बेटेलाल को सुबह स्कूल के लिये बस पर छोड़ने जाते हैं तो कल उनकी एक मारक गप्प वहीं सुनी, लगभग ५ मिनिट मिलते हैं रोज जब मैं और मेरा बेटा बिल्कुल पास होते हैं, तो अभी दो दिन से स्कूल बस की जगह वीडियोकोच बस आ रही है, मैंने पूछा कि स्कूल बस कहाँ गई और ये वीडियोकोच बस क्यों आ रही है।
तो बोले कि दो दिन पहले जब हम स्कूल से घर की ओर आ रहे थे तो हमारे स्कूल के ग्राऊँड में से अचानक धुआँ आने लगा तो पता चला कि बस जल गई, हमने कहा ऐसा क्या, चलो फ़िर तो बस अभी आयेगी तो पूछ लेंगे, तो बोलते हैं
“नहीं डैडी, मत पूछना प्लीज”
मैंने कहा “नहीं उससे पूछना पड़ेगा, कि कैसी बसें चलाते हो स्कूल के लिये”
बेटेलाल बोले “डैडी स्कूलबस नहीं जली थी, मैं तो बस ऐसे ही बोल रहा था” “उल्लू बनाया चरखा चलाया”
पर वीडियोकोच बस में बैठे हुए सारे बच्चे बहुत खुश नजर आते हैं।
भविष्य में अच्छे ब्लागर बनने के गुण 🙂
बढ़िया …….सही जा रहे है बेटे लाल ! वैसे इस का भी एक अपना ही मज़ा है!
मारक गप्प अच्छी लगी।
हा-हा-हा
वाह बेटा
बाप को भी
"उल्लू बनाया, चरखा चलाया"
प्रणाम
"उल्लू बनाया, चरखा चलाया"
naunihaalon kee baat hi nirali hai kisi ko bhi ullu banakar charkha chalwa lete hain..
bahut achhi prastuti
इसे गप्प मत कहिए ये उनकी रचनात्मकता है मेरी तीन साल कि बेटी है उससे पूछिये कि खाना कैसे गिरा या कोई समान कैसे टुटा तो कहेंगी कि शेर ने किया है जंगल से आ कर और कर के वापस जंगल में भाग गया |
हद है !
वेरी स्मार्ट !
ha ha ha ha ha …..
“उल्लू बनाया चरखा चलाया” वाह बेटे पुरे पापा पर जा रहे हो!!! लगे रहो
इससे सिद्ध हुआ कि बेटा असली मालवी गुण जन्मत: साथ लाया है.:)
रामराम
बोलो-गपोड़ी लाल की जय.
If you will ask this kind of questions, then you will get same kind of answers. "Ullu banaya Charkha chalaya" I will remember this.