“कालिदास और मेघदूतम के बारे में” श्रंखला खत्म, आपके विचार बतायें

                   यह कड़ी कालिदास और मेघदूतम के बारे में की आखिरी कड़ी थी। कृप्या बतायें क्या आगे भी इसी तरह की कुछ और किताबों पर कड़ियां पढ़ना पसंद करेंगे तो मैं उस की तैयारी करता हूँ। अभी पढ़ी गई किताबों में है त्रिविक्रमभट्ट रचित “नलचम्पू” और शिवाजी सामंत की “मृत्युंजय”। पढ़ना जारी है – “Rich Dad Poor Dad”, पढ़ने के इंतजार में हैं “The Alchemist”|

दीपों के त्यौहार दीपावली पर आप सब को बहुत बहुत शुभकामनाएँ।

6 thoughts on ““कालिदास और मेघदूतम के बारे में” श्रंखला खत्म, आपके विचार बतायें

  1. अरे हमें तो बहुत अच्छा लग रहा था…ऐसा ही कुछ जारी रखिये.

    सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
    दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
    खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
    दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

    सादर

    -समीर लाल 'समीर'

  2. दिपावली की शुभकामनायें.

    आज पहली बार यहां आना हुआ, तो पता चला कि आपनें कालिदास पर अमूल्य योगदान दे रखा है.

    पहले पढना पडेगा, फ़िर विचारों का आदान प्रदान हो सकेगा. वैसे मेरे पिताजी डॊ. प्र. ना. कवठेकर कालिदास पर काफ़ी लिख चुके हैं(कालिदास- व्यक्ति और अभिव्यक्ति). उन्हे अच्छा लगेगा यह पढाकर.

  3. अच्‍छी श्रृंखला रही .. वैसे कुछ कडी छूट गयी है .. आगे अवश्‍य लिखें !!
    पल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
    जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!

  4. @दिलीपजी – आपको भी दीपावली की शुभकामनाएँ। अभी हम ३-४ दिन पहले ही ताऊ से मिलकर आये हैं, तब आपकी भी बात हुई थी, आपके विचारों को जानने के लिये उत्सुक हूँ।

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