चैन्नई में भी कम लूट नहीं है.. लुटने वाला मिलना चाहिये..

जैसा कि आमतौर पर सभी शहरों में होती है लूट वैसी ही लूट चैन्नई में भी है, अब अभी समझ नहीं पा रहे हैं कि लूट कम है कि ज्यादा है, हमें तो ये पता है कि लूट, लूट ही होती है, चाहे वह कम हो या ज्यादा।
यहाँ पर ऑटो मीटर से चलाने का रिवाज ही नहीं है, हमें अपने गंतव्य तक जाने के लिये रोज ही मगजमारी करना पड़ती है, रोज इन ऑटो वालों से उलझना पड़ता है, जितनी दूरी का ये लोग यहाँ ८० रुपये मांगते हैं, उतनी दूर मुंबई में मीटर से मात्र १५-१८ रुपये में जाया जा सकता है।
अब और देखते हैं कि कौन कौन लूट मचा रहा है, क्योंकि टैक्सी वालों के भाव भी बहुत ज्यादा हैं, प्रीपैड टैक्सी अगर २८० रुपये लेती है तो बाहर अगर आप टैक्सी से मोलभाव करने जायेंगे तो वो ८५० रुपये से कम में नहीं मानेगा।
चारों तरह लूट मची है, लूट सके तो लूट !!!!

14 thoughts on “चैन्नई में भी कम लूट नहीं है.. लुटने वाला मिलना चाहिये..

  1. विवेक भाई,

    चलो, ये जानकर खुशी हुई कि मुम्बई के अलावा भी लुटेरे अन्य महानगरों में भी हैं…। वरना मीडिया के कारण मैं तो समझने लेगा था कि सारी दुनिया की बुराईयां सिर्फ़ मुम्बई में हैं… 🙂 🙂

    एकाध अनुभव हिन्दी-तमिल के बारे में भी लिख मारिये, ताकि मुम्बई की एक और "बुराई" उधर भी दिख जाये… 🙂 🙂

  2. चक्कर वही भाषा का

    जब देश की राजधानी में मीटर नहीं चलते तो बाकी देश का क्या होगा

    मैंने तो मुंबई और बेंगलुरु दो जगह ही मीटर चलते देखे हैं

  3. बीच और चाईना मार्केट मत जईयो -वहां जाईयो तो (सही सलामत ) बच के ना अयियो हो मुम्बईया बाबू !

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