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शेयर बाजार में एक से एक गुरु आज NKStockTalk

शेयर बाजार में एक से एक गुरु हैं, पर कोई खुलकर नहीं सिखाता और जो सिखाता है और फेमस हो जाता है वो कहीं न कहीं किसी स्कैम में फंस जाता है या फंसा दिया जाता है। यह पैसा है ही ऐसी चीज। खुलकर सिखाने का मतलब बारीकी से एक एक चीज, कि कैसे चार्ट काम करता है, स्मार्ट मनी कैसे पोजिशन लेती है, और स्मार्ट मनी की तरह कैसे पोजिशन लेकर शेयर बाजार से फायदा उठाया जाये, मतलब कि कब खरीदना है ओर कब बेचना है।

इस मामले में मैं नीतीश कुमार NKStocktalk सर का फैन हूँ, प्यूर टेक्निकल बातें करते हैं, सिंपल फंडे समझाते हैं, 99% साइकोलॉजी ठीक करने की बात करते हैं। केवल 1% सिखाते हैं, क्योंकि सीखने के लिये होता ही उतना है। वे फालतू की बातें करते नहीं या ये कहें कि उनको करना नहीं आता तो ज्यादा बेहतर होगा।

मैं उनके बहुत से फंडे अपने ट्रेड्स में इस्तेमाल करता हूँ, और उन्होंने गांववालों की भाषा में अपनी शब्दावली रखी है, जैसे हवा चिप्स, हिलेगा मिलेगा, हिलेगा मिलेगा उनकी सबसे बेहतरीन स्ट्रेटेजी लगी, इस इंडिकेटर को आप अपने हिसाब से इम्प्रूव भी कर सकते हैं। cnbc में भी उनको कई बार बुलाया गया, पर उनकी भाषा व उदाहरण नहीं जमे तो उनको बैन कर दिया गया।

आजकल वे केवल बास्केट पर जोर देते हैं, बताते हैं कि कैसे बास्केट बनाई जाये, कैश स्टॉक से ही सालभर में 50% से ज्यादा कमाई कैसे की जाये, इत्यादि इत्यादि। NKStocktalk के नाम से ही सर का यूट्यूब चैनल और टेलीग्राम चैनल है।

कल fno वाली पोस्ट के बाद कई कमेंट व मैसेज आये कि उनको fno सीखना है, मैं बस इतना कहना चाहता हूँ कि रिस्क कैसे मैनेज करना है वो सीखना सबसे जरूरी है, बाजार के धुरंधर आपके पैसे पर निगाहें लगाये बैठे हैं। और वे चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा रिटेलर बिना सीखे बाजार में आये। वही उनका प्रॉफिट है।जब कोई लॉस लेगा, तभी किसी का प्रॉफिट होगा। मैं सिखाना नहीं जानता, क्योंकि मैंने भी सिस्टेमेटिक ढंग से नहीं, बल्कि over the time सीखा है। इसके लिये बहुत से यूट्यूब चैनल हैं जो निस्वार्थ भाव से सिखा रहे हैं, जब आप खुद थोड़ा बहुत सीख जायेंगे, तो आपको खुद समझ आ जायेगा कि कौन सिखा रहा है और कौन बेवकूफ बना रहा है।

यह किसी की भी मार्केटिंग नहीं है, आगे भी और इसी तरह की पोस्ट लिखते रहेंगे, बस इतना ही कहना चाहते हैं कि सीखने के लिये कम से कम 2 साल पेपर ट्रेड करिये, उसके बाद पैसों से ट्रेड करिये। बस आपको सीरियसनेस समझ आनी चाहिये।

fno से बर्बादी

हमारे एक बहुत बड़े सीनियर से कल बात हो रही थी, 4 वर्ष पहले वे रिटायर हुए और उनका अच्छा खासा पोर्टफोलियो था, मतलब की शेयर भी एक से एक थे, सब टॉप के शेयर बहुत ही सस्ते भाव के, यह समझ लीजिये कि उनका 80 लाख के लगभग का पोर्टफोलियो था, और उनकी इन्वेस्टमेंट लगभग 15 लाख रही होगी, वे कल बता रहे थे कि रिटायमेंट के बाद खर्च के लिये उसमें से लगभग 20 लाख निकाल लिये।

फिर कोविड के दौरान उन्हें लगा फ़्यूचर एंड ऑप्शन में ज्यादा तेजी से पैसा बनाया जा सकता है, तो उन्होंने fno को बिना सीखे समझे, इसमें काम शुरू कर दिया, जब कुछ लॉस हुआ, तब वे मुझसे कनेक्ट हुए, मैंने उन्हें fno की बहुत सी बारीकियों को समझाया व सलाह दी कि चूँकि आप रिटायर हो चुके हैं और fno में ट्रेडिंग के लिये बहुत अनुभव की आवश्यकता होती है और सिस्टमेटिक काम करना होता है, वरना जैसे पैसा आता है, उससे डबल स्पीड से पैसा वापिस चला जाता है।

जब नया पैसा बाजार में आता है, मतलब नया नवेला ट्रेडर, तो वो दुनिया में सलाह देनेवाले को बेवकूफ समझता है, और वो सोचता है कि उसे ही सब कुछ पता है, उसे समझ तब आता है जब उसका सब कुछ बर्बाद हो गया होता है। यही सर के साथ हुआ, वे बोले अरे विवेक अब तो मैं fno में एक्सपर्ट हूँ, तुम फालतू डराते हो, मैंने उन्हें तब भी बहुत समझाने की कोशिश करी थी, पर ये को नशा है न, जो मजा देता है, वो सोचने समझने की शक्ति खत्म कर देता है। शेयर बाजार में आने के पहले हमेशा अपना मनोविज्ञान ठीक कर लेना चाहिये। सर को बिना सीखे समझे, दूसरों की टिप पर या अपनी खुद की कोई स्ट्रेटेजी से पैसे बनाने थे, कितने बनाने थे, यह उन्हें क्लियर ही नहीं था।

यह बात तो समझ लीजिये कि शेयर बाजार पैसों का समुद्र है, तो आप समुद्र को लूट नहीं सकते, किनारे लहरों की आवाजें बहुत अच्छी लगती हैं पर जब आप किनारे से लहरों के पास जाते हैं तो लहरें आपको समुद्र में खींचने का प्रयास करती हैं, जो इस स्किल को नहीं जानते वे समुद्र में अपनी जान दे देते हैं। आपको कितना पानी इस समुद्र से निकालना है, यह निश्चय कर लेना चाहिये। आप लोटा भरेंगे तो समुद्र को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, पर अगर बाल्टी भरने जायेंगे तो निश्चित ही समुद्र आपकी बाल्टी अपने साथ ले जायेगा, या फिर बाल्टी से पानी निकालने की कला में सिद्धहस्त होना पड़ेगा।

हम लोटा भरने में विश्वास रखते हैं, हर महीने अपनी कैपिटल का 2 से 4% रिस्क मैनेजमेंट के साथ निकालते हैं। जो कि साल का एवरेज लगभग 40% से ऊपर होता है, 40% प्रॉफिट कम नहीं होता, बस संयम रखना पड़ता है।

fno में लॉस ही होता है ऐसा है, यह एक हैज़ इंस्ट्रूमेंट है और इसलिये इसे fno एक साथ कहा जाता है, फ्यूचर और ऑप्शन बहुत कमाल की चीज है, अगर बारीकियों को सीख लिया जाये, वरना तो यह ऐसी तलवार है किधर भी चलाओ, खून आपका ही बहेगा।

सर ने बस ऐसे ही अपना fno का सफर जारी रखा और कई बार या ये कहना बेहतर होगा कि लगभग रोज ही अगले दिन का प्रिडिक्शन पूछते थे, जो उनकी ट्रेड के रिलेटेड होते थे, मैंने उनको उनकी गलतियों के बारे में समझाने की कोशिश करी, और कहा कि मैं आपकी ट्रेड नहीं सुधार सकता क्योंकि मेरा ट्रेड लेने का माइंडसेट अलग है, आपका अलग, पर वही नशा उनको समझने ही नहीं देता था, लॉस से प्रॉफिट में ट्रेड जाने की संभावना हमेशा तलाशते थे। फिर कुछ दिनों बाद उन्होंने मेरे ग्रुप के कुछ और मित्रों को भी कॉल करना शुरू किया और ट्रेड पर बात करते थे, पर सबने यही समझाया कि ऐसे fno में काम नहीं किया जाता। पर उनको न समझना था, और न वे समझे।

कल जब मैंने उनका मैसेज व्हाट्सऐप पर देखा तो शाम को फोन किया और मैं यह जानकर शॉक्ड था कि उनका बचा हुआ सारा पैसा लगभग 60 लाख वे fno में गंवा चुके हैं। जबकि मैंने उन्हें कई बार कहा था कि सबसे पहले आप ये काम बंद करो, साइक्लोजी ठीक करिये, वे नहीं माने। अब उनके पास कैपिटल नहीं बचा और अपने रिटायरमेंट फंड, जो कि अलग से रखा है, उससे कुछ करना चाहते हैं, हमने कहा कि उस फ़ंड को हाथ ही न लगाना, नहीं तो आप सड़क पर आ जाओगे।

ये सब बताने का केवल यही मकसद है कि आप पहले सीखें, बाजार कहीं नहीं जा रहा, पर अगर नहीं सीखेंगे तो बर्बाद हो जायेंगे।

भारत की दो चीजों ने तहलका मचा रखा है

दुनिया में भारत की दो चीजों ने तहलका मचा रखा है। और कई भारतीयों को इसके बारे में पता ही नहीं।

  1. सुला क़ाबरनेट शिराज वाइन – यह रेड वाइन है और इसका वाइन यार्ड नासिक के पास है, इस वाइन को बनाने के लिये चेरी, काली मिर्च महत्वपूर्ण अवयव होते है। भारत में इसकी कीमत ₹955 है।
  2. इंद्री सिंगल माल्ट व्हिस्की – यह हरियाणा की 3 साल पुरानी कंपनी पिकाडिली बनाती है और वैसे सिंगल माल्ट व्हिस्की में इंद्री के अलावा अमृत और रेडिको खेतान की रामपुर व्हिस्की ने भी अपना जलवा दुनिया में बिखेर रखा है। इंद्री की 10,000 बोतल रोज प्रोडक्शन से बाहर आती हैं पर फिर भी यह हमेशा बाजार से गायब रहती है। सनद रहे कि भारत में व्हिस्की सबसे ज्यादा पी जाती है, और नम्बर 1 पर कब्जा करने के लिये फ्रांस की पेरनोड रिकार्ड की ग़लेंलिवेट को भी भारतीय व्हिस्की से आगे निकलने में अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसकी कीमत ₹3900 है।
  3. हम वेल्थ के पर्सपेक्टिव से देखते हैं। जैसे पिकाडिली 2021 में ₹10 का शेयर था आज ₹300 का है, ऐसे ही सुला ₹330 का ₹630 है मात्र एक साल में, रेडिको खेतान ₹500 से ₹1600 है। हम opportunity देखते हैं। ऐसे ही यूनाइटेड स्प्रिट ₹500 से ₹1100

साकेत रामकृष्ण शेयरबाजार में कैरियर

शेयरबाजार में अपना कैरियर बनाने का सपना जीवन में एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है।

ऐसा ही निर्णय लिया था 2017 में साकेत रामकृष्ण ने अपनी शेयरबाजार के कैरियर की शुरुआत करी मात्र ₹25,000 से और ऑप्शन राइटिंग शुरू कर दिया, उस समय 35x लेवरेज मिलता था तो वे लगभग ₹7,50,000 के option बेच सकते थे।

साकेत ने सीखने में बहुत स्ट्रगल किया, सब तरह के मार्केट के उतार चढ़ाव इस दौरान देखने को मिले, अपनी स्ट्रेटेजी को रिफाइन किया और नए तरह की स्ट्रेटेजी बनाईं, खुद भी बनाना सीखीं, बड़ी बात यह है कि वे इस दौरान यूट्यूब पर अपनी ट्रेडस को लेकर पारदर्शी रहे और हमेशा ही अपनी साइकोलॉजी भी समझाते रहे, क्योंकि शेयर बाजार में सबसे महत्वपूर्ण है साइकोलॉजी जो आपके ट्रेड्स को प्रभावित करती है। वे अपने यूट्यूब चैनल optionable पर अब भी वीडियो डालते हैं, अब उनकी कम्पनी का नाम quick alpha है और इसी नाम से यूट्यूब चैनल भी है।

साकेत ने बैंगलोर से क्रिस्ट कॉलेज से बीकॉम किया और फिर cfa करने लगे, पर कोविड के कारण और optionable के बहुत ज्यादा ग्रो कर जाने से वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे सके और अब 2024 में cfa पास करने का लक्ष्य है।

आज साकेत ₹50 करोड़ की कैपिटल संभालते हैं और उनका वार्षिक लाभ पिछले वर्ष 36% था और चार्जेस व ब्रोकरेज काटने के बाद लगभग 32%। लगभग 6% अपने कैपिटल पर ब्रोकरेज देने के बाद वे अब इस पर भी काम कर रहे हैं, देखते हैं कि इस वित्तीय वर्ष में क्या सुधार आता है।

साकेत अपने ट्रेड्स के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर करते हैं, और उनसे फॉलो करके बहुत कुछ सीखा जा सकता है। वैसे इनके लाखों में फ़ॉलोअर्स हैं और अब वे खुद ही एक ऑटोमेटिक ऑप्शन ट्रेडिंग प्लेटफार्म लांच कर चुके हैं जिसका नाम fintarget डॉट in है।

बाजार में असीम संभावनायें हैं और कैरियर इसमें भी बनाया जा सकता है।

देवराज इंद्र और नृपश्रेष्ठ ययाति के बीच वार्तालाप

देवराज इंद्र और नृपश्रेष्ठ ययाति के बीच वार्तालाप हुआ और इंद्र ने पूछा पुरु तुमसे वृद्धावस्था लेकर तुम्हारे स्वरूप में इस पृथ्वी पर विचरण करने लगा तो, उस समय राज्य देकर तुमने उसको क्या आदेश दिया था?

ययाति ने कहा – मनुष्य दीनता, शठता और क्रोध न करे। कुटिलता, मात्सर्य और वैर कहीं न करे। माता-पिता, विद्वान, तपस्वी तथा क्षमाशील पुरुष का बुद्धिमान मनुष्य कभी अपमान न करे। शक्तिशाली मनुष्य सदा क्षमा करता है। दुष्ट मनुष्य साधु पुरुष से और दुर्बल अधिक बलवान से द्वैष करता है। इसी प्रकार गुणहीन मनुष्य गुणवान से डाह रखता है। इंद्र! यह कलि का लक्षण है।

क्रोध करने वालों से वह पुरुष श्रेष्ठ है, जो कभी क्रोध नहीं करता, इसी प्रकार असहनशील से सहनशील उत्तम है, मनुष्येतर प्राणियों में मनुष्य श्रेष्ठ है और मूर्खों से विद्वान उत्तम है।

यदि कोई किसी की निंदा करता है या उसे गाली देता है तो वह बदले में निंदा या गाली-गलौच न करे; क्योंकि जो गाली या निंदा सह लेता है, उस पुरूष का आंतरिक दुख ही गाली देनेवाले या अपमान करने वाले को जला डालता है, साथ ही उसके पुण्य को भी वह ले लेता है।

क्रोधवश किसी के मर्म-स्थान पर चोट न पहुँचाये, किसी के प्रति कठोर बात भी मुँह से न निकालें। अनुचित उपाय से शत्रु को वश में न करें, जो जी को जलाने वाली हो, जिससे दूसरे को उद्वेग होता हो, ऐसी बातें मुँह से न बोलें; क्योंकि पापी लोग ही ऐसी बातें बोला करते हैं।

जो स्वभाव का कठोर हो, दूसरों के मर्म को चोट पहुंचाता हो, तीखी बातें बोलता हो और कठोर वचनरूपी काँटों से दूसरे मनुष्य को पीड़ा देता हौज़ उसे अत्यंत दरिद्र या अभागा समझें। (उसको देखना भी बुरा है, क्योंकि) वह कड़वी बोली के रूप में अपने मुँह में बँधी हुई एक पिशाचनी को ढो रहा है।

अपना बर्ताव और व्यवहार ऐसा रखें, जिससे साधु पुरूष सामने तो सत्कार करे ही, पीठ पीछे भी उनके द्वारा अपनी रक्षा हो। दुष्ट लोगों की कही हुई अनुचित बातें सदा सह लेनी चाहिये तथा श्रेष्ठ पुरुषों के सदाचार का आश्रय लेकर साधु पुरुषों के व्यवहार को अपनाना चाहिये।

दुष्ट मनुष्यों के मुख से कटु वचनरूपी बाण सदा छूटते रहते हैं, जिनसे आहत होकर मनुष्य रात दिन शोक और चिंता में डूबा रहता है। वे वाग्बाण दूसरों के मर्मस्थानों पर ही चोट करते हैं। अतः विद्वान पुरुष दूसरे के प्रति ऐसी कठोर वाणी का प्रयोग न करे।

सभी प्राणियों के प्रति दया और मैत्री का बर्तावज़ दान और सबके प्रति मधुर वाणी का प्रयोग -तीनों लोकों में इनके समान कोई वशीकरण नहीं है। इसलिये कभी कठोर वचन न बोलें। सदा सांत्वनापूर्ण मधुर वचन ही बोलें। पूजनीय पुरुषों का आदर-सत्कार करें। दूसरों को दान दें और स्वयं कभी कुछ न माँगें।

आदिपर्व सम्भवपर्व अध्याय 87

स्कूल में होमवर्क की शुरुआत किसने करी?

AI से पूछा

स्कूल में होमवर्क की शुरुआत किसने करी?

जबाब मिला –

स्कूल में होमवर्क की शुरुआत का इतिहास बहुत पुराना और विवादास्पद है। कुछ लोग मानते हैं कि होमवर्क की शुरुआत 1095 में इटली के एक शिक्षक रोबर्टो नेविलिस ने की थी, जो अपने छात्रों को घर पर अध्ययन करने के लिए प्रेरित करता था। दूसरे लोग मानते हैं कि होमवर्क की शुरुआत 1905 में अमेरिका के एक शिक्षक अबेलियनो डे विलारोय मोर्गन ने की थी, जो अपने छात्रों को घर पर अतिरिक्त काम देता था।

होमवर्क के लाभ और हानि के बारे में भी शिक्षक, माता-पिता और शोधकर्ता विभिन्न विचार रखते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि होमवर्क बच्चों को अकादमिक उपलब्धि, अध्ययन की आदतें, आत्म-अनुशासन और समस्या सुलझाने के कौशल में सुधार करता है। दूसरे लोग मानते हैं कि होमवर्क बच्चों को शारीरिक और भावनात्मक थकान, सीखने के बारे में नकारात्मक दृष्टिकोण और खाली समय की कमी का कारण बन सकता है।

माँ सती के द्वारा अपने शरीर को भस्म करने की कथा

शिवपुराण के द्वितीय / सतीखंड के अध्याय 30 में माँ सती के द्वारा अपने शरीर को भस्म करने की कथा है।

सतीदेवी भगवान शिव का सादर स्मरण करके शांत चित्त होकर उत्तर दिशा में भूमि पर बैठ गईं। विधिपूर्वक जल का आचमन करके वस्त्र ओढ़ लिया और पवित्र भाव से आंखें मूंदकर शिवजी का चिंतन करती हुई वह योग मार्ग में स्थित हो गईं। उन्होंने आसान को स्थिर कर प्राणायाम द्वारा प्राण और अपान को एक रूप करके नाभिचक्र में स्थित किया। फिर उदान वायु को बलपूर्वक नाभि चक्र से ऊपर उठकर बुद्धि के साथ हृदय में स्थापित किया तत्पश्चात उसे हृदय स्थित वायु को कंठमार्ग से भृकुटियों के बीच ले गईं। अपने शरीर को त्यागने की इच्छा से सती ने अपने सम्पूर्ण अंगों में योगमार्ग के अनुसार वायु और अग्नि धारण की, और शिवजी का चिंतन करते हुए अन्य सब वस्तुओं को भुला दिया। उनका चित्त योगमार्ग में स्थित हो गया था। सती का निष्पाप शरीर तत्काल गिरा और उनकी इच्छा के अनुसार योगाग्नि से जलकर उसी क्षण भस्म हो गया।

कई जगह यज्ञ वेदी में भस्म होना बताते हैं, पर यह इतना विस्तारपूर्वक दृष्टांत योग विज्ञान की ओर दर्शाता है कि हमारा योग विज्ञान उस समय अपने चरम पर था और उसके अध्ययन के लिये उचित आचार्य भी मौजूद थे। पर आज का विज्ञान इन सब बातों को कपोल कल्पना मात्र ही मानता है।

जीवन की भागदौड़

सुबह अलसाई थी, आँख खुलने के पहले ही अहसास था और बारिश की आवाज आ रही थी। बारिश की आवाज से ओर आलस आ गया, फ्रेश होने के बाद घूमने जाना मुश्किल था। पर पेट कभी मन की नहीं सुनता, न खाली होने पर और न ही खाली होने के लिये, दोनों ही स्थिति में पेट को प्रायोरिटी चाहिए। पेट ही हमारे जीवन का केंद्रबिंदु है। पेट कम हो तो कम क्यों है, ज्यादा हो तो कम कैसे करें। सारी बीमारियों की जड़ भी पेट ही है, खाना खाता मुँह है, पर सजा पेट को भुगतना पड़ती है। बेचारा पेट सुबह कराह रहा होता है, पर मुँह है कि मानता ही नहीं।

मानसिक तंद्रा भंग होने के बाद, जब ध्यान में बैठे, तो आजकल ज्यादा देर बैठते भी नहीं बन रहा। मन और विचार कम से कम 2 या 3 गुना तेजी से चल रहे हैं जैसे प्लेयर पर बटन होता है ff1, ff2, या 1.5x, 2x etc बस मन और दिमाग भागे ही जा रहा है, जो रफ्तार जीवन ने पकड़ी है, उस रफ्तार पर ध्यान नहीं होता। ध्यान करने के लिये सहज होना होता है, और सहज स्थिति प्राप्त तभी होगी जब हम प्राकृति के तय समयानुसार अपने जीवनचक्र पर चलें।

एक साथ कई काम करना भी एक मजबूरी ही है, दिमाग अभी 3 अलग अलग तरह से बंटकर काम कर रहा था, तभी फोन बजा और एक चौथा स्थान उसने बना लिया। सभी को अपने कार्य प्रायोरिटी पर चाहिये। ऐसे ही कल जब प्रेशर में कुछ डॉक्यूमेंट रिव्यू के लिये आये तो तुनककर इतने अच्छे से रिव्यू किये कि अब वापिस रिव्यू के लिये शायद ही मुझे डॉक्यूमेंट भेजेंगे। काम तो सभी को परफेक्ट चाहिये, पर दूसरे से, अगर कोई दूसरा उसमें ढ़ेर गलती निकाल दे तो मुँह छोटा कर लेते हैं।

खैर जब एक कड़वी कॉफी पी, तभी जाकर थोड़ा दिमाग रिसेट हुआ है, अब लंच के बाद आज की आगे की लड़ाई, वो अलग बात है कि हम लंच नहीं करते।

जब रावण ने अपने परिवार को श्रीराम पर विश्वास करने को कहा

रामायण में एक प्रसंग आता है कि जब लक्ष्मण के द्वारा मेघनाथ का वध हो जाता है, को मेघनाथ की दक्षिण भुजा सती सुलोचना के समीप गिर जाती है और पतिव्रता का आदेश पाकर वह भुजा सारा वृतांत लिख कर बता देती है।

तब सुलोचना निश्चय करती है कि मुझे भी अब सती हो जाना चाहिए। किंतु पति का शव दो रामदल में पड़ा हुआ था फिर भी कैसे सती होती? तब उसने अपने श्वसुर रावण से कहा कि आप मेरे पति का शव मांग लो।

तब रावण ने उत्तर दिया देवी सुलोचना जिस समाज में बाल ब्रह्मचारी श्री हनुमान परम जितेंद्रिय श्री लक्ष्मण तथा एक पत्नीव्रती भगवान श्री राम वर्तमान हैं, उस समाज में तुम्हें जाने से डरना नहीं चाहिए। मुझे विश्वास है की इन महापुरुषों के द्वारा तुम निराश भी नहीं लौटाई जाओगी।

जब रावण सुलोचना से यह बातें कर रहा था उस समय उसके कुछ मंत्री भी उसके पास बैठे हुए थे। उन्होंने कहा जिनकी पत्नी को आप ने बंदी बनाकर अशोक वाटिका में रखा हुआ है, उसके पास आपकी बहू का जाना कहां तक उचित है, यदि वह गई तो क्या सुरक्षित वापस लौट सकेगी?

रावण ने अपने मंत्रियों को कहा लगता है तुम सब की बुद्धि नष्ट हो गई है, अरे यह तो रावण का काम है जो दूसरे की स्त्री को अपने घर में बंदी बनाकर रख सकता है राम का नहीं।

धन्य है श्री राम का चरित्र बल जिसका विश्वास शत्रु भी करता है और प्रशंसा करते थक गए नहीं हमें राम के इस उदात्त चरित्र से अवश्य प्रेरणा लेनी चाहिए।

Short Strangle

Short Strangle in Nifty 

क्या होता है Short Strangle in Nifty –

जैसा कि आपको पता होगा कि पहले अगर आप ऑप्श्न सैल करते थे तो आपका कैपिटल रिक्वायरमेंट कम से कम 20-25 लाख रूपयों का होता था, पर सेबी ने नियमों में बदलाव किया और अब अगर आपके पास कम से कम 50 हजार से 10 लाख की कैपिटल है तब भी आप ऑप्शन सैलिंग कर सकते हैं।

अगर आपके पास ज्यादा कैपिटल होगी तो आप अपने ऑप्श्न ट्रेड में ज्यादा एडजस्टमेंट कर सकते हैं, और अगर कम कैपिटल है तो आपको Risk & Reward Ratio पर खेलना होगा। ऐसी कोई भी स्ट्रेटेजी नहीं है जो कि हर समय आपको Profit दे भले Market Condition कैसी भी हो। हर Market Condition में अलग Strategy होती है। और यह हर किसी के साथ होता है।

अगर आपको शेयर बाजार में सफल होना है तो आपको ऑप्शन सैलिंग के साथ एडजस्टमेंट सीखना ही होगा।

यहाँ हम यह समझ रहे हैं कि आप अगर यह लेख पढ़ रहे हैं तो आपको ऑप्शन की Basic जानकारी है, कि अगर आप ऑप्शन बेच रहे हैं तो आपको मार्जिन मनी देनी होती है और अगर खरीद रहे हैं तो प्रीमियम देना होता है। Nifty is having weekly Expiry.

Short Strangle – Selling far OTM CE & far OTM PE

If Nifty is around 17200 जब आप Open Interest देखेंगे तो आपको Support & Resistance समझ में आयेगा।

यहाँ हम Support & Resistance के Call & Put sell कर देंगे।

Sell Nifty 16800 PE (Support) @ 12
Sell Nifty 17500 CE (Resistance) @ 12

Margin money will be required for these option selling is around 1 Lac, और अगर Expiry is after 2 days तो यहाँ पूरे चांस हैं कि ये प्रीमियम 0 हो जायेगा और 1 लाख के मार्जिन पर लगभग 1200 रूपयों का रिटर्न मिलेगा, जो कि 2 दिन में 1.2% होता है, और इससे अच्छा तो कोई बिजनेस हो ही नहीं सकता।

Short Strangle बनाने के बहुत से तरीके होते हैं, जैसे कि India Vix, Support & Resistance, Open Interest.

इसका PayOff chart आप अपने ट्रेडिंग एप्प के आईडी से सेंसिबुल पर लॉगिन करके देख सकते हैं – 

यहाँ पर अगर बाजार 16800 के नीचे जायेगा और 17500 के ऊपर जायेगा तो हमें अनलिमिटेड लॉस होगा। मार्जिन कितना लगेगा, उसके लिये आप जीरोधा के बॉस्केट ऑर्डर में जाकर देख सकते हैं। 

Here Breakeven is 16800-24 = 17756 to 17500+24 = 17524.

Required Margin – Amount must be in your Account.
Final Margin – Final Blocked money in your Account.

तो अगर निफ्टी 16800 और 17500 के बीच रहता है तो हमें 1200 रूपयों का लाभ होगा। 

जब आप PE & CE दोनों बेचते हैं तो आपको Margin benefit मिलता है। ये जो हम बेच रहे हैं यह Necked है, जिसमें अनलिमिटेड Loss हो सकता है पर Profit लिमिटेड होता है।