कल की पोस्ट नववर्ष में परिवार को सुरक्षित करें और परिवार को तोहफ़ा दें आज ही, जल्दी सोचिये और अमल करें [Secure your family, Think fast ….] में मैंने केवल टर्म इंश्योरेन्स की ही बात की थी, परिवार को सुरक्षित करने के लिए और भी इंश्योरेन्स की जरुरत होती है, जैसे कि हेल्थ और गंभीर बीमारियों के लिये।
अगर आप ऑफ़िस से आ रहे हैं और किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं या फ़िर कोई बीमारी हो गई जैसे कि पीलिया या कोई और बीमारी जिससे आपको अस्पताल में रहना पड़े, तो मानसिक दबाब के साथ साथ आप आर्थिक दबाब में भी आ जायेंगे, क्योंकि आजकल अस्पताल में जाना मतलब बहुत अधिक मात्रा में धन खर्च होना, क्योंकि आजकल इलाज का खर्च बहुत अधिक हो गया है और अस्पताल भी पाँच सितारा जैसे महंगे हो गये हैं, अगर सामन्य बीमारी है तो कम से कम दो हजार रोजाना और ज्यादा की तो कोई सीमा ही नहीं है।
कब धन को पंख लग जाते हैं अस्पताल में जाते ही पता ही नहीं चलता है। सबसे पहले ये सोचिये क्या आप इस आकस्मिक आपदा खर्च को वहन कर पायेंगे, अगर आप इसका इंश्योरेन्स करवा लेते हैं तो कोई घबराने वाली बात ही नहीं है। थोड़ी प्रीमियम में आप बड़ी राशि का इंश्योरेन्स करवा सकते हैं, जिससे आप आर्थिक रुप से दीवालिया होने से बच सकते हैं। कि अपनी तो सारी बचत एक बीमारी में ही चली गई, सोचिये सोचिये !!
आप अपना खुद का और परिवार का दोनों का हेल्थ इंश्योरेन्स करवा सकते हैं, अगर आपका हेल्थ इंश्योरेन्स आपका नियोक्ता करवा रहा है तब तो आपके लिये कोई चिंता की कोई बात नहीं है, परंतु परिवार का क्या ?
बीमारी कोई दस्तक देकर तो नहीं आती और न ही आकस्मिक राशि के साथ कोई तैयार रहता है, इसके लिये बहुत जरुरी है हेल्थ इंश्योरेन्स। जितना भी खर्चा होगा अस्पताल में ले जाने के पहले, अस्पताल में, अस्पताल से घर जाने के बाद होने वाला इलाज का खर्च, दवाईयों का खर्च सब कुछ हेल्थ इंश्योरेन्स (मेडिक्लेम) में सम्मिलित होता है।
सामयिक परिवार (फ़ैमिली फ़्लोटर) हेल्थ इंश्योरेन्स लेने से यह फ़ायदा होता है कि पूरी या कुछ बीमित राशि का उपयोग परिवार का किसी भी व्यक्ति के लिये किया जा सकता है।
सोचिये सोचिये और जल्दी से ले लीजिए मेडिक्लेम इंश्योरेन्स । अरे नहीं इसकी प्रीमियम भरने के बाद आप सुरक्षित हैं पर आपको यह रकम वापिस नहीं मिलेगी बस हाँ आप उस बीमित राशि से वर्षभर के लिये सुरक्षित रहेंगे।
सादर वन्दे
शुक्र है कि हम अभी तक कुवारें है इसलिए अभी टेंशन कम है.
रत्नेश त्रिपाठी
आभार जानकारी का.
अच्छी जानकारी दे रहें हैं आप.