अवसर… मौका… जो पहला मिले छोड़ो मत…

एक जवान आदमी किसान की खूबसूरत लड़की से शादी करना चाहता था, वह किसान के पास शादी की अनुमति लेने गया।

किसान ने उस जवान की ओर देखा और बोला जाओ उस खेत में खड़े हो जाओ। मैं एक एक करके तीन सांडों को छोडूँगा। अगर तुमने एक भी सांड की पूँछ पकड़ ली तो तुम मेरी बेटी से शादी कर सकते हो।

जवान आदमी खेत में जाकर खड़ा हो गया और पहले सांड के आने का इंतजार करने लगा। खलिहान का दरवाजा खोला गया पहला सांड बाहर आया, बहुत ही भीमकाय शरीर वाला उसने पहली बार इतना बड़ा सांड देखा था। उसने सोचा कि अगला सांड इससे बेहतर विकल्प होगा, इसलिए वह एक ओर भाग लिया और वह सांड उसके सामने से निकल गया।

खलिहान का दरवाजा वापिस से खोला गया, देखकर यकीन नहीं हुआ। इतना बड़ा और भयंकर सांड उसने पहली बाद देखा था, उसे देखकर तो वह जड़ हो गया। उसने सोचा कि  अच्छा है कि मेरा  अगले सांड का इंतजार करना ठीक रहेगा और अगला सांड एक बेहतर विकल्प होगा। इसलिए वह एक ओर भाग लिया और वह सांड उसके सामने से निकल गया।

खलिहान का दरवाजा तीसरी बार खोला गया, उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी, यह सबसे कमजोर सांड था, इससे कमजोर सांड उसने आज तक नहीं देखा था। उसने अपने आप से कहा यही तो मेरा सांड है, जिसका मैं इंतजार कर रहा था। वह सांड दौड़ा चला आ रहा था और इस जवान ने अपनी स्थिती ठीक की और सांड की पूँछ पकड़ने के लिये तैयार हो गया, और कूद पड़ा, लेकिन यह क्या उस सांड की तो पूँछ ही नहीं थी।

नैतिक शिक्षा – जीवन अवसरों से भरा पड़ा है, जो भी अवसर पहले मिले उसे ले लो, छोड़ो मत।

परिवर्तन के बिना प्रगति असंभव है, और जो अपना मन नहीं बदल सकते, वे कुछ नहीं बदल सकते।

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