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अंधेरी में ज्ञान पाने के लिये मुंबई के २ २ मिनिट की कीमत बारिश के बीच जद्दोजहद …. विवेक रस्तोगी

    आज अंधेरी में जागोइन्वेसटर पाठक मिलन था, समय तय किया गया था सुबह १० बजे से दोपहर २ बजे तक । क्लास रुम का जितना भी खर्च आना था वह सबको साझा करना था। सही मायने में वित्तीय प्रबंधन शिक्षा के लिये यह मुंबई में शुरु किया गया एक प्रयास है। जागोइन्वेस्टर.कॉम ब्लॉग मनीष चौहान लिखते हैं।

   तो सुबह ९ बजे घर से निकल पड़े थे क्योंकि अंधेरी पहुँचने में पुरे ४५ मिनिट का अनुमान लगाया था। ९ बजे नहीं निकल पाये हम निकल पाये ९.०५ बजे घर से और हाईवे तक पैदल बस स्टॉप पर ९.०८ बजे पहुँच गये। वहाँ जाकर बोरिवली स्टेशन की बस पकड़ी, हमारा अनुमान था कि लगभग ९.१७ बजे तक हम बोरिवली स्टेशान पहुँच जायेंगे।

    बोरिवली से कांदिवली ३ मिनिट, कांदिवली से मालाड ४ मिनिट, मलाड से गोरेगांव ४ मिनिट, गोरेगांव से जोगेश्वरी ६ मिनिट और जोगेश्वरी से अंधेरी लगभग ३ मिनिट लगता है, याने कि बोरिवली से अंधेरी २० मिनिट लगते हैं।

  और फ़िर हमें टिकट भी लेना था क्योंकि हम रोज लोकल ट्रेन में तो जाते नहीं हैं, हमारे पास रेलकार्ड है, जिसे कि रेल्वे स्टेशन पर लगे टर्मिनल से फ़टाफ़ट टिकट लिया जा सकता है। हमने रिटर्न टिकट लिया मतलब बोरिवली से अंधेरी जाने का और वापस बोरिवली आने का।

    फ़िर वहीं लगे उद्घोषणा टीवी पर देखा कि ९.२१ की चर्चगेट स्लो तीन नंबर प्लेटफ़ॉर्म और ९.२५ की चर्चगेट फ़ास्ट दो नंबर प्लेटफ़ार्म पर थी। हम फ़टाफ़ट दौड़ते हुए २-३ प्लेटफ़ॉर्म पर पहुँचे और ब्रिज से ही देखा कि ९.२१ की ट्रेन तो नदारद थी लगा कि चली गई परंतु भीड़ देखकर और इंडिकेटर पर ९.२१ का समय देखकर अंदाजा लगाया  कि ट्रेन लेट है। हमें तो अंधेरी तक ही जाना था तो हम ९.२५ की लोकल में चढ़ लिये।

  सेकंड क्लॉस के डिब्बे में बहुत दिन बाद चढ़े थे, अरे लोकल में ही बहुत दिनों बाद चढ़े थे और पीक समय था पर शनिवार होने के कारण चढ़ने को मिल गया था। अंदर घुसते ही पीछे से धक्का पड़ा और आवाज आई “अंदर दबा के चलो …. ” “भाईसाहब जरा धक्का मारकर !!!”, हम हाथ में छाता और अपनी किताब कापी पकड़े भीड़ में दुबके खड़े थे, जो गेट पर खड़े थे वो हर स्टॆशन पर दरवाजे की जनता का बराबर तरीके प्रबंधन कर रहे थे, “ए कांदिवली वालों को चढ़ने दे रे, जगह दे रे…”, “ऐ मालाड चलो आओ रे, ऐ इस तरफ़ से नहीं चढ़ने का” “ चल दबाके अंदर होले…”

    फ़िर जोगेश्वरी निकला और हम भी गेट के पीछे की भीड़ में लाईन में खड़े हो लिये और आगे वाले से पूछ कर आश्वस्त हो लिये “अंधेरी….” तो उसने धीरे गर्दन “हाँ” में हिला दी, और बाहर बारिश अपने पूरे जोरों से शुरु हो चुकी थी, ऐसी बारिश मुंबई के लिये थोड़ी अच्छी नहीं होती क्योंकि मुंबई में बारिश का पानी भर जाता है।

    जैसे ही अंधेरी स्टेशन आया तो आवाज आई “ऐ चल उड़ी मार उड़ी…” और जब तक ट्रेन स्टेशन पर रुकती तब तक तो हम भी प्लेटफ़ॉर्म पर थे। बारिश पूरे जोरों पर थी, हमने एक ओर पाठक से ९.४५ पर मिलना तय किया था, अंधेरी स्टेशन के एक्सिस बैंक के ए.टी.एम. के पास, वो हैं आशुतोष तिवारी जो कि हिन्दी ब्लॉगर भी हैं उनका ब्लॉग है मेरी अनुभूतियाँ । जोरों की बारिश में हम चल दिये अपने गंतव्य की ओर।

    वहाँ जाकर ४ घंटॆ कैसे निकल गये पता ही नहीं चला, गजेन्द्र ठाकुर जो कि सी.एफ़.पी. भी हैं, उन्होंने म्यूचयल फ़ंड पर इतनी अच्छी जानकारियाँ जुटाई थीं, कि समय का पता ही नहीं चला। अब अगली मीटिंग का दिन २८ अगस्त का है जिसमें एस.आई.पी., एस.टी.पी और एस.ड्ब्ल्यू.पी. पर जानकारी साझा की जायेगी।

सुरक्षित निवेश मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) के संग (Secured Investment through MIPs [MF])

    मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) मुख्यत: डेब्ट उत्पादों पर आधारित योजना है, जिसमें आमतौर पर कोष का ८०% तक डेब्ट उत्पादों में और बाकी का इक्विटी उत्पादों में निवेश किया जाता है।

    मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को नियमित रुप से लाभांश के रुप में भुगतान करना होता है, हालांकि यह अनिवार्य नहीं होता है, लाभांश का वितरण फ़ंड हाउस के विवेक और वितरण योग्य धन होने पर निर्भर करता है।

निवेश के उद्देश्य –

    मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को नियमित रुप से लाभांश प्रदान करना है जो कि ज्यादातर डेब्ट उत्पादों और एक छोटा हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है। ये मुख्यत: यील्ड ब्याज दर के डेब्ट उत्पादों (कमर्शियल पेपर्स, सर्टिफ़िकेट ऑफ़ डिपोजिट, गोवरमेंट सिक्योरिटिज और ट्रेजरी बिल्स) में निवेश करते हैं। डेब्ट उत्पाद पोर्टफ़ोलियो को स्थिरता और निरंतर वापसी की सुनिश्चितता प्रदान करते हैं, जबकि इक्विटी उत्पाद  ज्यादा वापसी के लिये सहायक होता है। मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) बाजार से जुड़े रहते हैं (केवल उतने हिस्से के लिये जितने कि इक्विटी में निवेश है)।

जोखिम –

    पोर्टफ़ोलियो में डेब्ट उत्पादों के होने से, मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) अर्थव्यवस्था में होने वाले ब्याज दर परिवर्तन प्रभावी होते हैं (क्योंकि अधिकतर उत्पाद डेब्ट उत्पाद होते हैं) ।

    जब अर्थव्यवस्था में ब्याज दरों में कमी आती है तब मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) की एन.ए.वी. बड़ जाती है (बॉन्ड की कीमतों में वृद्धि के कारण)।

    और अगर ब्याज दर बढ़ती है तो मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) की एन.ए.वी. कम हो जाती है, इस समय  तब अच्छी वापसी के लिये इस उत्पाद को इक्विटी पर निर्भर रहना पड़ता है।

    पोर्टफ़ोलियो में इक्विटी उत्पाद शामिल से : चूँकि मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) बाजार से जुड़े हैं (जो कि आमतौर पर १५-२०% तक रहता है) । ये बैलेन्सड फ़ंड से कम जोखिम वाले होते हैं (इसमें ६०-७०% तक इक्विटी में निवेश होता है)  लेकिन शुद्ध डेब्ट फ़ंडों से थोड़ा जोखिम वाले होते हैं (शुद्ध डेब्ट फ़ंड केवल डेब्ट प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं)।

    कोई भी सही सही भविष्यवाणी तो कर नहीं सकता कि कब शेयर बाजार और डेब्ट बाजार अपने उतार चढ़ाव पर होंगे। यह निवेशको के लिये पूँजी कटाव और लाभांश का भुगतान न होने का जोखिम पैदा करता है। अधिकांश मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) के फ़ंड मैनेजर अतीत में कुख्यात रह चुके हैं, डेब्ट निवेश में से ३०% तक का निवेश इक्विटी बाजार में निवेश करने के बाद और बाजार का पूरा मजा लेते हैं जब बाजार अपने पूरे जलवे पर होता है, जिससे इस शेयर बाजार के चढ़ाव का फ़ायदा निवेशक को होता है और एन.ए.वी. काफ़ी बड़ जाता है, पर इसके उलट अगर उतार हो एन.ए.वी. कम हो जाता है यानि के निवेशक को नुकसान।

    निवेशक को इक्विटी पोर्टफ़ोलियो का मूल्यांकन कर लेना चाहिये और जोखिम स्वीकार्य होने के बाद ही निवेश करना चाहिये।

रिटर्न – मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) सीमित अस्थिरता के साथ  स्थिर रिटर्न देता है, पिछले तीन वर्षों में, अधिकतर मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) ने १२-१३% का औसत रिटर्न दिया है।

अवधि – मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) को कम से कम ३-५ वर्ष के लिये निवेश करना चाहिये।

कर कितना लगेगा – मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) डेब्ट फ़ंड है, पर लाभांश पर लाभांश वितरण कर (१२.८६७%) है।

    अगर एक वर्ष के पहले फ़ंड की यूनिट बेचते हैं और उस पर अगर कुछ लाभ है तो उस पर शार्ट टर्म कैपिटल गैन कर लागू होता है, शुद्ध लाभ को आपकी करयोग्य आय में जोड़ दिया जायेगा और जो भी व्यक्तिगत आयकर की स्लैब लागू होगी। और अगर एक वर्ष के बाद बेचते हैं, और लाभ होता है तो लांग टर्म कैपिटल गैन कर लगेगा जो कि १०% होता है (इंडेक्सेशन के बिना) और २०% इंडेक्सेशन लाभ के साथ, जो भी कम हो।

निवेश किसे करना चाहिये –

    ज्यादा जोखिम न उठाने वाले निवेशक जो कि बैंक सावधि जमा से ज्यादा अच्छे और सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं, उनके लिये मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) अच्छा विकल्प है। हालांकि मासिक रिटर्न की गारंटी नहीं है, स्थिर आय के लिये बैंक के जैसे नहीं है।

स्कीम नाम एन.ए.वी. १ वर्ष के रिटर्न ५ वर्ष के रिटर्न
HDFC MIP Long Term 21.997 14.6 13
Reliance MIP 20.947 14.6 12.9
Canara Robeco 28.43 10.4 13.7

NAV as on 22 July 2010

मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) के विकल्प –

    मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) के विकल्प हैं बैंक की सावधि जमा योजना, पोस्ट ऑफ़िस एम.आई.पी., फ़िक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स।

निष्कर्ष –

    मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) आपको हर माह निश्चित राशि नहीं मिलती है। हर मासिक लाभांश ब्याज दर के उतार चढ़ाव और बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर रहता है। लेकिन मासिक आय योजना (म्यूचयल फ़ंड) “नियमित आय उत्पाद” की श्रेणी में सबसे ज्यादा रिटर्न देने के कारण सबसे अच्छॆ हैं और कर में भी।

    नियमित आय के लिए म्युचुअल फंड की एमआइपी पर या किसी एक ही उत्पाद पर ही निर्भर नहीं होना चाहिये । अपने निवेशों को हमेशा अलग अलग जगह करना चाहिये जिससे हानि कम से कम हो।

स्विप या सिप में क्या सारा पैसा एक ही फ़ंड में लगाना उचित है ? (Investment should be in 1 fund ?? in SIP or SWP)

    पिछली पोस्ट [स्विप (SWP) क्या है, और ये कैसे सेवानिवृत्ति के बाद के लिये अच्छा उत्पाद है ? (What is Systematic Withdraw Plan)] पर डॉ. महेश सिन्हा जी ने सवाल किया था, क्या सारा पैसा एक ही फ़ंड में लगाना उचित है।

    मेरा जबाब है नहीं, अगर सारा पैसा एक ही फ़ंड में लगा दिया और वो अपना प्रदर्शन नहीं कर पाया फ़िर आपके भविष्य का क्या ?

    आपका पैसा कम से कम ५ म्यूचुयल फ़ंडों में निवेशित होना चाहिये, जिसमें लार्जकैप डाईवर्सिफ़ाईड फ़ंड, बैलेन्स्ड फ़ंड,स्माल एवं मिडकैप फ़ंड सबमें आपका निवेश होना चाहिये। हाँ आज से ५ वर्ष पहले तक ज्यादा तरीके के म्यूच्यल फ़ंड उपलब्ध नहीं थे, परंतु अब तो जैसा म्यूच्यल फ़ंड चाहिये वैसा मिलता है।

    हम पिछले १ वर्ष के रिटर्न की गणना करें स्विप की तो पायेंगे – निवेश तिथि ९ जुलाई २००९ निवेशित रकम १,००,००० रुपये, जिसमें आप अपनी निवेशित रकम में से १२,००० रुपये १२ महीने में निकाल भी चुके हैं, और आज मूल रकम ८८ हजार रुपये है।

कुछ लार्जकैप म्यूचयल फ़ंड –

फ़ंड का नाम वर्तमान रकम वापसी
रिलायंस ग्रोथ – ग्रोथ 1,33,234.41 51.4%
रिलायंस विजन – ग्रोथ 1,26,728.40 44.1%
एच.डी.एफ़.सी. टॉप २०० 1,25,214.84 42.29%
डी.एस.पी. ब्लेकरॉक टॉप १०० 1,18,900.61 35.11%

कुछ बैलेन्स्ड म्यूचयल फ़ंड –

फ़ंड का नाम वर्तमान रकम वापसी
डी.एस.पी. ब्लेकरॉक बेलेन्स्ड फ़ंड – ग्रोथ 1,21,010.33 37.51%
बड़ौदा पायोनियर बैलेन्स्ड 1,06,911.12 21.49%
केनरा रोबेको बेलेन्स 1,20,934.93 37.43%
एच.डी.एफ़.सी.बेलेन्स्ड फ़ंड 1,30,369.77 48.15%

कुछ स्मॉल मिडकैप फ़ंड –

फ़ंड का नाम वर्तमान रकम वापसी
डी.एस.पी. ब्लेकरॉक 1,58,195.10 79.77%
एच.एस.बी.सी. मिडकैप 1,34,062.97 52.34%
आई.डी.एफ़.सी. 1,40,779.75% 59.98%
डी.एस.पी. ब्लेकरॉक माइक्रो कैप फ़ंड 1,77,672.85 101.9%

    जो म्यूचयल फ़ंड आज अच्छा प्रदर्शन कर रहा है इसका मतलब यह नहीं है कि भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करेगा, इसके लिये बाजार का ज्ञान होना भी बहुत जरुरी है।

    म्यूच्यल फ़ंड हमेशा अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह करके ही खरीदें, आप ऊपर दी गई तालिका में देख सकते हैं, एक गलत निर्णय और आपके निवेश का सत्यानाश, बहुत सारे फ़ंड ऐसे भी हैं जो प्रदर्शन नहीं कर पाये, इससे बेहतर है कि अपने वित्तीय सलाहकार को शुल्क देकर सलाह लेना, तो आप अपने निवेश का बेहतर प्रदर्शन पा सकते हैं।

स्विप (SWP) क्या है, और ये कैसे सेवानिवृत्ति के बाद के लिये अच्छा उत्पाद है ? (What is Systematic Withdraw Plan)

    स्विप (SWP – Systematic Withdraw Plan) ऐसी योजना है जो कि निवेशक अपने म्यूचयल फ़ंड में से कुछ पैसा नियमित अंतराल से निवेश में से निकालने देती है। निकाला गया पैसा किसी ओर योजना में निवेश किया जा सकता है या फ़िर कुछ ओर खर्चों के लिये इसका उपयोग कर सकते हैं। साधारणतया: स्विप को सेवानिवृत्ति के बाद होने वाले नियमित खर्चों को पूरा करने के लिये अच्छे से उपयोग किया जा सकता है।

    स्विप से नियमित अंतराल के बाद कुछ नियत राशि या फ़िर variable राशि निकाल सकते हैं। निकासी स्विप से मासिक, तिमाही, छ:माही या वार्षिक कर सकते हैं। इस योजना में समय अंतराल निवेशक को अपनी जरुरत और प्रतिबद्धताओं के अनुसार चुनना चाहिये।

    साधारणतया: स्विप में कई लाभ हैं, यह आपके निवेश से एक नियमित समय अंतराल के बाद आपको आपकी चाही गई रकम तो देते ही हैं, साथ में आपकी मूल निवेश की गई रकम सीधे बाजार में निवेश रहती है, तो निवेश पर वापसी बहुत अच्छी होने की उम्मीद होती है, आपका मूल निवेश मुद्रास्फ़ीति से भी दो-दो हाथ करता रहता है और स्विप आपका भविष्य सुरक्षित करने में मददगार साबित होता है।

    स्विप में आप शेयर बाजार के उतार चढ़ाव को भी झेल सकते हैं। नियमित अंतराल के बाद रकम निकासी से औसत मूल्य अच्छा मिलता है और निवेशक बाजार के उतार चढ़ाव का आनंद ले सकता है।

स्विप कैसे कार्य करती है – (How SWP working ?)

    स्विप म्यूचयल फ़ंड में ही एक योजना है, जिसमें नियमित अंतराल के बाद यह आपको अपने निवेश में से कुछ रकम निकासी की सुविधा देती है।

    अब म्यूचयल फ़ंड खरीदते हैं, तो उसे स्विप में ले सकते हैं, जिसमें आपको बताना होता है कि कितना रुपया हर महीने/तिमाही में कौन सी तारीख को चाहिये। जिस दिन म्यूचयल फ़ंड खरीदा जाता है, उस दिन की एन.ए.वी. से आपको आपके निवेश की यूनिट मिल जाती हैं। और फ़िर अगले महीने से आपकी चाही गई रकम उन यूनिटों में से बेचकर आपको दे दी जाती हैं। इससे फ़ायदा यह है कि अगर लंबी अवधि में देखें तो हम बाजार के उतार चढ़ाव बहुत ज्यादा पायेंगे और ये उनसे लड़ने में सक्षम हैं।

    एक उदाहरण देखते हैं – एक व्यक्ति वर्ष २००२ में सेवानिवृत्त हुए, उन्होंने वित्तीय विशेषज्ञ की सेवाएँ ली और अपनी सेवानिवृत्ति राशि का २० लाख रुपया स्विप में लगाने का निर्णय लिया। और उन्होंने ९ जुलाई २००२ को रिलायंस ग्रोथ ग्रोथ म्यूचयल फ़ंड लिया। ९ जुलाई २००२ की एन.ए.वी. ३१.१८५ रुपये थी, और उन्हें ६४,१३३.३९७५ यूनिट मिलीं।

    अब हर माह उन्हें शुरु की २ तारीख को ही २०,००० रुपये मिल जाते थे, और उन्होंने उसे आज तक जारी रखा है, जैसा कि आप सभी ने देखा है कि इन पिछले आठ वर्षों में बाजार ने अपने कई उतार चढ़ाव देखें हैं और कई बने हैं और कई बर्बाद हुए हैं, आज अगर उनके फ़ंड की उन्नति को देखा जाये तो आप पायेंगे कि पिछले आठ वर्षों में उन्होंने स्विप से १९.२० लाख रुपये तो निकाले ही हैं और आज उनके पास ४५,५७७.८७९२ यूनिट उपलब्ध हैं जिसकी एन.ए.वी.  ४५९.८४६८ है, और कुल निवेश की राशि आज हो गई है २ करोड़ से भी ज्यादा जी हाँ बिल्कुल सही पढ़ा आपने उनकी आज की रकम है २,०५,६९,६०२.२५ रुपये। जी २५,६१२% की वापसी।

    दूसरा उदाहरण देखिये – एक और व्यक्ति थे उन्होंने अपने राशि बैंक में मासिक आय योजना में रखी थी, और उन्हें ब्याज उस समय मिला लगभग १२% पर आज उनकी मूल राशि तो २० लाख रुपये ही है, जो कि आज की मुद्रास्फ़ीति से लड़ने में असक्षम है।

इस तालिका में देखिये –

निवेश योजना दिनांक रकम आहरित रकम वर्तमान राशि
रिलायंस ग्रोथ – ग्रोथ म्यूचयल फ़ंड स्विप योजना ९ जुलाई २००२ २०,००,००० १९,२०,००० २,०५,६९,६०२.२५
ग्रोथ – २५,६१२%
बैंक में सावधि जमा मासिक आय योजना ९ जुलाई २००२ २०,००,००० १९,२०,०० २०,००,०००
ग्रोथ – ० %

तो अब आप ही समझ सकते हैं कि निवेश में किसका निर्णय सही था।

    कर कितना देना पड़ता है – (Income Tax !!!)

    अभी तक कर का प्रावधान इस प्रकार था –

    पहले वर्ष शार्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स देना होता था, जितनी यूनिट आपकी बाजार में बिकी हैं, उस हर यूनिट पर होने वाले फ़ायदे पर और एक वर्ष के बाद लांग टर्म कैपिटल गैन टैक्स से मुक्त था, पर इंडेक्सेशन से कर लगता था।

    अब नये कर प्रस्ताव में लांग टर्म कैपिटल गैन टैक्स की फ़िर से बहाली की गई है, जिसमें निवेशक को अब हर यूनिट पर होने वाले फ़ायदे पर अब एक वर्ष की अवधि के बाद भी कर देना होगा और इंडेक्सेशन के ऊपर भी कर देय होगा।

    इतने कर देने के बाबजूद भी यह योजना बहुत ही अच्छी है, जोखिमपूर्ण भी है। पर इसकी वापसी की तुलना किसी और वित्तीय उत्पाद से करना बहुत ही मुश्किल है।

वित्तीय विशेषज्ञ की सेवाएँ – ( Services of Financial Planner !!!)

    मेरी राय है कि जब आप बाजार आधारित कोई भी उत्पाद खरीदते हैं, और अगर खुद विशेषज्ञ नहीं हैं तो वित्तीय विशेषज्ञ की समय समय पर सेवाएँ जरुर लें जो आपके धन को सुरक्षित रखने में आपकी मदद करेगा।

    जैसे पहले उदाहरण में वित्तीय विशेषज्ञ की सेवाएँ केवल निवेश के समय ही ली गईं, अगर नियमित रुप से लेते, तो यही रकम लगभग ४ करोड़ हो गई होती। वित्तीय विशेषज्ञ अपनी सेवाओं के लिये कुछ मामुली सा शुल्क लेते हैं परंतु हमें वह शुल्क ज्यादा लगता है, अगर थोड़ा सा शुल्क देकर आपको अपने निवेश से ज्यादा बेहतर वापसी मिल रही है तो हर्ज ही क्या है।

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सेवानिवृत्त हो रहे हैं ? सेवानिवृत्ति का धन, कैसे और कहाँ निवेश करें …. जिससे भविष्य अनिश्चिंत न हो.. ? (Getting Retired, Where to Invest the amount for good returns after retirement)

निवेश के लिये ज्यादा जानकारी पढें

बीमा पॉलिसी के लिये केवल नामांकन ही नहीं वसीयत भी जरूरी है [Will is equally important with Nomination for Insurance Policy]

    क्या आपने कभी सोचा है कि बीमा दावा राशि का कानूनी रुप से लाभार्थी कौन है ? या उस राशि पर कौन कौन दावा कर सकता है ?

बीमा पॉलिसी के लिये केवल नामांकन ही नहीं वसीयत भी जरूरी है

    अधिकांश लोगों को लगता है कि बीमा दावा का पैसा उनके पति/पत्नी या बच्चे को मिल जायेगा और वे जीवन में आने वाली काठिनाईयों से बच पायेंगे । बहरहाल, यह थोड़ा सा सच है, या कहें आंशिक रुप से सही है । कानून के अनुसार हर संबंधित व्यक्ति जो कि आर्थिक रुप से बीमित व्यक्ति पर आश्रित है, बीमा दावा से मिलने वाले धन पर पर दावा कर सकता है।

    लगभग सभी लोग बीमा लेते समय पति/पत्नि को बीमा दावा के लिये नामित करते हैं, और यही समझते हैं कि अगर दुर्भाग्य से मृत्यु हो भी गई तो बीमाधन उनके पति/पत्नि को मिल जायेगा। यह भी आंशिक रुप से सही है, नामांकन का मतलब होता है कि वह नामित व्यक्ति बीमा धन का दावा कर सकता है, पर उसका उपयोग नहीं कर सकता । वह बीमा धन कानूनीतौर पर सभी आश्रितों में बांटी जानी चाहिये।

    तो अगर आप चाहते हैं कि बीमा धन किसी एक व्यक्ति विशेष के पास ही जाना चाहिये तो बीमा कागजातों पर नामांकन काफ़ी नहीं है। आपको एक वसीयत तैयार करवाना चाहिये जिस पर साफ़ शब्दों में लिखा हो कि बीमा धन से प्राप्त होने वाला धन नामित व्यक्ति/विशिष्ट व्यक्ति को ही दिया जाये, और कोई इस धन का अधिकारी नहीं है। कानूनी रुप से मान्य होने के लिये यह वसीयत पंजीकृत होनी चाहिये।

    इसलिये अगर आप ने अभी तक यह नहीं किया है, तो जल्दी से पहले अपने वकील के पास जाईये और सलाह लीजिये और वसीयत तैयार कीजिये।

    क्योंकि इसका सबसे बड़ा एक कारण तो ये है कि आप जिंदगी की परेशानियों से अपने परिवार को  बचाने के लिये  जैसे तैसे अपनी बीमा किश्त का भुगतान कर रहे हैं, कि जब अगर आप न हों उनके साथ, तो वे आर्थिक रुप से सक्षम हों, दुखी न हों। वसीयत करिये यह बहुत जरुरी है।

DNA मुंबई में छपा यह आलेख भी पढ़िये ।

वित्तीय स्वतंत्रता पाने के लिये ७ महत्वपूर्ण विशेष बातें [Important things to get financial freedom…]

क्या आपने कभी सोचा है कि “अगर मैं वित्तीय स्वतंत्र हो जाऊँ तो ?” अगर ऐसा हो जाये तो कितना अच्छा हो…

१) बुनियादी जरुरतों के लिये काम ना करना पड़े, केवल अपने मासिक बिलों और ऋण के  भुगतान के लिये कमाना पड़े, बाकी के अपने बचे हुए कैरियर में… नहीं !!

२) और् नहीं !! वो अंतहीन काम करने का समय !! केवल अपने आपको इस अंतहीन चूहा दौड़ में श्रेष्ठ साबित करने के लिये, क्योंकि अगर आप जीत् भी गये तब भी आप है तो चूहे ही ना ….

३) जीवन को भरपूर आन्ंद से जीने की इच्छा और् क्षमता, अपने परिवार के साथ और ज्यादा वक्त गुजारना, अपने परिवार को छुट्टियों पर ले जाना या फ़िर किसी अच्छे रेस्त्रां में कभी भी ले जाना जब आपकी इच्छा हो …

४) आप जो भी अपने मन का नहीं कर पा रहे थे, उसे अपने पूरे मन से कर पायें ..

अच्छे विचार, लेकिन आप शायद सोच रहे होंगे कि मैं दिन् मैं भी सपने देखता हूँ ?  तो कह सकते हैं हाँ भी और ना भी …

हाँ – क्योंकि दिन के सपने मुझे अच्छे विचारों की और् प्रेरित करते हैं, कि मैं कैसे और अच्छे से अपनी जिंदगी में र्ंग भरूँ । आखिरकार हमें एक बार ही जीवन मिला है, तो हम् इसे और सार्थक बनाते हैं।

नहीं – क्योंकि नय विचारों के साथ, हम नये मिलने वाले अवसरों का विश्लेषण कर सकते हैं, और् सबसे प्रभावी दृष्टिकोण को अपना सकते हैं। विचारों के साथ ही अवसर आते हैं, अवसर के साथ कार्य और कार्य के होने से परिणाम आता है !!

तो मैं आपको जो कुछ आगे बताने वाला हूँ उससे आपको अपने वित्तीय स्वतंत्रता को पाने के लिये आप अभी जहाँ अभी खड़े हैं उससे एक् कदम आगे होंगे।

७ जरुरी वित्तीय बातें, जो कि सभी लोगों को पता होना चाहिये –
१) धन का महत्व् समझना
२) धन पर् नियंत्रण रखना
३) धन को बचाना
४) धन को निवेश करना
५) धन कमाना
६) धन को बचाना
७) धन को बांटना सीखना

१) धन का महत्व् समझना – क्या आप धन का महत्व् समझते हैं और् उसकी इज्जत करते हैं ? अगर आज आपको वित्तीय हानि होती है तो क्या आप उसका बर्तमान और भविष्य में होने वाले परिणाम को जानते हैं।

क्या आप अपनी पूरी मासिक आय खर्च कर देते हैं, और् कुछ भी बचा नहीं पा रहे हैं, शर्मिन्दा होने की क्या बात् है, केवल आप अकेले ही ऐसे नहीं हैं, ऐसे बहुत् से लोग् हैं ।

जब तक हम धन का महत्व समझना शुरू नहीं करेंगे, तब तक हम अपने कार्य के महत्व को, बचत की जरुरतों को, और अपनी जबाबदेही को भी नहीं समझ पायेंगे ।

आप कितना खर्चा कर रहे हैं, कितना कमा रहे हैं, अपना धन कहाँ और् कैसे रख रहे हैं, यह सबसे जरूरी है, तो इससे आपको पता चल जायेगा कि केवल अपनी जीवन की आवश्यकताओं को ही पूरा कर रहे हैं या फ़िर् कुछ अपने  लिये अतिरिक्त धन बचा भी सकते हैं।

२) धन पर् नियंत्रण रखना – मुझे लगता है कि अधिकतर लोगों की कमाई का केवल एक ही जरिया होता है नौकरी । इसी से आपके और आपके परिवार के जरुरी खर्चे चलते हैं, और यहीं इसी एक कमाई के सधन के लिये आप दिनरात काम करते हैं, । अगर आप ल्ंबे समय के लिये बीमार पड़् जायेंगे तो ??  घरखर्चा कैसे चलेगा ।

इस परेशानी से बचने का एकमात्र उपाय है कि आपकी नौकरी के साथ साथ आपकी विविध तरह से  दूसरी कमाई भी हो, केवल जब आप ये लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे तभी आप अपने आप को वित्तीय स्वत्ंत्र बना सकते हैं, और मस्ती में जिंदगी निकाल सकते हैं।

३) धन को बचाना – अगर आपके पास बहुत सारा धन है, और आप उसे बचाते नहीं हैं, आपके पास उससे ज्यादा धन नही आयेगा, आप और धन नहीं जोड़् पायेंगे। इसे “नकदी प्रवाह प्रब्ंधन” कहा जाता है। आपको अपनी आमदनी बढ़ाकर् खर्चों में कटौटी करना होगी, यही धन वृद्धि का मूल म्ंत्र है। अगर आपके पास अतिरिक्त धन होगा, तो बाजार में बहुत सारे नये वित्तीय उत्पाद हैं निवेश करने के लिये, जिनसे आपके धन में अच्छी वृद्धि हो सकती है।

४) धन का निवेश करना – कुछ आम उत्पाद जो कि आजकल बाजार में उपलब्ध हैं, शेयर, म्यूचयल फ़्ंड्, बांडस, मकान इत्यादि। इतनी सारे विकल्पों के होने के कारण, किसी अनुभवी वित्तीय प्रब्ंधक के साथ सलाह करके उस वित्तीय उत्पाद का विवरण प्राप्त करके निवेश करना उचित होगा, और आप अपने धन को समझदारी से अच्छी जगह निवेश कर पायेंगे। ऐसे वित्तीय उत्पाद बेचने वालों से बच कर रहें जो कि ज्यादा कमीशन वाले उत्पाद बेचने के लिये उत्साहित करते हैं, जो कि आपके ल्ंबी अवधि के योजना के लिये अच्छे न हों ।

५) धन कमाना – एक् बार आपने अपने धन को निवेशित करने के लिये अच्छा रास्ता चुन लिया, फ़िर स्ंयम के साथ अपने धन को बढ़्ते हुए देखें।  “धन स्ंयम के पेड़ पर बड़ा होता है”।

६) धन को बचाना – जब आपके पास धन होता है, तो आपको पता होता है कि धन आसानी से नही आया है, तो अगला कदम है मेहनत से कमाये हुए धन को बचाना। बुरे समय से निपटने के लिये अपने धन को सुरक्षित रखें या फ़िर् वापिस निवेश कर दें। आपको हमेशा अपने पास किसी भी आपात स्थिती से निपटने के लिये कम से कम ६ महीने का खर्चा नकद (बैंक् एकाऊँट) में रखना चहिये।

७) धन को बांटना सीखना – ज्यादा धन आपके पास होने पर्, आप वो सब कर सकते हैं जो करना चहते हैं, जिन सबका मैंने शूरु में उल्लेख किया है। अपने परिवार को सुख सुविधाओं के साथ ज्यादा समय दे सकते हैं, परिवार को छुट्टियों पर घुमाने ले जा सकते हैं, या जब भी आप चाहें किसी अच्छे रेस्त्रां में ले जा सकते हैं। आप अपने परिवार को ज्यादा लाड़ प्यार, सम्मान, समय दे सकते हैं जो पहले नहीं दे पा रहे थे। आप अपनी नौकरी छोड़कर कुछ अपने मन का, जो आपको पसंद है, कर सकते हैं। सही नहीं है क्या ये कि मैं और शायद आप भी हमेशा यही सोचते हैं कि कब अपना मनपसंदीदा काम करने को मिलेगा।

मुझे विश्वास है कि आप भी मेरी तरह वित्तीय स्वतंत्रता पाने के लिये रास्ता खोज रहे होंगे। “समय और ज्वार-भाटा किसी का इंतजार नहीं करते हैं” इसलिये यह बहुत जरुरी और महत्वपूर्ण है कि वित्तीय योजना आज से ही बनायी जाये और उस पर अमल भी किया जाये। और इन ७ महत्वपूर्ण विशेष बातों को रोज ध्यान में रखें।

शिक्षा में निवेश और धन के महत्व को शामिल होना ही चाहिये ? [ Investment and importance of money should be part of our education system]

    लगभग सभी लोग अपने जीवन के महत्वपूर्ण १६-२० वर्ष शिक्षा ग्रहण करते हैं, परंतु उस शिक्षा में कहीं भी यह नहीं सिखाया जाता है कि धन कैसे कमाया जाता है, धन कितना महत्वपूर्ण है, धन को सही तरीके से कैसे निवेश किया जाये इत्यादि।

    शिक्षा में हम ग्रहण करते हैं, विषयगत ज्ञान, जो कि इतिहास, भौतिक विज्ञान, वनपस्पति विज्ञान, हिन्दी इत्यादि होते हैं। जिनसे हम उन विषयों में पारंगत तो हो जाते हैं, पर धन की महत्वपूर्णता को समझ नहीं पाते हैं, और न ही ये सीख पाते हैं कि अगर निवेश किया जाये तो कहाँ।

जब कमाने लगते हैं तो रिश्तेदारों के, दोस्तों के या माता पिता के कहने पर उनके अनुभव से धन को निवेश करने लगते हैं। परंतु क्या कभी आपने सोचा है कि जब २० वर्ष शिक्षा ग्रहण अपने बलबूते पर की, उन विषयों में पारंगत हुए तो फ़िर धन के निवेश में क्यों नहीं, जबकि हमने शिक्षा ग्रहण इसलिये की है कि हम अपना भविष्य सामाजिक और आर्थिक रुप से सुदृढ़ रख पायें।

जब नौकरी लगती है और निवेश की बारी आती है तो अच्छे अच्छे लोगों के दिमाग हिल जाते हैं, भले ही वे अपने विषयों में पारंगत हो, परंतु निवेश में कतई नहीं। निवेश में पारंगत होना केवल और केवल व्यक्तिगत रुचि है। निवेश भी अपने आप में एक बहुत बड़ा विषय है और इसमें पारंगत होना सभी के लिये अनिवार्य होना चाहिये परंतु हमारी शिक्षा में निवेश विषय नहीं है।

नौकरी के बाद पहली बार आयकर रिटर्न भरना होता है तो पसीने छूटने लगते हैं, जबकि आयकर विभाग ने अपने रिटर्न बहुत ही आसान कर दिये हैं, हम जब से नौकरी कर रहे हैं, तब से हम खुद ही अपना रिटर्न भर रहे हैं, आप बताईये क्या आप भी खुद ही आयकर रिटर्न भरते हैं या फ़िर इसे भरना बहुत बड़ा सरदर्द मानकर कुछ फ़ीस देकर बाजार से भरवा लेते हैं।

तो बताईये शिक्षा में निवेश और धन के महत्व को शामिल होना चाहिये या नहीं ?

टेलिकॉलर्स, टेलिवार्ता, ३७ लाख के लिये बीमा और रिलायंस फ़ार्मा फ़ंड का विश्लेषण [Telecallers, Call, Insurance for 37 lacs, Reliance Farma Fund ]

    आजकल लगभग हर रोज कहीं न कहीं से टेलीकालर्स के कॉल से परेशान हैं, DND चालू है तब भी लगता है कि इन लोगों पर सरकार का कोई डर नहीं है और बेधड़क फ़ोन खटका रहे हैं, फ़ोन आते हैं २ प्रकार की कंपनियों के, क्रेडिट कार्ड और इंश्योरेन्स कंपनी। और दोनों से कैसे निपटना है वो हमने सीख लिया है – आप भी देखिये।

१. क्रेडिट कार्ड –

कॉलर – “सर, मैं स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से बोल रही हूँ”

मैं – “ क्यों बोल रही हैं, मत बोलिये”

कॉलर – “सर यह फ़ोन क्रेडिट कार्ड के लिये किया गया है, क्या आप स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया का कार्ड उपयोग करते हैं”

मैं – “ जी हाँ करते हैं” [बिल्कुल नहीं करते हैं, और दूसरी तरफ़ से खुद ही फ़ोन कट हो जाता है :D]

२. इंश्योरेन्स कंपनी –

कॉलर – “सर, मैं टाटा ए.आई.जी. इंश्योरेन्स कंपनी से बोल रही हूँ”

मैं – “ क्यों बोल रही हैं, मत बोलिये”

कॉलर – “सर एक इन्वेस्टमेन्ट सेविंग स्कीम है जो कि आपको समझाना है, जो आपके लिये बहुत अच्छी है”

मैं – “नहीं समझना है, टाईम नहीं है”

कॉलर – [हावी होते हुए] “आप एक बार समझिये तो सही, केवल हर महीने २ हजार रुपये जमा करने हैं और २५ वर्ष के बाद आपको ३७ लाख रुपये मिलेंगे, कंपनी १% और २% का बोनस भी देती है” [ फ़िर कुछ गणना बताती है]

मैं – “३७ लाख रुपये !!! आप दे ही नहीं सकते हैं, झूठ बोल रही हैं आप, क्यों लोगों को गुमराह कर रही हैं”

कॉलर – “नहीं सर, ३७ लाख आपको मिलेंगे और साथ ही मिलेगा ५ लाख का बीमा और मेडीक्लेम भी”

मैं – “नहीं नहीं सब है मेरे पास”

कॉलर – “सर इतनी सुविधाएँ और किसी प्रोडक्ट में नहीं है और रिटर्न भी”

मैं – “चलिये अच्छा मैं आपकी पॉलिसी ले लेता हूँ,बशर्ते कंपनी मुझे यह लिख कर दे कि ३७ लाख रुपया मिलेगा, २५ वर्ष के बाद”

कॉलर – “नहीं सर, कोई भी कंपनी यह लिखकर नहीं दे सकती कि ३७ लाख मिलेगा, वैसे अगर ज्यादा मिला तो ?”

मैं – “अगर लिखकर नहीं दे सकते तो दावा क्यों करते हो, और अगर ज्यादा मिले तो कंपनी रख ले मुझे तो केवल ३७ लाख से मतलब है”

कॉलर – “नहीं सर कंपनी ऐसा नहीं कर सकती”

मैं – “नहीं फ़िर मेरा कोई इंटरेस्ट नहीं है, अगर आप लिखकर दें कि ३७ लाख मिलेगा तो मेरा नंबर आपके पास है ही, आप फ़ोन करके अपना एजेन्ट मेरे पास भेज दीजियेगा, मैं हाथों हाथ पॉलिसी ले लूँगा”

कॉलर – [हताश होकर] “नहीं सर लिखकर नहीं दे सकते !” और फ़ोन काट देती है।

    यहाँ पर एक बात रखना चाहूँगा, अगर इश्योरेन्स कंपनियाँ जानती हैं कि अगले २५ वर्षों में इतना रिटर्न मिलेगा पर IRDA के नियम से वे लिखकर कुछ नहीं दे सकती हैं, तो क्यों हम ULIP और जमा वाले इश्योरेन्स उत्पाद लेते हैं, सीधे म्यूचयल फ़ंड में क्यों नहीं बचत करें।

    मैंने एक SIP शुरु की है रिलायंस फ़ार्मा बहुत ही अच्छा म्यूचयल फ़ंड है, और इसका प्रदर्शन बहुत ही जोरदार रहा है, और मेरा मानना है कि आने वाले समय में फ़ार्मा क्षैत्र की बिक्री बड़ने ही वाली है, तो मोनोपॉली जैसा सेक्टर है, सेक्टर फ़ंड में इससे अच्छा और कोई फ़ंड नहीं लगता। अगले ५ वर्षों में इसमें बहुत अच्छे रिटर्न्स की उम्मीद है और लंबी अवधि में तो और भी ज्यादा।

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शीघ्र सेवानिवृत्ति कैसे ? भाग ४ [सेवानिवृत्ति से प्राप्त होने वाले धन का कैसे प्रयोग करें] [Early Retirement How ? Part 4]

    सेवानिवृत्ति धन को कैसे निवेश करें, यह सबसे बड़ी सरदर्दी है, और इस बारें में कोई भी खुलकर बात नहीं करना चाहता है।
    यह तो तय है कि इस धन को जोखिम वाले वित्तीय उत्पादों में नहीं लगा सकते हैं जैसे कि शेयर बाजार।
    मुद्रास्फ़ीति से मुकाबले के लिये सबसे अच्छा वित्तीय उत्पाद है, स्विप (SWP – Systematic Withdraw plan), सिप का बिल्कुल उल्टा जैसे सिप में हम पैसे जमा करते हैं, वैसे ही स्विप में जमा रकम से कुछ निर्धारित रकम हम निकालते हैं। इस वित्तीय उत्पाद को कम ही लोग उपयोग करते हैं, क्योंकि लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं है, इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है।
    आप अपने स्विप विभिन्न म्यूचयल फ़ंड में लगा सकते हैं, जिससे अगर कोई एक फ़ंड अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा हो तो आप उसे किसी दूसरे फ़ंड में स्विच कर सकें।
स्विप के फ़ायदे –
स्विप में आप निर्धारित रकम तो निकालते ही हैं तथा साथ ही यह रकम बाजार के प्रदर्शन के आधार पर बदलती रहती है, लंबी अवधि के लिये देखेंगे तो शायद ही इससे अच्छा किसी और वित्तीय उत्पाद का प्रदर्शन होगा।
कितना निकालें –
अपने निवेश का १ % निकालें यह मानक के अनुरुप है। अगर ज्यादा निकालेंगे तो ठीक नहीं रहेगा।
उदाहरण – अगर ५ लाख रुपये जमा कर रहे हैं तो मासिक ५,००० रुपये निकालना चाहिये।
लंबी अवधि के लिये स्विप का परिणाम देखें –
    ५ लाख रुपये १७ जून २००४ को रिलायंस ग्रोथ ग्रोथ में स्विप के लिये निवेश किया और ५,००० रुपये मासिक निकासी किये। तो उसने ६ वर्षों में ३,६०,००० रुपये तो निकासी किये ही और साथ में मूलराशि २४,७१,६१० रुपये हो गई। जी हाँ यह असल के आँकड़े हैं, इसके लिये आप गूगल पर SWP calculator search कर गणना कर सकते हैं।
    ५ लाख रुपये १७ जून २००९ को रिलायंस ग्रोथ ग्रोथ में स्विप के लिये निवेश किये और ५००० रुपये मासिक निकास किये।  तो इन १२ महीनों में निकासी रकम हुई ६०,००० रुपये और साथ में मूलराशि हो गई ६,११,९१५ रुपये।
    इस तरह से अपने रुपयों को ४-५ म्यूचयल फ़ंडों में निवेश करें और बाकी का ५ लाख रुपये जो कि आपने अपने बच्चे की पढ़ाई के लिये रखा है उसे लंबी अवधि के लिये अच्छे म्यूचयल फ़ंडों में निवेश करें। जिससे जरुरत के समय आपके पास जरुरत से कहीं ज्यादा रकम होगी।
आपको भविष्य में कभी भी धन के लिये किसी को देखना ही नहीं पड़ेगा।
    मैं तो अपनी शीघ्र सेवानिवृत्ति की योजना बना चुका हूँ, अगर आप भी बना रहे हैं और कोई सवाल हो तो जरुर पूछिये, टिप्पणी में नहीं तो ईमेल में कैसे भी। मैं आपके सवालों का उत्तर जल्दी से जल्दी देने की कोशिश करूँगा।

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शीघ्र सेवानिवृत्ति कैसे ? भाग ३ [वित्तीय लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें, १५ लाख या १५ करोड़ ?] [Early Retirement How ? Part 3]

वित्तीय लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें –
    वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने से कुछ नहीं होता, उन्हें प्राप्त करना भी एक चुनौती है। सबसे बड़ा प्रश्न है कि वित्तीय लक्ष्य कैसे प्राप्त करें ?
    इसके लिये हमें विभिन्न वित्तीय उत्पादों को समझना होगा, जो कि हमें वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करते हैं।
२. पोस्ट ऑफ़िस की सावधि जमा (Fixed Deposit) , आवर्ती जमा (Recurring Deposit), पी.पी. एफ़. इत्यादि
३. सीधे शेयर बाजार में निवेश करना
४. म्यूचयल फ़ंड के द्वारा बाजार में निवेश करना
    उपरोक्त दिये गये उत्पादों में १ और २ नंबर वाले उत्पाद हमारे परंपरागत उत्पाद हैं, और उनमें ब्याज कम मिलता है, पर निवेश सुरक्षित है।
    ३ और ४ नंबर के उत्पाद में वही निवेशित कर सकता है जो कि जोखिम लेने की क्षमता रखता हो। शीघ्र सेवानिवृत्ति के लिये उम्र कम होती है इसलिये जोखिम लिया जा सकता है। पर यह नहीं कहते कि पूरा पैसा आप बाजार में लगायें, उसका सूत्र होता है १०० में से अपनी उम्र घटा लें उतना आपको शेयर बाजार में निवेश करना चाहिये और जितनी उम्र है उतना १ व २ नंबर वाले उत्पादों में निवेश करना चाहिये।
उदाहरण के लिये – उम्र है ३० वर्ष तो १०० में से ३० कम किया, ७० प्रतिशत निवेश शेयर बाजार में और ३०% प्रतिशत सुरक्षित निवेश में होना चाहिये।
सावधि जमा (Fixed Deposit) , आवर्ती जमा (Recurring Deposit) में जमा करने पर एक तय ब्याज दर से ही परिपक्वता पर भुगतान होता है।
    जबकि शेयर बाजार में सीधे निवेश और म्यूचयल फ़ंड के द्वारा निवेश करने पर  जोखिम ज्यादा है पर लंबी अवधी में परिपक्वता पर भुगतान भी कई गुना ज्यादा होता है। इस विकल्प में थोड़े समय २-३ वर्ष के लिये निवेश की तो बिल्कुल ही नहीं सोचें।
    शेयर बाजार में निवेश करने के लिये अच्छी कंपनियों का चुनाव करें और बेहतर मार्गदर्शन के लिये अपने शेयर ब्रोकर या  वित्तीय योजनाकार (Certified Financial Planner) की सेवा ली जा सकती है।
    म्यूचयल फ़ंड में निवेश हमेशा सिप (Systematic Investment Plan) के द्वारा ही करें, और लंबी अवधि के लिये विविध क्षैत्र (Diversified Sector) में निवेश करने वाले फ़ंड का चुनाव बेहतर है। क्षैत्रिय फ़ंडों (Sector Funds)  का भी चुनाव कर सकते हैं जैसे कि फ़ार्मा फ़ंड, बैंकिंग सेक्टर फ़ंड इत्यादि। क्षैत्रिय फ़ंडों चुनाव करने के पहले अपने वित्तीय योजनाकार (Certified Financial Planner) से जरुर मशवरा कर लें।
    सिप (Systematic Investment Plan) में किये गये निवेश की वापसी पिछले १० वर्षों की लगभग १५-२० % है, और विगत ५ वर्षों की ३५%  तक वापसी है।
उदाहरण –
    अगर १८ जून २००० को २००० रुपये की सिप में आज तक निवेश किया जाता तो उसकी कितना निवेश होता याने कि १८ जून २०१० तक –
१८,२२,४०२ रुपये याने कि ६७९.४३ % तक वापसी
    यह गणना मैंने रिलायंस ग्रोथ ग्रोथ प्लान के लिये की है, आप भी यह गणना यहाँ पर चटका लगाकर कर सकते हैं
    लंबी अवधि में निवेश करने के लिये शेयर बाजार में सीधे निवेश और म्यूचयल फ़ंड सबसे अच्छी जगह हैं।

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