कुछ पुराने गाने (के.एल.सहगल) …. पता नहीं आज ऐसे ही सुनने का मन कर गया..

आज सुबह कुछ पुराने गाने सुनने का मन कर गया, देखिये सुनिये…

१. गम दिये मुस्तकिल.. सहगल..

२. जब दिल ही टुट गया … सहगल..

३. बाबुल मोरा .. सहगल..

४. इक बंगला बने न्यारा … सहगल..

५. मेरे सपनों की रानी … सहगल…

६. दुख के अब दिन .. सहगल..

७. ऐ दिल ऐ बेकरार झूम… सहगल..

८. उस मस्त नजर पर पड़ गयी जो नजर… सहगल..

९. हाय किस बात की मोहब्बत … सहगल..

१०. ऐ कातिब ए तकदीर.. सहगल..

११. चाहे बर्बाद करेगी.. सहगल..

8 thoughts on “कुछ पुराने गाने (के.एल.सहगल) …. पता नहीं आज ऐसे ही सुनने का मन कर गया..

  1. विवेक भाई,
    आपने ऐसे ही जेहमत की, मैं भी सहगल हूं केएल नहीं तो क्या केडी ही सही, मैं ही फोन पर सुना देता…

    वैसे इस देश में संगीत ने क्या तरक्की की है, केएल सहगल से शुरू हुआ और बाबा सहगल तक आ पहुंचा…

    जय हिंद…

  2. सहगल जी को झेलना इतना आसान नहीं है परन्तु जो गाने आपने चुने वे सहगल जी के बेहतरीन गानों में से हैं. आभार.

  3. विवेकजी,
    कल नेट पर मंडराते हुए आपकी कोई पुरानी चुटकला संग्रह साईट vivekrastogi.com देखने में आई थी जो आज आपकी प्रोफाईल में भी नहीं दिख रही है । कृपया बतावें उस साईट पर कैसे जाया जा सकता है ?
    गीत-संग्रह तो बहुत बढिया है लेकिन फिलहाल मेरे मोबाईल कनेक्शन के पावर से ये वीडियो चल पाना संभव नहीं लगता ।

  4. माफ कीजिये सहगल को झेलना ! मुझे दुख नहीं आश्चर्य है.. जिस व्यक्ति ने देश को आवाज दी, उसकी आवाज को झेलना कहना! आंख बन्द करिये फिर सहगल को सुनिये, पंकज मलिक को, के सी डे को या फिर किसी शास्त्रीय गायक को, आनन्द में सराबोर कर देंगे… थोड़ा समय देने की आवश्यकता है…

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