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इंडिब्लॉगर मीट बैंगलोर ब्लॉगरों की ताकत – 2 (IndiBlogger.in Meet Bangalore – 2)
इंडिब्लॉगर मीट बैंगलोर ब्लॉगरों की ताकत (IndiBlogger.in Meet Bangalore)
दोपहर के भोजन के बाद सभी ब्लॉगर्स इस्कॉन मंदिर के फ़ोटो लेने में लग गये, वैसे एक बात गौर करने लायक थी कि लगभग सभी ब्लॉगर्स के पास DSLR कैमरे थे, कुछ फ़ोटो ब्लॉगर्स भी थे, जो पूरी ब्लॉगर मीट के दौरान फ़ोटो खींचने में ही व्यस्त रहे।
अक्षयपात्र फ़ाऊँडेशन के चैयरमेन श्री मधु दास हमारे सम्मुख थे, और उन्होंने ब्लॉगर्स के योगदान को सराहा और लोगों को इस बारे में बताने के लिये अपने ब्लॉग पर लिखने की अपील की। ब्लॉगर्स के प्रश्नों के उत्तर भी दिये।
सभी ब्लॉगर्स वापिस से MVT हॉल में आ चुके थे, फ़िर शुरु हुआ एक दूसरे को टिप्पणी देने का सिलसिला, सभी को एक ड्राँईंग शीट अपनी पीठ पर लगाने को दे दी गई, और जैसे हम ब्लॉग पर टिप्पणी देते हैं, वैसे ही एक दूसरे से मिलकर, कैसा लगा और अपने ब्लॉग का पता साझा करने के लिये यह दौर बनाया गया था। बहुत सारे ब्लॉगर्स से मुलाकात हुई, जिसमॆं भारतीय भाषा के एक और ब्लॉगर से मिले जो कि कन्न्ड़ में ब्लॉग लिखते हैं। हमने ब्लॉगर्स को बताया कि हम हिन्दी में ब्लॉग लिखते हैं, तो सबने बहुत सराहा। प्रतिक्रियाएँ भी आई कि हिन्दी कम्प्यूटर पर लिखना क्या इतना आसान है ? हिन्दी में लिखने के कारण फ़िर तो आपके पाठक और पेजलोड भी ज्यादा होंगे इत्यादि बातें हुईं। कुछ ब्लॉगर्स ने बताया कि हिन्दी पढ़ना उन्हें अच्छा लगता है परंतु हिन्दी में यहाँ ज्यादा कुछ उपलब्ध नहीं है, उन्होंने वादा किया कि अब हम हिन्दी ब्लॉग पढ़ा करेंगे, उन्होंने बताया कि हम तो हिन्दी को केवल हिन्दी दिवस के कारण ही जानते हैं, क्योंकि तब विद्यालय में कार्यक्रम होते थे। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि हिन्दी दिवस पर आप लोग तो उत्सव मनाते होंगे, कुछ विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित होते होंगे, हमने उन्हें बताया कि हिन्दी लिखने वालों के लिये तो रोज ही हिन्दी दिवस है, पर हिन्दी दिवस पर बहुत सारे साहित्यिक आयोजन किये जाते हैं।
बहुत सारी टिप्पणियाँ लेने और देने के बाद पूछा गया कि सबसे ज्यादा टिप्पणियाँ किसके पास हैं, और इस प्रकार ज्यादा टिप्पणी पाने वालों को अक्षयपात्र फ़ाऊँडेशन ने बच्चों की तस्वीरें उपहार स्वरूप प्रदान की।
टिप्पणियों के दौर के बाद अब था बहस का दौर, जिसमें चार समूहों में सारे ब्लॉगर्स को बाँटा गया, पहला समूह मोबाईल ब्लॉगिंग और टिप्स, दूसरा समूह ऑनलाईन उत्पीड़न online harassment, तीसरा समूह ब्लॉग के सामाजिक दायित्व और चौथा समूह इंडिब्लॉगर के बारे में जानकारी का था।
इसके बाद आखिरी दौर था इंडिब्लॉगर की टीशर्ट वितरण का जिसमें सभी को अपने साईज के अनुसार टीशर्टें दी गई।
फ़िर वापिस से दिन भर की इस मधुर ब्लॉगर मीट के बाद हम लौट चले अपने घर की ओर..
इंडिब्लॉगर मीट बैंगलोर ब्लॉगरों की ताकत (IndiBlogger.in Meet Bangalore)
इंडिबस हमारे रूट पर नहीं आई तो हम इंडिब्लॉगर मीट में शिरकत करने बैंगलोर के बस परिवहन से इस्कॉन मंदिर पहुंचे। आयोजन एमवीटी (Multi Vision Theatre) में था और अक्षयपात्र एनजीओ जो कि इस्कॉन चलाता है,के द्वारा प्रायोजित था। अक्षयपात्र अभी लगभग १२ लाख से ज्यादा बच्चों को दोपहर का भोजन स्कूल में शिक्षा के लिये देता है, जिससे शिक्षा के लिये गरीब बच्चे प्रोत्साहित हों।
अक्षयपात्र वर्ष २००० में शुरु हुआ था, और करीब १५०० बच्चों को खाना प्रायोजित करने से शुरुआत की थी, वर्ष २०२० तक अक्षयपात्र यह संख्या ५० लाख पहुंचाना चाहता है, और यह भारत का सबसे बड़ा एनजीओ है, कुछ दिनों पहले ही अक्षयपात्र के लिये इंडिब्लॉगर पर प्रतियोगिता थी, जिसमें लगभग १८० ब्लॉगरों ने भाग लिया था, जिससे अक्षयपात्र की वेबसाईट पर बहुत ट्रॉफ़िक बड़ गया और उन्होंने ब्लॉगरों के जरिये अपनी बात जन जन तक पहुंचाने की कोशिश की है। पहले एक महीने में अक्षयपात्र की वेबसाईट पर करीबन १५०० नये लोग आते थे, पर इंडिब्लॉगर पर प्रतियोगिता के बाद अब लगभग रोज ही ४००० नये लोग उनकी वेबसाईट देखते हैं।
इंडिब्लॉगर मीट का समय अपराह्न १२.३० से ४.३० तय किया गया था, पर दोनों इंडिबसें अपने निर्धारित समय से करीब एक घंटा देरी से आने के कारण मीट लगभग १.३० बजे शुरु की गई, अक्षयपात्र के स्वयंसेवकों ने व्यवस्था बहुत ही अच्छे से संभाली हुई थी, अक्षयपात्र का काऊँटर सर्वप्रथम था और वहाँ पर अक्षयपात्र के बारे में जानकारी उपलब्ध करवायी जा रही थी साथ ही एक बैज भी दिया जा रहा था “I Support Akshaypatra Foundation”| ब्लॉगरों के लिये स्वागत पेय और नाश्ता (समोसे) थे, और अंदर हॉल में प्रवेश करते ही इंडिब्लॉगर का काऊँटर था जहाँ तीन लेपटॉप रखे थे, वहाँ अपना पंजीकृत ईमेल आई.डी. लिखना था जिससे पता चले कि आप इंडिब्लॉगर के सदस्य हैं, हॉल में वाईफ़ाई भी उपलब्ध था, करीब हर दूसरा ब्लॉगर अपना लेपटॉप खोलकर बैठा था, और अपने आसपास वाले ब्लॉगरों से मिल रहा था।
इंडिब्लॉगर से अनूप माईक पर थे और मीट की शुरुआत में उन्होंने इस्कॉन के वाईस प्रेसीडेन्ट चंचलपति दास से मुखतिब करवाया, चंचलपति दास ने अक्षयपात्र के बारे में बताया और ब्लॉगरों को अक्षयपात्र के लिये लिखने के लिये प्रोत्साहित किया।
फ़िर शुरु हुआ हॉल ऑफ़ द फ़ेम ३० सेकण्ड का चक्र जिसमें कम्प्यूटर के द्वारा चुने गये ६० ब्लॉगरों को अपना परिचय देना था, सभी ब्लॉगरों का परिचय बहुत मुश्किल था क्योंकि लगभग ३०० ब्लॉगर वहाँ पर उपस्थित थे।
एक ब्लॉगर जो कि पहले ५ वर्षों तक सॉफ़्टवेयर में नौकरी करते थे, फ़िर दुनिया घूमने के लिये नौकरी छोड़कर अपना शौक पूरा करने निकल पड़े और एक वर्ष में लगभग ११ देश घूम आये और अंतत: धन खत्म होते ही वापिस लौट गये और अब फ़िर से नौकरी की तलाश में हैं, ब्लॉग का नाम भी अच्छा लगा – गूगीगोसग्लोबल |
एक अन्य ब्लॉगर थे जो कि कविताएँ लिखते हैं तो उन्होंने अपने ब्लॉग पर मल्लिका सेहरावत पर कविता लिखी थी, और काफ़ी चर्चित भी हुई थी, और उन्हें मल्लिका सेहरावत का फ़ोन भी आया था, पूरा हॉल सीटियों से गूँज उठा था।
एक ब्लॉगर थे अगड़मबगड़म उन्होंने कहा कि मेरे दोस्त मेरी बातें नहीं सुनते थे तो ब्लॉग लिखना शुरु कर दिया अब उन्हें कई लोग पढ़ते हैं।
हॉल ऑफ़ फ़ेम के बाद हुआ भोजन का दौर, भोजन अक्षयपात्र स्कूल के बच्चों को दोपहर में उपलब्ध करवाता है, भोजन में चावल का एक नमकीन व्यंजन एक मीठा व्यंजन और चिवड़ा था, बहुत ही स्वादिष्ट भोजन था।
जारी..