6 thoughts on “ऑनसाईट जाने की खुशी, परिवार की

  1. हा हा हा

    इसमें कोई बुराई नहीं है जी

    ऐसा इलाहाबाद में भी होता था २० साल पहले 🙂

    अगर कोई उच्च शिक्षा के लिएय विधेश जा रहा हो तो परिवार वाले पूरी शहर में पम्पलेट बाट देते थे 🙂

    अब भी होता है क्या ऐसा ?

  2. खुशियाँ प्रकट करने का अपना अपना तरीका है और सम्मान योग्य है ! कौन सी ख़ुशी किसको कितना आनंदित करेगी इसे व्यक्ति विशेष ही समझ सकता है !
    बढ़िया पोस्ट !

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