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गूगल की मनमानी, सब्सक्रिप्शन फीस 50-60% बढ़ाई

Google अभी तक फैमिली प्लान के हर महीने ₹189 ले रहा था, अक्टूबर से ₹299 कर दिये, हमने गूगल की यह शर्त नहीं मानी और अपना सब्सक्रिप्शन कैंसल कर दिया।

क्यों मानें गूगल की शर्त, अब वीडियो के बीच में विज्ञापन आयेंगे, तो ठीक है भई देख लेंगे, अगर ज्यादा विज्ञापनों ने परेशान किया तो फिर रिन्यू करवाने की सोचेंगे।

पर ऐसी मनमानी भी गजब है कि भाव 50% से ज्यादा ही बढ़ा दिये, 10-20% समझ में भी आती है, लगता है कि गूगल भी खुद की भारत सरकार समझने लगा। कि कोई कुछ नहीं कहेगा।

ये कोई इनकम टैक्स थोड़े ही है कि गूगल जबरदस्ती हमसे ले लेगा, यह सेवा है जो हमारी मर्जी पर निर्भर करती है, नेटफ्लिक्स भारत में ज्यादा चल नहीं रहा था तो उसने अपने दाम कम कर दिये, पर गूगल के जलवे ही अलग हैं।

आज की पीढ़ी और अविष्कार…

अविष्कार मानव इतिहास में जिज्ञासा से उत्पन्न होने वाली एक महत्वपूर्ण बात है। मानव ने जब अविष्कार करना शुरू किया तब उसे जरूरत थी, आज हमारे पास इतने संसाधन मौजूद हैं परंतु अब उनको बेहतर करने की जरूरत है। अभी भी नई नई चीजों खोजी जा रही हैं।
जब पहिया खोजा गया होगा तो वह अपने आप में एक क्रांतिपूर्वक अविष्कार था, आज पहिये के बल पर ही दुनिया चल रही है अगर पहिया ना होता तो सब रुका हुआ होता, और ऐसा सोचना ही दुष्कर प्रतीत होता है।
ऐसे ही जब संगणक को बनाया गया तो बनाने वालों ने कभी सोचा नहीं था कि यह एक क्रांतिकारी बदलाव लायेगा और लगभग हर उपक्रम में इसका उपयोग होगा, तब यह भी नहीं सोचा गया था कि y2k की समस्या भी आयेगी।
आजकल किसी नौजवान से बात की जाये तो वह केवल नौकरी करना चाहता है कोई अविष्कार नहीं क्योंकि नौकरी एक सहज और सरल उपाय है जीविका का, परंतु  शोध कार्य उतना ही दुष्कर। कुछ नये विचारों को असली जामा पहनाना ही अविष्कार है। ऐसा नहीं है कि दुनिया में सभी चीजें आ चुकी हैं, हो सकता है कि चीजें अभी जिस प्रक्रिया से अभी चल रही हैं वे धीमी हों, अगर उस प्रक्रिया को और सुगम बना दिया जाये तो शायद वह चीज और भी ज्यादा लोकप्रिय हो जाये।
अभी के कुछ उदाहरण देखिये जो कि प्रक्रिया के सरलीकरण के उदाहरण हैं, यह अविष्कार अंतर्जाल के संदर्भ में हैं, जैसे गूगल, फ़ेसबुक इत्यादि।
क्या गूगल के पहले अंतर्जाल पर ढूँढ़ने के लिये खोज के साधन उपलब्ध नहीं google थे, जी बिल्कुल थे, परंतु वे इतने तकनीकी भरे थे और जो आम आदमी देखना चाहता था वह परिणाम उसे दिखाई नहीं देता था। गूगल ने एक साधारण सा पृष्ठ दिया जो कि एकदम ब्राऊजर पर आ जाता था, केवल डायल अप पर भी खुल जाता था, जबकि डायल अप की रफ़्तार उन दिनों लगभग ४० केबीपीएस. होती थी, जो कि ठीक मानी जाती थी और १२८ केबीपीएस तो सबसे बेहतरीन रफ़्तार होती थी। गूगल ने सर्च इंजिन के क्षैत्र में क्रांतिकारी बदलाव किया और lycos, AltaVista, Yahoo, Ask Jeeves, MSN Search, AOL इत्यादि को बहुत पीछे छोड़ दिया।
ऐसे ही दूसरा उदाहरण है फ़ेसबुक, फ़ेसबुक के आने के पहले क्या अंतर्जाल में facebook सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट्स नहीं थीं ? थीं बिल्कुल थीं, परंतु उनका उपयोग करना इतना आसान नहीं था और उन सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट्स में फ़ेसबुक जितनी सुविधा नहीं थीं। Hi5, Orkut जैसे अपने प्रतियोगियों को बहुत पीछे धकेल दिया और आज फ़ेसबुक का कोई प्रतिद्वन्दी नहीं है। क्योंकि फ़ेसबुक के निर्माताओं ने इसे बहुत ही सरल रूप दिया और आज जिसे देखो वो मोबाईल पर भी फ़ेसबुक का उपयोग कर रहा है।
आज की पीढ़ी को इस और खास ध्यान देने की जरूरत है कि नये अविष्कार भी किये जा सकते हैं, यहाँ केवल मैंने अंतर्जाल से संबंधित ही बातें करी हैं परंतु यह हरेक क्षैत्र में लागू होता है, या तो नई चीजें खोजी जाये या फ़िर जो चीजें चल रही हैं, उन्हें परिष्कृत किया जाये। तभी हमारा भविष्य युवा है।

गूगल क्रोम ब्राऊजर का वेब स्टोर (Web Store from Google Chrome in Browser)

गूगल क्रोम तो लगभग सभी उपयोग करते होंगे परंतु उसकी apps को बहुत ही कम लोग उपयोग करते होंगे। अभी दो दिन पहले प्रवीण पांडे जी की पोस्ट आयी थी संदेश और कोलाहल यहाँ पर ज्ञानदत्त पांडे जी की टिप्पणी थी फ़ीडली बढ़िया औजार है, गूगल रीडर से सिंक करने के लिये । और वहीं विषय से संबंधित एक टिप्पणी थी पूजा उपाध्याय की, ब्लॉग के एड्रेस के अंत में अगर /view लिख दिया जाये तो ब्लॉग सरल अवतार में मिलेगा । बस इन दो टिप्पणियों से बहुत कुछ सीखने को मिला ।
और हम जुट गये गूगल क्रोम को टटोलने में, खजाना छिपा हुआ था जरूरत थी तो केवल खंगालने की। बिल्कुल वैसे ही जैसे ईश्वर हृदय में बसा हुआ है पर हम ढूँढ़ते बाहर हैं ।
गूगल कोम ब्राऊजर खोला कर पहले ध्यान से देखा गया तो पाया कि नीचे मध्य में दो टैब दिये हुए हैं, हालांकि कुछ दिन पहले देखा था, परंतु ज्यादा दिमाग नहीं लगाकर छोड़ दिया गया था कि कभी और देखेंगे और हम यह खजाना देखने से चूक गये थे।
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यहाँ Most Visited एवं Apps टैब दे रखे हैं, जिसमें कि Most Visited में वह वैबसाईट के आईकॉन दिखाता है जो कि आप   ज्यादा घूमते हैं, जिससे नेविगेशन में आसानी होती है और आपको केवल एक क्लिक पर अपनी मनपसंदीदा वेबसाईट पर चले जाते हैं।  Apps में सबसे पहला आईकॉन दिखेगा Chrome web store, जैसे ही इस पर क्लिक करेंगे बस बहुत सारी एपलीकेशन्स का खजाना आपके सामने होगा।
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ऊपर दिये गये चित्र में देखिये पहला आईकॉन Chrome Web Store का है और आगे के आईकॉन जो एपलिकेशन मैंने अपने ब्राऊजर में संस्थापित कर रखी हैं। इन एपलिकेशन को संस्थापित करने से काम करने की गति में इजाफ़ा होता है और इससे बहुत ही ज्यादा सरलीकरण भी हो जाता है।
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ऊपर दिये गये चित्र में देखेंगे तो बायीं तरफ़ वर्गीकरण तालिका दे रखी है और दायें और उस वर्ग के एपलिकेशन्स दे रखे हैं। हमें तो बहुत सारे एपलिकेशन्स काम के मिले और उनसे हमारा काम भी बहुत आसान हो गया।
आप भी आजमाईये।

खटमल को कैसे मारें, खटमल को कैसे खत्म करें..? सहायता करें !(How To remove Bed Bugs, How to finish Bed Bugs ? Help !)

    परजीवी खटमल महाराज पता नहीं कहाँ से हमारे फ़्लेट में घुस चुके हैं, पहले इक्का दुक्का थे तो हमने ध्यान नहीं दिया परंतु  कल रात को बिस्तर पर सोने गये तो देखा तकिये के किनारों पर लाईन से पैठ बना चुके थे, हमने तुरत फ़ुरत सारे तकियों और कुशन के गिलाफ़ उतारे और चादर भी हटाकर सब पर काकरोच वाला हिट छिड़का, फ़िर गद्दे पर भी हिट छिड़क दिया और बैडरूम का दरवाजा बन्द करके बाहर कमरे में सो गये।

    सुबह उठकर फ़िर देखा तो पता चला कि खटमलों को कुछ भी नहीं हुआ तो सभी गिलाफ़ों और चादर को वाशिंग मशीन में डालकर धो डाला तो खटमलों की फ़ौज का खात्मा हो चुका था। फ़िर गद्दे की तलाशी ली गई तो कुछ अण्डे दिखे तो वो पेंचकस से रगड़ कर खत्म कर दिये।

    अच्छी खासी मेहनत मशक्कत करवा दी खटमल महाराज ने, फ़िर गूगल पर ढूँढ़ा कि कोई घरेलू इलाज मिल जाये परंतु पता चला कि ये लाईलाज है, वैसे इनसे कोई नुक्सान नहीं है, परंतु सोते समय पूरे शरीर पर रेंगते रहते हैं और काटते रहते हैं, सात दिन में कम से कम इनको खून का भोजन चाहिये, खटमल की औसत उम्र ३०० दिन होती है और एक बार में खटमल ५० अण्डे देते हैं, और इनकी फ़ौज इतनी जल्दी तैयार होती है, कि इंसान को सोचने तक का मौका न मिले। तभी एक ब्लॉग पर भी नजर गई थी, उसमें बताया गया था कि मंदसौर के पास भानपुरा के पास किसी गाँव में एक जड़ी बूटी है, जिसको घर में लटकाने से  सात दिन में खटमल खत्म हो जाते हैं। एक और खबर पढी थी मुंबई की, कि घर में इतने खटमल हैं कि परिवार कार में सोने को मजबूर है।

    अब घरेलू इलाज को ढूँढ़ रहे हैं, क्यूँकि यह समस्या तो ऐसी है कि अब लगी ही रहेगी, क्यूँकि इमारत में फ़्लेट ज्यादा हैं और ये कमबख्त खटमल कहीं से भी रेंगते हुए आ जाते हैं, और इनकी चलने की गति भी बहुत तेज होती है, दीवार और टाईल्स पर भी बिना किसी मुश्किल के चढ़ लेते हैं।

    खैर फ़िलहाल हिट का असर तो कमरे में दिख रहा है, और खटमल भी नहीं दिख रहे हैं, थोड़ी राहत लग रही है, अब जब बिस्तर पर जायेंगे तभी पता चलेगा कि कितनी राहत है। अगर किसी पाठक के पास इन खटमलों को खत्म करने का कोई देसी इलाज हो तो जरूर बतायें, बहुत सारे लोगों का भला होगा।

गूगल की चैट विन्डो की अनुवाद सेवा में अब आंग्ल भाषा से हिन्दी में अनुवाद भी उपलब्ध है..

मैंने अभी कुछ दिन पहले एक पोस्ट लिखी थी क्या आपने गूगल की इस अनुवाद सेवा के बारे में सुना है, देखिये….

अब इसमें आंग्ल भाषा से हिन्दी का बोट भी जुड़ गया है जिससे आपको कोई भी अन्य विन्डो खोलना ही नहीं पड़ेगी जब भी किसी शब्द का हिन्दी में अर्थ चाहिये सीधे चैट कीजिये और हिन्दी में अर्थ पाईये। इस बोट का एड्रेस है – [email protected]

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जल्दी से यह जोड़ लीजिये अपने जीमेल में और किसी भी शब्द का अनुवाद आप करवा पायेंगे केवल एक चैटिंग विन्डो से।

कभी आपकी भी इच्छा होती है कि अगर यह मेल हिन्दी में होती तो बात ही कुछ और थी, जीमेल के ट्रांसलिशन टूल से अब यह भी संभव है किसी भी भाषा में अनुवाद करॆं…

मैं कई बार मेल पढ़ता हूँ तो आंग्ल भाषा के कुछ शब्दों का अर्थ समझ में नहीं आता है तो फ़िर अलग से विन्डो खोलकर या तो गूगल ट्रांसलेशन सेवा में जाना पड़ता है या फ़िर शब्दकोश में। पर अब हमारी इस समस्या का समाधान गूगल ने जीमेल में ही एक लैब फ़ीचर से दे दिया है, किसी भी भाषा से किसी भी भाषा में अनुवाद। देखिये कैसे होता है यह –

१. मेरे पास आंग्लभाषा में मेल आया –

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यहाँ पर जो गोला बना हुआ आपको दिख रहा है English to Hindi और उसके आगे लिखा है View Translated Message बस इस पर क्लिक कीजिये और हिन्दी में मेल का अनुवाद आ जाता है।

२. अनुवादित मेल देखिये –

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अगर आप यहाँ पर वापस से आंग्लभाषा में मेल चाहते हैं तो View original message पर क्लिक करें, मेल आंग्लभाषा में उपलब्ध होगा।

३. इस अनुवाद सेवा के फ़ीचर को शुरु कैसे करें –

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जीमेल की विन्डो में सीधी तरफ़ कोने में Settings के पास हरे रंग का जो जार दिखाई दे रहा है यह है जीमेल लेब का बटन उस पर क्ल्कि करें और फ़िर आपको बहुत सारे लेब फ़ीचर्स दिखाई देंगे, अनुवाद सेवा को शुरु करने के लिये निम्न लेब फ़ीचर को Enable करें और सबसे नीचे जाकर Save Changes पर क्लिक करें।

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तो पढ़ते रहिये अपनी भाषा में मेल।

भगवान और गूगल – रिश्ते इंटरनेट युग में (God & Google – Relationships in Internet Age)..

बहुत दिनों बाद मुझे कल मुंबई लोकल से सफ़र करने का सुअवसर मिला, मौका था एक सेमिनार में जाने का “God & Google – Relationships in Internet Age”, जो इस्कॉन चौपाटी राधा गोपीनाथ मंदिर में था और वक्ता थे इडाहो (idaho, USA) से आये  राधिका रमण प्रभु याने कि डॉ. रवि गुप्ता। वो पूरी दुनिया में सबसे युवा भारतीय विद्वान हैं जिन्होंने मात्र २१ वर्ष की उम्र में डॉक्टरेट पूरा किया, हैं, जिन्हें मानव मनोविज्ञान और व्यवहार का बहुत गहरा ज्ञान है।

सेमिनार में भगवान और गूगल में अंतर बताया गया क्योंकि आज दोनों ही सर्वव्यापी हैं, जैसे भगवान सब जगह है वैसे ही गूगल भी सभी जगह है, परंतु फ़िर भी गूगल भगवान क्यों नहीं है और इस इंटरनेट युग में अपने सामाजिक संबंधों को कैसे मजबूत बनायें, कैसे अपनी भावनाओं को व्यक्त करें।

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अगर आपको भी इस सेमिनार का आडियो सुनना है तो यहाँ चटका लगाईये।

क्या आपने गूगल की इस अनुवाद सेवा के बारे में सुना है, देखिये….

     क्या आपने इस के बारे में सुना है.? सच में एक बहुत अच्छा तरीका दुनिया के अन्य हिस्से के लोगों से बातचीत की सुविधा, वो भी उन्हीं की भाषा में,  मैं इसे अक्सर उपयोग में लाता हूँ।

en2de english to germany

     एक भाषा में संदेश भेजकर पाईये  तुरन्त दूसरी भाषा में अनुवाद ।  बस एक अनुवाद bot अपने संपर्कों में जोड़े  निम्न प्रारूप में [भाषा जिसे अनुवाद करना है] से  [भाषा जिसमें अनुवाद करना है]  @bot.talk.google.com. जैसे मैंने अंग्रेजी से जर्मन भाषा में अनुवाद के लिये [email protected] bot जोड़ा हुआ है। यहाँ  24 bots उपलब्ध हैं:

(ar = Arabic, de = German, el = Greek, en = English, es = Spanish, fr = French, it = Italian, ja = Japanese, ko = Korean, nl = Dutch, ru = Russian, zh = Chinese)

 

ar2en en2el en2nl it2en
de2en en2es en2ru ja2en
de2fr en2fr en2zh ko2en
el2en en2it es2en nl2en
en2ar en2ja fr2de ru2en
en2de en2ko fr2en zh2en

ज्यादा जानकारी के लिये आप यहाँ चटका लगा सकते हैं।

आज नेट पर तफ़री करते हुए गूगल वाली साड़ी दिखाई दी…. देखिये….

   आज नेट पर तफ़री करते हुए सत्यापाल की डिजाईन की हुई गूगल वाली साड़ी पहने हुए अदिति गोवित्रिकर दिखाई दी, साड़ी की खास बात साड़ी के किनार पर ऐड्रेस बार है फ़िर गूगल और फ़िर गूगल के सर्च के परिणाम..

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हैकर्स ने गूगल क्रोम बनाकर लांच भी कर दिया और डाउनलोड के लिये भी उपलब्ध है.. (Download Google ChromiumOS Free)

     हैकर्स क्या क्या नहीं कर सकते। गूगल भले ही अपना ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल क्रोम बनाने से सालों दूर हो पर हैकर्स ने गूगल क्रोम बनाकर लांच भी कर दिया।  १९ नवंबर २००९ को क्रोमियम ओएस के नाम से पहला बिल्ड आया था जो कि ४ जीबी की जगह लेता था स्थापित होने के लिये पर अब नया बिल्ड आया है जो कि ९५० एमबी की जगह स्थापित होने के लिये लेता है और इसकी स्थापित होने वाली फ़ाईले (Installation File) मात्र ३०० एमबी की है।

गूगल का क्रोम का वर्किंग एडीशन भी डाऊनलोड के लिये उपलब्ध है। यहाँ चटका लगाकर आप डाऊनलोड कर सकते हैं।

    यह एक ओपनसोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है और इसे यूएसबी स्टिक से भी चलाया जा सकता है, यह बूट होने में १० सेकंड से भी कम समय लेता है, गूगल की लगभग सभी सेवाओं के लिये इसमें बटन दिये गये हैं जिससे आप सीधे इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं जीमेल, पिकासा और यूट्यूब इसमें कुछ और वेब सेवाओं का भी लिंक दी गई है जैसे कि याहू मेल, हॉटमेल, पनडोरा, फ़ेसबुक और ट्विटर।
    इन लिंकों के अलावा आपको यहाँ मिलेगा एक कैलकुलेटर, एक घड़ी और नेटवर्क दिखाने वाला निशान। अगर आप ऑनलाईन नहीं हैं तो आपको नोटपैड भी उपयोग करने को नहीं मिलेगा अगर कुछ भी लिखकर सुरक्षित करना हो तो।
    सबसे बड़ी बात है कि यह एक फ़्री ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसके लिये आपको न लायसेंस खरीदना पड़ेगा और न ही एन्टीवायरस की जरुरत होगी। और भी बहुत सारे फ़ीचर्स उपलब्ध हैं इस फ़्री ऑपरेटिंग सिस्टम में।