अमेरिका के फेड को अपनी ब्याज दर कम करना पड़ेगी लेकिन तब भी फंड हाउस और संगठनों पर जो यह मार पड़ी है वह भारी रहेगी।

शेयर बाजार में ट्रेडिंग की कमाई

एक हमारे बहुत ही अच्छे मित्र हैं, बढ़िया सेट हैं, शेयर बाजार में जो भी निवेश करना चाहते हैं वे हमसे पूछते रहते थे, फिर एक दिन बोले कि आप हमारे लिये एक एकाउंट में ट्रेडिंग करिये, हमने कहा हम तो ऑप्शन सेलिंग करते हैं, वे बोले तो बताइये मिनिमम कितना कैपिटल लगेगा, हमने कहा कि 1.5 लाख से शुरू कर सकते हैं, पर आपकी होल्डिंग को हम कोलेट्रोल पर लेकर मार्जिन मनी के लिये उपयोग करेंगे तो वे बोले हाँ यह भी ठीक है, तो कैश 1.5 लाख और कोलेट्रोल से लगभग 1.2 लाख मिल गया, जिसे हम केवल एडिशनल मार्जिन के लिये ही उपयोग करते हैं।

वे बोले आप अपनी फीस भी बता दो, तो हमने कहा कि हम कैपिटल का हर महीने 1% फीस ले लेंगे, पर प्रॉफिट की फुल गारंटी नहीं है, लॉस भी हो सकता है, पर हमारी फीस में कोई बदलाव नहीं होगा। हमारे मित्र ने कहा कोई नहीं जो आप कहते हैं, वह सब हम मान लेते हैं, आप बस हमारे एकाउंट में ट्रेडिंग करिये और longterm पोर्टफोलियो भी बना दीजिये। हमने अगस्त 2023 से उनके एकाउंट में काम करना शुरू किया। कैपिटल के अनुसार ही ट्रेड लिये, कभी 3% मिला तो कभी 6%, बाजार के ऊपर निर्भर करता है। सितंबर में एक ट्रेड ज्यादा drawdown दिखा रही थी, हमें पूरी उम्मीद थी कि मार्जिन नहीं भरना पड़ेगा, पर वह ट्रेड ब्रोकर ने मार्जिन न होने के कारण लॉस में स्क्वेयर ऑफ कर दी, सितंबर का महीना नुकसान में नहीं रहा पर 5% प्रॉफिट की जगह मात्र ₹480 का प्रॉफिट हुआ, तब मित्र को समझ आया कि मार्जिन की कमी के कारण गड़बड़ हुई, उन्होंने एकदम अक्टूबर की शुरुआत में ₹50,000 और डाल दिये, इस प्रकार कैश अब 2 लाख हो चुका था।

सारे चार्जेस और ब्रोकरेज के बाद प्रॉफिट अब इस प्रकार है –
अगस्त 2023 – ₹9,493
सितंबर 2023 – ₹480
अक्टूबर 2023 – ₹9,477
नवंबर 2023 – ₹8,575
दिसंबर 2023 – ₹4,593
जनवरी 2024 – ₹14,178

कुल प्रॉफिट – ₹47,685
चार्जेस व ब्रोकरेज के बाद – ₹46,638

जनवरी 2024 से अब वे हर महीने ₹50,000 इस एकाउंट में डाल रहे हैं, तो अब कैपिटल कैश का 2.50 लाख और प्रॉफिट है, तो जब भी हमें कोई बढ़िया शेयर दिखता है तो हम उसे longterm होल्डिंग में खरीद देते हैं, एक शेयर हमने उनके लिये 100 qty खरीदी थी, अब वह 40% प्रोफिट में है, वहीं एक साल में यही कमाई बढ़कर कम से कम 250% हो जायेगी। अभी यह काम हम व्यवसायिक तरीके से नहीं कर रहे हैं पर लगता है कि जल्दी ही शुरू करना चाहिये, एक हमारे मित्र हैं ब्रोकर कम्पनी में बड़ी पोज़िशन पर हैं, वे कई बार कह चुके कि आराम से इसे ₹10 करोड़ तक ले जा सकते हैं, पर हमें कोई जल्दीबाजी नहीं है, अभी नौकरी कर रहे हैं, तो घरवाली को सबकुछ सीखा दिया है, तो हम चैन से नौकरी करते हैं, और ट्रेडिंग घरवाली करती है, अगर कहीं कोई समस्या होती है, तो हम देख लेते हैं। क्योंकि मुख्य चीज है monitoring करना, तो उसके लिये हमें घरवाली की भरपूर मदद मिल जाती है, अब एक प्रकार से उनका ही यह बिजनेस है, हम केवल मेंटर हैं। अब वे चार्ट रीडिंग बेहतरीन करती हैं, ब्रेकआउट, सपोर्ट रेसिस्टेंस सब कुछ खुद निकाल लेती हैं। बस ऐसा जीवनसाथी हो तो जीवन आसान हो जाता है।

अब हमारे मित्र हमसे कई बार कह चुके हैं कि आप अपनी फीस ले लीजिये, हमने कहा जब जरूरत होगी ले लेंगे, कम से कम एक नया फोन तो सालभर की फीस से आ ही जायेगा।

ये आज इसलिये लिखा कि कई लोग चेलेंज करते हैं कि अपना प्रॉफिट दिखाओ, तो आप इसे डेमो अकॉउंट के तौर पर देख सकते हैं, क्योंकि हम आपना प्रॉफिट सार्वजनिक नहीं करना चाहते। प्रॉफिट का स्क्रीनशॉट भी लगा रहे हैं।

और ध्यान रखें कि हम अभी किसी का पैसा मैनेज कर पाने की स्थिति में नहीं हैं, हम अपने प्रॉफिट से पूर्णतया संतुष्ट हैं, हम न ट्रेनिंग देते हैं, न कोई टिप्स, बस सीखने पर जोर देते हैं, नई स्ट्रेटेजी देखते रहते हैं और अपनी स्ट्रेटेजी में और सुधार करते रहते हैं।

जो हमेशा सीखता रहेगा, वही जीवन में आगे बढ़ पायेगा। अगर आपमें पास ठीक ठाक कैपिटल है तो आप खुद अंदाजा लगा लीजिये कि आप शेयरबाजार के इस समुंदर से कितना कमा सकते हैं।

अगली पोस्ट में बेटेलाल के बारे में लिखेंगे, कि वो कितना सीखे, कैसे सीखे, और निवेश में क्या करते हैं।

शेयर बाजार में एक से एक गुरु आज NKStockTalk

शेयर बाजार में एक से एक गुरु हैं, पर कोई खुलकर नहीं सिखाता और जो सिखाता है और फेमस हो जाता है वो कहीं न कहीं किसी स्कैम में फंस जाता है या फंसा दिया जाता है। यह पैसा है ही ऐसी चीज। खुलकर सिखाने का मतलब बारीकी से एक एक चीज, कि कैसे चार्ट काम करता है, स्मार्ट मनी कैसे पोजिशन लेती है, और स्मार्ट मनी की तरह कैसे पोजिशन लेकर शेयर बाजार से फायदा उठाया जाये, मतलब कि कब खरीदना है ओर कब बेचना है।

इस मामले में मैं नीतीश कुमार NKStocktalk सर का फैन हूँ, प्यूर टेक्निकल बातें करते हैं, सिंपल फंडे समझाते हैं, 99% साइकोलॉजी ठीक करने की बात करते हैं। केवल 1% सिखाते हैं, क्योंकि सीखने के लिये होता ही उतना है। वे फालतू की बातें करते नहीं या ये कहें कि उनको करना नहीं आता तो ज्यादा बेहतर होगा।

मैं उनके बहुत से फंडे अपने ट्रेड्स में इस्तेमाल करता हूँ, और उन्होंने गांववालों की भाषा में अपनी शब्दावली रखी है, जैसे हवा चिप्स, हिलेगा मिलेगा, हिलेगा मिलेगा उनकी सबसे बेहतरीन स्ट्रेटेजी लगी, इस इंडिकेटर को आप अपने हिसाब से इम्प्रूव भी कर सकते हैं। cnbc में भी उनको कई बार बुलाया गया, पर उनकी भाषा व उदाहरण नहीं जमे तो उनको बैन कर दिया गया।

आजकल वे केवल बास्केट पर जोर देते हैं, बताते हैं कि कैसे बास्केट बनाई जाये, कैश स्टॉक से ही सालभर में 50% से ज्यादा कमाई कैसे की जाये, इत्यादि इत्यादि। NKStocktalk के नाम से ही सर का यूट्यूब चैनल और टेलीग्राम चैनल है।

कल fno वाली पोस्ट के बाद कई कमेंट व मैसेज आये कि उनको fno सीखना है, मैं बस इतना कहना चाहता हूँ कि रिस्क कैसे मैनेज करना है वो सीखना सबसे जरूरी है, बाजार के धुरंधर आपके पैसे पर निगाहें लगाये बैठे हैं। और वे चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा रिटेलर बिना सीखे बाजार में आये। वही उनका प्रॉफिट है।जब कोई लॉस लेगा, तभी किसी का प्रॉफिट होगा। मैं सिखाना नहीं जानता, क्योंकि मैंने भी सिस्टेमेटिक ढंग से नहीं, बल्कि over the time सीखा है। इसके लिये बहुत से यूट्यूब चैनल हैं जो निस्वार्थ भाव से सिखा रहे हैं, जब आप खुद थोड़ा बहुत सीख जायेंगे, तो आपको खुद समझ आ जायेगा कि कौन सिखा रहा है और कौन बेवकूफ बना रहा है।

यह किसी की भी मार्केटिंग नहीं है, आगे भी और इसी तरह की पोस्ट लिखते रहेंगे, बस इतना ही कहना चाहते हैं कि सीखने के लिये कम से कम 2 साल पेपर ट्रेड करिये, उसके बाद पैसों से ट्रेड करिये। बस आपको सीरियसनेस समझ आनी चाहिये।

fno से बर्बादी

हमारे एक बहुत बड़े सीनियर से कल बात हो रही थी, 4 वर्ष पहले वे रिटायर हुए और उनका अच्छा खासा पोर्टफोलियो था, मतलब की शेयर भी एक से एक थे, सब टॉप के शेयर बहुत ही सस्ते भाव के, यह समझ लीजिये कि उनका 80 लाख के लगभग का पोर्टफोलियो था, और उनकी इन्वेस्टमेंट लगभग 15 लाख रही होगी, वे कल बता रहे थे कि रिटायमेंट के बाद खर्च के लिये उसमें से लगभग 20 लाख निकाल लिये।

फिर कोविड के दौरान उन्हें लगा फ़्यूचर एंड ऑप्शन में ज्यादा तेजी से पैसा बनाया जा सकता है, तो उन्होंने fno को बिना सीखे समझे, इसमें काम शुरू कर दिया, जब कुछ लॉस हुआ, तब वे मुझसे कनेक्ट हुए, मैंने उन्हें fno की बहुत सी बारीकियों को समझाया व सलाह दी कि चूँकि आप रिटायर हो चुके हैं और fno में ट्रेडिंग के लिये बहुत अनुभव की आवश्यकता होती है और सिस्टमेटिक काम करना होता है, वरना जैसे पैसा आता है, उससे डबल स्पीड से पैसा वापिस चला जाता है।

जब नया पैसा बाजार में आता है, मतलब नया नवेला ट्रेडर, तो वो दुनिया में सलाह देनेवाले को बेवकूफ समझता है, और वो सोचता है कि उसे ही सब कुछ पता है, उसे समझ तब आता है जब उसका सब कुछ बर्बाद हो गया होता है। यही सर के साथ हुआ, वे बोले अरे विवेक अब तो मैं fno में एक्सपर्ट हूँ, तुम फालतू डराते हो, मैंने उन्हें तब भी बहुत समझाने की कोशिश करी थी, पर ये को नशा है न, जो मजा देता है, वो सोचने समझने की शक्ति खत्म कर देता है। शेयर बाजार में आने के पहले हमेशा अपना मनोविज्ञान ठीक कर लेना चाहिये। सर को बिना सीखे समझे, दूसरों की टिप पर या अपनी खुद की कोई स्ट्रेटेजी से पैसे बनाने थे, कितने बनाने थे, यह उन्हें क्लियर ही नहीं था।

यह बात तो समझ लीजिये कि शेयर बाजार पैसों का समुद्र है, तो आप समुद्र को लूट नहीं सकते, किनारे लहरों की आवाजें बहुत अच्छी लगती हैं पर जब आप किनारे से लहरों के पास जाते हैं तो लहरें आपको समुद्र में खींचने का प्रयास करती हैं, जो इस स्किल को नहीं जानते वे समुद्र में अपनी जान दे देते हैं। आपको कितना पानी इस समुद्र से निकालना है, यह निश्चय कर लेना चाहिये। आप लोटा भरेंगे तो समुद्र को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, पर अगर बाल्टी भरने जायेंगे तो निश्चित ही समुद्र आपकी बाल्टी अपने साथ ले जायेगा, या फिर बाल्टी से पानी निकालने की कला में सिद्धहस्त होना पड़ेगा।

हम लोटा भरने में विश्वास रखते हैं, हर महीने अपनी कैपिटल का 2 से 4% रिस्क मैनेजमेंट के साथ निकालते हैं। जो कि साल का एवरेज लगभग 40% से ऊपर होता है, 40% प्रॉफिट कम नहीं होता, बस संयम रखना पड़ता है।

fno में लॉस ही होता है ऐसा है, यह एक हैज़ इंस्ट्रूमेंट है और इसलिये इसे fno एक साथ कहा जाता है, फ्यूचर और ऑप्शन बहुत कमाल की चीज है, अगर बारीकियों को सीख लिया जाये, वरना तो यह ऐसी तलवार है किधर भी चलाओ, खून आपका ही बहेगा।

सर ने बस ऐसे ही अपना fno का सफर जारी रखा और कई बार या ये कहना बेहतर होगा कि लगभग रोज ही अगले दिन का प्रिडिक्शन पूछते थे, जो उनकी ट्रेड के रिलेटेड होते थे, मैंने उनको उनकी गलतियों के बारे में समझाने की कोशिश करी, और कहा कि मैं आपकी ट्रेड नहीं सुधार सकता क्योंकि मेरा ट्रेड लेने का माइंडसेट अलग है, आपका अलग, पर वही नशा उनको समझने ही नहीं देता था, लॉस से प्रॉफिट में ट्रेड जाने की संभावना हमेशा तलाशते थे। फिर कुछ दिनों बाद उन्होंने मेरे ग्रुप के कुछ और मित्रों को भी कॉल करना शुरू किया और ट्रेड पर बात करते थे, पर सबने यही समझाया कि ऐसे fno में काम नहीं किया जाता। पर उनको न समझना था, और न वे समझे।

कल जब मैंने उनका मैसेज व्हाट्सऐप पर देखा तो शाम को फोन किया और मैं यह जानकर शॉक्ड था कि उनका बचा हुआ सारा पैसा लगभग 60 लाख वे fno में गंवा चुके हैं। जबकि मैंने उन्हें कई बार कहा था कि सबसे पहले आप ये काम बंद करो, साइक्लोजी ठीक करिये, वे नहीं माने। अब उनके पास कैपिटल नहीं बचा और अपने रिटायरमेंट फंड, जो कि अलग से रखा है, उससे कुछ करना चाहते हैं, हमने कहा कि उस फ़ंड को हाथ ही न लगाना, नहीं तो आप सड़क पर आ जाओगे।

ये सब बताने का केवल यही मकसद है कि आप पहले सीखें, बाजार कहीं नहीं जा रहा, पर अगर नहीं सीखेंगे तो बर्बाद हो जायेंगे।

भारत की दो चीजों ने तहलका मचा रखा है

दुनिया में भारत की दो चीजों ने तहलका मचा रखा है। और कई भारतीयों को इसके बारे में पता ही नहीं।

  1. सुला क़ाबरनेट शिराज वाइन – यह रेड वाइन है और इसका वाइन यार्ड नासिक के पास है, इस वाइन को बनाने के लिये चेरी, काली मिर्च महत्वपूर्ण अवयव होते है। भारत में इसकी कीमत ₹955 है।
  2. इंद्री सिंगल माल्ट व्हिस्की – यह हरियाणा की 3 साल पुरानी कंपनी पिकाडिली बनाती है और वैसे सिंगल माल्ट व्हिस्की में इंद्री के अलावा अमृत और रेडिको खेतान की रामपुर व्हिस्की ने भी अपना जलवा दुनिया में बिखेर रखा है। इंद्री की 10,000 बोतल रोज प्रोडक्शन से बाहर आती हैं पर फिर भी यह हमेशा बाजार से गायब रहती है। सनद रहे कि भारत में व्हिस्की सबसे ज्यादा पी जाती है, और नम्बर 1 पर कब्जा करने के लिये फ्रांस की पेरनोड रिकार्ड की ग़लेंलिवेट को भी भारतीय व्हिस्की से आगे निकलने में अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसकी कीमत ₹3900 है।
  3. हम वेल्थ के पर्सपेक्टिव से देखते हैं। जैसे पिकाडिली 2021 में ₹10 का शेयर था आज ₹300 का है, ऐसे ही सुला ₹330 का ₹630 है मात्र एक साल में, रेडिको खेतान ₹500 से ₹1600 है। हम opportunity देखते हैं। ऐसे ही यूनाइटेड स्प्रिट ₹500 से ₹1100

साकेत रामकृष्ण शेयरबाजार में कैरियर

शेयरबाजार में अपना कैरियर बनाने का सपना जीवन में एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है।

ऐसा ही निर्णय लिया था 2017 में साकेत रामकृष्ण ने अपनी शेयरबाजार के कैरियर की शुरुआत करी मात्र ₹25,000 से और ऑप्शन राइटिंग शुरू कर दिया, उस समय 35x लेवरेज मिलता था तो वे लगभग ₹7,50,000 के option बेच सकते थे।

साकेत ने सीखने में बहुत स्ट्रगल किया, सब तरह के मार्केट के उतार चढ़ाव इस दौरान देखने को मिले, अपनी स्ट्रेटेजी को रिफाइन किया और नए तरह की स्ट्रेटेजी बनाईं, खुद भी बनाना सीखीं, बड़ी बात यह है कि वे इस दौरान यूट्यूब पर अपनी ट्रेडस को लेकर पारदर्शी रहे और हमेशा ही अपनी साइकोलॉजी भी समझाते रहे, क्योंकि शेयर बाजार में सबसे महत्वपूर्ण है साइकोलॉजी जो आपके ट्रेड्स को प्रभावित करती है। वे अपने यूट्यूब चैनल optionable पर अब भी वीडियो डालते हैं, अब उनकी कम्पनी का नाम quick alpha है और इसी नाम से यूट्यूब चैनल भी है।

साकेत ने बैंगलोर से क्रिस्ट कॉलेज से बीकॉम किया और फिर cfa करने लगे, पर कोविड के कारण और optionable के बहुत ज्यादा ग्रो कर जाने से वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे सके और अब 2024 में cfa पास करने का लक्ष्य है।

आज साकेत ₹50 करोड़ की कैपिटल संभालते हैं और उनका वार्षिक लाभ पिछले वर्ष 36% था और चार्जेस व ब्रोकरेज काटने के बाद लगभग 32%। लगभग 6% अपने कैपिटल पर ब्रोकरेज देने के बाद वे अब इस पर भी काम कर रहे हैं, देखते हैं कि इस वित्तीय वर्ष में क्या सुधार आता है।

साकेत अपने ट्रेड्स के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर करते हैं, और उनसे फॉलो करके बहुत कुछ सीखा जा सकता है। वैसे इनके लाखों में फ़ॉलोअर्स हैं और अब वे खुद ही एक ऑटोमेटिक ऑप्शन ट्रेडिंग प्लेटफार्म लांच कर चुके हैं जिसका नाम fintarget डॉट in है।

बाजार में असीम संभावनायें हैं और कैरियर इसमें भी बनाया जा सकता है।

निफ्टी 50 इंडेक्स क्या होता है?

निफ्टी 50 इंडेक्स क्या होता है?

निफ्टी 50 भारतीय स्टॉक मार्केट में एक प्रमुख शेयर मार्केट इंडेक्स है जिसमें 50 सबसे बड़ी और विश्वसनीय भारतीय कंपनियों के स्टॉक शामिल होते हैं। यह इंडेक्स नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) द्वारा निर्धारित किया जाता है और भारतीय स्टॉक मार्केट की स्थिरता और विकास को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। निफ्टी 50 के स्टॉक मार्केट इंडेक्स में शामिल कंपनियों का चयन उनके बाजार कैपिटलीजेशन द्वारा किया जाता है, जो उनके वित्तीय आकार और मूल्य की मात्रा है। निफ्टी 50 एक प्रमुख शेयर मार्केट इंडेक्स होने के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के संकेतक भी माना जाता है।

What is Nifty 50 Index?


Nifty 50 Index Overview.

What is nifty 50 index?

The Nifty 50 is the flagship stock market index of the National Stock Exchange of India (NSE). It is an index comprising of the 50 most actively traded stocks across various sectors of the Indian economy, including finance, technology, healthcare, energy, and more. The Nifty 50 index is widely used as a benchmark for the Indian stock market and is considered as one of the key indicators of the health of the Indian economy.

The index is calculated using a free-float market capitalization weighted methodology, which means that the weightage of each stock in the index is proportional to its free-float market capitalization (i.e., the market capitalization of the company’s shares that are available for trading in the stock market). The Nifty 50 is reviewed and rebalanced every six months to ensure that it remains representative of the Indian stock market.

Which all companies are part of nifty 50?

As of my knowledge cutoff in September 2021, the 50 companies that were part of the Nifty 50 index were:

  1. Adani Ports and Special Economic Zone Ltd.
  2. Asian Paints Ltd.
  3. Axis Bank Ltd.
  4. Bajaj Auto Ltd.
  5. Bajaj Finserv Ltd.
  6. Bajaj Finance Ltd.
  7. Bharat Petroleum Corporation Ltd.
  8. Bharti Airtel Ltd.
  9. Britannia Industries Ltd.
  10. Cipla Ltd.
  11. Coal India Ltd.
  12. Divi’s Laboratories Ltd.
  13. Dr. Reddy’s Laboratories Ltd.
  14. Eicher Motors Ltd.
  15. HDFC Bank Ltd.
  16. HDFC Life Insurance Company Ltd.
  17. Hero MotoCorp Ltd.
  18. Hindalco Industries Ltd.
  19. Hindustan Unilever Ltd.
  20. ICICI Bank Ltd.
  21. Indian Oil Corporation Ltd.
  22. IndusInd Bank Ltd.
  23. Infosys Ltd.
  24. ITC Ltd.
  25. JSW Steel Ltd.
  26. Kotak Mahindra Bank Ltd.
  27. Larsen & Toubro Ltd.
  28. Mahindra & Mahindra Ltd.
  29. Maruti Suzuki India Ltd.
  30. Nestle India Ltd.
  31. NTPC Ltd.
  32. Oil and Natural Gas Corporation Ltd.
  33. Power Grid Corporation of India Ltd.
  34. Reliance Industries Ltd.
  35. SBI Life Insurance Company Ltd.
  36. Shree Cement Ltd.
  37. State Bank of India
  38. Sun Pharmaceutical Industries Ltd.
  39. Tata Consultancy Services Ltd.
  40. Tata Consumer Products Ltd.
  41. Tata Motors Ltd.
  42. Tata Steel Ltd.
  43. Tech Mahindra Ltd.
  44. Titan Company Ltd.
  45. UltraTech Cement Ltd.
  46. United Breweries Ltd.
  47. United Spirits Ltd.
  48. Wipro Ltd.
  49. Adani Enterprises Ltd.
  50. JSW Cement Ltd.

It’s worth noting that the constituents of the Nifty 50 index may change over time, as companies may be added or removed from the index based on various criteria such as market capitalization, liquidity, and sector representation.