Tag Archives: एलआईसी

निवेश पर अधिकतम रिटर्न की गारंटी, पर फ़िर भी अच्छे रिटर्न नहीं दे पातीं बीमा कंपनियाँ क्यों…? (Return guaranteed highest NAV, but why Insurance Companies not gives best returns.. )

सबसे पहले आपसे सवाल ?

    जब आप ऐसे किसी विज्ञापन को देखते हैं जो कि यूनिट लिंक्ड बीमा योजना निवेश पर अधिकतम रिटर्न की गारंटी देता है, अधिकतम शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (NAV) पर ? और हम में से अधिकतर यही सोचते हैं कि अधिक से अधिक रिटर्न अपने निवेश पर हमें मिलेगा वो भी बिना जोखिम के।
    पर जैसा कि आप सब जानते हैं कि कुछ भी फ़्री में नहीं मिलता है, किसी भी वित्तीय उत्पाद को देख लो जो कि अधिकतम रिटर्न की गारंटी देते हैं तो पता चलेगा कि लंबी अवधि में ६% से १५% तक का ही रिटर्न मिल रहा है। और अगर लगभग ३% और घटा लिया जाये जो कि ये बीमा कंपनियाँ शुल्क के नाम पर ले लेती हैं तो ये गारंटेड रिटर्न एकदम कम दिखने लगता है।
अवधारणा – 
    मूलत: यह मूलधन के ऊपर गारंटी देने वले उत्पाद यह निश्वित करते हैं कि निवेश की गई रकम का अवमूल्यन न हो और शेयर की ऊँची कीमत का रिटर्न मिलेगा।  यह सोचना गलत है कि बिना जोखिम के सेन्सेक्स आधारित रिटर्न मिलने वाले हैं।
चलिये देखते हैं कि ये फ़ंड कैसे कार्य करते हैं –

    इसमें से अधिकतर जिस निवेश रणनीति का उपयोग करते हैं जिसे डायनामिक हेजिंग या स्थिर अनुपात पोर्टफ़ोलियो बीमा कहते हैं। इसके अंतर्गत फ़ंड प्रबंधक निरंतर निवेश को डेब्ट और इक्विटी निवेश वर्गों के बीच में आवंटित करते रहते हैं जिससे पहले की अधिकतम एनएवी के प्रति निश्चिंतता रहे।
    पहले ही वर्ष में आपके निवेश को डेब्ट और इक्विटी के मध्य इस तरह से आवंटित कर दिया जाता है जिससे कम से कम गारंटेड एनएवी जो कि १० रुपये होती है वह १० वर्षों के बाद मिल सके। अगले वर्षों में अगर शेयर बाजार गिरने लगता है तो आपके निवेशित रकम का भाग डेब्ट में निवेशित कर दिया जाता है, जिससे निवेशित रकम उतनी ही बनी रहे और जब शेयर बाजार वापस से अच्छी स्थिती की ओर आने लगते हैं तो आप हमेशा देखते होंगे कि एनएवी बढ़ने लगती है। तो अगर मान लिया जाये कि एक साल बाद एनएवी १७ रुपये है पर शेयर बाजार १५% नीचे आ चुका है । तो फ़ंड प्रबंधक अधिकतम रिटर्ने की सुरक्षा के लिये इक्विटी बेचकर बांड्स (डेब्ट) खरीद लेगा।
    अगर बाजार में कोई उतार-चढ़ाव ही नहीं है, तो इस तरह के उत्पादों में कुछ खास बदलाव नहीं होते हैं, क्योंकि एनएवी बहुत ही कम ऊपर या नीचे होती है। जब भी बाजार गिरते हैं तो आपका निवेशित रकम का हिस्सा डेब्ट में बड़ता जाता है और जब बाजार में वापिस उछाल आता है तो वापिस से इक्विटी में वह निवेश नहीं हो पाता है । ध्यान रखें कि पोर्टफ़ोलियों के डेब्ट के हिस्से में बांड में निवेशित होता है, जो कि निवेश के अधिकतम रिटर्न को निश्चित करता है। तो लंबी अवधि में आपके पोर्टफ़ोलियो में इक्विटी का हिस्सा बहुत कम और डेब्ट फ़ंड में ज्यादा होता जाता है।
अधिक लागत – 
    इन उत्पादों के गारंटेड रिटर्न ही इन्हें बाचाज में सबसे ज्यादा महँगा कर देता है।  एक बात और गारंटी रिटर्न के लिये कुछ शुल्क भी लगा दिये गये हैं जो कि अभी अभी प्रत्यारोपित किये गये हैं।
    आपको हर वर्ष गारंटी का शुल्क देना होगा, जो कि फ़ंड प्रबंधन फ़ीस से अलग होता है। आईसीआईसीआई पहले सात वर्षों के अधिकतम एनएवी की निवेश पर रिटर्न की गारंटी देता है और १.३५% फ़ंड प्रबंधन शुल्क के ऊपर ०.१०% शुल्क लेता है। क्या हुआ ? अरे आपके रिटर्न में से ३% कम हो गया – १५% रिटर्न का मतलब हुआ कि १२%, नहीं।
    यह योजनाएँ एक तरह से निवेश उत्पाद ही हैं केवल बीमा योजनाओं का तो छद्म भेष धरा हुआ है। प्रीमियम की अधिकतम पाँच गुना बीमित राशि होगी ( ५० हजार रुपये के प्रीमियम पर अधिकतम बीमित राशी होगी २.५० लाख रुपये) और इस तरह की अधिकतर योजनाएँ मात्र १० वर्ष तक की अवधि की ही रहती हैं। सेवानिवृत्ति तक बीमा आम आदमी के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है (शाहरुख खान और सचिन तेंदुलकर से भी ज्यादा, जिन्हें बीमा की ज्यादा सख्त जरुरत है)। तो १० वर्ष की अवधि के लिये केवल २.५० लाख की बीमित राशि के साथ मात्र एक निवेश उत्पाद है जो कि बीमा योजना के नाम पर बेचा जाता है।
    और इससे भी बदतर, गारंटी केवल परिपक्वता अवधि पर ही उपलब्ध है, जो कि १० वर्ष होती है। अगर बीमित की मृत्यु बीमा अवधि के दौरान हो जाती है, तो आपके नॉमिनी को प्रचलित मूल्य से फ़ंड राशि का भुगतान कर दिया जायेगा, अधिकतम एनएवी की गारंटी केवल तभी है जबकि बीमित व्यक्ति सम्पूर्ण बीमा अवधि तक जीवित रहे।
क्या इसे खरीदना चाहिये ?
    गारंटी वाले निवेश उत्पाद केवल उन निवेशकों के लिये होते हैं जो कि अपने मूलधन को जोखिम में नहीं डालना चाहते हैं, लेकिन इक्विटी में निवेश से डरते हैं और उससे ज्यदा रिटर्न की उम्मीद करते हैं। अगर आप सेन्सेक्स आधारित रिटर्न चाहते हैं वो भी बिना जोखिम के तो होश में आईये ऐसा कोई भी उत्पाद बाजार में उपलब्ध नहीं है।
    अगर आप इक्विटी में निवेश करने का जोखिम ले सकते हैं तो और १० साल तक निवेशित रख सकते हैं तो इंडेक्स फ़ंड्स में निवेश कीजिये जो कि सेन्सेक्स और निफ़्टी के अच्छे प्रदर्शन पर अच्छा लाभ देंगे।

जीवन बीमा को समझिये – कुछ सवाल खुद से पूछिये और खुद को जबाब दीजिये… (Simple questions for yourself on Life Insurance..)

    एलआईसी की एन्डोमेन्ट योजना और यहाँ तक की सारी योजनाएँ सचमुच बहुत अच्छी हैं ? और क्या वह सब कुछ आप पा रहे हैं जो आपको एक बीमा के रुप में किसी भी बीमा कंपनी से मिलना चाहिये ?

    सवाल है कि एलआईसी योजनाएँ जैसे कि जीवन आनंद जो कि जीवन का जोखिम प्रदान करती हैं जिंदगी भर और परिपक्वता के बाद एकमुश्त भुगतान मिलता है वह भी करमुक्त । क्या यह अच्छी योजना नहीं है ?

    क्या इस जीवन बीमा योजना को बीच में ही खत्म कर देना चाहिये और इसकी जगह सावधि जीवन बीमा योजना (Term Insurance) ले लेना चाहिये क्या यह समझदारी भरा निर्णय होगा ?

    इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि बीमा योजना का नाम क्या है, जीवन आनंद, जीवन मित्र, जीवन सुरभि, जीवन श्री, जीवन निधि, जीवन अमृत, जीवन साथी, जीवन तरंग, जीवन भारती या जीवन वर्षा। ये सब पारंपरिक जीवन बीमा योजनाएँ हैं, (चाहे वह एन्डोमेन्ट, मनीबैक, पूरी जिंदगी के लिये या इन सबको मिलाकर कोई ओर) ये सब सबसे खराब तरह की बीमा योजनाएँ हैं । जिनसे समाज और व्यक्ति को आर्थिक नुकसान ही हो रहा है।

फ़िर भी, इन प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करें –

१. बीमा और निवेश में क्या अंतर है ?

२. जीवन बीमा का एकमात्र उद्देश्य क्या है ?

३.क्या आपको अपने बुढ़ापे के लिये वाकई बीमे की आवश्यकता है ?

४. आपके जीवन बीमा की राशि आपकी आमदनी और आपके रहन सहन के अनुरुप है ? जीवन बीमा की राशि आपके परिवार की जरुरतें पूरा करने में समर्थ है ?

५. अगर आपको दुर्भाग्य से कुछ हो गया तो ? तो क्या ये तथाकथित भ्रमपूर्ण जीवन बीमा योजनाएँ निकट भविष्य में आपके परिवार की वित्तीय जरुरतों को पूर्ण करने में सक्षम होंगी ? जो दावा भुगतान राशि इन योजनाओं से मिलेगी क्या वह आपके परिवार के लिये काफ़ी होगी ?

६. वार्षिक प्रीमियम जो कि आप बीमित राशि पर भरते हैं कितना अनुपात में भरते हैं ? क्या आपने कभी सोचा है कि आप जितनी राशि अपने इन एलआईसी की बीमा के लिये भरते हैं, उससे आपको कितनी सुरक्षा मिल रही है, अगर आप निकट भविष्य में प्रीमियम भरने में असमर्थ होंगे तो फ़िर क्या होगा ? सोचा है कभी ?

७. क्या आपने कभी खुद बैठकर गणना की है कि किस दर से हमें बीमा कंपनी परिपक्वता पर पैसा देने वाली है ?

    मुझे उम्मीद है कि जब तक आप इन सवालों के उत्तर देंगे, तब तक आप अच्छी तरह से जीवन बीमा को समझ चुके होंगे और यह भी जान चुके होंगे कि जीवन बीमा कितना जरुरी है और क्यों जरुरी है ?

    इसके अलावा, कंपनियों के स्लोगन “कर मुक्त वापसी”, मैं आपको एक और आश्चर्यजनक बात बताता हूँ – कि वास्तव में कर रियायत की वास्तविक लाभ बीमा कंपनियाँ उठाती हैं, बीमित व्यक्ति नहीं। यह कर के रुप में दिये जाने वाले प्रोत्साहन का सरासर मजाक है। लेकिन मैं जानता हूँ कि आपको यह समझ में नहीं आयेगा क्योंकि हम केवल वही सुनते हैं, जो हम सुनना चाहते हैं। जिस तरह से हम सोचते हैं, वह बीमा कंपनियों का काम और आसान कर देता है।

    मेरे पास कोई बीमा एजेन्ट आता है तो अपने सिर पर पैर रखकर वापिस भाग जाता है या फ़िर बोलता है कि कृपया हमें बीमा के बारे में और जानकारी दीजिये।  कोई बड़ी बात नहीं है आप भी इन बीमा एजेन्टों की खटिया खड़ी कर सकते हैं अगर सही बीमा उत्पाद के बारे में पता होगा तो ।

    क्या हुआ उलझ गये ? कुछ उलझन हो तो जरुर बताईये टिप्पणी करके और समझ गये तो सहमति दीजिये टिप्पणी करके।