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ब्लॉग वेबसाईट को फ्री में https में बदलें और पुश नोटिफिकेशन भी लगायें

आज की छुट्टी का सदुपयोग किया गया अपने सारे ब्लॉग्स के मैंटेनेंस करने में, सभी ब्लॉग वेबसाईट अनसिक्योर्ड थे और गूगल ने कुछ महीने पहले ही चेता दिया था कि अगर SSL सिक्योरिटी नहीं होगी तो ब्लॉग वेबसाईट सर्च इंजिन में सर्च नहीं होगा। पर हमें तो समय मिल ही नहीं रहा था, आज अपने सारे ब्लॉग वेबसाईट को SSL सिक्योर्ड कर दिया है।

तरीका हम यहाँ बता देते हैं, बहुत आसान है –

हमारा होस्टिंग होस्टगैटर पर है, तो सबसे पहले हमने अपने ब्लॉग वेबसाईट के कंट्रोल पैनल पर लॉगिन किया और क्लाऊड फेयर में जाकर फुल सिक्योरिटी ऑन कर दी, तो वहाँ से नया नेमसर्वर मिल गया जिसे कि अपने डोमैन के नेमसर्वर पर लगा दिया। बस हो गई अपनी सारी ब्लॉग वेबसाईट सिक्योर।

अब हमारी सारी वेबसाईट वेबसाईटें https से खुला करेंगी और उस पर ताला भी लगा दिखा करेगा, क्लाऊड फेयर में SSL फ्री है, जबकि और सारी वेबसाईटें जमकर शुल्क ले रही हैं।

फिर हमें पुश नोटिफिकेशन भी डालना था, क्योंकि आजकल पुश नोटिफिकेशन का जमाना है, जब कोई भी आपकी वेबसाईट वेबसाईट ब्राऊजर में खोलता है तो उसे पुश नोटिफिकेशन मिलेगा कि कोई भी नया अपडेट वेबसाईट वेबसाईट पर आता है तो Allow और Deny के दो बटन आते हैं, क्योंकि आजकल कोई भी ब्लॉग सब्सक्राईब करने की जहमत नहीं उठाता। वापिस से अगर किसी को पढ़ने आना है तो सबसे बढ़िया तरीका है पुश नोटिफिकेशन। बस आपके ब्लॉग वेबसाईट विजिटर को Allow पर क्लिक करना है, तो जब भी आप नया ब्लॉग पब्लिश करेंगे, तो मोबाईल या ब्रॉउजर पर नोटिफिकेशन मिल जायेगा और वह आपके ब्लॉग पर पहुँच जायेगा। पर समस्या यह है कि पुश नोटिफिकेशन भी फ्री में उपलब्ध नहीं है, पर foxpush.com फ्री में पुश नोटिफिकेशन भी दे रही है, बस साईनअप करें और सेटअप करते जायें, जब आखिरी में कोड मिलेगा, वह कोड अपने ब्लॉग की सेटिंग में जाकर हैडर और फुटर सैटिंग्स के हैडर में कॉपी कर दें।

आपका पुश नोटिफिकेशन चालू हो जायेगा, आजकल सबसे ज्यादा ट्रॉफिक पुश नोटिफिकेशन से आता है, बस हाँ इसमें एक लॉगिन से एक वेबसाईट पर ही नोटिफिकेशन आयेगा और मोबाईल नंबर भी देना होगा।

चलिये फिर देर किस बात की है, आपने अगर अभी तक अपनी ब्लॉग सिक्योर नहीं की है तो कर लीजिये और पुश नोटिफिकेशन भी सैट कर लीजिये।

ब्लॉगिंग (Blogging) के 10 वर्ष पूर्ण.. बहुत सी बातें और बहुत सी यादें

    आज से ठीक पाँच वर्ष पूर्व हमने अपने पाँच वर्ष पूर्ण होने पर यह पोस्ट लिखी थी और अब हमें ब्लागिंग (Blogging) में दस वर्ष पूरे हो गये हैं, आज यह  1100 वीं पोस्ट है और हमारे लिये यह जादुई आँकड़ा है, और उससे कहीं ज्यादा प्रतिक्रियाएँ मिली हैं। ब्लॉगिंग जब शुरू की थी तब हिन्दी कंप्यूटर पर लिखना इतना मुश्किल नहीं था पर हाँ सीमित साधनों के चलते वेबसाईट पर लिखना बहुत ही कठिन था । पर आज ये देखकर खुशी होती है कि हिन्दी में लिखने के लिये बहुत सारे साधन उपलब्ध हैं यहाँ तक कि अब तो मोबाईल पर हिन्दी को बोलकर भी टाइप किया जा सकता है, तो जिसको टाइप करना न भी आता हो वह भी अब ब्लॉगिंग कर सकता है।
    समय की कमी बहुत ही तेजी से होती जा रही है, पहले हम कंप्यूटर पर इंटरनेट बंद रखते थे कि ब्लॉग लिखना है नहीं तो अपना दिमाग किसी और तरफ चला जायेगा, पर अब मोबाईल ने तो जीवन का अधिकतम समय ले लिया है, हम अपना अधिकतम समय मोबाईल को देते हैं और कई कार्यों को करने से छोड़ देते हैं, ब्लॉगिंग के लिये लेखन के लिये समर्पित होना पड़ता है और अपने तात्कालिक प्रतिक्रिया वाली मनोदशा से बाहर आना पड़ता है।
कुछ अनुभव जो हमने 2 वर्ष पहले ब्लॉगिंग के लिये लिखे थे, हालांकि ये भी अधूरे ही रहे –

ब्लॉगिंग (Blogging) की शुरूआत के अनुभव (भाग १)

ब्लॉगिंग (Blogging) की शुरूआत के अनुभव (भाग २)

ब्लॉगिंग की शुरूआत के अनुभव (भाग ३)

कुछ और पोस्टें मैंने ब्लॉगिंग पर लिखी हैं तो वे ब्लॉगर या ब्लॉग लेबल पर क्लिक करके पढ़ी जा सकती हैं।
हिन्दी ब्लॉगिंग के क्षैत्र में एक से एक धुरंधर ब्लॉगर थे पर मैंने देखा है कि अधिकतर पुराने ब्लॉगर अपने ब्लॉग से थोड़ी दूरी बना चुके हैं या फिर फेसबुक पर अपने तात्कालिक विचारों को रखकर ही इति कर लेते हैं, जैसे कि पहले ब्लॉग में चिंतन मनन करके लिखा जाता था, कुछ या बहुत कुछ तात्कालिक लेखन भी होता था, आजकल बहुत ही कम दिखता है, ब्लॉग पढ़ने वाले पहले केवल ब्लॉगर थे, और सोचते थे कि बहुत सारे पाठक गूगल या किसी और सर्च इंजिन से हमारे ब्लॉग पर कभी न कभी तो आयेंगे । अब ब्लॉग लिखो तो ब्लॉगरों के पास पढ़ने का समय नहीं है या उनकी रूचि खत्म हो चुकी है या फिर ब्लॉग पर टिप्पणी करना उनको ठीक नहीं लगता है, जैसे मानव सभ्यता का विकास हुआ है और हम प्रगति करते जा रहे हैं वैसे ही यहाँ की भी हालत हो गई होगी, हम यही सोचते हैं।
    हिन्दी ब्लॉगिंग ने दम तो नहीं तोड़ा है, हिन्दी ब्लॉग अच्छी खासी मात्रा में अब उपलब्ध हैं। एक और बात है कि हमारे हिन्दी ब्लॉगिंग में ब्लॉगर ऐसी कोई तकनीक का उपयोग नहीं करते हैं जिससे सर्च इंजिन को ढ़ूँढ़ने में आसानी हो, और ब्लॉग पढ़ने वाले पाठकों की आवृत्ति बढ़े। कुछ ही गिने चुने ब्लॉगर नई तकनीकों का उपयोग कर पा रहे हैं, या तो समय की उपलब्धता न होने के कारण या फिर कम तकनीकी ज्ञान । बहुत सारे ब्लॉगर किसी एस.ई.ओ. टूल का उपयोग नहीं करते हैं, शौक शौक में अपनी वेबसाईट तो हमने भी खरीद ली पर अभी तक अपने इस ब्लॉग को नहीं ले जा पाये हैं, कई बार कोशिश करी, कभी किसी तकनीकी उलझन में उलझ गये या फिर कभी हमारे ब्रॉडबैंड ने धोखा दे दिया। कई नये और पुराने ब्लॉगर अपनी अपनी वेबसाईट पर चले जरूर गये हैं पर बहुत ही कम ब्लॉगरों ने अपनी होस्टिंग अच्छे से की हुई है, जिससे उनका लिखा हुआ सर्च इंजिन में अवतरित हो। अधिकतर ने केवल अपने ब्लॉग रिडाइरेक्ट किये हुए हैं, जिससे केवल उनका पता बदला है पर अंदर से घर वही पुराना है।
हिन्दी में ब्लॉगिंग के बहुत सारे सितारे हैं और कई सितारों से या तो मैं मिल चुका हूँ या फिर फोन पर तो बात हो ही चुकी है। हिन्दी ब्लॉगिंग के कारण संसार के कई लोगों से इस आभासी और अप्रत्यक्ष दुनिया के माध्यम से मिल चुका हूँ, और हिन्दी माध्यम होने के कारण बहुत से ब्लॉगरों से आत्मीय संबंध भी स्थापित हुए और अभी तक हैं। अपने फेसबुक पर या गूगलप्लस पर अधिकतर मित्र ब्लॉगिंग क्षैत्र से ही हैं और शायद वे ही लिखी गई अधिकतर पोस्टों को लाईक करने वाले या फिर टीप देने वाले होते हैं।
    जब मैंने ब्लॉगिंग शुरू की थी तब मैं उज्जैन में था, फिर दिल्ली, मुँबई, बैंगलोर, चैन्नई, हैदराबाद और अब गुड़गाँव में हैं, मैंने इस दौरान लगभग सभी जगह ब्लॉगरों से मुलाकात भी की, कुछ ब्लॉगर बहुत ही मिलनसार होते हैं और कुछ नहीं मिलना चाहते हैं, यह व्यक्तिगत मामला है। खैर मैंने तो बहुत से ब्लॉगरों को अपने विचारों के साथ ही खड़ा पाया और जो नहीं भी थे उनसे भी प्यार और सम्मान पाया। पता नहीं इतना प्यार और सम्मान के लिये मैं कैसे आभार प्रकट करूँ।
    मैंने इस दौरान कई तरह के विषयों पर लेखन किया पर कभी अपने ब्लॉग को एक ही विषय का नहीं बना पाया, बस एक ही बात उल्लेखनीय है कि किसी भी विषय पर लिखा हिन्दी भाषा में लिखा। यह पोस्ट लिखते हुए भी बहुत सारे खलल हैं पर लिखना ही है तो भी जीवन के अशांतिपूर्ण वातावरण से थोड़ा सा समय शांतिपूर्वक ब्लॉग पोस्ट लिखने के लिये निकाल ही लिया। मैं जानता हूँ कि बहुत सी बातें यहाँ मैं करने से चूक रहा हूँ पर मैं वे सब बातें भी लिखना चाहता हूँ, अगर अगले कुछ दिनों में समय मिला तो जरूर इस पर बहुत कुछ लिखने की इच्छा रखता हूँ।