मैंने आजतक कितनी रिश्वत दी उसका हिसाब (जितना याद आया)

    आज डी.एन.ए. में एक आलेख आया है कि आम आदमी जन्म से मृत्यु तक भारत में लगभग १ लाख ६९ हजार रुपये की रिश्वत देता है जो कि भारत के हर हिस्से में अलग हो सकती है। तो मैंने भी अभी तक अपने हाथों से दी गई रिश्वत जो कि अपने खुद के कार्य करने के लिये दी, उसका हिसाब लगाना जरुरी समझा कि कम से कम पता तो चले कि हमने अभी तक कितनी रिश्वत दी है।
१. दो घर के लोगों के मनपसंद जगह ट्रांसफ़र करवाये – २५,००० रुपये
२. पहली बार पासपोर्ट बनवाने पर पुलिस को ५० रुपये दिये चाय पानी के
३. एक और स्थानांतरण में १०,००० रुपये की रिश्वत दी।
४. एक और जगह ४०,००० रुपये की रिश्वत दी (नाम नहीं बता सकता और न ही जगह)
५. मुंबई में गैस का कनेक्शन लेने के लिये १५०० रुपये का चूल्हा ६५०० में खरीदा।
६.रेल्वे में टीसी को कई बार सीट लेने के लिये रिश्वत दी है शायद १०,००० या उससे भी ज्यादा दे चुके होंगे।
७. एक और बार पुलिस को ५०० रुपये की रिश्वत दी।
८. एक और जगह २५,००० की रिश्वत दी (नाम नहीं बता सकता और न ही जगह)
९. यातायात पुलिस को २०० रुपये की रिश्वत
अभी तो इतना ही याद है, और याद आता है तो ९ नंबर के आगे बड़ाता जाऊँगा, या फ़िर कभी वापिस से रिश्वत देनी पड़ी तो यहाँ जरुर लिखूँगा।
आजतक की रिश्वत में दी गई रकम होती है लगभग १,१५,७०० रुपये की रिश्वत दे चुका हूँ। क्या आपने कभी हिसाब लगाया है ?
मेरे पास अतिरिक्त ५०० रुपये हैं, जिस रिश्वतखोर को चाहिये वह संपर्क करे ।


रिश्वत की रकम १,१६,४०० रुपये

१०.  ठाणे से मुंबई घर का सामान लाते समय ३५०० रुपये की रिश्वत मांगी गयी थी परंतु केवल २०० रु. की रिश्वत में काम बन गया। 


११. म.प्र.गृह निर्माण मंडल में ५०० रुपये दिये थे।

27 thoughts on “मैंने आजतक कितनी रिश्वत दी उसका हिसाब (जितना याद आया)

  1. विवेक जी, इस देश में लोग राजा महाराजाओ को नजराना देते थे जो रिश्‍वत का ही एक रुप था। अंग्रेजों की भी इसी तरह सेवा की गई। इसलिए रिश्‍वत देना और लेना यहां सदियों से चला आ रहा है। हमारे देश का नियम है रिश्‍वत लेते पकड़े जाओ, रिश्‍वत देकर छूट जाओ। जब बच्‍चे पहली बार पढ़ने जाते है तो जो डोनेशन देना पड़ता है वह भी रिश्‍वत ही है। एक पिता अपने बच्‍चे को न पढ़ने पर बार बार कहता रहता है तेरा एडमिशन डोनेशन देकर करवाया है। अब तो पढ़ लेकिन यही बच्‍चा सीखता है कि बाप ने जितने रुपए खर्च किए उसे दस गुना करके दम नहीं लिया तो मेरा नाम….नहीं। जिस देश में शिक्षा के लिए रिश्‍वत देनी पडती हो उस देश के बच्‍चे भ्रष्‍ट क्‍यों नहीं बनेंगे। सबसे बडे सुधार की जरुरत स्‍कूल से है। कोमल मन पर लगी बात जिंदगी भर नहीं भूल सकता कोई। डोनेशन फ्री शिक्षा करो। सरकारी हो या प्राइवेट..हर जगह शिक्षा भ्रष्‍टाचार से मुक्‍त होनी चाहिए। या फिर इंडोनेशिया की तरह रिश्‍वत के रेट तय कर दो और उसकी पावती देकर उसे कानूनी जामा पहना दो। आपने दी गई रिश्‍वत का हिसाब बताया, धन्‍यवाद इस साहस के लिए।

  2. फिर इंडोनेशिया की तरह रिश्‍वत के रेट तय कर दो और उसकी पावती देकर उसे कानूनी जामा पहना दो। आपने दी गई रिश्‍वत का हिसाब बताया,

    रोचक प्रस्तुति…. भारत में भी इंडोनेशिया की तरह रेट तय कर दिए जाने चाहिए …. कम से कम भ्रष्टाचारियों को राहत तो मिल जाएगी … आभार

  3. shi khaa jnab hm aam aadmi hi bhrstachar ke ped ko hra bhra krne ke liyen khad or bij dal rhe hen .hm aam aadmi agr thaan len ke bhrstachar ke is hre bhre ped men khad bij nhin denge to nishchit tor pr kuch dinon men yeh ped sukh jaayegaa . akhtar khan akela kota rajsthan

  4. इंडोनेशिया की बात तो हमें पता ही नहीं थी। अच्छा उदाहरण पेश किया है दुनिया के सामने, यह तो भारत के लिये अनुकरणीय होना चाहिये, सरकार को शायद पता नहीं है, नहीं तो अभी तक सरकार ने अपना प्रतिनिधिमंडल भेज दिया होता "सरकारी रुप से से भ्रष्टाचार कैसे किया जाये"

  5. रस्तोगी जी,
    रिश्वत न देने से काम बिगड़ते देखा और नुकसान भोगा। किसी और ने मेरे लिए रिश्वत देकर मामला बनाया। तो यह भी मेरे ही खाते में जाएगा न। रिश्वत देकर काम न बनाने वाले को बेवकूफ़ कहा जाने लगा है। सुधार तो मुश्किल दिखता है। लेकिन प्रयास तो करें ही।

  6. क्या बात है विवेक जी आपने तो पूरा हिसाब कर लिया। वैसे अच्छी खासी रिश्वत दी है आपने अब तक। मैने तो ट्रेफिक पुलिस और टी. टी. ई. वगैरह को छोटी मोटी घूस ही दी है जिसे जोड़ा जाए तो 4-5 हजार से ज्यादा नहीं होगा। इससे ज्यादा देने की अभी तक तो जरूरत पड़ी नहीं, जब सिर पे आएगी तो देना ही पड़ेगा।
    मैं सोच रहा था कि क्या कोई सरकारी आदमी इतनी हिम्मत दिखा सकता है कि वो बता सके उसने अब तक कितनी रिश्वत ली है? है कोई ऐसा ब्लॉगर?

  7. @ सोमेश जी – छोड़िये किसी सरकारी आदमी में इतनी हिम्मत नहीं है, भले ही वह ब्लॉगर क्यों न हो। पर एक बात और है कि हर सरकारी आदमी भ्रष्टाचारी नहीं हो सकता पर हाँ १०० में ९० तो बेईमान हैं।

  8. यही आंकड़ा लगभग हम सभी का है -यह भ्रष्ट देश है …कोई कितना लिया है यह भी बताएगा यहाँ ?

  9. @ अरविन्द जी – कितना लिया है यह कोई ईमानदारी से बताने वाला नहीं है, सभी रिश्वतखोर इसे देखकर केवल खिसिया रहे होंगे।

  10. मुझे तो अभी तक बड़ी रिश्वत देने की जरुरत नहीं पड़ी… जब ऐसा मौका आयेगा तब क्या होगा कहना मुश्किल है…

    एक बार विद्युत मण्डल के अधिकारी को 600 रुपये की रिश्वत नहीं दी तो उसने 1800 रुपये का चालान बना दिया था, जो बाद में मैंने विभिन्न फ़ोरम्स पर आपत्ति दर्ज करके, मण्डल से ब्याज सहित वापस लिये…

    एक बार दुकान के बाहर का बोर्ड "अतिक्रमण है" कहकर ट्रेफ़िक वाले ले गये थे, बाकी के दुकानदार 100-100 रुपये रिश्वत और रिक्शा भाड़ा देकर वापस लाये, मैंने सीधे एसपी को पत्र लिखा और दुकान के सामने स्थित गुमटियाँ हटाने अथवा मेरे बोर्ड बिना शर्त, बिना रिश्वत लौटाने के बारे में लिखा… 8 दिन बाद ही सही, लेकिन बिना रिश्वत दिये बोर्ड दुकान के सामने रख गये…

    सवाल है कि हम कितना "झुकते" हैं, या हम अपने लिये अवैधानिक रुप से कितनी "सुविधा" चाहते हैं…

  11. अलग तरह की पोस्ट…बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर।
    लेकिन मैंने भी आज तक किसी को रिश्वत नहीं दी।

  12. आज तक अपने किसी निजी काम के लिए मैंने भी किसी को रिश्वत नहीं दी है हाँ नौकरी करते वक़्त ऑफिस की तरफ से देनी पड़ी है…उसका हिसाब नहीं है मेरे पास|

    @ कमल शर्मा जी से सहमत हूँ जड़ से ही सब गलत है जो माँ-बाप बच्चे को सिखाते हैं की झूठ न बोलना पाप है फिर वही माँ-बाप उसके सामने झूठ बोलते हैं….रिश्वत लेना अगर पाप है तो देना भी पाप है….हम दूसरों को प्रोत्साहित करते हैं ताकि हमारा काम दूसरों से पहले हो जाये …..देने वाला भी उतना ही दोषी है जितना लेने वाला…….

  13. अच्‍छा लगा विवेक भाईआपका यह स्‍वीकारनामा। क्‍या कोई रिश्‍वत लेने वाला भी उसे स्‍वीकारने का साहस जुटा पाएगा।

    ———
    ग्राम, पौंड, औंस का झमेला। <
    विश्‍व की दो तिहाई जनता मांसाहार को अभिशप्‍त है।

  14. बहुत अच्छे। मैं तो अपनी बेटिकट की गयी रेल-यात्राओं का वर्णन करता हूं ताकि लोग-बाग फ्री में सफर करना सीख सकें। और आप टीटी जी को पकडकर उन्हें पैसे देते हो। लानत है आप पर।
    मुझे 25000 रुपये दो और मैं आपको ट्रेन में फ्री में सफर करना सिखा दूंगा। पैसे तो बचेंगे आपके।

  15. दो बार.. एक बार जानकर और एक बार गलती से..
    कुल जमा २५० रूपये..

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