ओह मुंबई, मेरे अधूरे प्यार
ऐसी प्रेमिका जिसे प्यार किया
पर मजबूरी में वह साथ न रही
दरिया के लहरों में उमड़ती
तुम्हारी चंचल अंगड़ाइयाँ
बलखाती,
इठलाती अदाएँ
वो मरीन ड्राईव
जहाँ सड़क इठलाती है
कितने ही रंग के चेहरे रहते हैं
घूमते हैं,
चूमते हुए रंग बदलते हैं
मुंबई रात में अपनी जवानी में खोई रहती है
दरिया अपनी गहराई में सब राज रखता है
जूहु में रेत की गहराईयों को देखते ही बनता है
दीवारों के किनारे,
कहीं पेड़ और झुरमुट के पीछे
प्यार के दीवाने अपनी दीवानगियों में खोये हुए
रेत को अपना पनाहगार बनाकर
जालिम हसरतें पूरी करते हुए,
शैया बनाकर
कहीं भेलपुरी,
कहीं बड़ापाव का शोर
कहीं टैक्सी, ऑटो और बसों का शोर
सभी में जवानी अंगड़ाईयाँ लेती हैं
पर फ़िर भी मैं तुमसे दूर हूँ
मजबूरी में,
मेरी प्रेमिका
जिंदगी की रेलमपेल है,
भागादौड़ी है
वो भीड़ भरी चीखती हुई लोकल
एकाएक मुझे अच्छी लगने लगी है
वे टकराते,
भागते लोग मुझे अपने से लगने लगे हैं
फ़ुटपाथों पर चिल्लाते हुए वो भाजीवाले
वो फ़ुटपाथ जो मैंने मुंबई की हर सड़क
हर गली में देखे हैं
वो चीखती हुई आवाजें,
जो हर आँखों के पीछे से आती हैं
वो हाइवे के बाजू में टहलना,
आते जाते वाहनों के शोर से मिलने वाली अज्ञात शांति
महालक्ष्मी के पास वो रुकती हुई लहरें
वो सिद्धी विनायक के दर्शन
हाजी अली तक जाती वो सड़क
जहाँ लहरें टकराकर लौट जाती हैं अपने में
वो क्वीन नेकलेस मालाबार हिल्स तक
वो गिरगाँव चौपाटी का छोटा सा किनारा
एलीफ़ेन्टा गुफ़ाओं का गहन सौंदर्य
मोटरबोट में ठंडी हवा का आनंद
गेटवे ऑफ़ इंडिया पर फ़ोटो खिंचाना
सामने गर्व से खड़े ताज को देखना
और भी बहुत कुछ
बस तुम्हें बहुत बहुत याद करता हूँ
मेरी मुंबई … मेरी मुंबई
विवेक जी, भई वाह….
मुम्बई ज़िन्दाबाद….. बहुत बढिया लिखा भाई।
जिसको एक बार मुम्बई का आदत लग गया, उसको फ़िर कहीं मजा नहीं आता।
मुम्बई में भारत बसै…
मुम्बई उबर आया जहेन में…
मुंबई की याद में आप विरही हो चले हैं..
मुम्बई की बाहें अब सता रही है न ?
बम्बई हमारी मुम्बई, ये जान से प्यारी मुम्बई…
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (05.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये……"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
वाह जी बहुत सुंदर लगी आप की प्रेमिका,्जहां हम अपना बचपन गुजारते हे वो जगह प्रेमिका से भी ज्यादा प्यारी होती हे, धन्यवाद
कविता बताती है कि प्रेम की गहराई क्या है।
aapka bambayee prem bahot achcha hai.
मुंबई, मेरे अधूरे प्यार …
Excellent.!!!!
Very nice and charming.
मुम्बई पर ….वाह..क्या खूब लिखा है आपने।
आप का मुंबई प्रेमबहुत अच्छा लगा| धन्यवाद|
भारत का शायद सबसे अच्छा शहर है…
मुम्बई को एक कविता में ढालने का सुंदर प्रयास।
मुम्बई को एक कविता में ढालने का सुंदर प्रयास।