आज से ठीक पाँच वर्ष पूर्व हमने अपने पाँच वर्ष पूर्ण होने पर यह पोस्ट लिखी थी और अब हमें ब्लागिंग (Blogging) में दस वर्ष पूरे हो गये हैं, आज यह 1100 वीं पोस्ट है और हमारे लिये यह जादुई आँकड़ा है, और उससे कहीं ज्यादा प्रतिक्रियाएँ मिली हैं। ब्लॉगिंग जब शुरू की थी तब हिन्दी कंप्यूटर पर लिखना इतना मुश्किल नहीं था पर हाँ सीमित साधनों के चलते वेबसाईट पर लिखना बहुत ही कठिन था । पर आज ये देखकर खुशी होती है कि हिन्दी में लिखने के लिये बहुत सारे साधन उपलब्ध हैं यहाँ तक कि अब तो मोबाईल पर हिन्दी को बोलकर भी टाइप किया जा सकता है, तो जिसको टाइप करना न भी आता हो वह भी अब ब्लॉगिंग कर सकता है।
समय की कमी बहुत ही तेजी से होती जा रही है, पहले हम कंप्यूटर पर इंटरनेट बंद रखते थे कि ब्लॉग लिखना है नहीं तो अपना दिमाग किसी और तरफ चला जायेगा, पर अब मोबाईल ने तो जीवन का अधिकतम समय ले लिया है, हम अपना अधिकतम समय मोबाईल को देते हैं और कई कार्यों को करने से छोड़ देते हैं, ब्लॉगिंग के लिये लेखन के लिये समर्पित होना पड़ता है और अपने तात्कालिक प्रतिक्रिया वाली मनोदशा से बाहर आना पड़ता है।
कुछ अनुभव जो हमने 2 वर्ष पहले ब्लॉगिंग के लिये लिखे थे, हालांकि ये भी अधूरे ही रहे –
ब्लॉगिंग (Blogging) की शुरूआत के अनुभव (भाग १)
ब्लॉगिंग (Blogging) की शुरूआत के अनुभव (भाग २)
ब्लॉगिंग की शुरूआत के अनुभव (भाग ३)
कुछ और पोस्टें मैंने ब्लॉगिंग पर लिखी हैं तो वे ब्लॉगर या ब्लॉग लेबल पर क्लिक करके पढ़ी जा सकती हैं।
हिन्दी ब्लॉगिंग के क्षैत्र में एक से एक धुरंधर ब्लॉगर थे पर मैंने देखा है कि अधिकतर पुराने ब्लॉगर अपने ब्लॉग से थोड़ी दूरी बना चुके हैं या फिर फेसबुक पर अपने तात्कालिक विचारों को रखकर ही इति कर लेते हैं, जैसे कि पहले ब्लॉग में चिंतन मनन करके लिखा जाता था, कुछ या बहुत कुछ तात्कालिक लेखन भी होता था, आजकल बहुत ही कम दिखता है, ब्लॉग पढ़ने वाले पहले केवल ब्लॉगर थे, और सोचते थे कि बहुत सारे पाठक गूगल या किसी और सर्च इंजिन से हमारे ब्लॉग पर कभी न कभी तो आयेंगे । अब ब्लॉग लिखो तो ब्लॉगरों के पास पढ़ने का समय नहीं है या उनकी रूचि खत्म हो चुकी है या फिर ब्लॉग पर टिप्पणी करना उनको ठीक नहीं लगता है, जैसे मानव सभ्यता का विकास हुआ है और हम प्रगति करते जा रहे हैं वैसे ही यहाँ की भी हालत हो गई होगी, हम यही सोचते हैं।
हिन्दी ब्लॉगिंग ने दम तो नहीं तोड़ा है, हिन्दी ब्लॉग अच्छी खासी मात्रा में अब उपलब्ध हैं। एक और बात है कि हमारे हिन्दी ब्लॉगिंग में ब्लॉगर ऐसी कोई तकनीक का उपयोग नहीं करते हैं जिससे सर्च इंजिन को ढ़ूँढ़ने में आसानी हो, और ब्लॉग पढ़ने वाले पाठकों की आवृत्ति बढ़े। कुछ ही गिने चुने ब्लॉगर नई तकनीकों का उपयोग कर पा रहे हैं, या तो समय की उपलब्धता न होने के कारण या फिर कम तकनीकी ज्ञान । बहुत सारे ब्लॉगर किसी एस.ई.ओ. टूल का उपयोग नहीं करते हैं, शौक शौक में अपनी वेबसाईट तो हमने भी खरीद ली पर अभी तक अपने इस ब्लॉग को नहीं ले जा पाये हैं, कई बार कोशिश करी, कभी किसी तकनीकी उलझन में उलझ गये या फिर कभी हमारे ब्रॉडबैंड ने धोखा दे दिया। कई नये और पुराने ब्लॉगर अपनी अपनी वेबसाईट पर चले जरूर गये हैं पर बहुत ही कम ब्लॉगरों ने अपनी होस्टिंग अच्छे से की हुई है, जिससे उनका लिखा हुआ सर्च इंजिन में अवतरित हो। अधिकतर ने केवल अपने ब्लॉग रिडाइरेक्ट किये हुए हैं, जिससे केवल उनका पता बदला है पर अंदर से घर वही पुराना है।
हिन्दी में ब्लॉगिंग के बहुत सारे सितारे हैं और कई सितारों से या तो मैं मिल चुका हूँ या फिर फोन पर तो बात हो ही चुकी है। हिन्दी ब्लॉगिंग के कारण संसार के कई लोगों से इस आभासी और अप्रत्यक्ष दुनिया के माध्यम से मिल चुका हूँ, और हिन्दी माध्यम होने के कारण बहुत से ब्लॉगरों से आत्मीय संबंध भी स्थापित हुए और अभी तक हैं। अपने फेसबुक पर या गूगलप्लस पर अधिकतर मित्र ब्लॉगिंग क्षैत्र से ही हैं और शायद वे ही लिखी गई अधिकतर पोस्टों को लाईक करने वाले या फिर टीप देने वाले होते हैं।
जब मैंने ब्लॉगिंग शुरू की थी तब मैं उज्जैन में था, फिर दिल्ली, मुँबई, बैंगलोर, चैन्नई, हैदराबाद और अब गुड़गाँव में हैं, मैंने इस दौरान लगभग सभी जगह ब्लॉगरों से मुलाकात भी की, कुछ ब्लॉगर बहुत ही मिलनसार होते हैं और कुछ नहीं मिलना चाहते हैं, यह व्यक्तिगत मामला है। खैर मैंने तो बहुत से ब्लॉगरों को अपने विचारों के साथ ही खड़ा पाया और जो नहीं भी थे उनसे भी प्यार और सम्मान पाया। पता नहीं इतना प्यार और सम्मान के लिये मैं कैसे आभार प्रकट करूँ।
मैंने इस दौरान कई तरह के विषयों पर लेखन किया पर कभी अपने ब्लॉग को एक ही विषय का नहीं बना पाया, बस एक ही बात उल्लेखनीय है कि किसी भी विषय पर लिखा हिन्दी भाषा में लिखा। यह पोस्ट लिखते हुए भी बहुत सारे खलल हैं पर लिखना ही है तो भी जीवन के अशांतिपूर्ण वातावरण से थोड़ा सा समय शांतिपूर्वक ब्लॉग पोस्ट लिखने के लिये निकाल ही लिया। मैं जानता हूँ कि बहुत सी बातें यहाँ मैं करने से चूक रहा हूँ पर मैं वे सब बातें भी लिखना चाहता हूँ, अगर अगले कुछ दिनों में समय मिला तो जरूर इस पर बहुत कुछ लिखने की इच्छा रखता हूँ।
विवेक भाई, दस साल के इस सफ़र के लिए हार्दिक बधाई…आपने हिंदी ब्लॉगिंग को बहुत कुछ दिया है, अब ये हिंदी ब्लॉगिंग पर निर्भर करता है कि वो आगे भी आपकी दक्षता का किस तरह इस्तेमाल करती है।
जय हिंद….
बहुत बढ़िया भैया. 🙂
बहुत बधाई विवेक भाई,
दिलचस्प अनुभवों का सफर है ये। यक़ीनन ब्लॉगिंग की त्वरा में कमी आई है, सिलसिला धीमा पड़ा है पर रुका नहीं है। पाठक जहाँ मिलेंगे, लिखने वाला वहाँ जाएगा। ये साझेदारी का मामला है। ब्लॉगर ब्लॉगर को ही पढ़ता था किन्तु अब न सिर्फ़ पुराने सभी बल्कि अनेक नए लोग भी ट्विटर- फ़ेसबुक पर मौजूद हैं। इसीलिए वे मंच ज्यादा सुविधाजनक लगने लगे हैं। इसके बावजूद डॉक्यूमेंटेशन का महत्वपूर्ण मक़सद ब्लॉगिंग के साथ जुड़ा हुआ है, वह बात फ़ेसबुक से मुमकिन नहीं है। सर्च इंजनों की खोजी नज़र वहाँ तक नहीं पहुँचती।
ख़ैर, ये लम्बा विषय है। आपको पुनः बधाई। मैं शब्दों का सफर के ज़रिये ब्लॉगिंग से जुड़ा हुआ हूँ, इसका सन्तोष है ये ज़रूर है कि अब सीधे उस पर नहीं लिखता, पहले फेसबुक पर फिर ब्लॉगर पर। क्योंकि ये काम साझेदारी के लिए है।
जय हो।
बहुत बहुत बधाई ….
nice
Congratulations. Thanks for sharing it live a film..
Please do check my post at:
https://www.indiblogger.in/indipost.php?post=486260
Cheers!!
UK
बधायी हो आपको।
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (29-06-2015) को "योग से योगा तक" (चर्चा अंक-2021) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
जियाह्ह हो राज्जा …अरे दस साल छोडिये मरदे ..अगला पचास बरस तक चलने वाला है ये सफ़र …हम ब्लौगरों ने जो अपने आसपास एक दुनिया खडी कर ली है …वो निराली है है ..मुझे अब भी याद है आपसे संवाद का संयोग ..वो चर्चा वाली पोस्ट के सन्दर्भ में …हा हा हा हा ..समेटे चलिए ,,बहुत बहुत शुभकामनायें आपको
aap kahan ho bhaiji…………..'gum' hue pare hain…….kabhi-kabhar blogging ke sair kar liya kijiye…………bakiya, vivek bhaiji to blogging ke suruati gharana se hain……………..ek pathak ka hardik subhkamnayen unko…..pranam.
बहुत-2 बधाई!
अगले 10 वर्ष के लिए ब्लॉग शुभकामनाएँ!.
बहुत बहुत बधाई. यू ही लिखते रहें हिन्दी की सेवा करते रहें
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ब्लॉगर भाई विवेक जी, दस साल के ब्लॉगिंग के सुहाने सफर की बहुत बहुत बधाई…! आगे भी आप इसी तरह ब्लॉगिंग की दुनिया में आगे बढ़ते रहे यही शुभकामनाए…
ब्लॉगर भाई विवेक जी, दस साल के ब्लॉगिंग के सुहाने सफर की बहुत बहुत बधाई…! आगे भी आप इसी तरह ब्लॉगिंग की दुनिया में आगे बढ़ते रहे यही शुभकामनाए…
bahut bahut badhaiyan …
Gazabbb bhaiya…sabhi links padhe abhi…maza aa gaya padh ke 🙂
Congratulations…
miliye na kabhi delhi mein…aapse party lete hain ye das saal ki 🙂
हिन्दी चिट्ठाकारिता में आपको सफलतापूर्वक 10 वर्ष पूर्ण करने पर हार्दिक बधाई। सादर … अभिनन्दन।।
हार्दिक बधाई आपको
आपका ब्लॉग पर 11000 वीं पोस्ट भी पढने को मिलेगी, ऐसी शुभकामनायें