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सेवानिवृत्त हो रहे हैं ? सेवानिवृत्ति का धन, कैसे और कहाँ निवेश करें …. जिससे भविष्य अनिश्चिंत न हो.. ? (Getting Retired, Where to Invest the amount for good returns after retirement)
यह लेख अनीता कुमार जी को समर्पित है, उनके कहने पर ही मैंने सेवानिवृत्ति कोष को अभी आज के बाजार में कैसे निवेश किया जाये, पढ़ा और उनके लिये ही लिखा है। आशा है सबको पसंद आयेगा। |
सेवानिवृत्ति के समय आपको एक बड़ी धनराशि मिलती है। जो कि आपके भविष्य निधि, नकदीकरण, पेंशन का रुपांतरण, ग्रेच्युटी इत्यादि की राशि मिलाकर होती है।
उस समय सबसे बड़ा सवाल आपके सामने आता है कि “इस धनराशि को कहाँ और कैसे निवेश किया जाये ?” निवेश के लिये ऐसी कौन सी जगह सुरक्षित है, जहाँ अभी भी निवेश से अच्छी वापसी की उम्मीद हो ?
यहाँ हम देखेंगे कि सेवानिवृत्ति के धन को निवेश करने वाले वित्तीय उत्पाद की क्या विशेषताएँ होनी चाहिये और कुछ विकल्पों के सुझाव भी देंगे।
आप सारी जिंदगी अपने परिवार के लिये कार्य करते हो, बहुत परिश्रम करके अथक प्रयासों से अपने जीवन में प्रगति करते हैं। और अंत में एक दिन आता है जब आपको आराम की जरुरत होती है – आपकी सेवानिवृत्ति ! आप अपने जीवन का आनंद लेने के लिये एक बार वापिस से स्वतंत्र हैं। और वो सब चीजें कर सकते हैं को कि आप कार्य करते हुए नहीं कर सकते थे।
लेकिन सेवानिवृत्ति इन सब सुख के साथ के साथ ही एक महत्वपूर्ण प्रश्न भी लेकर आता है – धन को कहाँ निवेश करना है जो कि आपको सेवानिवृत्ति लाभों के रुप में मिला है।
यह कोई साधारण सा सवाल नहीं है। आखिरकार आपकी जिंदगी भर की मेहनत के धन का प्रश्न है।
समस्या बहुत महत्वपूर्ण है –
सेवानिवृत्ति के समय आपको दसियों लाख रुपया मिलता है। वह इसलिये क्योंकि आपको बहुत सारी जगह से धन मिलता है – भविष्य निधि, स्वैच्छिक भविष्य निधि, सेवानिवृत्ति, छुट्टी नकदीकरण, पेंशन का रुपांतरण इत्यादि ।
आपको आपने उन निवेशों से भी धन प्राप्त हो सकता है, जब आपने निवेश किया होगा तो यह सोचकर किया होगा कि सेवानिवृत्ति के समय यह पैसा भी साथ में मिल जायेगा, और उसकी परिपक्वता भी पूर्ण हो रही हो। जो कि सार्वजनिक भविष्य निधि (पी.पी.एफ़.), जीवन बीमा पालिसी इत्यादि हो सकती हैं।
इस प्रकार, अब आपके सामने ऐसी स्थिती उत्पन्न हो जाती है कि इतना सारा धन कहाँ निवेश करें, कैसे करें, जिससे सेवानिवृत्ति के बाद भी आपके मासिक खर्चों के लिये राशि बराबर मिलती रहे । इतनी बड़ी राशि जो कि शायद अपने पूरे जीवन में कभी एक साथ निवेश नहीं की होगी ।
सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले रिटर्न की विशेषताएँ –
सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले धन को निवेशित करने के लिये वित्तीय उत्पादों में क्या विशेषताएँ होनी चाहिये ?
स्थायी रिटर्न
समस्या बहुत जटिल है, क्योंकि आप अपने सेवानिवृत्ति से मिलने वाले धन को कुछ इस तरह से निवॆश करना चाहते हैं कि सुरक्षित और स्थायी रिटर्न भी मिलता रहे और सेवानिवृत्ति के बाद मिला धन भी आपके जीवनकाल तक आपके साथ सुरक्षित रहे।
आपको अपनी आय बाजार के मानक से अच्छी रखनी होगी, जो कि आपके वर्तमान व्ययों का ध्यान तो रखेंगे ही और भविष्य में होने वाले दिन-ब-दिन के खर्चों में होने वाली मदों में भी मदद करेगी।
विशेष रुप से यह उन लोगों के लिये महत्वपूर्ण है जिनको पेंशन नहीं मिलने वाली है।
सुरक्षित रिटर्न
चूँकि सेवानिवृत्ति के बाद, आपके पास आय का स्त्रोत वेतन नहीं आने वाला है। आप पूरी तरह से अपने निवेशित धन पर ही अब अपने जीवनकाल के लिये निर्भर करते हैं।
इसलिये, सुरक्षित रिटर्न, निवेशित धनराशि की सुरक्षा (मूलधन) बहुत ही महत्वपूर्ण है।
नियमित रिटर्न
अब यही आपके प्राथमिक आय का स्त्रोत होगा जो कि आपके दैनिक खर्चों का ख्याल रखेगा, तो आप ऐसे वित्तीय उत्पाद में निवेश नहीं कर पायेंगे जहाँ संचयी लाभ मिलता हो।
आपको ऐसी जगह निवेश करना होगा जहाँ से आपको नियमित रुप से मासिक या त्रैमासिक आय मिलती रहे।
कहाँ निवेश करें –
तो अब सबसे बड़ा सवाल कि सेवानिवृत्ति के बाद मिली धनराशि को कहाँ निवेशित करें ?
अगर आप जल्दी सेवानिवृत्ति ले रहे हैं तो सावधि जमा (FD) अच्छा विकल्प नहीं है, क्योंकि इसमें आप बाजार में होने वाले रुपये के अवमूल्यन से लड़ नहीं पायेंगे। सेवानिवृत्ति की योजना को ध्यान में रखते हुए जब आप काम कर रहे होते हैं तभी आय के स्त्रोतों को लक्ष्य बनाया जाना चाहिये जिससे सेवानिवृत्ति पर आपको सोचना न पड़े।
लेकिन अगर आप इस तरह के आय के स्त्रोत बनाने में अक्षम रहते हैं, तो भी हमारा निवेश का बड़ा हिस्सा परंपरागत निवेशों के लिये ही होगा। सावधि जमा योजना जो कि सुरक्षित, विश्वसनीय और निश्चित आय प्रदान करता है।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
सेवानिवृत्ति के बाद बचत के लिये सबसे अच्छा वित्तीय उत्पाद है वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), जिसमें आप अपना सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाला धन निवेश कर सकते हैं, और ये विशेषकर सेवानिवृत्तों के लिये ही बनाया गया है।
इसकी कुछ विशेषताएँ इस प्रकार हैं –
पूर्ण सुरक्षा – यह एक सरकारी योजना है, इसलिये यह बिल्कुल सुरक्षित है।
नियमित नकदी – त्रैमासिक आधार पर ब्याज का भुगतान किया जाता है।
उचित ब्याज दर – वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) ९% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज देता है।
उच्च निवेश सीमा – वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) में १५ लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं।
सेवानिवृत्ति कोष से जितना ज्यादा संभव हो सके उतना वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) लेना चाहिये।
सावधि जमा (FD)-
सेवानिवृत्ति कोष निवेश करने की सबसे मनपसंदीदा वित्तीय उत्पाद सावधि जमा है। अच्छे बैंकों में निवेश करें और सावधि जमा से स्थिर रिटर्न मिलता है।
इसके अलावा, सावधि जमा को कभी भी तोड़ा जा सकता है, और आकस्मिक व्यय के लिये उपयोग कर सकते हैं, इसलिये सेवानिवृत्ति के धन का कुछ हिस्सा निश्चित ही सावधि जमा में रखना चाहिये।
आकस्मिक या आपातकालीन राशि लगभग आपके छ: माह के खर्चे के बराबर होनी चाहिये जो कि आमतौर पर पर्याप्त होती है। यह राशि आपके आपातकालीन चिकित्सा खर्चों में व्यय करने के लिये भी सक्षम होगी। इसलिये आपको बैंक में सावधि जमा के तौर पर कम से कम छ: महीने के खर्चों के बराबर की राशि रखना चाहिये।
यदि आप पूर्ण सुरक्षा चाहते हैं, तो आप पोस्ट ऑफ़िस में भी सावधि जमा करवा सकते हैं, यह बिल्कुल बैंक की सावधि जमा के समान है, बस ये पोस्ट ऑफ़िस में होगी, पोस्ट ऑफ़िस में होने कारण सरकार द्वारा सुरक्षित होगा आपका धन।
डाकघर मासिक आय योजना (PO MIS) –
सेवानिवृत्ति कोष को निवेशित करने के लिये यह भी वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) जैसी ही एक अच्छी योजना है।
पूर्ण सुरक्षा – यह एक सरकारी योजना है, इसलिये यह बिल्कुल सुरक्षित है।
नियमित नकदी – मासिक आधार पर ब्याज का भुगतान किया जाता है।
उचित ब्याज दर –यह ८% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज देता है और परिपक्वता पर ५% बोनस प्रदान करता है, इसका प्रभावी यील्ड ८.९% होता है।
निवेश सीमा – इसमें ४.५ लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। संयुक्त खातों के लिये सीमा ९ लाख रुपये है।
अन्य सुरक्षित निवेश के वित्तीय उत्पाद –
बाजार में कुछ ओर भी वित्तीय उत्पाद हैं जो कि सरकार समर्थित हैं, और पूर्णतया: सुरक्षित होते हैं। इन वित्तीय उत्पादों के साथ समस्या यह है कि इनसे कोई नियमित आय नहीं होती है, ब्याज संचित होता जाता है और परिपक्वता पर मूलधन के साथ ब्याज मिलता है।
इसलिये शायद यह आपके लिये सेवानिवृत्ति के धन को निवेश करने की अच्छी जगह नहीं होगी।
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राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र
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किसान विकास पत्र
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भविष्य निर्माण बॉन्ड्स
शेयर बाजार (Stocks)
सेवानिवृत्त लोगों के लिये निवेश करने के लिये यह एक अपरंपरागत जगह है। लेकिन इस जगह सेवानिवृत्ति के कुछ प्रतिशत धन को निवेशित करने से अनदेखा नहीं करना चाहिये।
नये नये मेडिकल साधनों के चलते औसत जीवनकाल बड़ने लगा है। आपको सेवानिवृत्ति धन अपने जीवनकाल तक सुरक्षित रखना है।
अभी तक हमने जितने भी वित्तीय उत्पाद देखे हैं वो मुद्रास्फ़ीति को हरा नहीं सकते, और आपके कोष को बढ़ाने में सक्षम भी नहीं हैं। जिससे आपके बढ़ते हुए खर्चों को पूर्ण किया जा सके। केवल शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहाँ निवेश करने पर आप मुद्रास्फ़ीति से लड़ भी सकते हैं और आपका निवेशित धन बड़ता भी जाता है।
परंपरागत तौर पर सेवानिवृत्ति कोष को शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा माना जाता है। पर अगर आप अपना कोष बड़ता हुआ देखना चाहते हैं तो व्यावहारिक रुप से यह केवल शेयर बाजार में ही संभव है।
कम से कम अपने कोष का १०% और यदि संभव हो तो २०% तक शेयर बाजार में निवेश करना चाहिये।
निवेश करते समय निम्नलिखित दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिये –
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म्यूचुअल फ़ंड में आप सिस्टमैटिक निवेश योजना (SIP) से औसत लागत प्राप्त कर सकते हैं।
आपको अपने सेवानिवृत्ति कोष को निवेशित करने के लिये शुभकामनाएँ।
पाकिस्तान का नया गुटखा… जरुर देखियेगा… आखिर गुटखे का सवाल है.. :)
तनख्वाह बड़ी है ? अच्छे तरीके से कैसे उपयोग करें … ? कहाँ निवेश करें ?
पिछला वर्ष २००८ नौकरीपेशा वर्ग के लिये बहुत मंदी वाला था, जहाँ एक तरफ़ तो अपने खर्चे कम करने पड़े और अपनी बचत में से भी पैसा निकालना पड़ा, और साथ ही कंपनियों द्वारा बाहर निकाले जाने का डर भी।
कंपनियाँ बड़ी हुई तनख्वाह और बोनस बड़ाने में सक्षम नही थीं और सबने बहुत ही बुरा समय देखा है। खैर, अब ये मंदी का दौर खत्म हो गया है, और समय बदल रहा है और कंपनियाँ भी मंदी के दौर से निकल चुकी हैं।
अंदाजन बढ़ने वाली तनख्वाह के सर्वेक्षण नतीजे –
सर्वेक्षणों से पता चलता है कि इस वर्ष सबसे ज्यादा वेतन बढ़ौत्तरी होने वाली है। भारत में वर्ष २०१० में वेतन वृद्धि लगभग १०.६ प्रतिशत होने का अनुमान है, जो कि एशिया महाद्वीप में सबसे ज्यादा है और वर्ष २००९ की ६.६ प्रतिशत की वृद्धि से ६० प्रतिशत ज्यादा है। भारतीय कंपनियों के मुकाबले बहुराष्ट्रीय कंपनियों की वेतन वृद्धि लग्भग ११.४ प्रतिशत होगी।
ऊर्जा, दूरसंचार, दवाई उद्योग, यांत्रिकी, सेवा और निर्माण, तकनीक और ऑटोमोबाइल कुछ ऐसे क्षैत्र है, जहाँ पर वेतन वृद्धि ११.६ प्रतिशत से १२.८ प्रतिशत तक होने का अनुमान है।
तकनीक और् आऊटसोर्सिंग क्षैत्र में २००९ के बाद जबरदस्त तरीके से व्यापार में उछाल देखा गया है, लेकिन ये बेहद डरी हुई हैं और इकाई के अंक में ही वेतन वृद्धि देने का अनुमान है जो कि ८.५ प्रतिशत से ८.९ प्रतिशत हो सकता है।
ज्यादा आमदनी: क्या करें ?
मंदी ने भारतियों को धन की महत्ता सिखाई। तो धन का कैसे अच्छे तरीके से प्रबंधन करें / वेतनवृद्धि को कैसे बेहतर तरीके से उपयोग करें जिससे भविष्य में हमें ज्यादा मुनाफ़ा हो ? यह समय धन को उड़ाने का है या फ़िर उसे बचाने का ? या फ़िर जो मितव्ययिता के उपाय हमने इस मंदी के दौरान सीखे उन्हीं को जारी रखने में समझदारी है ?
क्या यह बिल्कुल उपयुक्त समय है घर का सामान खरीदने के लिये ? आज लेपटॉप या टीवी जिसकी कीमत ४०,००० है वह शायद छ: महीने बाद ३५,००० हो जायेगी, और कुछ अच्छे ऑफ़र्स भी मिल सकते हैं। मोबाईल फोन या आईपोड के दाम एक तिमाही में ३० प्रतिशत तक कम हो जाते हैं। तो वास्तव में उपभोक्ता वस्तुओं पर बड़ी राशि खर्च करने का उपयुक्त समय नहीं है, लेकिन अगर बिल्कुल ही जरुरत हो तो आपको लेना ही चहिये, बस अच्छी तरह से मोलभाव कर लीजिये जिससे आपको अच्छे ऑफ़र मिल पायें ।
मौजूदा ऋणों की ई.एम.आई. बड़ा दें –
अगर आपके ऊपर किसी भी तरह का लोन (गृह, शिक्षा, ऑटो, क्रेडिट कार्ड) है तो वेतनवृद्धि के धन से आंशिक पूर्व भुगतान या आप अपने लोन की ई.एम.आई. को बड़ाकर निर्धारित अवधि के पहले चुका सकते हैं, जिससे आपको राहत मिलेगी। (“अधिकतर व्यक्तिगत ऋणों में आंशिक पूर्व भुगतान की सुविधा नही होती है।" )
हर बार जब भी आप अपनी किस्त का भुगतान करते हैं तो उसका एक हिस्सा लोन के ब्याज में चला जाता है और बाकी का बचा हुआ ऋण की रकम में। ऋण लेने के बाद आमतौर पर पहली किस्त जो भरी जाती है वह आप ब्याज भर रहे होते हैं जो कि आपको पता भी नहीं होता है, और ऋण की किस्त के आखिरी हिस्से को जब भर रहे होते हैं वह ऋण की रकम का हिस्सा होती है। उदाहरण के लिये – अगर आपने ६०,००० रुपये का ऋण लिया है और उसकी मासिक किस्त ई.एम.आई. १५०० रुपये जा रही है तो आप उसे बड़ाकर २००० रुपये करवा लीजिये जिससे बड़े हुए ५०० रुपये आपकी ऋण की रकम कम करने में सहायक होंगे और आपको ब्याज कम भरना पड़ेगा।
तो जल्दी से ऋण चुकाने में अपनी रकम बड़ाईये और ब्याज में अपना पैसा जाने से बचायें।
निवेश और बचत बढ़ायें –
अगर आपने ॠण नहीं ले रखा है तो आप अपने धन को म्यूचयल फ़ंड, यूलिप, बांड, शेयर इत्यादि में निवेश कर सकते हैं। म्यूचयल फ़ंड नये निवेशकों के लिये सबसे अच्छा वित्तीय उत्पाद है, जबकि आज के बाजार में निवेश के बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं।
मैं आपको एस.आई.पी. लेने की सलाह दूँगा, जहाँ आप पूर्व निर्धारित मासिक राशि अपने पसंद के म्यूचयल फ़ंड में निवेश कर सकते हैं। एस.आई.पी. आवर्ती जमा जैसा ही वित्तीय उत्पाद है बस एस.आई.पी. (SIP) बाजार के रिटर्न देने की क्षमता रखता है और आवर्ती जमा (Recurring Deposit) एक निश्चित ब्याज राशि।
एस.आई.पी. की प्रत्येक मासिक राशि को एक ईंट के तौर पर देखें तो भविष्य में इससे आपको बिल्डिंग बनती नजर आयेगी। नियमित बचत के लिये यह बिल्कुल सही समाधान है।
५००० रुपये का एस.आई.पी. अगर १५ वर्षों तक जमा करते हैं, तो १५% के हिसाब से लगभग ३३ लाख रुपये हो जाता है। १५% बहुत कम लगाया है जबकि कई फ़ंडों में यह ६०% तक गया है।
बहुत सारे फ़ंड हाऊस के फ़ंड अच्छॆ हैं तो आज ही चुनें और निवेश शुरु करें।
इस वर्ष अच्छे वेतन वृद्धि की उम्मीद है और आप अपने बड़े हुए वेतन को अपने भविष्य के लिये निवेशित करें, क्योंकि पिछले दो वर्षों में आप लोग सीख ही गये होंगे कि खर्चों में कटौती कैसे करना है।
कुछ तरीके वेतन वृद्धि के लिये मैंने बताये हैं, बाजार में और भी वित्तीय उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनमें आप निवेश कर सकते हैं, और अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई को अपने परिवार के भविष्य के लिये सुरक्षित रख सकते हैं। आप पैसा कमाने के लिये कार्य करते हैं और ये वित्तीय उत्पाद आपके पैसे को भविष्य में अच्छे रिटर्न देने के लिये कार्य करते हैं।
51,000 से ज्यादा पेज विजिट हो चुके हैं.. ब्लॉग जगत और पाठकों का शुक्रिया
आज जब अपने ब्लॉग को देख रहे थे तो स्टेटकाऊँटर पर नजर पड़ी तो देखा कि 51,000 से ज्यादा का मीटर नजर आ रहा है तो सोचा कि आज ब्लॉग जगत और पाठकों का शुक्रिया अदा करता चलूँ।
उम्मीद है कि भविष्य में भी आप लोगों का आशीर्वाद और प्यार बना रहेगा।
वो पितृत्व का मेरा अहसास, अनमोल पल मेरी जिंदगी का…
हरेक पिता के जीवन में पहला पल ऐसा आता है जो कि पिता को पितृत्व का अहसास दिलाता है और वो होता है बच्चे का परिवार में आगमन। क्या आपको याद नहीं आता ?
मेरे जीवन का वो पल पितृत्व का मैं कभी भूल नहीं सकता, सुबह दस बजे का समय था, मेरी श्रीमती जी आपरेशन थियेटर में थीं, प्राकृतिक प्रसव नहीं था हमें दोनों याने कि जच्चा और बच्चा की चिंता थी।
थोड़ी देर बाद ही डॉक्टर साहब दौड़े हुए खुद खबर देने आये और गले लगकर बधाई दी “जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ है”, वो पल मेरी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पल बन गया। उस पल मैं पिता बन चुका था और अचानक ही अपने आप बड़े होने का अहसास होने लगा था, कि अब मैं बाप बन चुका हूँ। अचानक ही जिम्मेदारी का अहसास होने लगा था, कि अभी तक मैं केवल पत्नी की ही जिम्मेदारी थी अब ब्च्चे की भी है। मैंने डॉक्टर से एक बार भी यह नहीं पूछा कि लड़का है या लड़की, लिंग का कोई माइना नहीं होता पिता के लिये, पिता के लिये तो बच्चा एक अनमोल रतन होता है।
उस पल मेरे आँखों में अचानक ही आँसू आ गये और लगा कि पूरी दुनिया में पटाखे फ़ूट रहे हैं, मेरी खुशी के लिये। मैं कुछ बोल नहीं पा रहा था, और अपनी खुशी को व्यक्त भी नहीं कर पा रहा था।
थोड़ी देर बाद जब मेरे पापा मम्मी आये तो मैंने उन्हें बताया कि “पापा मैं पापा बन गया”, और अश्रुधारा थी कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। जिंदगी में इतनी खुशी और पितृत्व का अहसास पहली बार था।
जिंदगी के उस अनमोल पल को मैं कभी नहीं भुला सकता, आखिर मेरे “पितृत्व” का पल था वह ।