रपट आ चुकी है कुछ चीजें ठीक नहीं है पर अधिकतर चीजें ठीक हैं, मानवीय संवेदनाएँ मर चुकी हैं…. क्या ??

    आप सभी लोगों ने मुझे इतना संबल दिया मैं तो अभिभूत हो गया इतना प्रेम मिला और आप सभी की दुआओं और आशीर्वाद की बदौलत मैं आज बिल्कुल ठीक महसूस कर रहा हूँ। पाबला जी ने तो फ़ोन पर ही मुझे इतना हँसाया कि मैं तो सोचता ही रह गया कि जिनसे आज तक मिला नहीं, उनसे इतना अच्छा रिश्ता, जरुर यह “राज पिछले जनम का” में ही पता चलेगा, कि सभी ब्लॉगर्स से इतना अपनापन क्यों है।
    कुछ चीजें ठीक नहीं हैं पर अधिकतर चीजें ठीक हैं, मतलब कि अब जो थोड़ी सी समस्या बची है वो भी नियमित दिनचर्या के बीच ठीक हो जायेगी। तो अब सुबह नियमित सुबह घूमने जाना और व्यायाम हम अपनी दिनचर्या में शुरु कर रहे हैं, पोस्टों की संख्या अब कम होने लगेगी, कोशिश करेंगे कि नियमित लिखें और टिपियायें भी। समय प्रबंधन कुछ ओर बेहतर तरीके से करना पड़ेगा। जिससे सभी गतिविधियों के लिये समय निकाल पायें और पर्याप्त समय दे पायें।
मानवीय संवेदनाएँ मर चुकी हैं…. क्या ??
    आज थोड़ी देर के लिये कहीं बाहर गया था बहुत ही व्यस्त मार्ग था, और सभी लोग अपने अपने ऑफ़िस जाने की आपाधापी में भागे जा रहे थे। तभी किसी चारपहिया वाहन ने एक पैदल यात्री को टक्कर जोर की मार दी, पर भगवान की दया से तब भी वह पैदल यात्री बच गया परंतु उसके बाद जो हुआ वह बहुत बुरा हुआ।
    चारपहिया वाहन का चालक ने किसी चीज से उस पैदल व्यक्ति के ऊपर आघात कर दिया और उसके सिर से खून बहने लगा। बस फ़िर क्या था जाम हो गया और वाहनों की दोनों ओर से लाईन लग गयी, कुछ पैदल यात्री उसका साथ देकर चालक को जुतियाने लगे। जब तक हम पहुँचे तब तक केवल जाम था, सब घटित हो चुका था और हमें किसी चलते हुए पैदल यात्री ने सड़क पार करते हुए यह कथा सुनाई। क्या हमारी मानवीय संवेदनाएँ वाकई मर चुकी हैं… क्या ??? हो गया है हमें.. कि दूसरे के खून को देखकर हमें कुछ होता ही नहीं है।

10 thoughts on “रपट आ चुकी है कुछ चीजें ठीक नहीं है पर अधिकतर चीजें ठीक हैं, मानवीय संवेदनाएँ मर चुकी हैं…. क्या ??

  1. विवेक भाई , यह जीवन बहुत खूबसूरत है । इसे सिर्फ एक बार ही हमे जीना है । न कोई पिछला जन्म था न अगला जन्म होगा । इसलिये समय का और स्वास्थ्य का ख्याल भी रखना है । पूरी तरह आशावाद के साथ इसे देखें । मनुष्य से प्यार करें । जहाँ ज़रूरी है वहाँ विरोध दर्ज करें । अपने आप को अभिव्यक्त करते रहें । भय किसी भी तरह का हो मन से निकाल दें । और क्या कहूँ आप खुद समझदार है ।

  2. शुक्र है अधिकतर चीजें ठीक हैं, जो नहीं हैं वे भी जल ठीक कर लें.
    इस पोस्ट के बहाने मैंने पिछली पोस्ट अभी पढ़ी. अपनी अस्वस्थता पर बड़े ही रोचक ढंग से पोस्ट लिखी आपने. :डी
    आपके स्वास्थ्य और लेखन दोनों के लिए शुभकामनाएं !!!!

  3. उचित स्वास्थय के लिए बहुत शुभकामनाएँ..बाकी तो संवेदनहीनता के अनेकों उदाहरण नित आस पास दिख रहे हैं..

  4. विवेक जी , स्वास्थ्य सम्बन्धी सब तरह की सलाहें तो आपको मिल ही गयी।
    लेकिन उपाय तो आपने खुद ही ढूंढ लिया है। जी हाँ , ब्लोगिंग को कम करके , कुछ समय सेहत को भी देना चाहिए ।
    बाकि सब ठीक हो जायेगा।

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