कल मैं बहुत दिनों के बाद सडक के रास्ते मुँबई फ़ोर्ट गया था। तो रास्तेभर ९३.५ एफ़ एम वाली मलिश्का के बडे बडे होर्डिंग्स लगे हुये थे। किसी में नौकरानी पोंछा लगा रही है और मालिक अखबार पढ़्ते हुये कनखियों से उसके बाहर झूलते हुये वक्षस्थलों को कामुक निगाहों से देख रहा है, और नीचे मलिश्का का प्रतीकात्मक फ़ोटो लगा था व साथ में लिखा था फ़ोन लगाईये और अपने मन की बात मलिष्का को बताईये जो आपने आज तक किसी से नहीं कही वो मलिश्का को बतायें।
दूसरे होर्डिंग मै एक सभ्य व्यक्ति कार् चला रहा है और् एक लेडी अपने कुत्ते को लेकर घूमने निकली है और अचानक कुत्ता अपनी टाँग उठाकर सूसू कर देता है उस कार के पिछले दरवाजे पर, और कार वाले को बहुत खिन्न मुद्रा में दिखाया है। फ़िर वही मलिष्का नीचे और लिखा था अपने मन की बात बतायें।
इस प्रकार के कई सारे होर्डींग्स वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर और फ़िर एस.वी. रोड सब जगह पटे पड़े हैं। अब आखिर ये मलिश्का सुनना क्या चाहती है अगर आप भी देखेंगे तो इस भौंडेपन और नंगाई को देखकर शायद आपकी भी नजरें झुक जायेंगी। क्या मुँबई वाकई इतनी एडवांस हो गई है, कि ये सब आम बात हो गई है। वैसे तो यहाँ के राजनीतिज्ञ बहुत कुछ बोलते रहते हैं पर इस बात को लेकर कोई बबाल नहीं, आखिर क्यों ?? क्या हमारे समाज में मर्यादा खत्म हो गई है ??