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भारतीय स्टेट बैंक और उसकी सहयोगी बैंकें, राष्ट्रीयकृत बैंकें एवं तीन निजी बैंक एचडीएफ़सी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक और स्टॉक होल्डिंग कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया इन बांडों को बाजार में बेचेंगी।
भारतीय स्टेट बैंक और उसकी सहयोगी बैंकें, राष्ट्रीयकृत बैंकें एवं तीन निजी बैंक एचडीएफ़सी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक और स्टॉक होल्डिंग कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया इन बांडों को बाजार में बेचेंगी।
मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) मुख्यत: डेब्ट उत्पादों पर आधारित योजना है, जिसमें आमतौर पर कोष का ८०% तक डेब्ट उत्पादों में और बाकी का इक्विटी उत्पादों में निवेश किया जाता है।
मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को नियमित रुप से लाभांश के रुप में भुगतान करना होता है, हालांकि यह अनिवार्य नहीं होता है, लाभांश का वितरण फ़ंड हाउस के विवेक और वितरण योग्य धन होने पर निर्भर करता है।
निवेश के उद्देश्य –
मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को नियमित रुप से लाभांश प्रदान करना है जो कि ज्यादातर डेब्ट उत्पादों और एक छोटा हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है। ये मुख्यत: यील्ड ब्याज दर के डेब्ट उत्पादों (कमर्शियल पेपर्स, सर्टिफ़िकेट ऑफ़ डिपोजिट, गोवरमेंट सिक्योरिटिज और ट्रेजरी बिल्स) में निवेश करते हैं। डेब्ट उत्पाद पोर्टफ़ोलियो को स्थिरता और निरंतर वापसी की सुनिश्चितता प्रदान करते हैं, जबकि इक्विटी उत्पाद ज्यादा वापसी के लिये सहायक होता है। मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) बाजार से जुड़े रहते हैं (केवल उतने हिस्से के लिये जितने कि इक्विटी में निवेश है)।
जोखिम –
पोर्टफ़ोलियो में डेब्ट उत्पादों के होने से, मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) अर्थव्यवस्था में होने वाले ब्याज दर परिवर्तन प्रभावी होते हैं (क्योंकि अधिकतर उत्पाद डेब्ट उत्पाद होते हैं) ।
जब अर्थव्यवस्था में ब्याज दरों में कमी आती है तब मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) की एन.ए.वी. बड़ जाती है (बॉन्ड की कीमतों में वृद्धि के कारण)।
और अगर ब्याज दर बढ़ती है तो मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) की एन.ए.वी. कम हो जाती है, इस समय तब अच्छी वापसी के लिये इस उत्पाद को इक्विटी पर निर्भर रहना पड़ता है।
पोर्टफ़ोलियो में इक्विटी उत्पाद शामिल से : चूँकि मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) बाजार से जुड़े हैं (जो कि आमतौर पर १५-२०% तक रहता है) । ये बैलेन्सड फ़ंड से कम जोखिम वाले होते हैं (इसमें ६०-७०% तक इक्विटी में निवेश होता है) लेकिन शुद्ध डेब्ट फ़ंडों से थोड़ा जोखिम वाले होते हैं (शुद्ध डेब्ट फ़ंड केवल डेब्ट प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं)।
कोई भी सही सही भविष्यवाणी तो कर नहीं सकता कि कब शेयर बाजार और डेब्ट बाजार अपने उतार चढ़ाव पर होंगे। यह निवेशको के लिये पूँजी कटाव और लाभांश का भुगतान न होने का जोखिम पैदा करता है। अधिकांश मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) के फ़ंड मैनेजर अतीत में कुख्यात रह चुके हैं, डेब्ट निवेश में से ३०% तक का निवेश इक्विटी बाजार में निवेश करने के बाद और बाजार का पूरा मजा लेते हैं जब बाजार अपने पूरे जलवे पर होता है, जिससे इस शेयर बाजार के चढ़ाव का फ़ायदा निवेशक को होता है और एन.ए.वी. काफ़ी बड़ जाता है, पर इसके उलट अगर उतार हो एन.ए.वी. कम हो जाता है यानि के निवेशक को नुकसान।
निवेशक को इक्विटी पोर्टफ़ोलियो का मूल्यांकन कर लेना चाहिये और जोखिम स्वीकार्य होने के बाद ही निवेश करना चाहिये।
रिटर्न – मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) सीमित अस्थिरता के साथ स्थिर रिटर्न देता है, पिछले तीन वर्षों में, अधिकतर मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) ने १२-१३% का औसत रिटर्न दिया है।
अवधि – मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) को कम से कम ३-५ वर्ष के लिये निवेश करना चाहिये।
कर कितना लगेगा – मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) डेब्ट फ़ंड है, पर लाभांश पर लाभांश वितरण कर (१२.८६७%) है।
अगर एक वर्ष के पहले फ़ंड की यूनिट बेचते हैं और उस पर अगर कुछ लाभ है तो उस पर शार्ट टर्म कैपिटल गैन कर लागू होता है, शुद्ध लाभ को आपकी करयोग्य आय में जोड़ दिया जायेगा और जो भी व्यक्तिगत आयकर की स्लैब लागू होगी। और अगर एक वर्ष के बाद बेचते हैं, और लाभ होता है तो लांग टर्म कैपिटल गैन कर लगेगा जो कि १०% होता है (इंडेक्सेशन के बिना) और २०% इंडेक्सेशन लाभ के साथ, जो भी कम हो।
निवेश किसे करना चाहिये –
ज्यादा जोखिम न उठाने वाले निवेशक जो कि बैंक सावधि जमा से ज्यादा अच्छे और सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं, उनके लिये मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) अच्छा विकल्प है। हालांकि मासिक रिटर्न की गारंटी नहीं है, स्थिर आय के लिये बैंक के जैसे नहीं है।
स्कीम नाम | एन.ए.वी. | १ वर्ष के रिटर्न | ५ वर्ष के रिटर्न |
HDFC MIP Long Term | 21.997 | 14.6 | 13 |
Reliance MIP | 20.947 | 14.6 | 12.9 |
Canara Robeco | 28.43 | 10.4 | 13.7 |
NAV as on 22 July 2010
मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) के विकल्प –
मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) के विकल्प हैं बैंक की सावधि जमा योजना, पोस्ट ऑफ़िस एम.आई.पी., फ़िक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स।
निष्कर्ष –
मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) आपको हर माह निश्चित राशि नहीं मिलती है। हर मासिक लाभांश ब्याज दर के उतार चढ़ाव और बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर रहता है। लेकिन मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) “नियमित आय उत्पाद” की श्रेणी में सबसे ज्यादा रिटर्न देने के कारण सबसे अच्छॆ हैं और कर में भी।
नियमित आय के लिए म्युचुअल फंड की एमआइपी पर या किसी एक ही उत्पाद पर ही निर्भर नहीं होना चाहिये । अपने निवेशों को हमेशा अलग अलग जगह करना चाहिये जिससे हानि कम से कम हो।
पिछली पोस्ट [स्विप (SWP) क्या है, और ये कैसे सेवानिवृत्ति के बाद के लिये अच्छा उत्पाद है ? (What is Systematic Withdraw Plan)] पर डॉ. महेश सिन्हा जी ने सवाल किया था, क्या सारा पैसा एक ही फ़ंड में लगाना उचित है।
मेरा जबाब है नहीं, अगर सारा पैसा एक ही फ़ंड में लगा दिया और वो अपना प्रदर्शन नहीं कर पाया फ़िर आपके भविष्य का क्या ?
आपका पैसा कम से कम ५ म्यूचुयल फ़ंडों में निवेशित होना चाहिये, जिसमें लार्जकैप डाईवर्सिफ़ाईड फ़ंड, बैलेन्स्ड फ़ंड,स्माल एवं मिडकैप फ़ंड सबमें आपका निवेश होना चाहिये। हाँ आज से ५ वर्ष पहले तक ज्यादा तरीके के म्यूच्यल फ़ंड उपलब्ध नहीं थे, परंतु अब तो जैसा म्यूच्यल फ़ंड चाहिये वैसा मिलता है।
हम पिछले १ वर्ष के रिटर्न की गणना करें स्विप की तो पायेंगे – निवेश तिथि ९ जुलाई २००९ निवेशित रकम १,००,००० रुपये, जिसमें आप अपनी निवेशित रकम में से १२,००० रुपये १२ महीने में निकाल भी चुके हैं, और आज मूल रकम ८८ हजार रुपये है।
कुछ लार्जकैप म्यूचयल फ़ंड –
फ़ंड का नाम | वर्तमान रकम | वापसी |
रिलायंस ग्रोथ – ग्रोथ | 1,33,234.41 | 51.4% |
रिलायंस विजन – ग्रोथ | 1,26,728.40 | 44.1% |
एच.डी.एफ़.सी. टॉप २०० | 1,25,214.84 | 42.29% |
डी.एस.पी. ब्लेकरॉक टॉप १०० | 1,18,900.61 | 35.11% |
कुछ बैलेन्स्ड म्यूचयल फ़ंड –
फ़ंड का नाम | वर्तमान रकम | वापसी |
डी.एस.पी. ब्लेकरॉक बेलेन्स्ड फ़ंड – ग्रोथ | 1,21,010.33 | 37.51% |
बड़ौदा पायोनियर बैलेन्स्ड | 1,06,911.12 | 21.49% |
केनरा रोबेको बेलेन्स | 1,20,934.93 | 37.43% |
एच.डी.एफ़.सी.बेलेन्स्ड फ़ंड | 1,30,369.77 | 48.15% |
कुछ स्मॉल मिडकैप फ़ंड –
फ़ंड का नाम | वर्तमान रकम | वापसी |
डी.एस.पी. ब्लेकरॉक | 1,58,195.10 | 79.77% |
एच.एस.बी.सी. मिडकैप | 1,34,062.97 | 52.34% |
आई.डी.एफ़.सी. | 1,40,779.75% | 59.98% |
डी.एस.पी. ब्लेकरॉक माइक्रो कैप फ़ंड | 1,77,672.85 | 101.9% |
जो म्यूचयल फ़ंड आज अच्छा प्रदर्शन कर रहा है इसका मतलब यह नहीं है कि भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करेगा, इसके लिये बाजार का ज्ञान होना भी बहुत जरुरी है।
म्यूच्यल फ़ंड हमेशा अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह करके ही खरीदें, आप ऊपर दी गई तालिका में देख सकते हैं, एक गलत निर्णय और आपके निवेश का सत्यानाश, बहुत सारे फ़ंड ऐसे भी हैं जो प्रदर्शन नहीं कर पाये, इससे बेहतर है कि अपने वित्तीय सलाहकार को शुल्क देकर सलाह लेना, तो आप अपने निवेश का बेहतर प्रदर्शन पा सकते हैं।
स्विप (SWP – Systematic Withdraw Plan) ऐसी योजना है जो कि निवेशक अपने म्यूचयल फ़ंड में से कुछ पैसा नियमित अंतराल से निवेश में से निकालने देती है। निकाला गया पैसा किसी ओर योजना में निवेश किया जा सकता है या फ़िर कुछ ओर खर्चों के लिये इसका उपयोग कर सकते हैं। साधारणतया: स्विप को सेवानिवृत्ति के बाद होने वाले नियमित खर्चों को पूरा करने के लिये अच्छे से उपयोग किया जा सकता है।
स्विप से नियमित अंतराल के बाद कुछ नियत राशि या फ़िर variable राशि निकाल सकते हैं। निकासी स्विप से मासिक, तिमाही, छ:माही या वार्षिक कर सकते हैं। इस योजना में समय अंतराल निवेशक को अपनी जरुरत और प्रतिबद्धताओं के अनुसार चुनना चाहिये।
साधारणतया: स्विप में कई लाभ हैं, यह आपके निवेश से एक नियमित समय अंतराल के बाद आपको आपकी चाही गई रकम तो देते ही हैं, साथ में आपकी मूल निवेश की गई रकम सीधे बाजार में निवेश रहती है, तो निवेश पर वापसी बहुत अच्छी होने की उम्मीद होती है, आपका मूल निवेश मुद्रास्फ़ीति से भी दो-दो हाथ करता रहता है और स्विप आपका भविष्य सुरक्षित करने में मददगार साबित होता है।
स्विप में आप शेयर बाजार के उतार चढ़ाव को भी झेल सकते हैं। नियमित अंतराल के बाद रकम निकासी से औसत मूल्य अच्छा मिलता है और निवेशक बाजार के उतार चढ़ाव का आनंद ले सकता है।
स्विप कैसे कार्य करती है – (How SWP working ?)
स्विप म्यूचयल फ़ंड में ही एक योजना है, जिसमें नियमित अंतराल के बाद यह आपको अपने निवेश में से कुछ रकम निकासी की सुविधा देती है।
अब म्यूचयल फ़ंड खरीदते हैं, तो उसे स्विप में ले सकते हैं, जिसमें आपको बताना होता है कि कितना रुपया हर महीने/तिमाही में कौन सी तारीख को चाहिये। जिस दिन म्यूचयल फ़ंड खरीदा जाता है, उस दिन की एन.ए.वी. से आपको आपके निवेश की यूनिट मिल जाती हैं। और फ़िर अगले महीने से आपकी चाही गई रकम उन यूनिटों में से बेचकर आपको दे दी जाती हैं। इससे फ़ायदा यह है कि अगर लंबी अवधि में देखें तो हम बाजार के उतार चढ़ाव बहुत ज्यादा पायेंगे और ये उनसे लड़ने में सक्षम हैं।
एक उदाहरण देखते हैं – एक व्यक्ति वर्ष २००२ में सेवानिवृत्त हुए, उन्होंने वित्तीय विशेषज्ञ की सेवाएँ ली और अपनी सेवानिवृत्ति राशि का २० लाख रुपया स्विप में लगाने का निर्णय लिया। और उन्होंने ९ जुलाई २००२ को रिलायंस ग्रोथ ग्रोथ म्यूचयल फ़ंड लिया। ९ जुलाई २००२ की एन.ए.वी. ३१.१८५ रुपये थी, और उन्हें ६४,१३३.३९७५ यूनिट मिलीं।
अब हर माह उन्हें शुरु की २ तारीख को ही २०,००० रुपये मिल जाते थे, और उन्होंने उसे आज तक जारी रखा है, जैसा कि आप सभी ने देखा है कि इन पिछले आठ वर्षों में बाजार ने अपने कई उतार चढ़ाव देखें हैं और कई बने हैं और कई बर्बाद हुए हैं, आज अगर उनके फ़ंड की उन्नति को देखा जाये तो आप पायेंगे कि पिछले आठ वर्षों में उन्होंने स्विप से १९.२० लाख रुपये तो निकाले ही हैं और आज उनके पास ४५,५७७.८७९२ यूनिट उपलब्ध हैं जिसकी एन.ए.वी. ४५९.८४६८ है, और कुल निवेश की राशि आज हो गई है २ करोड़ से भी ज्यादा जी हाँ बिल्कुल सही पढ़ा आपने उनकी आज की रकम है २,०५,६९,६०२.२५ रुपये। जी २५,६१२% की वापसी।
दूसरा उदाहरण देखिये – एक और व्यक्ति थे उन्होंने अपने राशि बैंक में मासिक आय योजना में रखी थी, और उन्हें ब्याज उस समय मिला लगभग १२% पर आज उनकी मूल राशि तो २० लाख रुपये ही है, जो कि आज की मुद्रास्फ़ीति से लड़ने में असक्षम है।
इस तालिका में देखिये –
निवेश योजना | दिनांक | रकम | आहरित रकम | वर्तमान राशि |
रिलायंस ग्रोथ – ग्रोथ म्यूचयल फ़ंड स्विप योजना | ९ जुलाई २००२ | २०,००,००० | १९,२०,००० | २,०५,६९,६०२.२५ ग्रोथ – २५,६१२% |
बैंक में सावधि जमा मासिक आय योजना | ९ जुलाई २००२ | २०,००,००० | १९,२०,०० | २०,००,००० ग्रोथ – ० % |
तो अब आप ही समझ सकते हैं कि निवेश में किसका निर्णय सही था।
कर कितना देना पड़ता है – (Income Tax !!!)
अभी तक कर का प्रावधान इस प्रकार था –
पहले वर्ष शार्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स देना होता था, जितनी यूनिट आपकी बाजार में बिकी हैं, उस हर यूनिट पर होने वाले फ़ायदे पर और एक वर्ष के बाद लांग टर्म कैपिटल गैन टैक्स से मुक्त था, पर इंडेक्सेशन से कर लगता था।
अब नये कर प्रस्ताव में लांग टर्म कैपिटल गैन टैक्स की फ़िर से बहाली की गई है, जिसमें निवेशक को अब हर यूनिट पर होने वाले फ़ायदे पर अब एक वर्ष की अवधि के बाद भी कर देना होगा और इंडेक्सेशन के ऊपर भी कर देय होगा।
इतने कर देने के बाबजूद भी यह योजना बहुत ही अच्छी है, जोखिमपूर्ण भी है। पर इसकी वापसी की तुलना किसी और वित्तीय उत्पाद से करना बहुत ही मुश्किल है।
वित्तीय विशेषज्ञ की सेवाएँ – ( Services of Financial Planner !!!)
मेरी राय है कि जब आप बाजार आधारित कोई भी उत्पाद खरीदते हैं, और अगर खुद विशेषज्ञ नहीं हैं तो वित्तीय विशेषज्ञ की समय समय पर सेवाएँ जरुर लें जो आपके धन को सुरक्षित रखने में आपकी मदद करेगा।
जैसे पहले उदाहरण में वित्तीय विशेषज्ञ की सेवाएँ केवल निवेश के समय ही ली गईं, अगर नियमित रुप से लेते, तो यही रकम लगभग ४ करोड़ हो गई होती। वित्तीय विशेषज्ञ अपनी सेवाओं के लिये कुछ मामुली सा शुल्क लेते हैं परंतु हमें वह शुल्क ज्यादा लगता है, अगर थोड़ा सा शुल्क देकर आपको अपने निवेश से ज्यादा बेहतर वापसी मिल रही है तो हर्ज ही क्या है।
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यह लेख अनीता कुमार जी को समर्पित है, उनके कहने पर ही मैंने सेवानिवृत्ति कोष को अभी आज के बाजार में कैसे निवेश किया जाये, पढ़ा और उनके लिये ही लिखा है। आशा है सबको पसंद आयेगा। |
सेवानिवृत्ति के समय आपको एक बड़ी धनराशि मिलती है। जो कि आपके भविष्य निधि, नकदीकरण, पेंशन का रुपांतरण, ग्रेच्युटी इत्यादि की राशि मिलाकर होती है।
उस समय सबसे बड़ा सवाल आपके सामने आता है कि “इस धनराशि को कहाँ और कैसे निवेश किया जाये ?” निवेश के लिये ऐसी कौन सी जगह सुरक्षित है, जहाँ अभी भी निवेश से अच्छी वापसी की उम्मीद हो ?
यहाँ हम देखेंगे कि सेवानिवृत्ति के धन को निवेश करने वाले वित्तीय उत्पाद की क्या विशेषताएँ होनी चाहिये और कुछ विकल्पों के सुझाव भी देंगे।
आप सारी जिंदगी अपने परिवार के लिये कार्य करते हो, बहुत परिश्रम करके अथक प्रयासों से अपने जीवन में प्रगति करते हैं। और अंत में एक दिन आता है जब आपको आराम की जरुरत होती है – आपकी सेवानिवृत्ति ! आप अपने जीवन का आनंद लेने के लिये एक बार वापिस से स्वतंत्र हैं। और वो सब चीजें कर सकते हैं को कि आप कार्य करते हुए नहीं कर सकते थे।
लेकिन सेवानिवृत्ति इन सब सुख के साथ के साथ ही एक महत्वपूर्ण प्रश्न भी लेकर आता है – धन को कहाँ निवेश करना है जो कि आपको सेवानिवृत्ति लाभों के रुप में मिला है।
यह कोई साधारण सा सवाल नहीं है। आखिरकार आपकी जिंदगी भर की मेहनत के धन का प्रश्न है।
समस्या बहुत महत्वपूर्ण है –
सेवानिवृत्ति के समय आपको दसियों लाख रुपया मिलता है। वह इसलिये क्योंकि आपको बहुत सारी जगह से धन मिलता है – भविष्य निधि, स्वैच्छिक भविष्य निधि, सेवानिवृत्ति, छुट्टी नकदीकरण, पेंशन का रुपांतरण इत्यादि ।
आपको आपने उन निवेशों से भी धन प्राप्त हो सकता है, जब आपने निवेश किया होगा तो यह सोचकर किया होगा कि सेवानिवृत्ति के समय यह पैसा भी साथ में मिल जायेगा, और उसकी परिपक्वता भी पूर्ण हो रही हो। जो कि सार्वजनिक भविष्य निधि (पी.पी.एफ़.), जीवन बीमा पालिसी इत्यादि हो सकती हैं।
इस प्रकार, अब आपके सामने ऐसी स्थिती उत्पन्न हो जाती है कि इतना सारा धन कहाँ निवेश करें, कैसे करें, जिससे सेवानिवृत्ति के बाद भी आपके मासिक खर्चों के लिये राशि बराबर मिलती रहे । इतनी बड़ी राशि जो कि शायद अपने पूरे जीवन में कभी एक साथ निवेश नहीं की होगी ।
सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले रिटर्न की विशेषताएँ –
सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले धन को निवेशित करने के लिये वित्तीय उत्पादों में क्या विशेषताएँ होनी चाहिये ?
स्थायी रिटर्न
समस्या बहुत जटिल है, क्योंकि आप अपने सेवानिवृत्ति से मिलने वाले धन को कुछ इस तरह से निवॆश करना चाहते हैं कि सुरक्षित और स्थायी रिटर्न भी मिलता रहे और सेवानिवृत्ति के बाद मिला धन भी आपके जीवनकाल तक आपके साथ सुरक्षित रहे।
आपको अपनी आय बाजार के मानक से अच्छी रखनी होगी, जो कि आपके वर्तमान व्ययों का ध्यान तो रखेंगे ही और भविष्य में होने वाले दिन-ब-दिन के खर्चों में होने वाली मदों में भी मदद करेगी।
विशेष रुप से यह उन लोगों के लिये महत्वपूर्ण है जिनको पेंशन नहीं मिलने वाली है।
सुरक्षित रिटर्न
चूँकि सेवानिवृत्ति के बाद, आपके पास आय का स्त्रोत वेतन नहीं आने वाला है। आप पूरी तरह से अपने निवेशित धन पर ही अब अपने जीवनकाल के लिये निर्भर करते हैं।
इसलिये, सुरक्षित रिटर्न, निवेशित धनराशि की सुरक्षा (मूलधन) बहुत ही महत्वपूर्ण है।
नियमित रिटर्न
अब यही आपके प्राथमिक आय का स्त्रोत होगा जो कि आपके दैनिक खर्चों का ख्याल रखेगा, तो आप ऐसे वित्तीय उत्पाद में निवेश नहीं कर पायेंगे जहाँ संचयी लाभ मिलता हो।
आपको ऐसी जगह निवेश करना होगा जहाँ से आपको नियमित रुप से मासिक या त्रैमासिक आय मिलती रहे।
कहाँ निवेश करें –
तो अब सबसे बड़ा सवाल कि सेवानिवृत्ति के बाद मिली धनराशि को कहाँ निवेशित करें ?
अगर आप जल्दी सेवानिवृत्ति ले रहे हैं तो सावधि जमा (FD) अच्छा विकल्प नहीं है, क्योंकि इसमें आप बाजार में होने वाले रुपये के अवमूल्यन से लड़ नहीं पायेंगे। सेवानिवृत्ति की योजना को ध्यान में रखते हुए जब आप काम कर रहे होते हैं तभी आय के स्त्रोतों को लक्ष्य बनाया जाना चाहिये जिससे सेवानिवृत्ति पर आपको सोचना न पड़े।
लेकिन अगर आप इस तरह के आय के स्त्रोत बनाने में अक्षम रहते हैं, तो भी हमारा निवेश का बड़ा हिस्सा परंपरागत निवेशों के लिये ही होगा। सावधि जमा योजना जो कि सुरक्षित, विश्वसनीय और निश्चित आय प्रदान करता है।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
सेवानिवृत्ति के बाद बचत के लिये सबसे अच्छा वित्तीय उत्पाद है वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), जिसमें आप अपना सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाला धन निवेश कर सकते हैं, और ये विशेषकर सेवानिवृत्तों के लिये ही बनाया गया है।
इसकी कुछ विशेषताएँ इस प्रकार हैं –
पूर्ण सुरक्षा – यह एक सरकारी योजना है, इसलिये यह बिल्कुल सुरक्षित है।
नियमित नकदी – त्रैमासिक आधार पर ब्याज का भुगतान किया जाता है।
उचित ब्याज दर – वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) ९% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज देता है।
उच्च निवेश सीमा – वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) में १५ लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं।
सेवानिवृत्ति कोष से जितना ज्यादा संभव हो सके उतना वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) लेना चाहिये।
सावधि जमा (FD)-
सेवानिवृत्ति कोष निवेश करने की सबसे मनपसंदीदा वित्तीय उत्पाद सावधि जमा है। अच्छे बैंकों में निवेश करें और सावधि जमा से स्थिर रिटर्न मिलता है।
इसके अलावा, सावधि जमा को कभी भी तोड़ा जा सकता है, और आकस्मिक व्यय के लिये उपयोग कर सकते हैं, इसलिये सेवानिवृत्ति के धन का कुछ हिस्सा निश्चित ही सावधि जमा में रखना चाहिये।
आकस्मिक या आपातकालीन राशि लगभग आपके छ: माह के खर्चे के बराबर होनी चाहिये जो कि आमतौर पर पर्याप्त होती है। यह राशि आपके आपातकालीन चिकित्सा खर्चों में व्यय करने के लिये भी सक्षम होगी। इसलिये आपको बैंक में सावधि जमा के तौर पर कम से कम छ: महीने के खर्चों के बराबर की राशि रखना चाहिये।
यदि आप पूर्ण सुरक्षा चाहते हैं, तो आप पोस्ट ऑफ़िस में भी सावधि जमा करवा सकते हैं, यह बिल्कुल बैंक की सावधि जमा के समान है, बस ये पोस्ट ऑफ़िस में होगी, पोस्ट ऑफ़िस में होने कारण सरकार द्वारा सुरक्षित होगा आपका धन।
डाकघर मासिक आय योजना (PO MIS) –
सेवानिवृत्ति कोष को निवेशित करने के लिये यह भी वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) जैसी ही एक अच्छी योजना है।
पूर्ण सुरक्षा – यह एक सरकारी योजना है, इसलिये यह बिल्कुल सुरक्षित है।
नियमित नकदी – मासिक आधार पर ब्याज का भुगतान किया जाता है।
उचित ब्याज दर –यह ८% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज देता है और परिपक्वता पर ५% बोनस प्रदान करता है, इसका प्रभावी यील्ड ८.९% होता है।
निवेश सीमा – इसमें ४.५ लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। संयुक्त खातों के लिये सीमा ९ लाख रुपये है।
अन्य सुरक्षित निवेश के वित्तीय उत्पाद –
बाजार में कुछ ओर भी वित्तीय उत्पाद हैं जो कि सरकार समर्थित हैं, और पूर्णतया: सुरक्षित होते हैं। इन वित्तीय उत्पादों के साथ समस्या यह है कि इनसे कोई नियमित आय नहीं होती है, ब्याज संचित होता जाता है और परिपक्वता पर मूलधन के साथ ब्याज मिलता है।
इसलिये शायद यह आपके लिये सेवानिवृत्ति के धन को निवेश करने की अच्छी जगह नहीं होगी।
शेयर बाजार (Stocks)
सेवानिवृत्त लोगों के लिये निवेश करने के लिये यह एक अपरंपरागत जगह है। लेकिन इस जगह सेवानिवृत्ति के कुछ प्रतिशत धन को निवेशित करने से अनदेखा नहीं करना चाहिये।
नये नये मेडिकल साधनों के चलते औसत जीवनकाल बड़ने लगा है। आपको सेवानिवृत्ति धन अपने जीवनकाल तक सुरक्षित रखना है।
अभी तक हमने जितने भी वित्तीय उत्पाद देखे हैं वो मुद्रास्फ़ीति को हरा नहीं सकते, और आपके कोष को बढ़ाने में सक्षम भी नहीं हैं। जिससे आपके बढ़ते हुए खर्चों को पूर्ण किया जा सके। केवल शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहाँ निवेश करने पर आप मुद्रास्फ़ीति से लड़ भी सकते हैं और आपका निवेशित धन बड़ता भी जाता है।
परंपरागत तौर पर सेवानिवृत्ति कोष को शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा माना जाता है। पर अगर आप अपना कोष बड़ता हुआ देखना चाहते हैं तो व्यावहारिक रुप से यह केवल शेयर बाजार में ही संभव है।
कम से कम अपने कोष का १०% और यदि संभव हो तो २०% तक शेयर बाजार में निवेश करना चाहिये।
निवेश करते समय निम्नलिखित दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिये –
आपको अपने सेवानिवृत्ति कोष को निवेशित करने के लिये शुभकामनाएँ।