दो दोस्त एक रेगिस्तान से गुजर रहे थे। बीच रास्ते में उनके बीच बहस छिड़ गई और पहले दोस्त ने दूसरे को थप्पड़ लगा दिया। जिसे थप्पड़ पड़ा उसने बिना कुछ कहे रेत पर लिखा, आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा। ऐसा लिखकर वे दोनों साथ चल दिए। रास्ते में नदी आई, दूसरा दोस्त उसमें नहाने के लिए उतरा और डूबने लगा। पहले दोस्त ने तुरंत नदी में कूद कर उसकी जान बचा ली। इस बार उस दोस्त ने पत्थर पर लिखा, आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी जान बचाई। पहले ने उससे रेत और पत्थर पर लिखने का कारण पूछा तो उसने जवाब दिया, जब कोई तकलीफ पहुँचाए तो उसे रेत पर लिखना चाहिए, ताकि क्षमा की हवा उसे मिटा सके लेकिन यदि कोई अच्छा करे तो उसे पत्थर पर लिखना चाहिए, जिससे कोई भी उस छाप को मिटा न सके।
दुख भुलाना और सुख को याद रखना, खुद अपने हाथ में है।
आपके पहले पोस्ट पर पहला कमेन्ट करने कि उपलब्धि मेरे नाम.. 😀
वाह! हमने पीडी को पहला कमेंट करने का मौका दिया। 🙂
अनूप जी को दूसरे नम्बर का गौरव मैने दिया
हे हे …….इत्ता मत उड़िए……..आप तीनों हमसे ही नमस्ते करके हमसे आगे लग गए थे ……कमेन्ट करने के लिए लाइन में 🙂